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इनकम टैक्स का हर छापा 'सियासी' नहीं होता, तापसी-अनुराग पर लगे 'आरोप' भी जान लीजिए!

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 04 मार्च, 2021 09:15 PM
  • 04 मार्च, 2021 09:15 PM
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फ्लॉप फिल्में, बंद कंपनी, लगातार हो रहे घाटे के बीच आखिर ऐसी कौन सी जादू की छड़ी है, जिसके जरिए करोड़ों के वारे न्यारे किए जा रहे हैं. संपत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है. ऐसे में अनुराग कश्यप, तापसी पन्नू और मधु मंटेना के यहां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी वजह जानना जरूरी है.

बॉलीवुड के दो सितारे इस वक्त सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं. एक्ट्रेस तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) और प्रोड्यूसर-डायरेक्टर-एक्टर अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap). मोदी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद रखने वाली इन दोनों हस्तियों के यहां पिछले दो दिनों से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की लगातार छापेमारी (I-T raid) चल रही है. अब कहने वाले तो इसे 'बदले' की कार्रवाई बता रहे हैं, लेकिन एक बात तो माननी होगी कि बेवजह कुछ भी नहीं होता. दरअसल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इन दोनों पर लंबे समय से नजर बनाए हुए था. लगातार फ्लाप हो रही फिल्मों के बीच इनकी बढ़ती संपत्ति छापे की वजह बनी है, जिसके दायरे में प्रोड्यूसर विकास बहल और मधु मंटेना भी आ गए हैं.

अनुराग कश्यप करीब 23 साल से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. साल 1998 में उन्होंने फिल्म 'सत्या' से बतौर स्टोरी राइटर अपने करियर की शुरूआत की थी. इसके बाद साल 1999 में आई फिल्म 'लास्ट ट्रेन टू महाकाली' से डायरेक्टर और साल 2010 में आई फिल्म उड़ान से प्रोड्यूसर बने. महज 23 साल में ही उन्होंने करीब 806 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है. उनकी फिल्में लगातार फ्लॉप होती रहीं, लेकिन संपत्ति अनुपात से ज्यादा तेजी से बढ़ती रही है. उनकी फिल्म 'रमन राघव 2.0', 'अग्ली', 'लुटेरा', 'बॉम्बे वेल्वेट', 'मनमर्जियां' आदि सुपर फ्लॉप रही हैं. फिल्म 'मनमर्जियां' का 25 करोड़, 'मुक्काबाज' का 10 करोड़, 'रमन राघव' का 6.80 करोड़ का बिजनेस था, जबकि फिल्म 'बॉम्बे वेल्वेट' तो डिजास्टर थी.

एक्ट्रेस तापसी पन्नू और डायरेक्टर अनुराग कश्यप के यहां रेड ने सियासी रंग ले लिया है.

अब बात करते हैं तापसी पन्नू की. उन्होंने साल 2010 में तेलुगु फिल्म 'झुम्मांडी नादम' से इंडस्ट्री में कदम रखा था. करीब तीन साल तक तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के बाद...

बॉलीवुड के दो सितारे इस वक्त सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं. एक्ट्रेस तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) और प्रोड्यूसर-डायरेक्टर-एक्टर अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap). मोदी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद रखने वाली इन दोनों हस्तियों के यहां पिछले दो दिनों से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की लगातार छापेमारी (I-T raid) चल रही है. अब कहने वाले तो इसे 'बदले' की कार्रवाई बता रहे हैं, लेकिन एक बात तो माननी होगी कि बेवजह कुछ भी नहीं होता. दरअसल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इन दोनों पर लंबे समय से नजर बनाए हुए था. लगातार फ्लाप हो रही फिल्मों के बीच इनकी बढ़ती संपत्ति छापे की वजह बनी है, जिसके दायरे में प्रोड्यूसर विकास बहल और मधु मंटेना भी आ गए हैं.

अनुराग कश्यप करीब 23 साल से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. साल 1998 में उन्होंने फिल्म 'सत्या' से बतौर स्टोरी राइटर अपने करियर की शुरूआत की थी. इसके बाद साल 1999 में आई फिल्म 'लास्ट ट्रेन टू महाकाली' से डायरेक्टर और साल 2010 में आई फिल्म उड़ान से प्रोड्यूसर बने. महज 23 साल में ही उन्होंने करीब 806 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है. उनकी फिल्में लगातार फ्लॉप होती रहीं, लेकिन संपत्ति अनुपात से ज्यादा तेजी से बढ़ती रही है. उनकी फिल्म 'रमन राघव 2.0', 'अग्ली', 'लुटेरा', 'बॉम्बे वेल्वेट', 'मनमर्जियां' आदि सुपर फ्लॉप रही हैं. फिल्म 'मनमर्जियां' का 25 करोड़, 'मुक्काबाज' का 10 करोड़, 'रमन राघव' का 6.80 करोड़ का बिजनेस था, जबकि फिल्म 'बॉम्बे वेल्वेट' तो डिजास्टर थी.

