• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

कहीं क्राइम शो देख आप भी वैसा ही तो नहीं सोचते?

    • शुभम गुप्ता
    • Updated: 11 सितम्बर, 2016 06:00 PM
  • 11 सितम्बर, 2016 06:00 PM
offline
पूरे देश के कई घरों में ये शो लगातार देखे जा रहे हैं. मगर समाज की सोच सुधरने की जगह अब और खराब हो रही है. वो कदम-कदम पर हर किसी पर शक ही कर रहा है. क्या हमारी सोच अब बीमार होने लगी है...

आज कल टेलीविज़न पर सबसे ज्यादा रेटिंग के साथ दो क्राइम शो सबसे ज्यादा देखे जाते हैं. एक है सोनी टेलीविज़न पर आने वाला 'क्राइम पेट्रोल'. ये पिछले कई वर्षों से टीवी पर दर्शकों की पहली पसंद है. जबकि दूसरा है लाईफ ओके चैनल पर पर आने वाला शो-सावधान इंडिया. दोनो के ही दर्शकों की कमी नहीं है. लेकिन क्या आप जानते है इसे लगातार देखना एक बिमारी जैसा है.

अगर आप इन शो को लगातार देखते है तो कहीं आप भी वैसा ही तो नहीं सोचते? इन शो में बाप-बेटी के रिश्ते से लेकर देवर-भाभी तक के रिश्ते को तार-तार कर देने वाली घटनाएं दिखाई जाती है. तो कहीं आप, आपके परिवार , दोस्त या रिश्तेदारों को भी वैसी ही नज़र से तो नहीं देखते ?

 क्राइम शो कहीं हमें बीमार तो नहीं बना रहा..

1000 में से कोई एक घटना सामने आती है जिसमें ये होता है कि देवर और भाभी के अवैध संबंध थे. हज़ारों में एक घटना सामने आती है जब किसी लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही मां-बाप की हत्या कर दी हो. मगर आज ये सब घटनाएं लगातार देख कर कई लोग हर रिश्ते को वैसे ही देखने लगे है. जैसा कि इन शो में दिखाया जाता है.

एक छोटी सी घटना मेरे साथ भी हुई. कुछ माह पहले मैं नोएडा के ही एक पार्क में टहल रहा था. कई बच्चे भी वहां खेल रहे थे. वहीं एक छोटी सी बड़ी प्यारी बच्ची भी खेल रही थी. मैने उससे यूं ही बात की और पूछा बेटा आपका नाम क्या है? ये तो आप भी सामान्य रुप से करते है. मगर कुछ महिलाएं ऐसे देखने लगी जैसे मैं कोई गुनाहगार हूं. आप समझ रहे होंगे कि आज का ज़माना ऐसा हो गया है कि कोई आप पर रत्ती भर भी विश्वास नहीं करता. लगातार ऐसे क्राइम शो देखकर हमारे समाज की सोच ही वैसी हो गई है.

इन शो में...

आज कल टेलीविज़न पर सबसे ज्यादा रेटिंग के साथ दो क्राइम शो सबसे ज्यादा देखे जाते हैं. एक है सोनी टेलीविज़न पर आने वाला 'क्राइम पेट्रोल'. ये पिछले कई वर्षों से टीवी पर दर्शकों की पहली पसंद है. जबकि दूसरा है लाईफ ओके चैनल पर पर आने वाला शो-सावधान इंडिया. दोनो के ही दर्शकों की कमी नहीं है. लेकिन क्या आप जानते है इसे लगातार देखना एक बिमारी जैसा है.

अगर आप इन शो को लगातार देखते है तो कहीं आप भी वैसा ही तो नहीं सोचते? इन शो में बाप-बेटी के रिश्ते से लेकर देवर-भाभी तक के रिश्ते को तार-तार कर देने वाली घटनाएं दिखाई जाती है. तो कहीं आप, आपके परिवार , दोस्त या रिश्तेदारों को भी वैसी ही नज़र से तो नहीं देखते ?

 क्राइम शो कहीं हमें बीमार तो नहीं बना रहा..

