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...तो कंगना के रूप में BJP को मिल रहा एक दमदार पहाड़ी नेता, हिमाचल से नॉर्थ-ईस्ट तक दिखेगा असर!

    • आईचौक
    • Updated: 29 अक्टूबर, 2022 07:21 PM
  • 29 अक्टूबर, 2022 04:28 PM
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कंगना रनौत राजनीति में आने को तैयार हैं और एक पहाड़ी नेता की भूमिका में. हिमाचल चुनाव में अगर बीजेपी ने उन्हें कैम्पेन के लिए कहा तो वह पीछे नहीं हटेंगी. पंचायत आजतक हिमाचल प्रदेश में राजनीति को लेकर खुलकर अपना विजन रखा.

कंगना रनौत फिल्मों से राजनीति में आने वाला नया चेहरा हो सकती हैं. अब यह पूरी तरह से साफ़ हो गया कि राजनीति उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है. हालांकि इसकी शुरुआत कब और कैसे होगी- उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया. बावजूद अभिनेत्री ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का ना सिर्फ खुलकर इजहार किया बल्कि एक नेता के तौर पर रोडमैप और विजन भी पेश कर दिया है. हमारे सहयोगी चैनल के कार्यक्रम 'पंचायत आजतक हिमाचल प्रदेश' में राहुल कंवल के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि समाजसेवा और राजनीति के लिए अगर उन्हें कुछ सहयोग करने का मौका मिला तो वे कभी पीछे नहीं हटेंगी. बातचीत में उन्होंने एक पहाड़ी होने के दर्द और पहाड़ियों के संदर्भ में पिछले आठ साल में हुए सामजिक राजनीतिक बदलाव को भी रेखांकित किया.

यह साफ़ संकेत है कि एक पैन इंडिया पहाड़ी लीडर के रूप में कंगना नई भूमिका के लिए कमर कस चुकी हैं. भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए खुले दिल से तारीफों से समझा जा सकता है कि कंगना किस पार्टी के लिए राजनीतिक भूमिका में आने को तैयार हैं. कंगना ने कहा- "2014 के बाद देश में एक चेतना जगी है. अब हिमाचल को लग रहा है कि वह भी देश का स्थायी हिस्सा है. पहाड़ी लोग जैसे ही बाहर जाते हैं या जिस तरह लोगों का उन्हें लेकर एक नजरिया या परसेप्शन है, कहीं ना कहीं मैंने खुद महसूस किया है कि (उसमें) इज्जत की कमी है. पहाड़ों से आने वाले लोग उस दृष्टि से नहीं देखे जाते (जैसे अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को देखा जाता है). सोशल मीडिया पर बदलाव हुआ है. फिल्म इंडस्ट्री में मुझे लेकर अफवाहें उड़ाई गईं कि ये पहाड़ी लोग काला जादू करते हैं. भोजन पका कर नहीं खाते. मांस कच्चा ही खा जाते हैं."  

पंचायत आजतक हिमाचल प्रदेश में कंगना रनौत.

तो भाजपा और मोदी के लिए राजनीति में...

कंगना रनौत फिल्मों से राजनीति में आने वाला नया चेहरा हो सकती हैं. अब यह पूरी तरह से साफ़ हो गया कि राजनीति उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है. हालांकि इसकी शुरुआत कब और कैसे होगी- उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया. बावजूद अभिनेत्री ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का ना सिर्फ खुलकर इजहार किया बल्कि एक नेता के तौर पर रोडमैप और विजन भी पेश कर दिया है. हमारे सहयोगी चैनल के कार्यक्रम 'पंचायत आजतक हिमाचल प्रदेश' में राहुल कंवल के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि समाजसेवा और राजनीति के लिए अगर उन्हें कुछ सहयोग करने का मौका मिला तो वे कभी पीछे नहीं हटेंगी. बातचीत में उन्होंने एक पहाड़ी होने के दर्द और पहाड़ियों के संदर्भ में पिछले आठ साल में हुए सामजिक राजनीतिक बदलाव को भी रेखांकित किया.

यह साफ़ संकेत है कि एक पैन इंडिया पहाड़ी लीडर के रूप में कंगना नई भूमिका के लिए कमर कस चुकी हैं. भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए खुले दिल से तारीफों से समझा जा सकता है कि कंगना किस पार्टी के लिए राजनीतिक भूमिका में आने को तैयार हैं. कंगना ने कहा- "2014 के बाद देश में एक चेतना जगी है. अब हिमाचल को लग रहा है कि वह भी देश का स्थायी हिस्सा है. पहाड़ी लोग जैसे ही बाहर जाते हैं या जिस तरह लोगों का उन्हें लेकर एक नजरिया या परसेप्शन है, कहीं ना कहीं मैंने खुद महसूस किया है कि (उसमें) इज्जत की कमी है. पहाड़ों से आने वाले लोग उस दृष्टि से नहीं देखे जाते (जैसे अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को देखा जाता है). सोशल मीडिया पर बदलाव हुआ है. फिल्म इंडस्ट्री में मुझे लेकर अफवाहें उड़ाई गईं कि ये पहाड़ी लोग काला जादू करते हैं. भोजन पका कर नहीं खाते. मांस कच्चा ही खा जाते हैं."  

पंचायत आजतक हिमाचल प्रदेश में कंगना रनौत.

