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Forensic फिल्म पसंद आई तो देख सकते हैं ये पांच साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 28 जून, 2022 04:52 PM
  • 28 जून, 2022 04:52 PM
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विक्रांत मैसी और राधिका आप्टे की फिल्म 'फॉरेंसिक' लोगों को पसंद आ रही है. इसे IMDb पर 6.3 रेटिंग मिली है, जो कि फिल्म को बेहतर बताती है. इसमें यह बताया गया है कि किस तरह से हाईटेक फॉरेसिंक साइंस की मदद से पेंचीदा केस को भी सॉल्व किया जा सकता है. आइए ऐसी ही कुछ साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर फिल्मों के बारे में जानते हैं.

ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर फिल्म 'फॉरेंसिक' स्ट्रीम हो रही है. ये इसी नाम से बनी मलयालम फिल्म की हिंदी रीमेक है, जिसे साल 2020 में रिलीज किया गया था. चार करोड़ की लागत में बनी इस मलयालम फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 12 करोड़ रुपए का कारोबार किया था. इसी से फिल्म की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है. अपनी मूल फिल्म की तरह हिंदी फिल्म को भी लोग पसंद कर रहे हैं. आईएमडीबी पर मिली 6.3 की रेटिंग इस बात की तस्दीक कर रही है.

फिल्म को पसंद किए जाने की बड़ी वजह ये है कि लोगों को पहली बार 'फॉरेसिंक साइंस' जैसे कठिन विषय को आसानी से समझने का मौका मिल रहा है. फिल्म में कई नए आधुनिक उपकरण भी इस्तेमाल किए गए हैं, जो लोगों की जानकारी बढ़ा रहे हैं. इसके साथ ही यह भी बता रहे हैं कि आधुनिक समय में किसी वारदात का खुलासा करने में फॉरेसिंक साइंस किस तरह मददगार साबित हो सकता है. इससे पहले 'फॉरेंसिक' की तरह बॉलीवुड में कई फिल्में और वेब सीरीज बनाई जा चुकी हैं, जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया है.

आइए हिंदी की टॉप पांच साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर के बारे में जानते हैं...

1. दृश्यम

खासियत- फिल्म में रहस्य की अनुपस्थिति के बाद भी रोमांच पैदा करने की बेहतरीन कोशिश की गई है. यही इस फिल्म की यूएसपी है. इसमें साबित किया गया है कि एक कम पढ़ा-लिखा शख्स भी अपनी ईमानदारी, साहस, परख और भरोसेमंद परिवार के दम पर किसी भी हाल में कुछ भी कर सकता है. फिल्म का नायक नजीर है. फिल्म परिवार की कीमत समझाती है.

निशिकांत कामत के निर्देशन में बनी फिल्म 'दृश्यम' साल 2015 में सिनेमाघरों में रिलीज की गई थी. ये इसी नाम से बनी मलयालम फिल्म का हिंदी रीमेक है. मूल फिल्म में साउथ सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल...

ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर फिल्म 'फॉरेंसिक' स्ट्रीम हो रही है. ये इसी नाम से बनी मलयालम फिल्म की हिंदी रीमेक है, जिसे साल 2020 में रिलीज किया गया था. चार करोड़ की लागत में बनी इस मलयालम फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 12 करोड़ रुपए का कारोबार किया था. इसी से फिल्म की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है. अपनी मूल फिल्म की तरह हिंदी फिल्म को भी लोग पसंद कर रहे हैं. आईएमडीबी पर मिली 6.3 की रेटिंग इस बात की तस्दीक कर रही है.

फिल्म को पसंद किए जाने की बड़ी वजह ये है कि लोगों को पहली बार 'फॉरेसिंक साइंस' जैसे कठिन विषय को आसानी से समझने का मौका मिल रहा है. फिल्म में कई नए आधुनिक उपकरण भी इस्तेमाल किए गए हैं, जो लोगों की जानकारी बढ़ा रहे हैं. इसके साथ ही यह भी बता रहे हैं कि आधुनिक समय में किसी वारदात का खुलासा करने में फॉरेसिंक साइंस किस तरह मददगार साबित हो सकता है. इससे पहले 'फॉरेंसिक' की तरह बॉलीवुड में कई फिल्में और वेब सीरीज बनाई जा चुकी हैं, जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया है.

आइए हिंदी की टॉप पांच साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर के बारे में जानते हैं...

1. दृश्यम

खासियत- फिल्म में रहस्य की अनुपस्थिति के बाद भी रोमांच पैदा करने की बेहतरीन कोशिश की गई है. यही इस फिल्म की यूएसपी है. इसमें साबित किया गया है कि एक कम पढ़ा-लिखा शख्स भी अपनी ईमानदारी, साहस, परख और भरोसेमंद परिवार के दम पर किसी भी हाल में कुछ भी कर सकता है. फिल्म का नायक नजीर है. फिल्म परिवार की कीमत समझाती है.

