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India Lockdown: कोविड लॉकडाउन के चैलेंज मधुर भंडारकर से बेहतर शायद ही कोई दिखा पाता!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 18 नवम्बर, 2022 03:40 PM
  • 18 नवम्बर, 2022 03:40 PM
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आखिरकार ZEE5 ने मधुर भंडारकर की 'इंडिया लॉकडाउन' का ट्रेलर जारी कर ही दिया. ट्रेलर में कोविड-19 पेंडेमिक के उस दौर को दिखाया गया है, जब सरकार ने 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉक डाउन का आदेश दिया था. फिल्म उन चुनौतियों के बारे में है जिनका सामना लॉक डाउन में आम से लेकर खास तक हर वर्ग ने किया.

रीयलिस्टिक कहानियों को अपने पैने निर्देशन से फ़िल्मी पर्दे पर उकेरने वाले मधुर भंडारकर एक बार फिर जनता को झकझोरने की फ़िराक में हैं. ZEE5 ने मधुर भंडारकर द्वारा निर्देशित 'इंडिया लॉकडाउन' का ट्रेलर जारी किया. ट्रेलर में कोविड-19 पेंडेमिक के उस दौर को दिखाया गया है, जब सरकार ने 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉक डाउन का आदेश दिया था. जैसे जैसे आप ट्रेलर देखते हुए आगे बढ़ते हैं, आपको अपने शरीर में कंपकंपी का एहसास होता है.साथ ही जो सबसे पहला विचार दिमाग में आता है वो ये कि अब भविष्य में कभी वो दिन न आए जब देश की सरकारको इस तरह का कोई आदेश पारित करना पड़े. जिस तरह का फिल्म का ट्रेलर है, इसमें निर्देशिक ने समाज के सभी वर्गों और उनकी चुनौतियों को दिखाया है. जो खुद ब खुद इस बात को जाहिर कर देता है कि, सिर्फ फिल्म बनाने के मकसद से भंडारकर ने ये फिल्म नहीं बनाई. बल्कि इसे बनाते हुए उन्होंने पूरा होम वर्क किया. फिल्म की स्क्रिप्टिंग अमित जोशी और आराधना साह ने की है. फिल्म के जरिये अमीर से लेकर गरीब तक कई ऐसे लोगों की चुनौतियों को पर्दे पर उतारा गया है जो समाज में एक साथ रहते हैं. कहानी लॉक डाउन की है. लोगों के जीवन में लॉक डाउन के बाद आए परिवर्तन और छोटी छोटी परेशानियों की है इसलिए ट्रेलरकहीं न कहीं ये भी साफ़ कर देता है कि कहानी काल्पनिक तो बिलकुल नहीं है और जिसका जैसा सोशल स्टेटस था उसने लॉकडाउन को उस नजरिये से देखा.

अपनी अपकमिंग फिल्म इंडिया लॉकडाउन से फिर अपना लोहा मनवाते नजर आ रहे हैं मधुर भंडारकर

ट्विटर पर ट्रेलर को शेयर करते हुए मधुर भंडारकर ने ट्वीट किया कि त्रासदी जिसे आप जानते हैं, अनकही कहानियां जो आप नहीं जानते!

रीयलिस्टिक कहानियों को अपने पैने निर्देशन से फ़िल्मी पर्दे पर उकेरने वाले मधुर भंडारकर एक बार फिर जनता को झकझोरने की फ़िराक में हैं. ZEE5 ने मधुर भंडारकर द्वारा निर्देशित 'इंडिया लॉकडाउन' का ट्रेलर जारी किया. ट्रेलर में कोविड-19 पेंडेमिक के उस दौर को दिखाया गया है, जब सरकार ने 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉक डाउन का आदेश दिया था. जैसे जैसे आप ट्रेलर देखते हुए आगे बढ़ते हैं, आपको अपने शरीर में कंपकंपी का एहसास होता है.साथ ही जो सबसे पहला विचार दिमाग में आता है वो ये कि अब भविष्य में कभी वो दिन न आए जब देश की सरकारको इस तरह का कोई आदेश पारित करना पड़े. जिस तरह का फिल्म का ट्रेलर है, इसमें निर्देशिक ने समाज के सभी वर्गों और उनकी चुनौतियों को दिखाया है. जो खुद ब खुद इस बात को जाहिर कर देता है कि, सिर्फ फिल्म बनाने के मकसद से भंडारकर ने ये फिल्म नहीं बनाई. बल्कि इसे बनाते हुए उन्होंने पूरा होम वर्क किया. फिल्म की स्क्रिप्टिंग अमित जोशी और आराधना साह ने की है. फिल्म के जरिये अमीर से लेकर गरीब तक कई ऐसे लोगों की चुनौतियों को पर्दे पर उतारा गया है जो समाज में एक साथ रहते हैं. कहानी लॉक डाउन की है. लोगों के जीवन में लॉक डाउन के बाद आए परिवर्तन और छोटी छोटी परेशानियों की है इसलिए ट्रेलरकहीं न कहीं ये भी साफ़ कर देता है कि कहानी काल्पनिक तो बिलकुल नहीं है और जिसका जैसा सोशल स्टेटस था उसने लॉकडाउन को उस नजरिये से देखा.

