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गोडसे मुर्दाबाद कहने वालों को ही हिंदू मानते हैं कामरा, शो रद्द होने के बाद छेड़ा 'हिंदुत्व' राग

    • आईचौक
    • Updated: 12 सितम्बर, 2022 02:48 PM
  • 12 सितम्बर, 2022 02:46 PM
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हमेशा सिर्फ हिंदूवादी संगठनों को आड़े हाथ लेने वाले स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा का हरियाणा में आयोजित एक शो रद्द कर दिया गया है. कामरा को हिंदू विरोधी बताते हुए विहिप ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी थी. शो रद्द होने के बाद कामरा ने खुद को सर्वश्रेष्ठ हिंदू बताते हुए एक खुली चिट्ठी में विहिप की जमकर आलोचना की है.

भाजपा और संघ को आड़े हाथ लेने के लिए कुख्यात कुणाल कामरा एक बार फिर चर्चा में हैं. असल में स्टैंडअप कॉमेडियन का एक शो इसी महीने 17 और 18 सितंबर को हरियाणा में आयोजित होने वाला था. हालांकी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों के विरोध की वजह से उनका शो रद्द कर दिया गया है. यह शो गुरुग्राम के एक स्टूडियो में होना था. शो कैंसल होने के बाद कामरा का गुस्सा सातवें आसमान पर है. उन्होंने खुद को 'सर्वश्रेष्ठ' हिंदू बताते हुए दावा किया कि जो गोडसे मुर्दाबाद का नारा नहीं लगाते वह उनकी नजर में हिंदू विरोधी और आतंकी हैं. हिंदी में लिखी खुली चिट्ठी के जरिए कामरा ने विश्व हिंदू परिषद को जमकर खरी खोटी सुनाई और कहा कि वह विश्व के हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता.

कामरा ने विश्व हिंदू परिषद को 'हिंदू परिषद' कहते हुए चिट्ठी में लिखा- "मैंने आपके नाम के साथ विश्व इसलिए नहीं लगाया क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इस विश्व के हिंदुओं ने आपको अपने धर्म की ठेकेदारी दी है. ये आपने खुद से किया है चलो फिर कोई बात नहीं. आपने गुड़गांव में होने वाला मेरा शो क्लब के मालिक को धमकी देकर कैंसल करवा दिया. उस बेचारे को क्या दोष दूं. उसको बिजनेस करना है, गुंडों से कैसे उलझेगा. ना पुलिस के पास जाएगा. पुलिस के पास जाएगा भी तो पुलिस तुम्हारे पास ही आएगी रिक्वेस्ट करने."

कुणाल कामरा.

कामरा का हिंदू टेस्ट, स्टैंडअप कॉमेडियन ने कुछ इस तरह VHP को हरा दिया

"कुल मिलाकर अब सिस्टम तुम्हारा ही है. लेकिन जो हिंदू कल्चर के अपमान की तुम बात कर रहे हो, वो मैंने कब किया है. कोई क्लिप या कोई ऐसा शो हो तो मुझे भी दिखाओ. मैं तो केवल सरकार पर तंज करता हूं. अगर तुम सरकारी पालतू हो तो फिर तुम्हें बुरा लग सकता है. इसमें हिंदू की बात कहां से आ गई. मेरे और भगवान के...

भाजपा और संघ को आड़े हाथ लेने के लिए कुख्यात कुणाल कामरा एक बार फिर चर्चा में हैं. असल में स्टैंडअप कॉमेडियन का एक शो इसी महीने 17 और 18 सितंबर को हरियाणा में आयोजित होने वाला था. हालांकी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों के विरोध की वजह से उनका शो रद्द कर दिया गया है. यह शो गुरुग्राम के एक स्टूडियो में होना था. शो कैंसल होने के बाद कामरा का गुस्सा सातवें आसमान पर है. उन्होंने खुद को 'सर्वश्रेष्ठ' हिंदू बताते हुए दावा किया कि जो गोडसे मुर्दाबाद का नारा नहीं लगाते वह उनकी नजर में हिंदू विरोधी और आतंकी हैं. हिंदी में लिखी खुली चिट्ठी के जरिए कामरा ने विश्व हिंदू परिषद को जमकर खरी खोटी सुनाई और कहा कि वह विश्व के हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता.

कामरा ने विश्व हिंदू परिषद को 'हिंदू परिषद' कहते हुए चिट्ठी में लिखा- "मैंने आपके नाम के साथ विश्व इसलिए नहीं लगाया क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इस विश्व के हिंदुओं ने आपको अपने धर्म की ठेकेदारी दी है. ये आपने खुद से किया है चलो फिर कोई बात नहीं. आपने गुड़गांव में होने वाला मेरा शो क्लब के मालिक को धमकी देकर कैंसल करवा दिया. उस बेचारे को क्या दोष दूं. उसको बिजनेस करना है, गुंडों से कैसे उलझेगा. ना पुलिस के पास जाएगा. पुलिस के पास जाएगा भी तो पुलिस तुम्हारे पास ही आएगी रिक्वेस्ट करने."