निशिकांत कामत के निर्देशन में बनी फिल्म 'दृश्यम' साल 2015 में सिनेमाघरों में रिलीज की गई थी. ये इसी नाम से बनी मलयालम फिल्म का हिंदी रीमेक है. मूल फिल्म में साउथ सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल ने लीड रोल किया है, जिसे हिंदी में बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन ने निभाया है. इसमें अजय के साथ श्रेया सरन, रजत कपूर और तब्बू भी अहम भूमिकाओं में हैं. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 38 करोड़ की लागत में बनी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 110 करोड़ रुपए का कारोबार किया था. फिल्म की कहानी में कोई रहस्य नहीं है, लेकिन रोमांच का स्तर इतना ऊंचा है कि देखने वाले आवाक् रह जाते हैं. फिल्म में पहली बार ऐसा देखने को मिलता है कि दर्शक हर सच जानता है, लेकिन इसके बावजूद जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है रोमांचित होता रहता है. एक लड़के की मौत के बाद उसका शव एक साधारण आदमी इस तरह से छुपा देता है कि पुलिस तमाम कोशिशों के बावजूद खोज नहीं पाती. यहां तक कि पुलिस को उसका गुनाह पता होता, लेकिन फिर भी सबूतों के अभाव में उसके गिरफ्तार नहीं कर पाती. एक साहसी अभिभावक के साथ पूरा परिवार अडिग खड़ा रहता है. तमाम यातनाएं मिलती हैं, लेकिन कोई चू तक नहीं करता. फिल्म को आईएमडीबी पर 8.2 रेटिंग मिली है.

2. कहानी

खासियत- एक रहस्यमयी कहानी को देखते हुए रोमांच महसूस करना हो तो इससे अच्छी फिल्म बहुत कम ही देखने को मिलेगी. फिल्म में शॉक, सरप्राइज़ और सेटिस्‍फेक्‍शन जैसे वो तीनों तत्व भी मौजूद हैं, जो इसे साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर की कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ साबित करते हैं. बाकी विद्या बालन की बेहतरीन अदाकारी का तो कोई जवाब ही नहीं है.

साल 2012 में फिल्म 'कहानी' को रिलीज किया गया था. सुजॉय घोष के निर्देशन में बनी इस फिल्म में विद्या बालन, परमब्रत चट्टोपाध्याय और नवाजुद्दीन सिद्दकी लीड रोल में हैं. 'पा', 'इश्किया', 'नो वन किल्ड जेसिका' और 'द डर्टी पिक्चर' जैसी फिल्मों के लिए मशहूर विद्या बालन ने फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया था. उनकी अलहदा अदाकारी के आगे फिल्म के दूसरे कलाकार बौने नजर आते हैं. फिल्म में विद्या बालन ने विद्या बागची नामक एक महिला का किरदार निभाया है. वो लंदन से भारत अपने पति अरणव बागची की तलाश में आती है. गर्भवती होने के बावजूद वो कोलकाता की गलियों में अपने पति की तलाश करती है. फिल्म की रफ्तार इतनी तेज है कि दर्शक सांस थामे देखने पर मजबूर हो जाते हैं. फिल्म हिंदी सिनेमा और कोलकाता के जादू को बेहद करीब से दिखाती है. इस फिल्म की कहानी को एक उत्कृष्ट प्रस्तुति कहा जा सकता है. इसे एक बार जरूर देखा जाना चाहिए और यह समझना चाहिए कि महिलाएं बेबस और लाचार नहीं होतीं, यदि वह कुछ करने की ठान लें तो उसे करके ही दम लेती हैं. फिल्म को आईएमडीबी पर 8.1 रेटिंग मिली है.

3. द लास्ट ऑवर

खासियत- वेब सीरीज 'द लास्ट ऑवर' रोचक विचार पर बुनी गई एक ऐसी दिलचस्प कहानी पर आधारित है, जो कि स्थानीय बोलियों और एहसासों के रंग में रंगी नजर आती है. इसमें सस्पेंस और मिस्ट्री के बीच थ्रिलर को बहुत बारीकी से बुना गया है, जो कि सीरीज को रोमांचक बनाता है. इसके साथ ही नॉर्थ-ईस्ट की खूबसूरती भी देखने को मिलती है.

