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Hostel Daze Season 2 Review: हॉस्टल के दिनों की याद दिलाएगी ये वेब सीरीज

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 25 जुलाई, 2021 03:02 PM
  • 25 जुलाई, 2021 03:02 PM
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एडल्ट कॉमेडी ड्रामा वेब सीरीज 'हॉस्टल डेज सीजन 2' (Hostel Daze Season 2) कॉलेज स्टूडेंट्स की लाइफ और उनकी हॉस्टल लाइफस्टाइल पर पर आधारित है. पहले सीजन में जहां सभी छात्र परीक्षाएं पास करने के तनाव में दिखे, वहीं दूसरे सीजन में सीनियर के रुतबे का आनंद लेते हुए दिखाई दे रहे हैं.

'लोग अक्सर हम DISCO वालों (कॉलेज की डिसिप्लिनरी कमेटी) से पूछते हैं कि ये रैगिंग होती क्यों है? अब इसका सिंपल सा रीजन है, GKK सिंड्रोम यानि गली का कुत्ता सिंड्रोम. अब मान लीजिए कि आप एक गली के कुत्ते हैं, जो दिन भर गली के एक कोने से दूसरे कोने तक यूं ही टहलते रहते हैं. कितनी यूजलेस है ना आपकी Existence. बैड लाइफ. ये सीनियर भी वही कुत्ते हैं. अरे घर और कॉलेज तो छोड़िए, इनकी रिस्पेक्ट तो वो कस्टमर केयर वाले भी नहीं करते, लेकिन इनकी Existence को परपज तब मिलता है, जब कोई बाइकर यानि फ्रेशी इनकी गली में घुसता है. और ये उसे दौड़ाते हैं. अब बाइकर रुक जाए, तो ये कुत्ते कुछ कर थोड़े ही पाएंगे, लेकिन बाइकर भी कहां रुकते या कंपलेन करते. दौड़ाए जाते हैं. GKK सिंड्रोम बहुत कॉमन है, कई जगह पाए जाते हैं. जैसे आपके पीटी टीचर, एचआर मैनेजर और फूफा जी. अब परपजलेस यूजलेस Existence के सामने कोई रोए या गिड़गिड़ाए तो मजा आएगा ही ना.'

हॉस्टल डेज सीज़न 2 आपको 3 इडियट्स और छिछोरे जैसी फिल्मों की याद दिलाएगी

वेब सीरीज हॉस्टल डेज सीजन 2 के उपरोक्त डायलॉग में उसका सार है, जो इसकी पूरी कहानी को बयां करता है. वैसे भी ये कहा जाता है कि स्कूल के दिन जीवन के सबसे अच्छे दिन होते हैं. हमारे पास उन खूबसूरत दिनों की हजारों यादें होती हैं, लेकिन यदि स्कूल के दिन सबसे अच्छे दिन होते हैं, तो कॉलेज के दिन इस सुनहरे दौर का विस्तार होते हैं, जिसमें 'अनुभव' भी साथ आता है. न केवल कॉलेज के दिन आपको पेशेवर दुनिया का सामना करने के लिए तैयार करते हैं, बल्कि यह जीवन में कई जरूरी चीजों की सीख भी देते हैं. यदि आपको अपने कॉलेज के दिनों में हॉस्टल में रहने का अनुभव है तो यह अनुभव किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं है. यही वेब सीरीज हॉस्टल डेज सीजन 2 की थीम भी है. इसे देखने के बाद यकीनन आपको अपने हॉस्टल के दिनों की याद ताजा हो जाएगी.

'लोग अक्सर हम DISCO वालों (कॉलेज की डिसिप्लिनरी कमेटी) से पूछते हैं कि ये रैगिंग होती क्यों है? अब इसका सिंपल सा रीजन है, GKK सिंड्रोम यानि गली का कुत्ता सिंड्रोम. अब मान लीजिए कि आप एक गली के कुत्ते हैं, जो दिन भर गली के एक कोने से दूसरे कोने तक यूं ही टहलते रहते हैं. कितनी यूजलेस है ना आपकी Existence. बैड लाइफ. ये सीनियर भी वही कुत्ते हैं. अरे घर और कॉलेज तो छोड़िए, इनकी रिस्पेक्ट तो वो कस्टमर केयर वाले भी नहीं करते, लेकिन इनकी Existence को परपज तब मिलता है, जब कोई बाइकर यानि फ्रेशी इनकी गली में घुसता है. और ये उसे दौड़ाते हैं. अब बाइकर रुक जाए, तो ये कुत्ते कुछ कर थोड़े ही पाएंगे, लेकिन बाइकर भी कहां रुकते या कंपलेन करते. दौड़ाए जाते हैं. GKK सिंड्रोम बहुत कॉमन है, कई जगह पाए जाते हैं. जैसे आपके पीटी टीचर, एचआर मैनेजर और फूफा जी. अब परपजलेस यूजलेस Existence के सामने कोई रोए या गिड़गिड़ाए तो मजा आएगा ही ना.'