1000 में से कोई एक घटना सामने आती है जिसमें ये होता है कि देवर और भाभी के अवैध संबंध थे. हज़ारों में एक घटना सामने आती है जब किसी लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही मां-बाप की हत्या कर दी हो. मगर आज ये सब घटनाएं लगातार देख कर कई लोग हर रिश्ते को वैसे ही देखने लगे है. जैसा कि इन शो में दिखाया जाता है.

एक छोटी सी घटना मेरे साथ भी हुई. कुछ माह पहले मैं नोएडा के ही एक पार्क में टहल रहा था. कई बच्चे भी वहां खेल रहे थे. वहीं एक छोटी सी बड़ी प्यारी बच्ची भी खेल रही थी. मैने उससे यूं ही बात की और पूछा बेटा आपका नाम क्या है? ये तो आप भी सामान्य रुप से करते है. मगर कुछ महिलाएं ऐसे देखने लगी जैसे मैं कोई गुनाहगार हूं. आप समझ रहे होंगे कि आज का ज़माना ऐसा हो गया है कि कोई आप पर रत्ती भर भी विश्वास नहीं करता. लगातार ऐसे क्राइम शो देखकर हमारे समाज की सोच ही वैसी हो गई है.

इन शो में कहा जाता है कि गुनाहगार आपके आस-पास का ही हो सकता है. आपका रिश्तेदार हो सकता है. आपका भाई हो सकता है. आपका दोस्त हो सकता है. जरा सोचिए, आप एक ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां हर कोई आपको शक की नज़र से देखता है. सोचता है कि कहीं आप ग़लत मतलब से तो नही कुछ कर रहे है.

अगर किसी घर में कोई लड़की है तो आज के समाज में इन शो को देख-देख कर कोई भी मां-बाप अपनी बेटी को भी वैसी ही नज़र से देखने लगता है. उदाहरण के तौर पर अगर उनकी बेटी मोबाइल चला रही है शत प्रतिशत वो व्हाट्स एप पर किसी लड़के से चैट कर रही होगी. अगर उनकी बेटी की कोई सहेली घरवालों से अलग किसी कमरे में बैठ कर बात कर रही होगी तो शत प्रतिशत वो किसी लड़के को लेकर ही बात कर रही होगी. ऐसे कई उदाहरण आपको-हमारे समाज में दिख जाएगें. एक और उदाहरण देता हूं. एक ऐसा रिश्ता जिसे बड़ा पवित्र माना जाता रहा है हमेशा से ही- वो है देवर-भाभी का रिश्ता.

 हर रिश्ता शक के घेरे में क्यों है..

इस रिश्ते में शुरु से ही हंसी-मज़ाक, लाड़-प्यार, दुलार सब कुछ होता है. कहते है भाभी देवर के लिए मां समान होती है. मगर किसी परिवार में अगर देवर-भाभी हंसी-मज़ाक करते हैं तो समाज के कई लोगों के मन में सीधे उस क्राइम शो के उस एपिसोड के दृश्य चलते हैं, जिसमें वो देवर-भाभी के नाज़ायज संबंधो को देखता है. उन्हें शक होता है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि यहां भी वही सब हो रहा हो.

हिंदुस्तान के कई घरों में ये शो लगातार देखे जा रहे हैं. मगर समाज की सोच सुधरने की जगह अब और खराब हो रही है. वो कदम-कदम पर हर किसी पर शक ही कर रहा है. इन शो का तो टैग लाईन ही यही है कि अपनों से सावधान, क्योंकि गुनाहगार आपके आस-पास ही हो सकता है. अब समाज को इन सब चीज़ों से हटकर सोचने की ज़रुरत है. हर किसी को एक गुनहगार की नज़र से देखना समाज के लिए बेहद खतरनाक है. आप सतर्क रहिये मगर उस एपिसोड से अपनी ज़िदगी को मत जोड़िये.

यह भी पढ़ें- चूचू टीवी हिट है, यहां चार्टर्ड अकाउंटेंट बच्‍चे बन गए हैं...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