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गंगूबाई काठियावाड़ी: माफिया की भूमिका में दिखेंगे अजय देवगन, ग्रे किरदारों ने हमेशा मचाई धूम!

    • आईचौक
    • Updated: 20 फरवरी, 2022 08:45 PM
  • 20 फरवरी, 2022 08:40 PM
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अजय देवगन ने अपने तीन दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में खूब ग्रे शेड की भूमिकाएं की हैं. उनका ग्रे अवतार जब भी सामने आया है दर्शक वाह-वाह कर उठे. 25 फरवरी को आ रही गंगूबाई में भी अजय माफिया किंग की ही भूमिका निभा रहे हैं.

अजय देवगन, संजय लीला भंसाली के साथ 22 साल बाद पीरियड ड्रामा गंगूबाई काठियावाड़ी के लिए साथ आए हैं. और क्या खूब साथ आए हैं. अजय देवगन अपने सबसे पसंदीदा अवतार में हैं- उनके किरदारों का वह ग्रे रंग जो एक्टर पर खूब शूट करता है. उन्होंने कुछ ऐसे ही किरदारों से अपनी बादशाहत भी कायम की. गंगूबाई काठियावाड़ी असल में है तो आलिया भट्ट की फिल्म मगर इसमें अजय करीब 20 मिनट तक नजर आएंगे. फिल्म में उन्होंने मुंबई के माफिया किंग रहीम लाला की भूमिका निभाई है. पिछले दिनों जब गंगूबाई का ट्रेलर आया था तीन कलाकारों की जमकर चर्चा हुई. आलिया और विजय राज के साथ चर्चा बटोरने वालों में अजय भी शामिल हैं. गेस्ट अपीयरेंस होने के बावजूद माफिया के रूप में उनका जबरदस्त अंदाज दिखा.  

भंसाली के निर्देशन में बनी गंगूबाई को निर्देशक के जन्मदिन के ठीक एक दिन बाद यानी 25 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. पीरियड ड्रामा की कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. कहानी असल में एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वींस ऑफ़ मुंबई' के एक चैप्टर पर आधारित बताई जा रही है. यह उस महिला गंगूबाई काठियावाड़ी की कहानी है जो मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में एक ताकतवर हस्ती बनकर उभरती है. रहीम लाला उसे बहन मानता है. और उसकी हरसंभव मदद करता है. रहीम लाला से प्रोटेक्शन मिलने के बाद ही गंगूबाई अपना कद बड़ा कर पाती है. साफ़ है कि रहीम लाला का कैरेक्टर फिल्म में बड़ा है. इसीलिए गेस्ट अपीयरेंस में होने के बावजूद अजय को पर्याप्त स्पेस दिया गया है.

गंगूबाई में अजय देवगन रहीम लाला की भूमिका निभा रहे हैं.

डेब्यू फिल्म में ही दिखा था अजय का माफिया अवतार

ग्रे शेड अजय देवगन पर खूब फबता है. उन्होंने ना जाने कितनी फिल्मों में माफिया, गैंगस्टर के किरदार निभाए. कुछ फिल्मों...

अजय देवगन, संजय लीला भंसाली के साथ 22 साल बाद पीरियड ड्रामा गंगूबाई काठियावाड़ी के लिए साथ आए हैं. और क्या खूब साथ आए हैं. अजय देवगन अपने सबसे पसंदीदा अवतार में हैं- उनके किरदारों का वह ग्रे रंग जो एक्टर पर खूब शूट करता है. उन्होंने कुछ ऐसे ही किरदारों से अपनी बादशाहत भी कायम की. गंगूबाई काठियावाड़ी असल में है तो आलिया भट्ट की फिल्म मगर इसमें अजय करीब 20 मिनट तक नजर आएंगे. फिल्म में उन्होंने मुंबई के माफिया किंग रहीम लाला की भूमिका निभाई है. पिछले दिनों जब गंगूबाई का ट्रेलर आया था तीन कलाकारों की जमकर चर्चा हुई. आलिया और विजय राज के साथ चर्चा बटोरने वालों में अजय भी शामिल हैं. गेस्ट अपीयरेंस होने के बावजूद माफिया के रूप में उनका जबरदस्त अंदाज दिखा.  

भंसाली के निर्देशन में बनी गंगूबाई को निर्देशक के जन्मदिन के ठीक एक दिन बाद यानी 25 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. पीरियड ड्रामा की कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. कहानी असल में एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वींस ऑफ़ मुंबई' के एक चैप्टर पर आधारित बताई जा रही है. यह उस महिला गंगूबाई काठियावाड़ी की कहानी है जो मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में एक ताकतवर हस्ती बनकर उभरती है. रहीम लाला उसे बहन मानता है. और उसकी हरसंभव मदद करता है. रहीम लाला से प्रोटेक्शन मिलने के बाद ही गंगूबाई अपना कद बड़ा कर पाती है. साफ़ है कि रहीम लाला का कैरेक्टर फिल्म में बड़ा है. इसीलिए गेस्ट अपीयरेंस में होने के बावजूद अजय को पर्याप्त स्पेस दिया गया है.

