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बॉलीवुड में 'बेधड़क' नेपोटिज्म: करण जौहर को फर्क नहीं पड़ता है...

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 04 मार्च, 2022 04:57 PM
  • 04 मार्च, 2022 04:45 PM
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कौन कह रहा है कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म को बढ़ावा नहीं दिया जाता. जिन्हें शक है वो शनाया कपूर का रुख कर लें जिन्हें, स्टार किड्स को इंडस्ट्री में लाने के लिए मशहूर करण जौहर ने मौका दिया है.

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ! बॉलीवुड से जुड़ी एक ऐसी शख्सियत जिसकी मौत की खबर आज भी एक अफवाह ही लगती है. महसूस यही होता है कि सुशांत हमारे पास हैं और जल्द ही वो किसी फ़िल्म में अपनी स्माइल से महफ़िल लूट लेंगे. याद कीजिये वो वक़्त जब सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी. तमाम तरह की बातें, कई किस्म के विश्लेषण हुए थे और अंत में सारी बहस नेपोटिज्म पर आकर रुकी. कहा यही गया कि सुशांत ने अगर दुनिया को अलविदा कहा तो उसकी एक बहुत बड़ी वजह नेपोटिज्म रहा और फैंस द्वारा सोशल मीडिया पर आलिया भट्ट, करण जौहर और कपूर खानदान से जैसे लोगों को खूब जमकर घेरा गया. सवाल होगा कि आज जब सुशांत की मौत को ठीक ठाक वक़्त गुजर चुका है उनकी मौत पर चर्चा क्यों? नेपोटिज्म और करण जौहर से जुड़ी बातें किस लिए. जवाब है वही बॉलीवुड जहां तब भी नेपोटिज्म का बोलबाला था और जब तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में करण जौहर जैसे लोग हैं, ये भविष्य में भी बाकी रहेगा. टैलेंट की बेकद्री होगी और मौका उनको मिलेगा जिनके ऊपर स्टारकिड होने का टैग लगा है.

करण के जरिये शनाया के बॉलीवुड आगमन ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म की बहस को फिर तेज कर दिया है

बात नेपोटिज्म और करण जौहर की हुई है तो कुछ और बात करने से पहले ये बताना बहुत जरूरी हो जाता है कि निर्माता निर्देशक करण जौहर अपने प्रोडक्शन में बन रही फिल्म बेधड़क में बॉलीवुड की नई स्टार किड शनाया कपूर को लॉन्च करने के लिए कमर कस चुके हैं. खबर ये भी है कि शनाया कपूर के साथ करण जौहर की नई फिल्म से एक्टर लक्ष्य भी बॉलीवुड में अपना डेब्यू करेंगे.

तो वहीं दर्शक इस बात को कह रहे हैं कि अपनी इस फ़िल्म के जरिये करण एंटरटेनमेंट...

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ! बॉलीवुड से जुड़ी एक ऐसी शख्सियत जिसकी मौत की खबर आज भी एक अफवाह ही लगती है. महसूस यही होता है कि सुशांत हमारे पास हैं और जल्द ही वो किसी फ़िल्म में अपनी स्माइल से महफ़िल लूट लेंगे. याद कीजिये वो वक़्त जब सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी. तमाम तरह की बातें, कई किस्म के विश्लेषण हुए थे और अंत में सारी बहस नेपोटिज्म पर आकर रुकी. कहा यही गया कि सुशांत ने अगर दुनिया को अलविदा कहा तो उसकी एक बहुत बड़ी वजह नेपोटिज्म रहा और फैंस द्वारा सोशल मीडिया पर आलिया भट्ट, करण जौहर और कपूर खानदान से जैसे लोगों को खूब जमकर घेरा गया. सवाल होगा कि आज जब सुशांत की मौत को ठीक ठाक वक़्त गुजर चुका है उनकी मौत पर चर्चा क्यों? नेपोटिज्म और करण जौहर से जुड़ी बातें किस लिए. जवाब है वही बॉलीवुड जहां तब भी नेपोटिज्म का बोलबाला था और जब तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में करण जौहर जैसे लोग हैं, ये भविष्य में भी बाकी रहेगा. टैलेंट की बेकद्री होगी और मौका उनको मिलेगा जिनके ऊपर स्टारकिड होने का टैग लगा है.

