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बॉलीवुड 'कुत्ते', 'कमीने' बनाने में लगा है, साउथ सिनेमा का दुनिया में डंका बज रहा है!

    • आईचौक
    • Updated: 11 जनवरी, 2023 09:58 PM
  • 11 जनवरी, 2023 09:58 PM
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एक तरफ साउथ सिनेमा की फिल्मों का पूरी दुनिया में डंका बज रहा है, वहीं दूसरी तरफ बॉलीवुड अभी भी 'कुत्ते' और 'कमीने' जैसी फिल्में बनाने में लगा हुआ है. इसके साथ ही इन फिल्मों के जरिए विवादों के तंदूर भड़काना और उसमें अपनी रोटियां सेंकने का चलन भी पुराना है. ताजा मामला, विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज की फिल्म से जुड़ा है.

विवादों के तंदूर में अपनी रोटियां सेंकने वाला बॉलीवुड अपनी ही धुन में है. 'कुत्ते' और 'कमीने' जैसी फिल्में बनाने में लगा हुआ है. अपनी धुन में उसे ये भी ख्याल नहीं रहा कि सुरक्षा में हर वक्त मुस्तैद रहने वाली हमारी पुलिस के जवानों को 'कुत्तों' जैसा दिखाना उसके लिए भारी पड़ सकता है. जी हां, विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज की फिल्म 'कुत्ते' में पुलिस अफसरों के चेहरों पर कुत्तों के चेहरे जोड़कर दिखाया गया है. इसका पोस्टर सामने आने के बाद राजस्थान पुलिस में कार्यरत एक अधिकारी की बेटी ने इस मामले को जोधपुर हाईकोर्ट में उठाया है. इस पर 12 जनवरी को सुनवाई होनी है. इस दिन फैसला होगा कि 'कुत्ते' जैसी फिल्म पर बैन लगाया जाएगा या फिर इसका नाम बदलकर काम चल जाएगा. फिल्म का अंजाम जो भी हो लेकिन इससे बॉलीवुड की कमजोर सोच परिलक्षित हो रही है. दूसरी तरफ साउथ साउथ सिनेमा की फिल्में पूरी दुनिया में डंका बजा रही हैं.

आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि आसमान भारद्वाज की फिल्म 'कुत्ते' को लेकर विवाद क्यों हो रहा है. दरअसल, पिछले दिनों फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था. इसमें दिखाया गया है कि अर्जुन कपूर, कुमुद मिश्रा और तब्बू पुलिस के किरदार में हैं. लेकिन सभी भ्रष्ट और लालची है. तीनों पुलिस अफसर करोड़ों रुपए ले जाने वाली एक वैन को लूटने की योजना भी बनाते हैं. इस तरह के किरदार फिल्मों में अक्सर दिखते रहे हैं. पुलिस वालों को सामान्यत: भ्रष्ट और क्रूर दिखाया जाता रहा है. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि पुलिस वालों के किरदारों के चेहरे पर कुत्तों के चेहरे लगा दिए गए हैं. उसका पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है. इसी बात से पुलिस महकमे के लोग नाराज हैं. इसके बाद राजस्थान के जालोर में एडिशनल एसपी नरेंद्र चौधरी की बेटी ने इस पर आपत्ति जताई है. उसने जोधपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके फिल्म का नाम बदलने की मांग की है.

विवादों के तंदूर में अपनी रोटियां सेंकने वाला बॉलीवुड अपनी ही धुन में है. 'कुत्ते' और 'कमीने' जैसी फिल्में बनाने में लगा हुआ है. अपनी धुन में उसे ये भी ख्याल नहीं रहा कि सुरक्षा में हर वक्त मुस्तैद रहने वाली हमारी पुलिस के जवानों को 'कुत्तों' जैसा दिखाना उसके लिए भारी पड़ सकता है. जी हां, विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज की फिल्म 'कुत्ते' में पुलिस अफसरों के चेहरों पर कुत्तों के चेहरे जोड़कर दिखाया गया है. इसका पोस्टर सामने आने के बाद राजस्थान पुलिस में कार्यरत एक अधिकारी की बेटी ने इस मामले को जोधपुर हाईकोर्ट में उठाया है. इस पर 12 जनवरी को सुनवाई होनी है. इस दिन फैसला होगा कि 'कुत्ते' जैसी फिल्म पर बैन लगाया जाएगा या फिर इसका नाम बदलकर काम चल जाएगा. फिल्म का अंजाम जो भी हो लेकिन इससे बॉलीवुड की कमजोर सोच परिलक्षित हो रही है. दूसरी तरफ साउथ साउथ सिनेमा की फिल्में पूरी दुनिया में डंका बजा रही हैं.

आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि आसमान भारद्वाज की फिल्म 'कुत्ते' को लेकर विवाद क्यों हो रहा है. दरअसल, पिछले दिनों फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था. इसमें दिखाया गया है कि अर्जुन कपूर, कुमुद मिश्रा और तब्बू पुलिस के किरदार में हैं. लेकिन सभी भ्रष्ट और लालची है. तीनों पुलिस अफसर करोड़ों रुपए ले जाने वाली एक वैन को लूटने की योजना भी बनाते हैं. इस तरह के किरदार फिल्मों में अक्सर दिखते रहे हैं. पुलिस वालों को सामान्यत: भ्रष्ट और क्रूर दिखाया जाता रहा है. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि पुलिस वालों के किरदारों के चेहरे पर कुत्तों के चेहरे लगा दिए गए हैं. उसका पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है. इसी बात से पुलिस महकमे के लोग नाराज हैं. इसके बाद राजस्थान के जालोर में एडिशनल एसपी नरेंद्र चौधरी की बेटी ने इस पर आपत्ति जताई है. उसने जोधपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके फिल्म का नाम बदलने की मांग की है.

बॉलीवुड अभी भी 'कुत्ते' और 'कमीने' जैसी फिल्में बनाने में लगा हुआ है.

जोधपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण भंसाली की अदालत में 12 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई होनी है. जबकि फिल्म 13 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म की रिलीज के ठीक एक दिन पहले कोर्ट क्या फैसला आता है. फिल्म बैन लगे या नाम बदले, दोनों ही स्थिति में मेकर्स के लिए परेशानी खड़ी होने वाली है. क्योंकि इसी नाम के साथ फिल्म का पूरा प्रमोशन किया गया है. यदि बैन लग गया तो सारे किए पर पानी फिर जाना तय है. फिल्म में अर्जुन कपूर, तब्बू, कोंकणा सेन शर्मा, कुमुद मिश्रा, अनुराग कश्यप और राधिका मदान जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. इसे विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज ने निर्देशित किया है, जो कि इस फिल्म के जरिए अपना बॉलीवुड डेब्यू करने जा रहे हैं. उनके पिता ने फिल्म की पटकथा और संवाद लिखे हैं, जो कि 'हैदर', 'कमीने', 'ओकांरा' और 'इश्किया' जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं.

बताइए बॉलीवुड अभी भी इस तरह की छोटी चीजों में फंसा हुआ है, दूसरी तरफ साउथ सिनेमा की फिल्म ने केवल घरेलू बॉक्स ऑफिस पर जमकर कमाई कर रही हैं, बल्कि दुनिया में अपना नाम रौशन कर रही हैं. एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' को ही ले लीजिए. इस फिल्म ने गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. इसके गाने 'नाटू-नाटू' को ये अवॉर्ड मिला है. इस गाने के संगीत निर्देशक एमएम कीरावाणी ने इस अवॉर्ड को रिसीव किया है. इस दौरान फिल्म की पूरी टीम मौजूद थी. गाने से जुड़े सभी लोगों फिल्म के निर्देशक राजामौली, गीतकार चंद्रबोस, गायक द्वव राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव, कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित, प्रोग्रामर जीवन बाबू और सिद्धार्थ को हर तरफ तारीफ हो रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर इस उपलब्धि पर अपनी खुशी जताई है. बॉलीवुड से लेकर साउथ सिनेमा तक के सभी बड़े कलाकारों ने 'आरआरआर' की टीम को बधाई दी है. इनमें अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, अनुपम खेर, महेश बाबू, रजनीकांत का नाम प्रमुख है.

वैसे यदि इस विवाद से फिल्म 'कुत्ते' निकल भी जाती है, तो भी उसकी राह इतनी आसान नहीं है. इसकी बॉक्स ऑफिस पर अभिनेता मिलिंद सोमन और अंशुमन झा की फिल्म 'लकड़बग्घा' से टक्कर होने वाली है. दोनों फिल्में एक ही दिन रिलीज होने वाली है. एक जैसा विषय और कहानी होने की वजह से दोनों में एक का नुकसान तय माना जा रहा है. विक्टर बनर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म 'लकड़बग्घा' में अंशुमन झा, रिद्धि डोगरा, परेश पाहुजा और मिलिंद सोमन जैसे कलाकार अहम रोल में हैं. वहीं, आसमान भारद्वाज के निर्देशन में बनी 'कुत्ते' अर्जुन कपूर, तब्बू, कोंकणा सेन शर्मा, कुमुद मिश्रा, नसरुद्दीन शाह, शार्दुल भारद्वाज और राधिका मदान जैसे कलाकार है. दोनों में एक्शन जबरदस्त है. बस कॉमेडी और इमोशन का फर्क है. चूंकि कुत्तों से हर उम्र के लोग आकर्षित होते हैं. ऐसे में हो सकता है कि फिल्म 'लकड़बग्घा' को बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बतौर दर्शक मिल जाएं. वहीं दूसरी तरफ 'कुत्ते' को देखने के लिए केवल युवा और एक्शन पसंद करना वाले दर्शक ही मिलें. जो भी हो फिल्म का भविष्य महज दो दिनों के अंदर तय होने वाला है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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