गंगूबाई में अजय देवगन रहीम लाला की भूमिका निभा रहे हैं.

डेब्यू फिल्म में ही दिखा था अजय का माफिया अवतार

ग्रे शेड अजय देवगन पर खूब फबता है. उन्होंने ना जाने कितनी फिल्मों में माफिया, गैंगस्टर के किरदार निभाए. कुछ फिल्मों में तो उनका किरदार पूरी तरह से निगेटिव था. अगर अजय देवगन की फिल्मोग्राफी देखें डेब्यू फिल्म फूल और कांटे में भी आख़िरी के कुछ सीन्स में माफिया किंग के अवतार भूमिका में नजर आते हैं. फूल और कांटे में उनके पिता माफिया डॉन हैं. मगर बेटे की पिता से नहीं पटती. वह उनसे अलग रहता है और कोई रिश्ता नहीं रखता. लेकिन हालात ऐसे बनते हैं कि आखिर में अजय को भी बंदूक उठाना पड़ जाता है. फूल और कांटे जबरदस्त ब्लॉकबस्टर थी और अजय के अवतार ने उन्हें सबका दीवाना बना दिया था. विजयपथ में भी उन्होंने गैंगस्टर का किरदार निभाया. तब्बू के साथ की यह फिल्म भी हिट साबित हुई थी.

जब निगेटिव भूमिका में अजय ने मचा दिया तहलका

अजय ने कई फिल्मों में निगेटिव भूमिकाएं कीं. साल 2002 में आई दीवानगी को भला कैसे भुलाया जा सकता है. इसमें तरंग भारद्वाज के रूप में अजय ने एक मर्डरर की भूमिका निभाई है जो अपने बचपन के प्यार को भुला नहीं पाया है. इसी तरह अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, तुषार कपूर और ऐश्वर्या के साथ कॉप ड्रामा खाकी में भी अजय ने पूरी तरह से निगेटिव किरदार निभाया. एक गांधीवादी के बेटे यशवंत अंगारे की उनकी भूमिका डराने वाली है. इसी तरह साल 2005 में आई काल में भी एक्टर निगेटिव शेड में थे. साल 2001 में आई लज्जा में भी अजय देवगन एक छोटी भूमिका में दिखे थे. हालांकि फिल्म में उनका किरदार निगेटिव तो नहीं था लेकिन ग्रे शेड लिए था. उन्होंने नक्सली की भूमिका निभाई थी. इसी तरह साल 2010 में प्रकाश झा की पॉलिटिकल ड्रामा में अजय देवगन ने अवर्ण जाति से आने वाले युवा नेता की भूमिका निभाई है. उनका यह किरदार भी ग्रे शेड में है.

जहां तक बात माफिया और गैंगस्टर के किरदारों की है तो इस पर कोई बहस नहीं की जा सकती कि अजय देवगन से बेहतर शायद ही कोई स्टार नजर आता है. इस मामले में उनके बराबर सिर्फ संजय दत्त नजर आते हैं. अजय देवगन ने मिलन लुथरिया की फिल्म 'वन्स अपान अ टाइम इन मुंबई' में माफिया डॉन सुल्तान मिर्जा का किरदार निभाया था. उनका स्वैग दर्शकों को आज भी याद होगा. वे गैंगस्टर जरूर बने हैं लेकिन एक उन्हें एक अच्छे इंसान के रूप में दिखाया गया है. इसी तरह साल 2002 में आई राम गोपाल वर्मा की कराम ड्रामा कंपनी में भी उन्होंने मलिक नाम के माफिया का रोल किया है.

साल 2005 में आई अपहरण में अजय शास्त्री नाम के एक ऐसे युवा की भूमिका निभाई है जो फिरौती के धंधे में शामिल रंगबाज है. वह सफ़ेदपोश माफिया तबरेज आलम के लिए किडनैपिंग करता है. हालांकि क्लाइमैक्स में उसका ह्रदय परिवर्तन हो जाता है. 2006 में आई विशाल भारद्वाज की क्राइम ड्रामा ओमकारा में भी अजय देवगन गैंगस्टर ही बने हैं. ऊपर बताई गई सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर या तो सुपरहिट हुई या हिट या फिर औसत साबित हुईं. कोई इनमें किसी फिल्म को फ्लॉप नहीं कहा जा सकता. ख़ास बात यह भी है कि इन फिल्मों में अजय देवगन के किरदार उनके लुक और अभिनय की जमकर तारीफ़ हुई.

अब यह देखने वाली बात होगी कि अजय देवगन भंसाली के साथ रहीम लाला के किरदार में किस तरह रंग जमाते हैं. फिलहाल तो उनका लुक और उनका ट्रैक रिकॉर्ड बड़ी उम्मीद जगाता दिख रहा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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