करण के जरिये शनाया के बॉलीवुड आगमन ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म की बहस को फिर तेज कर दिया है

बात नेपोटिज्म और करण जौहर की हुई है तो कुछ और बात करने से पहले ये बताना बहुत जरूरी हो जाता है कि निर्माता निर्देशक करण जौहर अपने प्रोडक्शन में बन रही फिल्म बेधड़क में बॉलीवुड की नई स्टार किड शनाया कपूर को लॉन्च करने के लिए कमर कस चुके हैं. खबर ये भी है कि शनाया कपूर के साथ करण जौहर की नई फिल्म से एक्टर लक्ष्य भी बॉलीवुड में अपना डेब्यू करेंगे.

तो वहीं दर्शक इस बात को कह रहे हैं कि अपनी इस फ़िल्म के जरिये करण एंटरटेनमेंट के नए मानक स्थापित करेंगे. करण दर्शकों के भरोसे पर कितना खरे उतरते हैं इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन जिस बात पर बात जरूर होनी चाहिए वो एक्टर शनाया कपूर हैं.

तो आखिर कौन हैं शनाया कपूर?

जैसे ही ये खबर आई कि अपनी अपकमिंग फिल्म बेधड़क में करण शनाया कपूर को जगह दे रहे हैं उन्हें लेकर तरह तरह की बातें शुरू हो गई हैं और उन्हें इंटरनेट पर लगातार सर्च किया जा रहा है. बताते चलें कि शनाया एक्टर संजय कपूर और महीप कपूर की बेटी और एक्टर अर्जुन कपूर और जान्हवी कपूर की चचेरी बहन हैं. अभी तक शनाया कैमरा के पीछे थीं और कम उम्र होने के बावजूद उन्होंने कई सारे प्रोजेक्ट्स में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया है.

गौरतलब है कि करण का शुमार बॉलीवुड के उन प्रोड्यूसर्स में है जिनपर समय समय पर नेपोटिज्म के आरोप लगे लेकिन कभी भी उन्होंने उन आरोपों पर कान नहीं दिए. चाहे वो सिद्धार्थ मल्होत्रा और आलिया भट्ट रही हों या फिर अनन्या पांडे, तारा सुतारिया और वरुण धवन यदि आज इन तमाम एक्टर्स ने अपने को बॉलीवुड में स्थापित किया है तो उसका एकमात्र कारण एक प्रोड्यूसर के रूप में करण जौहर रहे हैं. 

बहरहाल बात क्योंकि बॉलीवुड की नयी स्टारकिड यानी शनाया कपूर की हुई है. तो करण की फिल्म बेधड़क के जरिये ये कितनी कामयाब होती हैं? वरुण. आलिया और सिद्धार्थ वाला मुकाम हासिल करती हैं? इसका जवाब तो फिल्म बेधड़क की रिलीज के अलावा वक़्त की गर्त में छिपा है. लेकिन जिस तरह ये नयी एंट्री इंडस्ट्री में हुई है. बहस तेज है कि जब तक करण जैसे लोग स्टारकिड रुपी इन गुब्बारों में हवा भरते रहेंगे। तब तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में शायद ही अच्छी और देखने लायक फ़िल्में बन पाएं.

खैर, देखना ये भी दिलचस्प रहेगा कि एक स्टारकिड के रूप में शनाया फैंस की इस धारणा को तोड़ पाती हैं या नहीं. सवाल कई हैं और हम फिर उसी बात को दोहरा रहे हैं कि इन सवालों के जवाब पाने के लिए हमें सिर्फ और सिर्फ इंतजार ही करना होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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