• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

Har Har Mahadev Public Review: 'हर हर महादेव' हर किसी को पसंद आई

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 26 अक्टूबर, 2022 10:34 PM
  • 26 अक्टूबर, 2022 10:34 PM
offline
Har Har Mahadev Movie Public Review in Hindi: छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता और साहस की अद्भुत कहानियां फिल्म इंडस्ट्री को हमेशा लुभाती रही हैं. तभी तो उनके जीवन से जुड़े अलग-अलग किस्सों पर कई फिल्में बन चुकी हैं. इस कड़ी में एक नई फिल्म 'हर हर महादेव' देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इसमें अभिनेता शरद केलकर और सुबोध भावे लीड रोल में हैं.

मराठा गौरव और छद्म युद्ध नीति में माहिर छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन दिलचस्प रहा है. उनकी शूर-वीरता की कहानियां आज भी बड़े चांव से सुनी और सुनाई जाती हैं. उनके अदम्य साहस की ही देन थी कि उनके लड़ाके बड़ी से बड़ी सेना से भिड़ जाते थे. उनकी गोरिल्ला युद्ध तकनीक प्रचलित थी. यही वजह है कि मुगल उनसे खौफ खाते थे. शिवाजी की तरह उनके सेनापति भी महान हुए हैं. उनकी वीरता की गाथाएं मशहूर हैं. उनके एक सेनापति सूबेदार तानाजी मालुसरे की जीवन पर बनी फिल्म 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' सुपरहिट रही है. इसमें मालुसरे के कोंधाना किला फतह करने की कहानी दिखाया गया है. इसी तर्ज पर बनी फिल्म 'हर हर महादेव' में शिवाजी एक दूसरे सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे की कहानी दिखाई गई है. फिल्म में अभिनेता शरद केलकर ने बाजी प्रभु देशपांडे और सुबोध भावे ने शिवाजी महाराज का किरदार निभाया है.

फिल्म 'हर हर महादेव' में अभिनेता शरद केलकर और सुबोध भावे लीड रोल में हैं.

फिल्म 'हर हर महादेव' मूल रूप से मराठी में बनी है, लेकिन इसे हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में पैन इंडिया रिलीज किया गया है. इसे मराठी फिल्म इंडस्ट्री की पहली पैन इंडिया फिल्म कहा जा रहा है. अभिजीत देशपांडे के निर्देशन में बनी इस फिल्म में शरद केलकर, सुबोध भावे लीड के अलावा अमृता खानविलकर, मोहन जोशी, मिलिंद शिंदे, शरद पोंकशे, हरदीक जोशी और सयाली संजीव अहम भूमिका में हैं. इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा बज्ज देखा जा रहा है. फिल्म के मराठी अस्मिता और स्वाभिमान से जुड़े होने की वजह से भी लोग इसके बारे में ज्यादा बात कर रहे हैं. ट्विटर, गूगल, आईएमडीबी और बुकमाईशो जैसे प्लेटफॉर्म पर फिल्म के बारे में सकारात्मक समीक्षा देखने को मिल रही है. शरद केलकर के अभिनय की तारीफ हो रही है. वैसे भी शरद अलहदा अदाकारी और दमदार संवाद अदायगी के लिए जाने जाते हैं.

मराठा गौरव और छद्म युद्ध नीति में माहिर छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन दिलचस्प रहा है. उनकी शूर-वीरता की कहानियां आज भी बड़े चांव से सुनी और सुनाई जाती हैं. उनके अदम्य साहस की ही देन थी कि उनके लड़ाके बड़ी से बड़ी सेना से भिड़ जाते थे. उनकी गोरिल्ला युद्ध तकनीक प्रचलित थी. यही वजह है कि मुगल उनसे खौफ खाते थे. शिवाजी की तरह उनके सेनापति भी महान हुए हैं. उनकी वीरता की गाथाएं मशहूर हैं. उनके एक सेनापति सूबेदार तानाजी मालुसरे की जीवन पर बनी फिल्म 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' सुपरहिट रही है. इसमें मालुसरे के कोंधाना किला फतह करने की कहानी दिखाया गया है. इसी तर्ज पर बनी फिल्म 'हर हर महादेव' में शिवाजी एक दूसरे सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे की कहानी दिखाई गई है. फिल्म में अभिनेता शरद केलकर ने बाजी प्रभु देशपांडे और सुबोध भावे ने शिवाजी महाराज का किरदार निभाया है.

फिल्म 'हर हर महादेव' में अभिनेता शरद केलकर और सुबोध भावे लीड रोल में हैं.