तो भाजपा और मोदी के लिए राजनीति में आने को तैयार हैं कंगना रनौत

उन्होंने कहा- "कहीं ना कहीं, जानकारी की कमी थी (पहाड़ और पहाड़ी लोगों को लेकर), देश के साथ कनेक्शन की कमी थी और यह सिर्फ हमारे साथ ही नहीं होता. बल्कि हॉस्टल में साथ रहने वाली मेरी नॉर्थ-ईस्ट की फ्रेंड्स को भी इसी तरह की चीजों का सामना करना पड़ा. कोई उन्हें चाइनीज कहके चिढ़ाता था, रूप रंग पर तंज कसा जाता था. कहीं ना कहीं पहले उस डोर की कमी थी जो पूरे देश को एक सूत्र में बांधती थी. नई चेतना (2014 के बाद) में डिजिटली इवोल्व होने के बाद चीजें तेजी से बदली हैं- पहाड़ों के बारे में और यहां के लोगों के बारे में. लेकिन अभी भी उतनी नहीं है, जितनी बाकी राज्यों को लेकर है."  कंगना रनौत इसका पूरा श्रेय राजनीति में नरेंद्र मोदी युग को देती हैं. उन्होंने कहा- मोदी जी ने आम लोगों को कनेक्ट किया और भारतीयता को पहचान दी है. आज सब अपनी पहचान पर गर्व कर रहे हैं.

राहुल कंवल ने कंगना के बयान को राजनीति में आने का संकेत करार दिया और उनके राजनीतिक विजन को लेकर सवाल पूछा. किसी निष्कर्ष पर ना पहुंचने की अपील के साथ अभिनेत्री ने कहा- "अगर आगे चलकर कोई ऐसा मौका मिलता है कि देश को कंट्रीब्यूट कर सकती हूं, राजनीति या समाज के जरिए तो जरूर करूंगी. जिस तरह के हालात होंगे और गवर्नमेंट ( या भाजपा भी) जिस तरह चाहेगी कि मेरी भी भागीदारी हो, मैं हर तरह (सामजिक/राजनीतिक) की भागीदारी के लिए प्रस्तुत हूं." हिमाचल चुनाव में भाजपा के लिए कैम्पेन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा- लोग सेवा के लिए समझंगे तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी. उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की भी इच्छा जताई. हालांकि उन्होंने साफ़ किया कि अभी वर्क फ्रंट पर उनके प्रोफेशनल कमिटमेंट हैं और वे फिलहाल उसी में व्यस्त और खुश हैं.

कंगना की राजनीतिक पक्षधरता और इस बयान के बाद मान लेना चाहिए कि अब वे खुलकर राजनीतिक भागीदारी के लिए तैयार हैं. अगर हिमाचल के विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के लिए कैम्पेन करते दिखें तो हैरान नहीं होना चाहिए. वैसे एक्ट्रेस राजनीतिक फैमिली से हैं. उनके दादा कांग्रेस के दो बार विधायक रहें. उनके पिता भी कांग्रेस में रहे. एक्ट्रेस ने बताया कि उनका परिवार राजनीतिक है. हालांकि साल 2014 में परिवार पॉलिटिकली कन्वर्ट हो गया है. उनके कहने का मतलब था कि भाजपाई हो गया है और उनके पिता सुबह शाम मोदी-योगी के नाम का जप करते हैं. राजनीति में आने का बयान और बार-बार पहाड़ी पहचान उठाने से साफ़ है कि कंगना एक पहाड़ी नेता के रूप में राजनीतिक भूमिका में आने को तैयार हैं. और सिर्फ हिमाचल ही नहीं बल्कि दूसरे पहाड़ी राज्यों को भी फोकस में रखते नजर आती हैं. वैसे भी हिमाचल, उत्तराखंड, और नॉर्थ ईस्ट के कई पहाड़ी राज्यों में भाजपा की ही सरकारें हैं.

हिमाचल को लेकर कंगना ने अपना राजनीतिक विजन भी बताया

हिमाचल को लेकर अपने विजन का खुलासा करते हुए कंगना ने कहा- "एक हिमाचली के रूप में मेरा अपना विचार है. हिमाचल के पास क्या है ऐसा जो दुनिया को अतरिक्त दे सकता है. निश्चित ही वह ऑक्सीजन कॉन्टेंट है जो बाकी राज्यों से बहुत ज्यादा है. दुनिया के दूसरे देशों में ऑक्सीजन कॉन्टेंट ने वहां की अर्थव्यवस्थाओं को बहुत डेवलप किया है. हिमाचल का प्लान भारत के दूसरे राज्यों से अलग है और अलग होना ही चाहिए. हिमाचल की अपनी खूबी है- प्रकृति और उसकी सुंदरता. इसे ऐसी जगह बना दें जो ऑक्सीजन कॉन्टेंट की वजह से दुनियाभर में जाना जाए. हमें उसका इस्तेमाल करना चाहिए."

उन्होंने कहा, "मैं यहां पली बढ़ी हूं, लेकिन मुझे पहले स्नो स्कीइंग के बारे में पता नहीं था. इसे हम लोग भी स्पोर्ट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. मैंने स्कीइंग जर्मनी में सीखी. यह दुनिया की सबसे महंगी स्पोर्ट है. इसे सीखने में लाखों करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. हमें इस तरह की चीजों पर (डेवलपमेंट के लिए) ध्यान देना चाहिए. फ्रांस और जर्मनी में ऐसे पॉइंट हैं जहां पूरी दुनिया के लोग जाते हैं स्कीइंग के लिए." हाल ही में खुले ग्रीन एम्स की तारीफ़ करते हुए कंगना ने कहा कि हमें हिमाचल में उस तरह के डेवलपमेंट की तरफ ध्यान देना चाहिए जो यहां के प्रकृति के हिसाब से हो.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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