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फरहान अख्तर के नाम ने खामोशी से फोन भूत को डुबोया, पहले दिन के बॉक्स ऑफिस को सबूत मान ही लीजिए!

    • आईचौक
    • Updated: 06 नवम्बर, 2022 03:43 PM
  • 06 नवम्बर, 2022 03:43 PM
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समीक्षकों ने तारीफ़ की, फिल्म के खिलाफ कोई निगेटिव कैम्पेन नहीं था, दिवाली वीक में सिनेमाघरों में 125 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ- बावजूद फोनभूत पिट गई. क्या यही सब फरहान अख्तर की वजह से हुआ, नुपुर शर्मा पर जिनके बयान को लोग भूल नहीं पाए हैं.

गुरमीत सिंह के निर्देशन में बनी हॉरर कॉमेडी ड्रामा फोन भूत, समीक्षकों और दर्शकों की तारीफ़ बटोरने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ही औंधे मुंह गिर गई. पहले दिन फिल्म की कमाई अपेक्षाओं से बहुत-बहुत कम है. स्केल के हिसाब से शर्मनाक भी कह सकते हैं. जबकि दिवाली के त्योहारी वीकएंड में खराब समीक्षाओं के बावजूद राम सेतु, थैंक गॉड के साथ कांतारा के हिंदी वर्जन ने मिलकर 130 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया. सिनेमाघरों में फोन भूत की ठीक-ठाक अकुपेंसी के बावजूद पहले दिन देसी बाजार में महज 2.05 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है. यह कमाई अपेक्षाओं से कितनी कम है इसे ऐसे समझिए कि कांतारा हिंदी ने चौथे शुक्रवार को फोन भूत से ज्यादा 2.10 करोड़ का कारोबार किया. वह भी उस स्थिति में जबकि फिल्म को ओटीटी पर स्ट्रीम कर दिया गया है. 

पहले दिन का कारोबार स्पष्ट जनादेश है कि फोन भूत कारोबारी मोर्चे पर बुरी तरह नाकाम हो चुकी है. वीकएंड के कलेक्शन पर गौर करना भी अब जरूरी नहीं रहा अब. बॉलीवुड के खाते में एक और डिजास्टर जुड़ चुकी है. मान ही लेना चाहिए. क्योंकि फिल्म की समीक्षाएं जबरदस्त आई थीं. और समीक्षाओं के उलट फिल्म का कारोबारी आंकड़ा उसका भविष्य बताने के लिए पर्याप्त है. फोन भूत की कहानी बहुत मनोरंजक बताई गई थी. कटरीना कैफ, ईशान खट्टर, सिद्धांत चतुर्वेदी, जैकी श्राफ और शीबा चड्ढा की भूमिकाओं से सजी फिल्म रिलीज के बाद एक्टर्स की परफॉर्मेंस और वन लाइनर्स की जमकर तारीफ़ हो रही थी.

फोन भूत को लगभग समीक्षाओं में 5 में से 3 पॉइंट देकर रेट किया गया था. आखिर जब सबकुछ ठीकठाक था, लोग फोन भूत देखने सिनेमाघर क्यों नहीं आए? आखिर इसकी वजह क्या रही? अगर आप आई चौक को रेगुलर पढ़ रहे हैं तो आपको मालूम होगा कि एक दिन पहले ही हमने बताया था कि फिल्म को लेकर सबकुछ ठीकठाक है. बावजूद एक ऐसी वजह है जिसके कारण फोन भूत को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. वह वजह भारी पड़ गई है, मान सकते हैं. वह वजह फिल्म के साथ जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर का नाम जुड़ा होना है.

