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रणवीर सिंह की जयेश भाई जोरदार देखने की तीन वजहें क्या हो सकती हैं?

    • आईचौक
    • Updated: 10 मई, 2022 05:17 PM
  • 10 मई, 2022 05:16 PM
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रणवीर सिंह को बॉक्स ऑफिस पर सक्सेस पाए तीन साल हो गए. उनकी पिछली फिल्म 83 फ्लॉप हो गई थी. शुक्रवार को सोशल कॉमेडी जयेश भाई जोरदार आ रही है. आइए तीन वजहों के बारे में जानते हैं क्यों दर्शक यह फिल्म देखना पसंद कर सकते हैं.

दिव्यांग ठक्कर के लेखन-निर्देशन में बनी यशराज के बैनर की फिल्म "जयेश भाई जोरदार" इसी हफ्ते 13 मई को सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है. इससे पहले फिल्म को इसी साल फरवरी में रिलीज किया जाना था. लेकिन कोरोना महामारी की तीसरी लहर की वजह से रिलीज का इंतज़ार कर रही फिल्मों का शेड्यूल बदलना पड़ा. जयेश भाई जोरदार पर भी इसका असर पड़ा. तिलिज से पहले शूटिंग के दौरान भी महामारी का साया प्रोजेक्ट पर दिखा. खैर. पिछले साल स्पोर्ट्स ड्रामा 83 के बाद रणवीर सिंह की मुख्य भूमिका से सजी यह दूसरी फिल्म है. बॉक्स ऑफिस पर उनकी पिछली फिल्म का हाल तो बहुत खराब रहा था.

पिछली नाकामी ने फिल्म सर्किल की निगाहें जयेश भाई जोरदार की ओर टिका दी हैं. मेकर्स से कहीं ज्यादा खुद रणवीर के लिए जयेश भाई जोरदार का सफल होना बहुत जरूरी है. फिलहाल रणवीर के साथ जयेशभाई की टीम जोरदार प्रमोशन में जुटी हुई है. रणवीर ताबड़तोड़ इंटरव्यूज दे रहे हैं. फिल्म को दर्शक किस तरह से लेंगे इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. आइए जानते हैं कि जयेश भाई जोरदार देखने की तीन बड़ी वजहें क्या हो सकती हैं.

जयेश भाई जोरदार.

#1. ब्रांड रणवीर सिंह के लिए

रणवीर बतौर एक्टर 12 वर्षों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं और अब तक हिंदी सिनेमा को गोलियों की रासलीला राम लीला, बाजीराव मस्तानी, पद्मावत और सिम्बा जैसी ब्लॉकबस्टर दे चुके हैं. एक्टर ने ने अपने छोटे से करियर में हर तरह के किरदार किए हैं. उनकी फिल्मोंग्राफी में रोमांटिक एक्शन फ़िल्में भी हैं, और उन्होंने पीरियड ड्रामा भी किया है. यहां तक कि पद्मावत में उन्होंने अलाउद्दीन खिलजी का खूंखार नकारात्मक किरदार भी निभाया. खिलजी की भूमिका के लिए लोग शायद ही रणवीर के काम को भुला पाए.

पद्मावत देखने वालों को पता है कि कैसे फिल्म...

दिव्यांग ठक्कर के लेखन-निर्देशन में बनी यशराज के बैनर की फिल्म "जयेश भाई जोरदार" इसी हफ्ते 13 मई को सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है. इससे पहले फिल्म को इसी साल फरवरी में रिलीज किया जाना था. लेकिन कोरोना महामारी की तीसरी लहर की वजह से रिलीज का इंतज़ार कर रही फिल्मों का शेड्यूल बदलना पड़ा. जयेश भाई जोरदार पर भी इसका असर पड़ा. तिलिज से पहले शूटिंग के दौरान भी महामारी का साया प्रोजेक्ट पर दिखा. खैर. पिछले साल स्पोर्ट्स ड्रामा 83 के बाद रणवीर सिंह की मुख्य भूमिका से सजी यह दूसरी फिल्म है. बॉक्स ऑफिस पर उनकी पिछली फिल्म का हाल तो बहुत खराब रहा था.

पिछली नाकामी ने फिल्म सर्किल की निगाहें जयेश भाई जोरदार की ओर टिका दी हैं. मेकर्स से कहीं ज्यादा खुद रणवीर के लिए जयेश भाई जोरदार का सफल होना बहुत जरूरी है. फिलहाल रणवीर के साथ जयेशभाई की टीम जोरदार प्रमोशन में जुटी हुई है. रणवीर ताबड़तोड़ इंटरव्यूज दे रहे हैं. फिल्म को दर्शक किस तरह से लेंगे इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. आइए जानते हैं कि जयेश भाई जोरदार देखने की तीन बड़ी वजहें क्या हो सकती हैं.

