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कार्तिक आर्यन 'बर्बाद बॉलीवुड' से अलग चलते दिख रहे, नो पान मसाला एड- ठुकराया 9 करोड़ का ऑफर!

    • आईचौक
    • Updated: 29 अगस्त, 2022 07:49 PM
  • 29 अगस्त, 2022 07:19 PM
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जिस वक्त शाहरुख खान और अक्षय कुमार जैसे सितारे पान मसाले का विज्ञापन कर रहे हैं कार्तिक आर्यन 9 करोड़ का भारी भरकम ऑफर ठुकरा देते हैं. यह बड़ी बात है. बॉलीवुड पर पब्लिक प्रेशर से बदलाव की शुरुआत हो चुकी है. देखना यह है कि क्या क्या और कैसे कैसे चीजें बदलेंगी.

ना सिर्फ बिजनेस बल्कि दूसरे तमाम सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामजिक मुद्दे पर दक्षिण से जूझ रहा बॉलीवुड दबाव में है. पिछले आठ महीनों में लगातार लाल सिंह चड्ढा जैसी बड़ी-बड़ी फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने का बहुत दबाव बॉलीवुड और उसके सितारों पर गहरा है. बॉलीवुड के कुछ सितारे ढर्रे से अलग चलने की कोशिश करते दिख रहे हैं. इसमें कार्तिक आर्यन को 'अगुआ' माना जा सकता है. असल में कार्तिक ने मोटी रकम मिलने के बावजूद एक पान मसाला को एंडोर्स करने से मना कर दिया है.

बॉलीवुड हंगामा की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक़ कार्तिक को पान मसाला एड के बदले 9 करोड़ की मोटी रकम दी जा रही थी. बावजूद एक यूथ आइकन होने की वजह से उन्होंने अपनी सामाजिक सार्वजनिक जिम्मेदारी के तहत ऐसा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और ऑफर खारिज कर दिया. एक एड गुरु के हवाले से कन्फर्म रिपोर्ट में बताया गया कि कार्तिक को पान मसाले के लिए 8-9 करोड़ दिए जाते. किसी भी सितारे के लिए यह एक बहुत बड़ी रकम होती है. यहां तक कि बॉलीवुड के तमाम सितारों को एक फिल्म के बदले इतनी फीस भी नहीं मिलती. मगर कार्तिक ने इसे ना करना ही बेहतर नहीं समझा. यह बॉलीवुड में होने वाले बड़े बदलाव के सबूत के रूप में देखा जा सकता है.

मौजूदा दौर में बॉलीवुड के लगभग सभी बड़े सितारे जिनमें शाहरुख खान, सलमान खान, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह, टाइगर श्राफ और अजय देवगन जैसे स्टार्स को शुमार किया जा सकता है- पान मसाला, शराब आदि का छद्म विज्ञापन करते रहे हैं या फिर कर रहे हैं. यहां तक कि अमिताभ बच्चन ने भी अभी कुछ हफ़्तों पहले ही एक पान मसाले का एड साइन किया. मगर तीखा विरोध होने के बाद उन्होंने माफी मांगी. बॉलीवुड के तमाम सितारे शराब और बियर के भी 'छद्म विज्ञापनों' को एंडोर्स करते हैं. जिसमें शराब और बियर के टॉप ब्रांड्स के मिनरल और सोडा वॉटर का प्रचार शामिल रहता है. माउथ फ्रेशनर के नाम पर गुटखे का प्रचार किया जाता है जो देश में कैंसर जैसे घातक बीमारी की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. ऐसे में कार्तिक का यह रवैया सकारात्मक माना...

ना सिर्फ बिजनेस बल्कि दूसरे तमाम सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामजिक मुद्दे पर दक्षिण से जूझ रहा बॉलीवुड दबाव में है. पिछले आठ महीनों में लगातार लाल सिंह चड्ढा जैसी बड़ी-बड़ी फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने का बहुत दबाव बॉलीवुड और उसके सितारों पर गहरा है. बॉलीवुड के कुछ सितारे ढर्रे से अलग चलने की कोशिश करते दिख रहे हैं. इसमें कार्तिक आर्यन को 'अगुआ' माना जा सकता है. असल में कार्तिक ने मोटी रकम मिलने के बावजूद एक पान मसाला को एंडोर्स करने से मना कर दिया है.