गुरमीत सिंह के निर्देशन में बनी हॉरर कॉमेडी ड्रामा फोन भूत, समीक्षकों और दर्शकों की तारीफ़ बटोरने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ही औंधे मुंह गिर गई. पहले दिन फिल्म की कमाई अपेक्षाओं से बहुत-बहुत कम है. स्केल के हिसाब से शर्मनाक भी कह सकते हैं. जबकि दिवाली के त्योहारी वीकएंड में खराब समीक्षाओं के बावजूद राम सेतु, थैंक गॉड के साथ कांतारा के हिंदी वर्जन ने मिलकर 130 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया. सिनेमाघरों में फोन भूत की ठीक-ठाक अकुपेंसी के बावजूद पहले दिन देसी बाजार में महज 2.05 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है. यह कमाई अपेक्षाओं से कितनी कम है इसे ऐसे समझिए कि कांतारा हिंदी ने चौथे शुक्रवार को फोन भूत से ज्यादा 2.10 करोड़ का कारोबार किया. वह भी उस स्थिति में जबकि फिल्म को ओटीटी पर स्ट्रीम कर दिया गया है. 

पहले दिन का कारोबार स्पष्ट जनादेश है कि फोन भूत कारोबारी मोर्चे पर बुरी तरह नाकाम हो चुकी है. वीकएंड के कलेक्शन पर गौर करना भी अब जरूरी नहीं रहा अब. बॉलीवुड के खाते में एक और डिजास्टर जुड़ चुकी है. मान ही लेना चाहिए. क्योंकि फिल्म की समीक्षाएं जबरदस्त आई थीं. और समीक्षाओं के उलट फिल्म का कारोबारी आंकड़ा उसका भविष्य बताने के लिए पर्याप्त है. फोन भूत की कहानी बहुत मनोरंजक बताई गई थी. कटरीना कैफ, ईशान खट्टर, सिद्धांत चतुर्वेदी, जैकी श्राफ और शीबा चड्ढा की भूमिकाओं से सजी फिल्म रिलीज के बाद एक्टर्स की परफॉर्मेंस और वन लाइनर्स की जमकर तारीफ़ हो रही थी.

फोन भूत को लगभग समीक्षाओं में 5 में से 3 पॉइंट देकर रेट किया गया था. आखिर जब सबकुछ ठीकठाक था, लोग फोन भूत देखने सिनेमाघर क्यों नहीं आए? आखिर इसकी वजह क्या रही? अगर आप आई चौक को रेगुलर पढ़ रहे हैं तो आपको मालूम होगा कि एक दिन पहले ही हमने बताया था कि फिल्म को लेकर सबकुछ ठीकठाक है. बावजूद एक ऐसी वजह है जिसके कारण फोन भूत को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. वह वजह भारी पड़ गई है, मान सकते हैं. वह वजह फिल्म के साथ जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर का नाम जुड़ा होना है.

Phone Bhoot: कटरीना-ईशान-सिद्धांत की तारीफ, बायकॉट बॉलीवुड के दौर में फरहान एंगल कितना नुकसानदेह?

फोन भूत

फरहान का नाम ही काफी रहा फोन भूत को डुबोने के लिए

असल में फरहान अख्तर का बैनर एक्सल एंटरटेनमेंट ने फोन भूत का निर्माण किया है. एक्सल में एक हिस्सा रितेश सिधवानी का भी है. फिल्म के खिलाफ कोई निगेटिव कैम्पेन नहीं दिखा-  बावजूद फिल्म फ्लॉप हुई थी. आई चौक अपने एक और विश्लेषण में पहले ही बता चुका है कि बॉलीवुड के खिलाफ आम दर्शकों की धारणा अब उस स्तर पर पहुंच चुकी है कि उन्हें तमाम फिल्मों के खिलाफ कैम्पेन भी चलाने की जरूरत नहीं है. बावजूद कि बॉलीवुड के निर्माता अब विकिपीडिया पर फिल्मों से जुड़े पेज रिलीज से पहले नहीं डाल रहे हैं. बावजूद कि फरहान जो अपनी फिल्मों का प्रमोशन करते दिखते थे, फोन भूत के लिए बाहर नजर नहीं आए. फोन भूत की नाकामी साबित करती है कि लोगों ने क्या कुछ तय कर रखा है बॉलीवुड के बारे में.

