• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

फिरोज खान की एंट्री पर पाकिस्तान में लगा था बैन, जानिए अभिनेता से जुड़े दिलचस्प किस्से

    • आईचौक
    • Updated: 27 अप्रिल, 2021 10:55 PM
  • 27 अप्रिल, 2021 10:55 PM
offline
फिरोज खान ने 1960 में फिल्म 'दीदी' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था. इस दौरान उनकी मुलाकात सुंदरी से हुई और उन्होंने डेटिंग चालू कर दी. पांच साल बाद उन्होंने सुंदरी से शादी कर ली. उनके दो बच्चों में से एक बेटी लैला खान और बेटा फरदीन खान हुए.

बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने स्टाइलिश अंदाज के लिए मशहूर रहे अभिनेता फिरोज खान को हिंदी सिनेमा का पहला काउब्वॉय कहा जाता है. अनीस बज्मी के निर्देशन में बनी फिल्म वेलकम में फिरोज खान ने रणबीर धनराज जाका उर्फ RDX का रोल कर सभी को चौंका दिया था. यह उनकी आखिरी फिल्म थी और इसके रिलीज के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था. फिरोज खान ने अपने फिल्मी करियर में चॉकलेटी हीरो से लेकर खूंखार खलनायक तक के रोल किए थे. आज 27 अप्रैल को फिरोज खान की पुण्यतिथि है. क्या आपको पता है कि फिरोज खान को पाकिस्तान में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था? उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं जिनमें लोकप्रिय अभिनेता राजकुमार को अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही टका सा जवाब देने जैसी कई कहानियां शामिल हैं. आइए जानते हैं फिरोज खान की जिंदगी से जुड़े ऐसे ही कुछ दिलचस्प किस्से...

पाकिस्तान में कर दिए गए थे ब्लैकलिस्ट

2006 में फिरोज खान फिल्म 'ताज महल' का प्रमोशन करने के लिए पाकिस्तान गए थे. बताया जाता है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर उन्हें ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि फिरोज खान ने एक पाकिस्तानी सिंगर की बेइज्जती के साथ ही पाकिस्तान की आलोचना की थी. कहा जाता है कि फिरोज खान ने खुद को एक प्राउड इंडियन बताते हुए पाकिस्तान की काफी आलोचना की थी. जिसकी वजह से उन्हें पाकिस्तान में आने से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था.

विनोद खन्ना से निभाई थी दोस्ती

फिरोज खान और विनोद खन्ना की दोस्ती बॉलीवुड में काफी मशहूर रही है. एक समय हिंदी सिनेमा में इन दोनों की जोड़ी एक साथ पर्दे पर आने का मतलब होता था कि फिल्म का हिट होना तय है. इन दोनों अभिनेताओं की जोड़ी शंकर और शंभू, कुर्बानी और दयावान में एकसाथ नजर आई थी. कहा जाता है कि विनोद खन्ना की हिंदी फिल्मों में वापसी कराने के लिए ही फिरोज खान ने फिल्म दयावान का निर्माण किया था. यह फिल्म उस समय सुपरहिट हुई थी.

बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने स्टाइलिश अंदाज के लिए मशहूर रहे अभिनेता फिरोज खान को हिंदी सिनेमा का पहला काउब्वॉय कहा जाता है. अनीस बज्मी के निर्देशन में बनी फिल्म वेलकम में फिरोज खान ने रणबीर धनराज जाका उर्फ RDX का रोल कर सभी को चौंका दिया था. यह उनकी आखिरी फिल्म थी और इसके रिलीज के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था. फिरोज खान ने अपने फिल्मी करियर में चॉकलेटी हीरो से लेकर खूंखार खलनायक तक के रोल किए थे. आज 27 अप्रैल को फिरोज खान की पुण्यतिथि है. क्या आपको पता है कि फिरोज खान को पाकिस्तान में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था? उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं जिनमें लोकप्रिय अभिनेता राजकुमार को अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही टका सा जवाब देने जैसी कई कहानियां शामिल हैं. आइए जानते हैं फिरोज खान की जिंदगी से जुड़े ऐसे ही कुछ दिलचस्प किस्से...