एक्ट्रेस तापसी पन्नू और डायरेक्टर अनुराग कश्यप के यहां रेड ने सियासी रंग ले लिया है.

अब बात करते हैं तापसी पन्नू की. उन्होंने साल 2010 में तेलुगु फिल्म 'झुम्मांडी नादम' से इंडस्ट्री में कदम रखा था. करीब तीन साल तक तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के बाद तापसी ने साल 2013 में फिल्म 'चश्मे-बद्दूर' से बॉलीवुड में डेब्यू किया. इसके बाद वे 'बेबी', 'बदला', 'सांड की आंख', 'मिशन मंगल' और 'मनमर्जियां', 'थप्पड़' सहित करीब 11 फिल्मों में काम कर चुकी हैं. 'हसीन दिलरुबा', 'लूप लपेटा', 'रश्मि रॉकेट' और 'शाबाश मिठू' जैसी अपकमिंग फिल्मों में काम कर रही हैं. तापसी एक फिल्म के लिए 1 से 2 करोड़ रुपए तक चार्ज करती हैं. उनका कुल नेटवर्थ करीब 44 करोड़ रुपए बताया जा रहा है. ऐसे में एक्ट्रेस की कमाई और संपत्ति के अनुपात को देखते हुए उन पर शक लाजमी है.

तापसी पन्नू बहुत जल्द फिल्म 'हसीन दिलरुबा', 'लूप लपेटा', 'रश्मि रॉकेट' और 'शाबाश मिठू' में नजर आने वाली हैं. 'हसीन दिलरुबा' तो पिछले साल ही रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोरोना के बीच लगे लॉकडाउन की वजह से इसकी रिलीज को पोस्टपोन कर दिया गया. इससे पहले तापसी की जिन फिल्मों की सबसे ज्यादा चर्चा रही है, उनकी बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस बहुत बेहतर नहीं रही है. पिछले साल फरवरी में रिलीज हुई फिल्म 'थप्पड़' ने 29 करोड़ और 'सांड की आंख' ने 23 करोड़ की कमाई की थी. एक फिल्म 'दिल जंगली' ने तो केवल सवा करोड़ रुपए कमाए थे. हां, इनके बीच मिशन मंगल, पिंक और बदला जैसी फिल्मों अच्छी कमाई की, लेकिन इसका श्रेय फिल्म के दूसरे कलाकारों को ज्यादा जाता है.

साल 2010 में अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने, मधु मंटेना और विकास बहल ने मिलकर एक कंपनी लॉन्च की थी, फैंटम फिल्म्स. लेकिन 2018 में विकास बहल पर यौन शोषण का आरोप लगने के बाद इसे बंद कर दिया गया था. पिछले महीने मधु मंटेना ने कंपनी के 37.5% शेयर खरीद लिए. 12.5% शेयर उनके पास पहले से ही थे. बचे 50% शेयर रिलायंस एंटरटेनमेंट के पास हैं. कंपनी का शेयर खरीदने के साथ ही मधु मंटेना ने 500 करोड़ के बजट में रामायण पर और 200 करोड़ में द्रौपदी (महाभारत) पर फिल्म बनाने की घोषणा की थी. जबकि उनके प्रोडक्शन में बनी पिछली 5 फिल्में सुपर फ्लाप रही हैं. फिल्म 'भावेश जोशी: सुपरहीरो' ने महज 1.45 करोड़, 'मुक्काबाज' ने 1.63 करोड़ और 'ट्रैप्ड' ने 2.85 करोड़ कलेक्शन किया था. इसके साथ ही फिल्म 'रण', 'झूठा ही सही', 'रक्तचरित्र' का कलेक्शन भी 8 से 9 करोड़ को पार नहीं कर पाया.

अब जरा सोचिए, फ्लॉप फिल्मों, लगातार हो रहे घाटे और बंद होती कंपनी के बीच आखिर ऐसी कौन सी जादू की छड़ी है, जिसके जरिए करोड़ों के वारे न्यारे किए जा रहे हैं. ऐसे में इनकम टैक्स के छापों के बीच यह सोचना कि सियासी वजहों से ऐसा हो रहा है, सही नहीं है. अभी तो आईटी रेड के अलावा इस बात की भी चर्चा सुनाई दे रही है कि अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू के यहां प्रवर्तन निदेशालय यानी ED का छापा भी पड़ सकता है. इन दोनों का मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड ड्राइव जब्त कर लिया गया है. कुछ ऐसी चीजें भी हासिल हुई हैं, जो जांच को नई दिशाओं में ले जा सकती हैं. फिलहाल इतना ही कहा जा सकता है कि इन दोनों फिल्मी सितारों के सितारे गर्दिश में हैं. आने वाला वक्त बहुत भारी है.



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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