फिल्म 'हर हर महादेव' मूल रूप से मराठी में बनी है, लेकिन इसे हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में पैन इंडिया रिलीज किया गया है. इसे मराठी फिल्म इंडस्ट्री की पहली पैन इंडिया फिल्म कहा जा रहा है. अभिजीत देशपांडे के निर्देशन में बनी इस फिल्म में शरद केलकर, सुबोध भावे लीड के अलावा अमृता खानविलकर, मोहन जोशी, मिलिंद शिंदे, शरद पोंकशे, हरदीक जोशी और सयाली संजीव अहम भूमिका में हैं. इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा बज्ज देखा जा रहा है. फिल्म के मराठी अस्मिता और स्वाभिमान से जुड़े होने की वजह से भी लोग इसके बारे में ज्यादा बात कर रहे हैं. ट्विटर, गूगल, आईएमडीबी और बुकमाईशो जैसे प्लेटफॉर्म पर फिल्म के बारे में सकारात्मक समीक्षा देखने को मिल रही है. शरद केलकर के अभिनय की तारीफ हो रही है. वैसे भी शरद अलहदा अदाकारी और दमदार संवाद अदायगी के लिए जाने जाते हैं.

ट्विटर पर एक यूजर रजन अरुण भावे ने फिल्म को 5 में से 5 स्टार देते हुए लिखा है, ''हर हर महादेव बेहतरीन ऐतिहासिक फिल्म है. शरद केलकर और सुबोध भावे ने शानदार अभिनय प्रदर्शन किया है. दोनों का अभी तक बेस्ट परफॉर्मेंस है. मराठी फिल्म इंडस्ट्री की ये फिल्म पैन इंडिया ब्लॉकबस्टर साबित होने वाली है.'' रणदीप पाठे लिखते हैं, ''सच कहा गया है कि स्वराज्य कोई एक रात में देखा गया सपना नहीं, बल्कि स्वराज्य तो महायज्ञ है जिस में कई वीरों ने हंसते हंसते अपने प्राणों की आहुति दी है. फिल्म हर हर माहदेव में छत्रपती शिवाजी महाराज का पराक्रम और बाजीप्रभू देशपांडे के इमान की एक झांकी देखने को मिल रही है. शरद केलकर ने क्या कमाल का काम किया है. उन्होंने अपने अभिनय से दीवाना बना लिया है. सुबोध भावे ने उनका बेहतरीन साथ दिया है. फिल्म हमारे 350 साल पुराने स्वर्ण इतिहास को बता रही है. जरूर देखिए.''

बुकमाईशो पर एक यूजर ने लिखा है, ''मैंने अभी हर हर महादेव देखी है, जो कि एक अद्भुत फिल्म है. स्टोरीलाइन, म्यूजिक, एक्शन, डायरेक्शन, सबकुछ शानदार है. मैं बता दूं कि ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है. इसके बारे में मैंने किताब में पढ़ रखा है. इस फिल्म ने एक बार फिर मुझे किताब से जोड़ दिया है. फिल्म में वीएफएक्स का इस्तेमाल ठीक किया गया है, लेकिन इसे ज्यादा अच्छा बनाया जा सकता था. हालांकि, फिल्म का बजट देखते हुए इसे बेहतर कहा जा सकता है. फिल्म के निर्देशक अभिजीत देशपांडे ने अपना काम बखूबी किया है. फिल्म में फुलाजी देशपांडे की मौत का सीन देखकर मैं रो पड़ा था. फिल्म थोड़ी इमोशनल है, लेकिन सबके बाद ये एक ऐतिहासिक फिल्म है. फिल्म में सभी कलाकारों ने आउटस्टैंडिंग परफॉर्मेंस दिया है. खासकर शरद केलकर, सुबोध भावे और अमृता खानविलकर. मैं इसके सीक्वल का बेसब्री से इंतजार करूंगा.''

मराठी फिल्म समीक्षक अविश्कर ने 'हर हर महादेव' को 5 में से 3.5 स्टार देते हुए लिखा है, ''ये फिल्म दिवाली के मौके पर वास्तविक धमाका है. एक इमोशनल हिस्टोरिकल थ्रिलर जिसमें मनोरंजन कूट कूट कर भरा है, जिसका हर सीन आनंद देता है. इस फिल्म को देखने के दौरान मेरे भाव हिलोरे मार रहे थे. मैं चिल्लाया, रोया, हंसा और कई बार गर्व महसूस किया. क्लाइमैक्स को थोड़ा खींचा गया है, लेकिन ओवरऑल वो खटकता नहीं है. छत्रपति शिवाजी महाराज के किरदार में सुबोध भावे उत्कृष्ट हैं. बाजीप्रभु देशपांडे के किरदार में शरद केलकर प्रभावशाली लगे हैं. मैं मराठी फिल्म इंडस्ट्री में शिवाजी के ऊपर लगातार बन रही फिल्मों को देखकर तंग आ गया था. इसलिए नहीं कि कहानियां बहुत अच्छी नहीं थीं, बल्कि उसी तरह की सामग्री और अनुमानित निष्पादन के कारण थीं. लेकिन इन सभी फिल्मों की फेहरिस्त में ये फिल्म बिल्कुल अलग है. दिल जीत लेती है.''


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