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Freddy movie review: कार्तिक की Wow Performance से बॉलीवुड को एक 'एक्टर' मिला है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 02 दिसम्बर, 2022 08:22 PM
  • 02 दिसम्बर, 2022 08:16 PM
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Freddy Review: क्या कार्तिक आर्यन एक ऐसे एक्टर हैं जो सिर्फ हंसी ठिठोली के रोल कर सकते हैं. बतौर एक्टर उन्होंने इस मिथक को पहले कब तोड़ा पता नहीं. लेकिन हालिया रिलीज फिल्म फ्रेडी में जैसा रोल उन्होंने कर लिया, इस बात पर मोहर लगा दी है कि बॉलीवुड को कार्तिक के रूप में एक एक्टर मिला है.

करियर ग्रोथ के लिहाज से टैग बुरे कम घातक ज्यादा होते हैं. खास तौर पर तब, जब ये किसी एक्टर पर लग जाएं. कहीं दूर क्या जाना एक्टर कार्तिक आर्यन को ही देख लीजिये. 2011 में आई प्यार का पंचनामा में रजत का रोल करने वाले कार्तिक को एक ऐसा एक्टर समझा गया जो चॉकलेटी है. साथ ही उसकी कॉमिक टाइमिंग भी परफेक्ट है तो वो आसानी से फिल्म को हिट करा सकता है. अब तक बतौर एक्टर कार्तिक ने जो फ़िल्में की वो इसी अवधारणा पर थीं. हमें यकीन हुआ कि अगर कार्तिक आर्यन पर टैगिंग की गयी है तो वो बेवजह नहीं है. अभी तक हम हंसते हंसाते कार्तिक को पर्दे पर देख रहे थे ऐसे में जब हम फ्रेडी को देखते हैं और फ्रेडी में भी कार्तिक को देखते हैं तो महसूस होता है कि कार्तिक अपने से जुड़े स्टीरियोटाइप को तोड़ने में कामयाब हुए हैं.

फ्रेडी में जैसी एक्टिंग कार्तिक आर्यन ने की है वो रौंगटे खड़ी करने वाली है

फ्रेडी के जरिये खुद पर बड़ा प्रयोग करते हुए कार्तिक वो करने में कामयाब हुए हैं जिसकी कल्पना इस चॉकलेटी हीरो के किसी फैन ने की हो . फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म Disney+ Hotstar पर रिलीज हो चुकी है. आइये फिल्म पर बात करें. फिल्म में कार्तिक के काम पर बात करें साथ ही इस पर भी चर्चा की जाए कि क्या इस नए अवतार के बाद कार्तिक को हम ऐसे रोल्स में देखेंगे जिन्हें करना किसी भी एक्टर के लिए सपनों सरीखा होता है.

जिक्र डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हुई फ्रेडी का हुआ है तो बता दें कि फ्रेडी कहानी है एक ऐसे डेंटिस्ट डॉ. फ्रेडी जिनवाला की जिसके अतीत में ऐसा बहुत कुछ हो चुका है जिसने उसके वर्तमान को कुछ इस हद तक प्रभावित किया है कि कोई भी उसे नार्मल की संज्ञा शायद ही कभी दे. फ्रेडी अकेलाम शांत, कम बोलने वाला और अक्सर ही घबराए रहते वाला युवक है लेकिन दिलचस्प ये कि उसके भी कुछ सपनें...

करियर ग्रोथ के लिहाज से टैग बुरे कम घातक ज्यादा होते हैं. खास तौर पर तब, जब ये किसी एक्टर पर लग जाएं. कहीं दूर क्या जाना एक्टर कार्तिक आर्यन को ही देख लीजिये. 2011 में आई प्यार का पंचनामा में रजत का रोल करने वाले कार्तिक को एक ऐसा एक्टर समझा गया जो चॉकलेटी है. साथ ही उसकी कॉमिक टाइमिंग भी परफेक्ट है तो वो आसानी से फिल्म को हिट करा सकता है. अब तक बतौर एक्टर कार्तिक ने जो फ़िल्में की वो इसी अवधारणा पर थीं. हमें यकीन हुआ कि अगर कार्तिक आर्यन पर टैगिंग की गयी है तो वो बेवजह नहीं है. अभी तक हम हंसते हंसाते कार्तिक को पर्दे पर देख रहे थे ऐसे में जब हम फ्रेडी को देखते हैं और फ्रेडी में भी कार्तिक को देखते हैं तो महसूस होता है कि कार्तिक अपने से जुड़े स्टीरियोटाइप को तोड़ने में कामयाब हुए हैं.

फ्रेडी में जैसी एक्टिंग कार्तिक आर्यन ने की है वो रौंगटे खड़ी करने वाली है

फ्रेडी के जरिये खुद पर बड़ा प्रयोग करते हुए कार्तिक वो करने में कामयाब हुए हैं जिसकी कल्पना इस चॉकलेटी हीरो के किसी फैन ने की हो . फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म Disney+ Hotstar पर रिलीज हो चुकी है. आइये फिल्म पर बात करें. फिल्म में कार्तिक के काम पर बात करें साथ ही इस पर भी चर्चा की जाए कि क्या इस नए अवतार के बाद कार्तिक को हम ऐसे रोल्स में देखेंगे जिन्हें करना किसी भी एक्टर के लिए सपनों सरीखा होता है.