पाकिस्तान में कर दिए गए थे ब्लैकलिस्ट

2006 में फिरोज खान फिल्म 'ताज महल' का प्रमोशन करने के लिए पाकिस्तान गए थे. बताया जाता है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर उन्हें ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि फिरोज खान ने एक पाकिस्तानी सिंगर की बेइज्जती के साथ ही पाकिस्तान की आलोचना की थी. कहा जाता है कि फिरोज खान ने खुद को एक प्राउड इंडियन बताते हुए पाकिस्तान की काफी आलोचना की थी. जिसकी वजह से उन्हें पाकिस्तान में आने से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था.

विनोद खन्ना से निभाई थी दोस्ती

फिरोज खान और विनोद खन्ना की दोस्ती बॉलीवुड में काफी मशहूर रही है. एक समय हिंदी सिनेमा में इन दोनों की जोड़ी एक साथ पर्दे पर आने का मतलब होता था कि फिल्म का हिट होना तय है. इन दोनों अभिनेताओं की जोड़ी शंकर और शंभू, कुर्बानी और दयावान में एकसाथ नजर आई थी. कहा जाता है कि विनोद खन्ना की हिंदी फिल्मों में वापसी कराने के लिए ही फिरोज खान ने फिल्म दयावान का निर्माण किया था. यह फिल्म उस समय सुपरहिट हुई थी.

फिरोज खान ने 1960 में फिल्म 'दीदी' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था.

उलझी हुई थी लव लाइफ

फिरोज खान ने 1960 में फिल्म 'दीदी' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था. इस दौरान उनकी मुलाकात सुंदरी से हुई और उन्होंने डेटिंग चालू कर दी. पांच साल बाद उन्होंने सुंदरी से शादी कर ली. उनके दो बच्चों में से एक बेटी लैला खान और बेटा फरदीन खान हुए. कहा जाता है कि शादी और दो बच्चों का पिता होने के बाद भी फिरोज खान एक एयर होस्टेस पर अपना दिल हार बैठे थे. उनके इस रिश्ते से उनके घर पर झगड़े होने लगे. जिसके बाद वह बीबी-बच्चों को छोड़कर बेंग्लुरु में लिव-इन में रहने लगे थे. लंबे समय तक लिव-इन में रहने के बाद उनका एयर होस्टेस से रिश्ता खत्म हो गया. वहीं. उनकी पत्नी ने भी बाद में उन्हें तलाक दे दिया. फिरोज खान के बारे में ये भी कहा जाता है कि वह अभिनेत्री मुमताज को भी बहुत चाहते थे और शादी करना चाहते थे. लेकिन, किस्मत को कुछ और मंजूर था. आखिर में उनके बेटे फरदीन ने मुमताज की बेटी नताशा से शादी की. फिरोज और मुमताज आपस में समधी के रिश्ते में बंध गए.

अकड़ के लिए मशहूर राजकुमार से हुआ आमना-सामना

1965 में फिल्म 'ऊंचे लोग' की शूटिंग के पहले ही दिन अभिनेता राजकुमार और फिरोज खान का आमना-सामना हो गया था. दरअसल, राजकुमार उस समय के एक बड़े अभिनेता हुआ करते थे और फिरोज खान को कोई खास सफलता नहीं मिली थी. ऐसे में राजकुमार ने उन्हें फिल्मी टिप्स और अभिनय से जुड़ा ज्ञान देना शुरू कर दिया. बताया जाता है कि राजकुमार ने जैसे ही उन्हें समझाना शुरू किया, वो उठ खड़े हुए. फिरोज खान ने राजकुमार से सीधे शब्दों में कह दिया कि आप अपना काम अपने तरीके से कीजिए और मैं अपना काम अपने हिसाब से कर लूंगा. कहा जाता है कि इसके बाद राजकुमार ने फिरोज खान को कहा कि मैं भी ऐसा ही हूं और हमेशा ऐसे ही रहना.

हेमा मालिनी को कहा था- 'बेबी'

भाजपा सांसद और गुजरे जमाने की अदाकारा हेमा मालिनी ने एक किस्सा शेयर किया था. हेमा मालिनी ने बताया था कि फिल्म 'धर्मात्मा' में उनकी भूमिका को समझाते हुए फिरोज खान ने उन्हें 'बेबी' कहा था. हेमा के अनुसार, फिरोज खान उन्हें बेबी कहने वाले पहले और आखिरी शख्स थे. फिरोज ने शूटिंग के पहले ही हेमा मालिनी को बता दिया था कि फिल्म में उनका रोल फर्स्ट हाफ तक ही होगा. इसके बाद फिरोज ने कहा था कि तुम ना नहीं कह सकती है, बेबी. गौरतलब है कि यह फिल्म सुपरहिट रही थी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