अपनी अपकमिंग फिल्म इंडिया लॉकडाउन से फिर अपना लोहा मनवाते नजर आ रहे हैं मधुर भंडारकर

ट्विटर पर ट्रेलर को शेयर करते हुए मधुर भंडारकर ने ट्वीट किया कि त्रासदी जिसे आप जानते हैं, अनकही कहानियां जो आप नहीं जानते!

ट्रेलर का पूर्वावलोकन बतौर दर्शक हमें मार्च 2020 में वापस ले जाता है. ये वो समय था जब देश का हर नागरिक अपने अपने तरीके से अपने को लॉक डाउन और उससे जुड़े नियम और शर्तों के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहा था. वाक़ई बड़ा अजीब समय था वो. सुनसान सड़कें. जगह-जगह खड़ी पुलिस, एम्बुलेंस, मरीज, मास्क पहने लोग, और पीपीई किट से लैस अधिकारी...

आज जब देश में लगे उस लॉक डाउन को ठीक ठाक वक़्त गुजर चुका है. अगर उस दौर को याद कर लिया जाए तो एक अजीब सी बेचैनी हमें घेर लेती है और इस बात का एहसास होता है कि जो दिन हमने गुजारे वो सच में बहुत मुश्किल थे. जिक्र फिल्म का हुआ है तो ये बताना भी जरूरी है कि मधुर भंडारकर की अपकमिंग फिल्म इंडिया लॉक डाउन एक साथ चार कहानियों के साथ आगे बढ़ती है और ट्रेलर से ये भी साफ़ है कि इसमें भावनाओं की सीमा को पर्दे पर प्रदर्शित किया गया है.

जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि अपनी फिल्म में मधुर भंडारकर ने समाज के कई रंगों को आगे बढ़ाया है. इसलिए जब हम ट्रेलर को देखते हैं तो यहाँ हमें एक परिवार द्वारा कोविड के डर से एक परिवार द्वारा अपनी कामवाली को काम से हटाते हुए दिखाया गया है. वहीं हम ये भी देखते हैं कि कैसे एक वेश्या को कोविड की गंभीरता पर संदेह होता है. कैसे अपना अपना काम धंधा गंवा चुके प्रवासी मजदूर अपने ठीहों की तरफ पैदल पैदल ही रवाना हो जाते हैं.

ऐसा बिलकुल नहीं है कि भंडारकर ने अपनी इस फिल्म में सिर्फ गरीबों की व्यथा को ही पर्दे पर चित्रित किया है. ट्रेलर में ऐसे परिवार/ लोग दिखाए गए हैं जो समृद्ध हैं. जिन्हें लॉक डाउन में घर में रहने का बहाना मिला है और वो अपनी तरह से लॉक डाउन को झेल रहे हैं.

फिल्म को लेकर किसी तरह की और कोई बात करने से पहले हमारे लिए ये बता देना भी बहुत जरूरी है कि मधुर भंडारकर की ये फिल्म यानी इंडिया लॉकडाउन कोविड की नहीं बल्कि लॉक डाउन की चुनौतियों को बताती है इसलिए ट्रेलर से इतना तो साफ़ है कि जब ये फिल्म आएगी इसमें ऐसे तमाम एलिमेंट्स होंगे जो आपकी आंखों को आंसुओं से नम करेंगे.

गौरलतब है कि मधुर ने इस फिल्म की घोषणा 2021 में की थी लेकिन फिर मधुर अपने बाकी के प्रोजेक्ट्स में कुछ ऐसा उलझे की इस फिल्म को आते आते ठीक ठाक वक़्त लग गया. बताते चलें कि फिल्म 2 दिसंबर को रिलीज हो रही है. फिल्म में प्रतीक बब्बर, श्वेता बासु प्रसाद. साई तमहांकर, अहाना कुमार और प्रकाश बेलावड़ी महत्वपूर्ण भूमिका में हैं.

चूंकि फिल्म मधुर की फिल्म हैं इसलिए दर्शकों को हम इस बात का विश्वास दिलाना चाहेंगे कि उन्हें एंटरटेनमेंट का पूरा डोज मिलने वाला है. बस उन्हें थोड़ा सा इंतजार करने की जरूरत है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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