हॉस्टल डेज सीज़न 2 आपको 3 इडियट्स और छिछोरे जैसी फिल्मों की याद दिलाएगी

वेब सीरीज हॉस्टल डेज सीजन 2 के उपरोक्त डायलॉग में उसका सार है, जो इसकी पूरी कहानी को बयां करता है. वैसे भी ये कहा जाता है कि स्कूल के दिन जीवन के सबसे अच्छे दिन होते हैं. हमारे पास उन खूबसूरत दिनों की हजारों यादें होती हैं, लेकिन यदि स्कूल के दिन सबसे अच्छे दिन होते हैं, तो कॉलेज के दिन इस सुनहरे दौर का विस्तार होते हैं, जिसमें 'अनुभव' भी साथ आता है. न केवल कॉलेज के दिन आपको पेशेवर दुनिया का सामना करने के लिए तैयार करते हैं, बल्कि यह जीवन में कई जरूरी चीजों की सीख भी देते हैं. यदि आपको अपने कॉलेज के दिनों में हॉस्टल में रहने का अनुभव है तो यह अनुभव किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं है. यही वेब सीरीज हॉस्टल डेज सीजन 2 की थीम भी है. इसे देखने के बाद यकीनन आपको अपने हॉस्टल के दिनों की याद ताजा हो जाएगी.

ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो और टीवीएफ पर वेब सीरीज हॉस्टल डेज सीजन 2 रिलीज हुई है. इसमें शुभम गौर, आदर्श गौरव, लव विस्पुते, निखिल विजय, अहसास चन्ना, हर्ष चेमुडु, आयुषी गुप्ता और साहिल वर्मा जैसे नए कलाकार हैं. आमिर मुसन्ना इसके निर्देशक हैं. इस एडल्ट कॉमेडी ड्रामा का पहला सीजन साल 2019 में रिलीज हुआ था, जिसके बाद इसके सीक्वल का युवा दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. इस सीजन की सबसे खास बात ये है कि पहले सीज़न के फ्रेशर्स दूसरे सीजन में अपने क्लास के दूसरे साल में हैं. फ्रेशर्स अब सीनियर्स बन चुके हैं. इस बार इनको नए अंदाज में अपने जूनियर्स का स्वागत करना है.

पहले एपिसोड में इस बात की झलक दिखती है कि कैसे नए सेशन में आए फ्रेशर्स की रैगिंग उनके सीनियर्स द्वारा की जाती है. हॉस्टल में उनके साथ प्रैंक किया जाता है. निखिल विजय उर्फ ​​झंटू, आदर्श गौरव और अंकित 'डोपा' पांडे ने अपने शानदार परफॉर्मेंस के जरिए कॉमेडी का तड़का लगाया है. दूसरी ओर, अहसास चन्ना उर्फ आकांक्षा और आयुषी गुप्ता उर्फ नबोमिता ने गर्ल्स हॉस्टल के अंदर जमकर धमाल मचाया है. डिस्को यानि ​​डिसिप्लिनरी कमेटी की शानदार, लेकिन मजेदार भूमिका को भूलाया नहीं जा सकता है. दूसरे एपिसोड में भी यही मस्ती और मजा जारी रहता है. इसमें लव अफेयर, ब्रो कोड, सिस कोड, ब्रेकअप, हॉस्टल छोड़ने और बहुत सारी ऐसी घटनाओं को शामिल किया गया है, जो दर्शकों को आनंद की अनुभूति कराते हैं. हर एपिसोड में हॉस्टल लाइफ के अलग-अलग रंग दिखाए गए हैं.

कुल मिलाकर, वेब सीरीज हॉस्टल डेज सीज़न 2 निश्चित रूप से आपको '3 इडियट्स' और 'छिछोरे' जैसी फिल्मों की याद दिलाएगी, जो कॉलेज लाइफ पर आधारित हैं. लेकिन यह वेब सीरीज़ स्टू़डेंट्स की हॉस्टल लाइफ पर ज्यादा फोकस है. इसमें कई मजेदार ट्विस्ट एंड टर्न और डायलॉग हैं, जो ऐसे लगते हैं कि जैसे हम सभी से संबंधित हैं. यदि आप अपनी हॉस्टल लाइफ के उन सुनहरे पलों को एक बार फिर से जीना चाहते हैं, तो हॉस्टल डेज़ सीजन 2 आपके लिए एक शानदार वेब सीरीज साबित हो सकती है. इसे देखने के बाद निश्चित रूप से आपको अपने हॉस्टल फ्रेंड्स की याद आ जाएगी और आप उनसे मिलने के लिए बेताब हो सकते हैं. हां, एक जरूरी बात ये कि ये वेब सीरीज फैमिली के लिए नहीं है. इसे आप अपनी फैमिली के साथ बैठकर देखने की बजाए, अकेले ज्यादा आनंद लेकर देख सकते हैं.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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