बॉलीवुड हंगामा की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक़ कार्तिक को पान मसाला एड के बदले 9 करोड़ की मोटी रकम दी जा रही थी. बावजूद एक यूथ आइकन होने की वजह से उन्होंने अपनी सामाजिक सार्वजनिक जिम्मेदारी के तहत ऐसा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और ऑफर खारिज कर दिया. एक एड गुरु के हवाले से कन्फर्म रिपोर्ट में बताया गया कि कार्तिक को पान मसाले के लिए 8-9 करोड़ दिए जाते. किसी भी सितारे के लिए यह एक बहुत बड़ी रकम होती है. यहां तक कि बॉलीवुड के तमाम सितारों को एक फिल्म के बदले इतनी फीस भी नहीं मिलती. मगर कार्तिक ने इसे ना करना ही बेहतर नहीं समझा. यह बॉलीवुड में होने वाले बड़े बदलाव के सबूत के रूप में देखा जा सकता है.

मौजूदा दौर में बॉलीवुड के लगभग सभी बड़े सितारे जिनमें शाहरुख खान, सलमान खान, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह, टाइगर श्राफ और अजय देवगन जैसे स्टार्स को शुमार किया जा सकता है- पान मसाला, शराब आदि का छद्म विज्ञापन करते रहे हैं या फिर कर रहे हैं. यहां तक कि अमिताभ बच्चन ने भी अभी कुछ हफ़्तों पहले ही एक पान मसाले का एड साइन किया. मगर तीखा विरोध होने के बाद उन्होंने माफी मांगी. बॉलीवुड के तमाम सितारे शराब और बियर के भी 'छद्म विज्ञापनों' को एंडोर्स करते हैं. जिसमें शराब और बियर के टॉप ब्रांड्स के मिनरल और सोडा वॉटर का प्रचार शामिल रहता है. माउथ फ्रेशनर के नाम पर गुटखे का प्रचार किया जाता है जो देश में कैंसर जैसे घातक बीमारी की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. ऐसे में कार्तिक का यह रवैया सकारात्मक माना जा सकता है.

कार्तिक आर्यन.

बॉलीवुड पर पब्लिक प्रेशर, दिखने लगा बदलाव

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर बॉलीवुड के खिलाफ दिख रही तमाम आलोचनाओं में बॉलीवुड एक्टर्स की राष्ट्रीय और सामाजिक जिम्मेदारियों के बहाने भी उनपर निशाना साधा गया था. बॉलीवुड सितारों का एरोगेंस, बेमतलब के मुद्दों पर उनका बयान, सिलेक्टिव धार्मिक-राजनीतिक अप्रोच बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ है. उधर दक्षिण के सितारों की तरफ से शराब और ऐसी ही हानिकारक चीजों को लगातार इंडोर्स ना करने की खबरें आती रहती हैं. लोगों ने एंडोर्स के बदले मोटी रकम को दरकिनार करने वाले वाले दक्षिण के सितारों के फैसले की जमकर आलोचना करते हुए बॉलीवुड सितारों को आइना दिखाया.

सोशल मीडिया पर अक्सर सवाल उठे हैं कि बॉलीवुड सितारों को पब्लिक ने बड़ा फेस बनाया मगर उन्हें अपनी जिमेम्दारियों का एहसास ही नहीं है. वे अपने स्टारडम का इस्तेमाल समाज को अंधी सुरंग में झोंकने के लिए कर रहे हैं. यहां तक कि आधुनिकता के नाम पर संस्कृति बर्बाद करने तक के आरोप लगे. उदाहरण के लिए अभी हाल ही में बिपासा बसु की प्रेग्नेंसी फोटोशूट को लेकर भी खूब आलोचनाएं हुई. दक्षिण के सितारों की प्रेग्नेंसी तस्वीरों को सामने रखकर सांस्कृतिक आधार पर दक्षिण से तुलना में बॉलीवुड को भारतीय समाज विरोधी करार दिया गया.