सुपरनेचुरल साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज 'द लास्ट ऑवर' की कहानी भारत और नेपाल में पाए जाने वाले एक शामन या झाखरी के इर्द-गिर्द घूमती है. शामन/झाखरी जैसे लोगों को नॉर्थ-ईस्ट में तांत्रिक, ओझा या सोखा भी कहा जाता है. इस सीरीज में दिखाया गया है कि एक झाखरी कैसे मृतकों की आत्मा से बात कर सकता है. उनकी जिंदगी की आखिरी एक घंटे की कहानी पता कर सकता है. यह कहानी तांत्रिकों के बीच अपनी परंपरा को लेकर भी है. किसके पास कौन सी विद्या रहेगी और उसका उपयोग वो कैसे करेगा, इस वर्चस्व को भी दिखाया गया है. इसमें रहस्य और रोमांच के बीच नार्थ-ईस्ट की खूबसूरत वादियां मजबूत पक्ष है. सिक्किम के बर्फ से ढके पहाड़, देवदार के जंगल और घुमावदार सड़कें अलौकिक तत्वों के साथ एक रहस्यमयी वातारण का निर्माण करते हैं. अमित कुमार के निर्देशन में बनी इस सीरीज में संजय कपूर, करमा तकापा, शायली क्रिशेन, रॉबिन तमांग, मंदाकिनी गोस्वामी, शहाना गोस्वामी और राइमा सेन अहम रोल में हैं. वेब सीरीज को आईएमडीबी पर 7.7 रेटिंग मिली है. दूसरे सीजन का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

4. सुड़ल: द वॉर्टेक्स

खासियत- एक ऐसा साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर, जिसके हर मोड़ पर एक हैरान कर देने वाला सच सामने आता है. कहानी का हर किरदार अपने आप में एक रहस्य लिए हुए होता है. एक सलाना सांस्कृतिक समारोह के बैकग्राउंड में तैयार यह सीरीज कई छिपे हुए एजेंडे और जज्बातों के साथ कई किरदारों के झूठ और छल के इर्द-गिर्द घूमती रहती है.

वेब सीरीज 'सुड़ल: द वॉर्टेक्स' का निर्देशन फिल्म 'विक्रम वेधा' की डायरेक्टर जोड़ी ब्रम्मा और अनुचरण एम ने किया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वेब सीरीज में रोमांच के साथ रहस्य का तड़का किस तरह से लगाया गया होगा. सीरीज में तमिल एक्टर कथिर, ऐश्वर्या राजेश, श्रिया रेड्डी और राधाकृष्णन पार्थिबनलीड लीड रोल में हैं. इस वेब सीरीज का टाइटल कई लोगों के समझ में नहीं आ रहा होगा. ऐसे में बता दें कि सुड़ल एक तमिल शब्द है. इसका मतलब है भंवर. यानी 'सुड़ल' एक ऐसा भंवर है जिसमें लोग फंसते ही चले जाते हैं. कहते हैं ना कि नाम जैसा काम. इस सीरीज के मेकर्स ने इसके टाइटल जैसा ही काम भी किया है. आठ एपिसोड की इस वेब सीरीज को देखने के दौरान मजाल क्या आप पलक भी झपका पाएं. इसमें रहस्य और रोमांच के साथ ऐसा ड्रामा पेश किया गया है, जो कि शायद ही किसी को पसंद न आए. एक बेहतरीन वेब सीरीज बनाई गई है.

5. ट्रांस

खासियत- जिस तरह से विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स में घाटी में हुए हिंदुओं के नरसंहार की भयावह असलियत पेश की गई है, उसी तरह इस फिल्म में साउथ इंडिया खासकर केरल में मौजूद ईसाई मिशनरियों की पोल खोल गई है. उनके फर्जी पादरियों की असलियत से पर्दा हटाया गया है.

साल 2020 में अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हुई साइकोलॉजिकल थ्रिलर 'ट्रांस' में साउथ सिनेमा के मशहूर एक्टर फहद फासिल लीड रोल में है. फिल्म एक मोटिवेशनल स्पीकर विजु प्रसाद की जिंदगी की कहानी पर आधारित है. वो कन्याकुमारी में अपने छोटे भाई कुंजन के साथ रहता है. कुंजन मानसिक रूप से कमजोर है, जिसकी वजह से वो खुदकुशी कर लेता है. भाई की मौत के बाद अकेला पड़ गया विजु मुंबई चला जाता है. वहां उसकी मुलाकात कास्टिंग डायरेक्टर कविता से होती है. उससे वो कन्याकुमारी में भी मिल चुका होता था. कविता उसे एक फिल्म के लिए पादरी का रोल ऑफर करती है. इस रोल में वो जबरदस्त अभिनय करता है. इसके जरिए वो उन फर्जी पादरियों की पोल खोलने में भी कामयाब होता है, जो समाज में बुराई की जड़ होते हैं. मूल रूप से मलयालम में बनी इस फिल्म को एक साहसी कदम के रूप में देखा गया था. क्योंकि केरल सहित साउथ इंडिया के कई राज्यों में ईसाई मिशनरी का बोलबाला है. यहां धर्म की आड़ में कई तरह के कुकृत्य की किए जाते हैं. इसे फिल्म में बखूबी दिखाया गया है. फिल्म को 7.3 आईएमडीबी रेटिंग मिली है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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