कुणाल कामरा.

कामरा का हिंदू टेस्ट, स्टैंडअप कॉमेडियन ने कुछ इस तरह VHP को हरा दिया

"कुल मिलाकर अब सिस्टम तुम्हारा ही है. लेकिन जो हिंदू कल्चर के अपमान की तुम बात कर रहे हो, वो मैंने कब किया है. कोई क्लिप या कोई ऐसा शो हो तो मुझे भी दिखाओ. मैं तो केवल सरकार पर तंज करता हूं. अगर तुम सरकारी पालतू हो तो फिर तुम्हें बुरा लग सकता है. इसमें हिंदू की बात कहां से आ गई. मेरे और भगवान के रिश्ते का वैसे तो मैं कोई टेस्ट देना जरूरी नहीं समझता. लेकिन फिर भी एक टेस्ट देकर तुम्हारा टेस्ट ले लेता हूं. मैं जोर से और गर्व से जय श्री सीता राम और जय राधा कृष्ण कहता हूं. अब अगर तुम सच में भारत की संतान हो तो गोडसे मुर्दाबाद लिखकर भेजो. नहीं तो मैं समझूंगा कि तुम लोग हिंदू विरोधी और आतंक समर्थक हो. कहीं तुम गोडसे को भगवान तो नहीं मानते?"

"अगर मानते हो तो आगे भी मेरे शो रद्द करवाते रहना. मुझे खुशी रहेगी कि मैं तुम्हारे से ज्यादा हिंदू होने का टेस्ट तुमसे जीत गया. मैं कुछ भी करूंगा, अपनी मेहनत की रोटी खाऊंगा क्योंकि मुझे तुमसे बड़ा हिंदू होने के नाते लगता है कि किसी को डरा-धमकाकर टुकड़े खाना पाप है." शो रद्द होने के बाद कामरा का गुस्सा देखते ही बनता है. इससे पहले उन्होंने शो को लेकर विश्व हिंदू परिषद की चिट्ठी को रीट्वीट भी किया था और बहुत ही तीखी भाषा में जवाब दिया. हालांकि सोशल मीडिया पर कामरा के पक्ष और विपक्ष में कई सारे लोग नजर आ रहे हैं. बहुत सारे लोगों ने कहा कि सरकारें संगठन तो और भी हैं लेकिन कामरा के निशाने पर हमेशा हिंदूवादी संगठन ही रहे हैं. कामरा ने कभी भी पीएफआई या फिर सिमी जैसे आतंकी संगठनों पर सवाल नहीं उठाए. कभी सवाल किया भी तो उन्हें अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा.

कामरा की 'घरवापसी' पर विहिप से माफी की मजाकिया अपील

कुछ लोगों ने कहा कि आखिरकार चिट्ठी से यह तय हो गया कि गोडसे मुर्दाबाद कहने वाले पीएफआई जैसे आतंकी संगठन जरूर कामरा की नजर में भारत की आदर्श संताने हैं. कई लोगों ने इस बात पर खुशी जताई कि चलो कम से कम शो रद्द होने के बाद पहली बार मुखर होकर कुणाल कामरा ने हिंदू राग तो छेड़ा. उन्हें यह तो याद आया कि वह भी आखिरकार हिंदू ही हैं. तंज के अंदाज में कई लोग विश्व हिंदू परिषद से गुजारिश करते भी दिखे 'बुदधू घर लौट आए हैं' उन्हें माफ़ कर दिया जाए. रोजी रोटी कैसे चलेगी उनकी. वैसे कामरा के जवाब की तारीफ़ करने वालों की संख्या भी कुछ कम नहीं है. कामरा के जवाब पर कई प्रतिक्रियाएं हैं जिसमें उनके जवाब को दिलेरी बताया जा रहा है. हालांकि कई लोग दावा कर रहे हैं कि कामरा स्टैंडअप कॉमेडियन की बजाए राजनीतिक हैं और जानबूझकर एजेंडा चलाते रहते हैं.

जहां तक बात कामरा के शो रद्द होने की है यह कोई नई घटना नहीं है. पिछले साल बेंगलुरु में भी उनका एक शो रद्द कर दिया गया था जिसके बाद सिलसिलेवार टिप्पणियों में स्टैंडअप कॉमेडियन ने सरकार पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. मुनव्वर फारुखी का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि कम से कम उत्पीड़न के मामले में यह सरकार समानता तो बरतती है. जहां तक बात कुनाल कामरा के सेकुलर होने की है दर्जनों ऐसे मौके आए हैं हिंदुओं से अलग दूसरे धर्मों या भाजपा से अलग दूसरे राजनीतिक दलों पर उन्होंने ट्वीट किया मगर धार्मिक-राजनीतिक आपत्ति के बाद किए गए ट्वीट हटा लिए. आप चाहें तो इस्लाम, ममता बनर्जी, हिजाब आदि पर उनके विरोधाभासी रवैये को यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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