तमाम केस स्टडीज से पता चल ही रहा है कि दर्शकों ने निश्चित कर लिया है कि वे बॉलीवुड में किसकी और कौन सी फिल्म देखेंगे. यह बॉलीवुड के लिए बहुत ही निराशाजनक दौर है. दुर्भाग्य से बॉलीवुड के निर्माता अभी भी इस दिशा में संभवत: अपने दुराग्रहों की वजह से संवाद, सुधार या काम करने को तैयार नहीं हैं. आप चाहें तो आईचौक के संबंधित विश्लेषण को नीचे पढ़ सकते हैं.

बिना कैंपेन फिल्में फ्लॉप हो रही हैं तो मामला गंभीर, दर्शकों से बतियाकर बॉलीवुड क्या कर सकता है?

जहां तक फोन भूत की नाकामी के पीछे फरहान फैक्टर का सवाल है- साल में उनके कई बयानों को भारतीय समाज में बहुत सकारात्मक रूप से नहीं लिया गया है. खासकर, कुछ महीने पहले पैगम्बर साहब पर नुपुर शर्मा के कथित विवादित बयान के बाद मचे बवाल पर, जिसे लेकर भाजपा की पूर्व नेत्री ने सार्वजनिक माफी मांगी थी. मगर फरहान अख्तर ने सार्वजनिक रूप से कहा कि नुपुर शर्मा की माफी बेहद कम है. एक तरह से लोगों के बड़े समूह ने फरहान के बयान को उन्हीं बयानों में शुमार कर लिया जिसमें सिर तन से जुदा करने के नारे लगाए जा रहे थे. कट्टरपंथी धड़ों ने नुपुर को फांसी देने उनका गला रेतने तक की मांगे की थी और पोस्टर देशभर में लहराए थे. लग तो यही रहा है कि फरहान का बयान लोग भूल नहीं पाए. और अब उसका खामियाजा फोन भूत को उठाना पड़ा है.

बॉलीवुड खुद ही अपने सारे रास्ते बंद करता जा रहा है

यह बॉलीवुड के खिलाफ बहुत खतरनाक ट्रेंड है. और इसका इलाज यह भी नहीं है कि बॉलीवुड के निर्माता सिनेमाघरों की बजाए ओटीटी के जरिए अपना अस्तित्व बचा पाएंगे. जैसे कि दिख भी रहा है कि फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन के बादशाह समझे जाने वाले करण जौहर जैसे निर्माताओं को भी लगातार नाकामियों के बाद ओटीटी की तरफ भागना पड़ा रहा है. उन्हें मौजूदा दौर में यह सुरक्षित विकल्प दिख रहा है. ओटीटी पर बॉलीवुड के कुछ बैनर्स और सितारों के जाने को लेकर वहां भी निगेटिव कैम्पेन दिख सकता है और इस स्थिति में बॉलीवुड के कुछ घरानों का सफाया हो जाना तय है. दिन दूर नहीं कि ओटीटी के खिलाफ भी बॉलीवुड के खिलाफ निगेटिव कैम्पेन दिखे. और उस स्थिति में शायद ही कोई ओटीटी प्लेटफॉर्म बॉलीवुड के कुछ चेहरों के लिए कारोबारी जोखिम उठाए.

क्या है फोन भूत की कहानी?

फोन भूत की कहानी दो नौजवान दोस्तों की है. उनमें कुछ अद्भुत शक्तियां हैं. वे भूतों को देख सकते हैं उनके साथ बात कर सकते हैं. कटरीना कैफ एक भूत हैं. उनकी मुलाक़ात दोनों लड़कों से होती है. कटरीना उन्हें भूतों से जुड़ी लोगों की तकलीफ को लेकर एक बिजनेस आइडिया देती हैं. तीनों मिलकर काम करने लगते हैं. मगर एक तांत्रिक जिसकी भूमिका जैकी श्राफ ने निभाई है उन्हें उनसे तकलीफ है. तीनों को सबक सिखाने की कोशिश करते हैं. आगे की कहानी में जैकी श्राफ के साथ कटरीना-ईशान और सिद्धांत का फेस ऑफ़ ही कॉमिक अंदाज में दिखाया गया है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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