तो बॉलीवुड से अलग पहचान बनाने में लगे हैं कार्तिक आर्यन

कार्तिक के फैसले से साफ़ समझा जा सकता है कि यह लोगों की जनभावनाओं के दबाव में ही लिया गया है. पब्लिक हेट का शिकार बने सितारों की फिल्मों का हाल वह देख ही रहे हैं. उनके खिलाफ बड़े आरोप भी. शायद कार्तिक अपने भविष्य को लेकर ज्यादा चौकन्ना हैं. वे बॉलीवुड सितारों की परंपरागत छवि से अलग अपनी एक पृथक पहचान बनाने की कोशिश में लगे हैं. इसके तहत उन्हें करण जौहर के साथ कथित विवाद ने भी फायदा पहुंचाया है. कार्तिक आउटसाइडर हैं. वह छोटे शहर से बॉलीवुड पहुंचे हैं और उन्होंने बहुत ही कम समय में एक मुकाम बनाया है.

करण जौहर के साथ एक प्रोजेक्ट को लेकर उनकी डील हुई थी. मगर एक्टर ने करण से मौजूदा दौर के हिसाब से सैलरी की डिमांड की जिसे करण ने अनप्रोफेशनल माना और खारिज कर दिया. इतना ही नहीं अपने बैनर में भविष्य के लिए भी कार्तिक को पूरी तरह से बैन कर दिया. मामला मीडिया की सुर्ख़ियों में रहा और कहीं ना कहीं इसने कार्तिक को मजबूत बनाया है. लोगों की सिम्पैथी उनके साथ जुड़ी है. घटनाक्रम की वजह से कार्तिक 'बॉलीवुड के मठवाद' के टैग से मुक्त होकर अलग ही धुरी पर खड़े नजर आने लगे हैं.

अलग लाइन लेने का कार्तिक को फायदा भी मिल रहा है

जब बॉलीवुड की फ़िल्में एक पर एक ध्वस्त हो रही थीं- उनकी एक फिल्म धमाका ने ओटीटी पर जबरदस्त सुर्खियां बटोरी और बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड के ट्रेंड से अलग हॉरर कॉमेडी ड्रामा 'भूल भुलैया 2' ने जमकर कमाई की. अब अक्षय कुमार को भी बायकॉट बॉलीवुड ट्रेंड झेलना पड़ रहा मगर हाल में 'भूल भुलैया 2'  ऐसी फिल्म है जिसके खिलाफ इस तरह का ट्रेंड नहीं दिखा. बावजूद कि फिल्म का निर्देशन अनीस बज्मी कर रहे थे. इसका साफ़ मतलब है कि बॉलीवुड में ही काम कर रहे कार्तिक को लोग बॉलीवुड से अलग देखते हैं. और इसकी वजहें वो ऊपर बताई गई तमाम चीजें हैं जिन्होंने बॉलीवुड से अलग कार्तिक की एक बेहतर छवि गढ़ी है.

दक्षिण से तुलना में सोशल मीडिया पर जो बहस दिख रही है उसे देखते हुए माना जा रहा कि बॉलीवुड सितारों में अभी भविष्य में और भी बदलाव देखने को मिल सकता है. खासकर सितारों के सार्वजनिक व्यवहार में. यह सिर्फ कार्तिक आर्यन तक सीमित नहीं रहने वाला. क्योंकि बॉलीवुड स्टार्स को मालूम है कि पब्लिक बायकॉट की अहम वजह सिर्फ खराब कंटेंट भर नहीं बल्कि फिल्म स्टार्स की सामजिक सांस्कृतिक जिम्मेदारियां भी हैं.

बॉलीवुड में इस तरह के और बदलाव नजर आए तो हैरान नहीं होना चाहिए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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