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'बिग बॉस' के कॉन्ट्रोवर्शियल कंटेस्टेंट्स के सहारे रोहित शेट्टी का शो 'खतरों के खिलाड़ी'

    • आईचौक
    • Updated: 17 मई, 2022 04:11 PM
  • 16 मई, 2022 04:35 PM
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ऐसा लग रहा है कि टीवी रियलिटी शो के लिए कंटेस्टेंट्स का अकाल पड़ गया है, तभी फ्रेश कंटेस्टेंट्स की बजाए रोहित शेट्टी अपने रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी सीजन 12 में बिग बॉस में हिस्सा ले चुके कॉन्ट्रोवर्शियल कंटेस्टेंट्स को शामिल कर रहे हैं. इस शो के लिए फाइनल हुई लिस्ट में कंटेस्टेंट्स के नाम देखने के बाद तो ऐसा ही लग रहा है.

भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री के इतिहास में जब पहला रियलिटी शो साल 1992 में शुरू किया गया, तो इसका एकमात्र उद्देश्य ये था कि डेली शोप से ऊब चुके दर्शकों के सामने कुछ नया और अनोखा पेश किया जाए. पहला रियलिटी शो 'बोर्नविटा क्विज़ कॉन्टेस्ट' था, जिसे जीटीवी पर शुरू किया गया था. इसके बाद अगले ही साल जीटीवी पर सिंगिंग रियलिटी शो 'सनसुई अंताक्षरी' शुरू हुआ, जिसकी एकरिंग अन्नू कपूर किया करते थे. इसके बाद धीरे-धीरे रियलिटी शोज की बाढ़ सी आ गई.

'बिग बॉस' से लेकर 'झलक दिखला जा' तक जैसे रियलिटी शो के जरिए दर्शकों का मनोरंजन होने लगा. इनमें सिंगिंग, डांसिंग, क्विज और कॉमेडी तक रियलिटी शोज शामिल हैं. लेकिन रियलिटी शो की संख्या बढ़ने के साथ ही उसकी गुणवत्ता लगातार कम होती चली गई. आप बिग बॉस के ही शुरूआती सीजन उठाकर देख लीजिए, उसकी पॉपुलैरिटी सीजन-दर-सीजन कम होती गई है. कुछ उसी तरह का हाल रोहित शेट्टी के रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी का है. यह शो जब शुरू हुआ, तो अपने अनोखे कॉन्सेप्ट की वजह से तेजी से पॉपुलर हुआ, लेकिन आज इसकी हालत खराब है.

इसकी सबसे बड़ी वजह कंटेस्टेंट्स का चुनाव है. यदि किसी भी शो के कंटेस्टेंट्स का चुनाव किसी दूसरे शो के आधार पर होने लगे, तो उसका असर भी वैसा ही होगा. पिछले कुछ वर्षों से एक पैटर्न देखने को मिल रहा है. इसके तहत खतरों के खिलाड़ी में ज्यादातर बिग बॉस के कॉन्ट्रोवर्शियल कंटेस्टेंट्स को शामिल किया जा रहा है. जो कंटेस्टेंट्स में अपने विवादों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं, उनको खतरों के खिलाड़ी में हाथों हाथ ले लिया जाता है.

ताकि उनकी वजह से इस शो की चर्चा बनी रहे, लेकिन मेकर्स को ये नहीं समझ में आता है कि दोनों शो का फॉर्मेट बिल्कुल अलग है, इसलिए प्रतियोगियों का चुनाव भी अलग पैमाने पर किया जाना चाहिए. बिग बॉस में विवादास्पद प्रतियोगियों की जगह हो सकती है, लेकिन खतरों के खिलाड़ी के लिए तन और मन से मजबूत लोगों की जरूरत है. इस बार भी खतरों के खिलाड़ी का सीजन 12 साउथ अफ्रीका में शूट होना है. इसके लिए शो के...

भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री के इतिहास में जब पहला रियलिटी शो साल 1992 में शुरू किया गया, तो इसका एकमात्र उद्देश्य ये था कि डेली शोप से ऊब चुके दर्शकों के सामने कुछ नया और अनोखा पेश किया जाए. पहला रियलिटी शो 'बोर्नविटा क्विज़ कॉन्टेस्ट' था, जिसे जीटीवी पर शुरू किया गया था. इसके बाद अगले ही साल जीटीवी पर सिंगिंग रियलिटी शो 'सनसुई अंताक्षरी' शुरू हुआ, जिसकी एकरिंग अन्नू कपूर किया करते थे. इसके बाद धीरे-धीरे रियलिटी शोज की बाढ़ सी आ गई.

'बिग बॉस' से लेकर 'झलक दिखला जा' तक जैसे रियलिटी शो के जरिए दर्शकों का मनोरंजन होने लगा. इनमें सिंगिंग, डांसिंग, क्विज और कॉमेडी तक रियलिटी शोज शामिल हैं. लेकिन रियलिटी शो की संख्या बढ़ने के साथ ही उसकी गुणवत्ता लगातार कम होती चली गई. आप बिग बॉस के ही शुरूआती सीजन उठाकर देख लीजिए, उसकी पॉपुलैरिटी सीजन-दर-सीजन कम होती गई है. कुछ उसी तरह का हाल रोहित शेट्टी के रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी का है. यह शो जब शुरू हुआ, तो अपने अनोखे कॉन्सेप्ट की वजह से तेजी से पॉपुलर हुआ, लेकिन आज इसकी हालत खराब है.