जिक्र डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हुई फ्रेडी का हुआ है तो बता दें कि फ्रेडी कहानी है एक ऐसे डेंटिस्ट डॉ. फ्रेडी जिनवाला की जिसके अतीत में ऐसा बहुत कुछ हो चुका है जिसने उसके वर्तमान को कुछ इस हद तक प्रभावित किया है कि कोई भी उसे नार्मल की संज्ञा शायद ही कभी दे. फ्रेडी अकेलाम शांत, कम बोलने वाला और अक्सर ही घबराए रहते वाला युवक है लेकिन दिलचस्प ये कि उसके भी कुछ सपनें हैं. वो भी शादी करना चाहता है.

फ्रेडी अपने लिए लड़की खोज रहा है लेकिन जैसा उसका स्वभाव है उसे तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और लड़की मिल नहीं रही है. इस मुश्किल से परेशान फ्रेडी एक मैरिज ब्यूरो की मदद लेता है लेकिन वहां भी वो नाकाम ही होता है. अभी फ्रेडी के जीवन में जीवन में ये सब उलझनें चल ही रही थीं कि इस बीच उसकी लाइफ में एक पेशेंट के रूप में एंट्री होती है कैनाज (अलाया एफ) जो अपने दांतों के चेकअप के लिये फ्रेडी की क्लिनिक पर आती है.

फ्रेडी कैनाज को देखता है और बस देखता ही रह जाता है. फ्रेडी, कैनाज को दिल दे बैठता है और उसे उससे पहली ही नजर में प्यार हो जाता है. लेकिन यहां भी एक परेशानी है. कैनाज पहले से शादीशुदा है और एक एब्यूजिव मैरिज से गुजर रही है. फ्रेडी, कैनाज की इस तकलीफ को भांप लेता है. जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है एक मूमेंट वो भी आता है जब कैनाज को भी फ्रेडी से प्यार हो जाता है. मगर मुश्किल कैनाज का पति है. कैनाज और फ्रेडी दोनों ही उसे रास्ते से हटाने की प्लानिंग करते हैं.

फ्रेडी कैनाज के पति को मार देता है. लेकिन यहीं कैनाज उसके साथ गेम कर देती है. फ्रेडी जिसे लगता था कि पति के रास्ते से हटने के बाद कैनाज उससे शादी कर लेगी वो फ्रेडी को दूध में पड़ी मक्खी की तरह इग्नोर कर देती है और जल्द ही फ्रेडी को एहसास होता है कि उसके साथ कैनाज ने बड़ा धोखा किया है. यहीं कहानी में ट्विटस्ट आता है और फ्रेडी भी ठान लेता है कि वो कैनाज से हर सूरत में बदला लेगा. इसके बाद जो फिल्म में हुआ है वो देखने लायक है. बदले की आग में जल रहा फ्रेडी आपको अपने अभिनय से रोमांचित करता है. डराता है और ये सोचने पर मजबूर कर सकता है कि बदले की आग में जल रहा इंसान क्या कभी कुछ इतना भी वीभत्स कर सकता है.

फ्रेडी कैनाज से बदला लेने में कामयाब होता है ? क्या कैनाज को अपनी गलती का एहसास होता है? क्या पुलिस फ्रेडी को गिरफ्तार कर पाती है? सवाल तमाम हैं जिनका जवाब आपको तभी मिलेगा जब आप फिल्म देखेंगे. लेकिन हम आपसे जरूर इस बात को साझा करना चाहेंगे कि कम ही मौके आते हैं जब बॉलीवुड के निर्माता निर्देशक ऐसी फ़िल्में बना देते हैं जो लम्बे समय तक जेहन में रहती हैं. फ्रेडी एक ऐसी ही फिल्म है और जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि इस फिल्म में कार्तिक आर्यन ने एक साथ कई मिथकों को अपनी लाजवाब एक्टिंग के जरिये तोड़ा है. तो इस फिल्म को हर उस इंसान को जरूर देखना चाहिए जिसे साइकोलॉजिकल थ्रिलर में रूचि है.

वहीं बात अगर कैनाज का रोल करने वाली अलाया एफ की हो तो जैसा काम उन्होंने किया है उसकी तारीफ इसलिए भी बनती है क्योंकि उनकी ही बदौलत कार्तिक के अंदर का फ्रेडी निखरकर बाहर आया है. बाकी जैसी बॉलीवुड की परंपरा रही है फिल्म बनाते वक़्त निर्देशक से उन्नीस बीस हो जाता है, इस फिल्म में भी हुआ है. फिल्म और अच्छी हो सकती थी अगर फिल्म के पेस को बराबर रखा जाता और बीच-बीच में फिल्म को स्लो नहीं किया जाता. बावजूद इसके फिल्म एक अच्छी फिल्म है जिसे कम से कम कार्तिक के उम्दा काम के लिए जरूर देखा जाना चाहिए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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