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बॉलीवुड की बदनामी और बायकॉट के असर से फिल्म मेकरों के हौंसले ठंडे बस्ते में

    • आईचौक
    • Updated: 19 अप्रिल, 2023 01:42 PM
  • 19 अप्रिल, 2023 01:37 PM
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बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड की फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही है. इसकी वजह से हिंदी फिल्म मेकर्स के अरबों रुपए में डूब गए हैं. अब लगातार कई प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं. इसकी वजह से रणवीर सिंह, आदित्य रॉय कपूर, वरुण धवन और ईशान खट्टर जैसे कलाकारों का करियर अब खतरे में हैं. हालत है ये कि इन कलाकारों के पास इस वक्त कोई फिल्म नहीं है.

बॉलीवुड की हालत से हर कोई वाकिफ है. यहां कि फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार खराब प्रदर्शन कर रही हैं. पिछले दो साल में बड़ी संख्या में फिल्में फ्लॉप तो छोड़िए डिजास्टर साबित हुई है. इसकी वजह से हिंदी फिल्म मेकर्स के अरबों रुपए पानी में डूब चुके हैं. कई प्रोडक्शन हाउस दिवालिया हो चुके हैं. यशराज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शन और टी-सीरिज जैसे कुछ प्रोडक्शन हाउस को छोड़ दें तो ज्यादातार ने फिल्म बनाना ही बंद कर दिया है. जो लोग फिल्म निर्माण कर भी रहे हैं, उनकी संख्या गिनी चुनी है. वो भी बहुत ठोक बजाकर अपने प्रोजेक्ट फाइनल कर रहे हैं. पहले फिल्मों में सितारों के स्टारडम देखकर कास्ट किया जाता था, लेकिन अब उनका बॉक्स ऑफिस ट्रैक रिकॉर्ड देखा जा रहा है.

यही वजह है कि आमिर खान, रणवीर सिंह, आदित्य रॉय कपूर, वरुण धवन और ईशान खट्टर जैसे कलाकारों का करियर अब खतरे में हैं. हालत है ये कि इन कलाकारों के पास इस वक्त कोई फिल्म प्रोजेक्ट नहीं है. पहले की साइन फिल्में शूट होकर पोस्ट प्रोडक्शन के लिए भेजी चुकी हैं. अब ये कलाकार नए प्रोजेक्ट की राह देख रहे हैं. वरना एक वक्त था जब इन कलाकारों के पास एक समय में कई फिल्म प्रोजेक्ट होता था. एक साथ कई फिल्मों की शूटिंग हो रही होती थी. कई फिल्में पाइपलाइन में होती थी. लेकिन आज इनकी हालत खराब है. रणवीर सिंह की बात करें तो उनकी आखिरी शूट फिल्म 'रॉकी और रानी' की प्रेम कहानी है. संजय लीला भंसाली के साथ लंबे समय से बैजू बावरा के लिए बात हो रही है.

बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड की फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही है.

संजय लीला भंसाली भी अभी तक हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं कि वो रणवीर को लेकर इस फिल्म की शूटिंग शुरू कर सके. इससे भी बड़ी बात ये है कि रणवीर सिंह का पसंदीदा प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म्स भी उनसे किनारा कर लिया है. इसी...

बॉलीवुड की हालत से हर कोई वाकिफ है. यहां कि फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार खराब प्रदर्शन कर रही हैं. पिछले दो साल में बड़ी संख्या में फिल्में फ्लॉप तो छोड़िए डिजास्टर साबित हुई है. इसकी वजह से हिंदी फिल्म मेकर्स के अरबों रुपए पानी में डूब चुके हैं. कई प्रोडक्शन हाउस दिवालिया हो चुके हैं. यशराज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शन और टी-सीरिज जैसे कुछ प्रोडक्शन हाउस को छोड़ दें तो ज्यादातार ने फिल्म बनाना ही बंद कर दिया है. जो लोग फिल्म निर्माण कर भी रहे हैं, उनकी संख्या गिनी चुनी है. वो भी बहुत ठोक बजाकर अपने प्रोजेक्ट फाइनल कर रहे हैं. पहले फिल्मों में सितारों के स्टारडम देखकर कास्ट किया जाता था, लेकिन अब उनका बॉक्स ऑफिस ट्रैक रिकॉर्ड देखा जा रहा है.

यही वजह है कि आमिर खान, रणवीर सिंह, आदित्य रॉय कपूर, वरुण धवन और ईशान खट्टर जैसे कलाकारों का करियर अब खतरे में हैं. हालत है ये कि इन कलाकारों के पास इस वक्त कोई फिल्म प्रोजेक्ट नहीं है. पहले की साइन फिल्में शूट होकर पोस्ट प्रोडक्शन के लिए भेजी चुकी हैं. अब ये कलाकार नए प्रोजेक्ट की राह देख रहे हैं. वरना एक वक्त था जब इन कलाकारों के पास एक समय में कई फिल्म प्रोजेक्ट होता था. एक साथ कई फिल्मों की शूटिंग हो रही होती थी. कई फिल्में पाइपलाइन में होती थी. लेकिन आज इनकी हालत खराब है. रणवीर सिंह की बात करें तो उनकी आखिरी शूट फिल्म 'रॉकी और रानी' की प्रेम कहानी है. संजय लीला भंसाली के साथ लंबे समय से बैजू बावरा के लिए बात हो रही है.

बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड की फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही है.

संजय लीला भंसाली भी अभी तक हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं कि वो रणवीर को लेकर इस फिल्म की शूटिंग शुरू कर सके. इससे भी बड़ी बात ये है कि रणवीर सिंह का पसंदीदा प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म्स भी उनसे किनारा कर लिया है. इसी बैनर तले बनी फिल्म 'बैंड बाजा बारात' से अपने करियर की शुरूआत करने वाले रणवीर को लगभग बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. उनकी पिछली तीन फिल्में 'जयेशभाई जोरदार', 'सर्कस' और '83' फ्लॉप रही हैं. फ्लॉप हो रही फिल्मों की वजह से ही वाईआरएफ उनसे किनारा कर रहा है. वैसे भी देखा जाए तो आदित्य चोपड़ा पूरी तरफ अपनी स्पाई यूनिवर्स की फिल्मों पर ही फोकस किए हुए हैं. शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' के ब्लॉकबस्टर होने के बाद उन्होंने स्पाई यूनिवर्स के तहत 'टाइगर वर्सेस पठान' और 'वॉर 2' के प्रोजेक्ट के ही आगे बढ़ाने का फैसला किया है. फिलहाल उन्होंने इसके अलावा सारे फिल्म प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी परसेप्ट पिक्चर्स के बिजनेस हेड यूसुफ शेख की माने तो बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में भारी गिरावट ने सबको बहुत निराश किया है. यही वजह है कि कोई भी प्रोडक्शन हाउस नए प्रोजेक्ट की घोषण से पहले बहुत सावधानी बरत रहा है. लोग फिलहाल इसे टालना ही बेहतर समझ रहे हैं. यह अत्यधिक आत्म-संदेह का मामला है, जो कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के भविष्य के लिए बिल्कुल भी अच्छा संकेत नहीं है. यश राज फिल्म्स के सीईओ अक्षय विधानी ने एक हालिया इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि कंपनी को पिछले साल नुकसान उठाना पड़ा है. क्योंकि कई फिल्मों को महामारी से पहले डिजाइन किया गया था. उस वक्त दर्शकों की पसंद अलग थी. जो अब बदल चुकी है. वाईआरएफ अब ऐसी फिल्मों को होल्ड पर करके स्पाई यूनिवर्स के पठान, टाइगर और वॉर जैसी इंटरकनेक्टेड फिल्मों की सीरीज के साथ आगे बढ़ रहा है, जो उसका फोकस एरिया है.

अक्षय विधानी कहते हैं, ''हम आने वाले वर्षों के लिए अपनी स्लेट को लॉक करने के लिए तैयार हो रहे हैं. हम उचित समय आने पर इसके बारे में घोषणाएं करेंगे. स्पाई यूनिवर्स हमारी रणनीति का एक बड़ा हिस्सा बनने जा रहा है." अजय देवगन और आमिर खान जैसे बड़े सितारों की फिल्मों की असफलता ने दर्शकों को सिनेमाघरों में लाने के बारे में अनिश्चितता बढ़ा दी है. 200 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी अजय देवगन की फिल्म 'भोला' अभी तक महज 80 करोड़ रुपए कमा पाई है. पिछले अगस्त में आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' 60 करोड़ से भी कम का कारोबार कर पाई थी, जबकि फिल्म का बजट 180 करोड़ रुपए था. केवल इस साल की ही बात करें तो जनवरी से मार्च के बीच में 17 से अधिक फिल्में फ्लॉप हो चुकी हैं. इनमें 'कुत्ते', 'शहजादा', 'सेल्फी', 'भीड़', 'भोला', 'ज्विगाटो', 'गांधी गोडसे एक युद्ध', 'शिव शास्त्री बलबोआ' और 'फराज' बड़े बैनर की फिल्में थी.

सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट शिव चानना का कहना है कि अब दर्शकों की पसंद बदल गई है. ज्यादातर फिल्म को सिनेमाघरों में दर्शक नहीं मिल रहे हैं. अब हम जब तक किसी प्रोजेक्ट के बारे में सुनिश्चित नहीं हो जाते, तब तक हम किसी भी चीज़ को हरी झंडी नहीं दिखा रहे हैं. पहले कंपनी ने हर साल 15 से 20 फिल्म रिलीज करने की योजना बनाई थी. लेकिन अब हम 10 से भी कम फिल्म पर विचार कर रहे हैं. शिव कहते हैं, ''हिंदी भाषी बेल्ट में दर्शक बड़े-बड़े सुपर सितारों की उपस्थिति के बावजूद सिनेमाघरों में नहीं आ रहे हैं. बड़े से बड़े अभिनेता कुछ भी नया साइन नहीं कर रहे हैं, हालांकि उनसे बातचीत और बैठक जारी हैं. बहुत सारे निर्माताओं ने बजट और स्क्रिप्ट पर फिर से काम करने के लिए केवल घोषणाओं को आगे बढ़ाया है.'' किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है. फिल्म इंडस्ट्री में निराशा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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