इसकी सबसे बड़ी वजह कंटेस्टेंट्स का चुनाव है. यदि किसी भी शो के कंटेस्टेंट्स का चुनाव किसी दूसरे शो के आधार पर होने लगे, तो उसका असर भी वैसा ही होगा. पिछले कुछ वर्षों से एक पैटर्न देखने को मिल रहा है. इसके तहत खतरों के खिलाड़ी में ज्यादातर बिग बॉस के कॉन्ट्रोवर्शियल कंटेस्टेंट्स को शामिल किया जा रहा है. जो कंटेस्टेंट्स में अपने विवादों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं, उनको खतरों के खिलाड़ी में हाथों हाथ ले लिया जाता है.

ताकि उनकी वजह से इस शो की चर्चा बनी रहे, लेकिन मेकर्स को ये नहीं समझ में आता है कि दोनों शो का फॉर्मेट बिल्कुल अलग है, इसलिए प्रतियोगियों का चुनाव भी अलग पैमाने पर किया जाना चाहिए. बिग बॉस में विवादास्पद प्रतियोगियों की जगह हो सकती है, लेकिन खतरों के खिलाड़ी के लिए तन और मन से मजबूत लोगों की जरूरत है. इस बार भी खतरों के खिलाड़ी का सीजन 12 साउथ अफ्रीका में शूट होना है. इसके लिए शो के मेकर्स और रोहित शेट्टी ने कंटेस्टेंट्स का फाइनल चुनाव भी कर लिया है. बताया जा रहा है कि रोहित अपनी टीम के साथ 27 मई को साउथ अफ्रीका के लिए रवाना हो जाएंगे.

रोहित शेट्टी के रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी सीजन 12 की शूटिंग 27 मई के बाद शुरू की जाएगी.

'खतरों के खिलाड़ी 12' के लिए कंफर्म कंटेस्टेंट्स की लिस्ट सामने आ चुकी है. इस बार शिवांगी जोशी, सृति झा, रुबीना दिलैक, प्रतीक सहजपाल, फैजल शेख, राजीव अदातिया, चेतन पांडे. निशांत भट्ट, मोहित मलिक, तुषार कालिया, एरिका पैकार्ड, कनिका मान और अनेरी वजानी का नाम शामिल है. इस बार भी लिस्ट में शामिल ज्यादातर कंटेस्टेंट बिग बॉस से ही लिए गए है. उदाहरण के लिए रुबीना दिलैक को ही ले लीजिए, जो कि बिग बॉस सीजन 14 की विजेता रही हैं.

रुबीना बिग बॉस के घर में अपने पति अभिनव शुक्ला के साथ गई थी, जिनके बीच उस वक्त रिश्ते खराब थे. दोनों के बीच तलाक तक मामला पहुंच गया था. इस वजह से दोनों काफी चर्चा में बने रहे थे, लोगों की सहानुभूति भी रुबीना को मिली थी. इसके साथ निशांत भट्ट और प्रतीक सहजपाल भी बिग बॉस के सीजन 14 में हिस्सा ले चुके हैं. प्रतीक सहजपाल तो बहुत ज्यादा विवादस्पद रहे हैं. उन्होंने बिग बॉस ओटीटी में भी हिस्सा लिया था. उसमें उनकी शिल्पा शेट्टी की बहन शमिता शेट्टी के साथ अक्सर झगड़ा होता रहता था. प्रतीक ओटीटी वर्जन के फाइनल तक पहुंचे थे.

इसके साथ ही सुपरहिट डांस रियलिटी शो 'झलक दिखला जा' से अपना करियर शुरू करने वाले निशांत भट्ट ने भी बिग बॉस ओटीटी में हिस्सा लिया था. वो शमिता शेट्टी के साथ फर्स्ट रनर अप भी रहे थे. यही वजह है कि उनको टीवी वर्जन में भी हिस्सा लेने के मौका मिला था. इसके पहले बिग बॉस से अभिनव शुक्ला, महक चहल, राहुल वैद्य, निक्की तम्बोली, श्वेता तिवारी, गौहर खान, सिद्धार्थ शुक्ला, कुषाल टंडन, जैस्मीन भसीन, अली गोनी जैसे तमाम सेलेब्स इस स्टंट बेस्ड शो का हिस्सा रह चुके हैं.

बताते चलें कि जिन कंटेस्टेंट्स का चुनाव हो चुका है, उन्होंने अपनी-अपनी ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है. रोहित शेट्टी का यह शो इस साल 55 दिनों तक चलेगा. इन 55 दिनों में कंटेस्टेंट्स को अपने टास्क पूरे करते हुए खुद को साबित करना होगा. इसलिए खुद को मजबूत करने के लिए कंटेस्टेंट्स को अपनी तैयारी करनी ही पड़ेगी. कोरोना को देखते हुए कई तरह के एतिहात बरते जा रहे हैं. सभी कंटेस्टेंट्स और यूनिट मेंबर का टेस्ट कराया जाएगा. उन्हें गेम शुरू होने से पहले चार दिन तक क्वारंटीन रखा जाएगा. ताकि संक्रमित होने का खतरा न रहे.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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