जयेश भाई जोरदार.

#1. ब्रांड रणवीर सिंह के लिए

रणवीर बतौर एक्टर 12 वर्षों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं और अब तक हिंदी सिनेमा को गोलियों की रासलीला राम लीला, बाजीराव मस्तानी, पद्मावत और सिम्बा जैसी ब्लॉकबस्टर दे चुके हैं. एक्टर ने ने अपने छोटे से करियर में हर तरह के किरदार किए हैं. उनकी फिल्मोंग्राफी में रोमांटिक एक्शन फ़िल्में भी हैं, और उन्होंने पीरियड ड्रामा भी किया है. यहां तक कि पद्मावत में उन्होंने अलाउद्दीन खिलजी का खूंखार नकारात्मक किरदार भी निभाया. खिलजी की भूमिका के लिए लोग शायद ही रणवीर के काम को भुला पाए.

पद्मावत देखने वालों को पता है कि कैसे फिल्म का विलेन बाकी किरदारों पर भारी पड़ गया है. रणवीर में जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग है. उन्होंने कई मर्तबा अपनी इस एक्टिंग स्किल का प्रदर्शन किया है. सिम्बा तो इसका बड़ा उदाहरण है. रणवीर की कॉमेडी पसंद करने वाले दर्शकों को जयेश भाई जोरदार पसंद आ सकती है.

#2. सोशल कॉमेडी के लिए

सोशल कॉमेडी ड्रामा का असल में मतलब ही है हल्के-फुल्के या मनोरंजक तरीके से किसी सामाजिक मुद्दे पर बनी कहानी. जयेश भाई जोरदार की कहानी तो है ही रुढ़िवादी परिवारों में बेटे-बेटी के बीच फर्क करने को लेकर. कहानी गांव के एक सरपंच (बोमन ईरानी) की है. सरपंच की सोच का पता शिकायत पर उसके एक बयान से समझी जा सकती है. लड़की सरपंच से शराब और छेड़छाड़ पर रोक लगाने की गुजारिश करती है तो सरपंच समाधान देता है कि साबुन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. वह मानता है कि अगर लड़कियां खुशबू वाले साबुन लगाएंगी तो गांव के लड़के जोश में तो आएंगे ही.

सरपंच का एक बेटा (रणवीर सिंह) भी है जो आगे उसकी जगह लेगा. लेकिन सरपंच के बेटे के बाद कौन- यह बड़ा सवाल है. सरपंच की एक पोती पहले से है. बहू (शालिनी पांडे) दूसरी मर्तबा गर्भवती है. पता चलता है कि उसके पेट में कन्या भ्रूण है. गर्भ में इसी अजन्मी बेटी को धरती पर लाने की प्रक्रिया के बहाने एक मुद्दे पर ध्यान खींचा जा रहा है. कहानी को कॉमिक अंदाज में बनाया गया है. इससे पहले भी पिछले एक दशक के दौरान सोशल इशूज पर आई लगभग सभी फिल्मों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. पिछले साल आई मिमी भी सोशल कॉमेडी ही थी. स्वाभाविक है कि ऐसी फिल्म पसंद करने वाले दर्शक जयेश भाई जोरदार को देखना पसंद करें.

#3. गुजरात का बैकड्राप

जयेश भाई जोरदार के ट्रेलर में गुजरात का ख़ूबसूरत बैकड्राप दिख रहा है. इससे पहले रणवीर की ही गोलियों की लीला रासलीला में भी रंग बिरंगा गुजरात दिखा था. ये अच्छी बात है कि बॉलीवुड पिछले कुछ सालों से देश के अलग-अलग इलाकों में केंद्रित कहानियां दिखा रहा है. हिंदी में बनी कहानियों में स्थानीय खान-पान, परिधान और बोली का भी समावेश होता है. हालांकि कई बार बॉलीवुड को स्थानीय बोलियों को खिचड़ी के रूप में इस्तेमाल करने को लेकर आलोचना का भी सामना करना पड़ता है.

फिल्म से पहले यहां नीचे ट्रेलर देख सकते हैं:- 

हिंदी सिनेमा की मजबूरी यह है कि उसका सिनेमा हिंदी समझने वाले व्यापक दर्शक वर्ग के लिए होता है. इसी वजह से हिंदी संवादों में उतने ही स्थानीय शब्दों को जगह दी जाती है जितना कि मूल भाषा से इतर दर्शक भी समझ सकें. बॉलीवुड फिल्मों की यह विशेषता भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. दर्शकों को इनके जरिए देश की सांस्कृतिक विविधता जानने का मौका मिलता है. जयेश भाई में भी दर्शकों को ग्रामीण गुजरात के बारे में बहुत सारी चीजें देखने सुनने को मिल सकती हैं. ट्रेलर में वह नजर भी आ रहा है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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