• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

'फैमिली टाइम विद कपिल शर्मा शो ने मेरा वक़्त बर्बाद ही किया'

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 26 मार्च, 2018 12:30 AM
  • 26 मार्च, 2018 12:30 AM
offline
मशहूर कमेडियन कपिल शर्मा ने सोनी टीवी चैनल पर एक गेम शो 'Family time with Kapil Sharma' से वापसी की कोशिश की. लेकिन लगता है उनका खराब टाइम अभी खत्म नहीं हुआ है.

कपिल शर्मा,

बहुत देर से सोच रहे थे कि कहें न कहें, लेकिन कह देंगे तो नींद अच्छी आ जाएगी. क्या है कि पूरी इंडिया के साथ हमारे घर में भी तुम्हारे नए शो 'फैमिली टाइम विद कपिल शर्मा' का ऐसे इंतजार हो रहा था जैसे कि एक जमाने में इतवार के दिन रामायण और महाभारत का होता था. ये मानो कि पलकें बिछाए कॉमेडी के शहंशाह का इंतजार हो रहा था.

ठीक आठ बजे आपका शो शुरू हुआ और हम कपिल के शानदार वेलकम की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन वो इतना ठंडा होगा ये सोचा नहीं था. शायद सोनी टीवी को इस बात का इल्म ही नहीं था कि कपिल के फैंस कितनी बेसब्री से कपिल के शो का इंतजार कर रहे थे. सिद्धू पाजी भी अपनी कुर्सी साथ लेकर आए थे...खुशनसीब हो कपिल कि सिद्धू पाजी साथ हैं क्योंकि तुमसे ज्यादा तालियां पब्लिक सिद्धू पाजी की शायरी पर बजा देती है. पर शो शुरू होते ही ये अहसास हो गया कि ये शो तो वैसा है ही नहीं जैसा कपिल शर्मा लाया करते थे. यहां पोस्टर तो फटा और हीरो भी निकला लेकिन शो वो नहीं निकला. ये तो गेम शो है !

इस बार कॉमेडी नहीं, गेम शो लाएं हैं कपिल शर्मा

दो परिवारों को बुलाकर उनकी तशरीफ से गुब्बारे फोड़ने को कहा गया. और जीतने वाले को हीरे के जूलरी ईनाम में दी गई. हां इतना मुश्किल टास्क जो था, ईनाम तो शानदार होना ही था. हारने वाला जोड़ा बेढंगा सा नाचकर चला गया, कॉमेडी की जगह अब लोग ऐसे डांस पर हंसने को मजबूर हैं.

हम ये भी झेल गए...और इंतजार करने लगे कि शायद आगे कुछ और हो. आधा घंटा इसी में बीत गया, और एंट्री मारी कपिल के अजीज दोस्त चंदन प्रभाकर ने. लेकिन ये क्या, अब चंदन और कपिल जी शो पर आए दर्शकों के साथ खेलने लग गए. और खेल भी कैसे, पूछे के भैया कौन जानवर ऐसा जिसके सर पर पैर होते हैं. अरे हमारे छोटे से बालक ने तुरंत जवाब दे दिया कि सारे जानवर के होते हैं,...

कपिल शर्मा,

बहुत देर से सोच रहे थे कि कहें न कहें, लेकिन कह देंगे तो नींद अच्छी आ जाएगी. क्या है कि पूरी इंडिया के साथ हमारे घर में भी तुम्हारे नए शो 'फैमिली टाइम विद कपिल शर्मा' का ऐसे इंतजार हो रहा था जैसे कि एक जमाने में इतवार के दिन रामायण और महाभारत का होता था. ये मानो कि पलकें बिछाए कॉमेडी के शहंशाह का इंतजार हो रहा था.

ठीक आठ बजे आपका शो शुरू हुआ और हम कपिल के शानदार वेलकम की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन वो इतना ठंडा होगा ये सोचा नहीं था. शायद सोनी टीवी को इस बात का इल्म ही नहीं था कि कपिल के फैंस कितनी बेसब्री से कपिल के शो का इंतजार कर रहे थे. सिद्धू पाजी भी अपनी कुर्सी साथ लेकर आए थे...खुशनसीब हो कपिल कि सिद्धू पाजी साथ हैं क्योंकि तुमसे ज्यादा तालियां पब्लिक सिद्धू पाजी की शायरी पर बजा देती है. पर शो शुरू होते ही ये अहसास हो गया कि ये शो तो वैसा है ही नहीं जैसा कपिल शर्मा लाया करते थे. यहां पोस्टर तो फटा और हीरो भी निकला लेकिन शो वो नहीं निकला. ये तो गेम शो है !

इस बार कॉमेडी नहीं, गेम शो लाएं हैं कपिल शर्मा

दो परिवारों को बुलाकर उनकी तशरीफ से गुब्बारे फोड़ने को कहा गया. और जीतने वाले को हीरे के जूलरी ईनाम में दी गई. हां इतना मुश्किल टास्क जो था, ईनाम तो शानदार होना ही था. हारने वाला जोड़ा बेढंगा सा नाचकर चला गया, कॉमेडी की जगह अब लोग ऐसे डांस पर हंसने को मजबूर हैं.

हम ये भी झेल गए...और इंतजार करने लगे कि शायद आगे कुछ और हो. आधा घंटा इसी में बीत गया, और एंट्री मारी कपिल के अजीज दोस्त चंदन प्रभाकर ने. लेकिन ये क्या, अब चंदन और कपिल जी शो पर आए दर्शकों के साथ खेलने लग गए. और खेल भी कैसे, पूछे के भैया कौन जानवर ऐसा जिसके सर पर पैर होते हैं. अरे हमारे छोटे से बालक ने तुरंत जवाब दे दिया कि सारे जानवर के होते हैं, लेकिन शो वाली आंटी जवाब न दे पाईं. खैर, ईनाम में फोन मिल गया. दूसरा सवाल भी इतना ही मुशकिल था जिसपर एक टैब ईनाम में दिया गया. अब 45 मिनट निकाल दिए हमने, फिर दो जोड़ों को बुलाया गया और फिर दूसरे तरीके से उनसे गुब्बारे फुड़वाए गए और जीतने वाले को एसी और टीवी मिल गया.

कपिल शर्मा का खराब समय अभी खत्म नहीं हुआ है

अब कपिल शर्मा के शो का एक घंटा पूरा हो गया था. हमारी फैमिली तो अब भी आस लगाए थी कि अब कॉमेडी आएगी कि अब कॉमेडी आएगी. तभी किकू शारदा आ गए. घरवाले बोले चलो अब मजा आएगा, ये ही कुछ करेगा. पर ये क्या वो लड़की बन के आया और चला गया क्योंकि फिर एक गेम शुरू हो गया था. इस राउंड में कभी लड़के कच्छा पहन रहे थे कभी फ्रॉक. और ईनाम में जीतकर चले गए, फ्रीज, माइक्रोवेव और फूड प्रोसेसर. यकीन मानो अब सब्र जवाब दे चुका था, क्योंकि कपिल शर्मा की कॉमेडी अभी तक दिखी ही नहीं थी.

अब सवा घंटा बीत गया था शो पर सेलिब्रिटी न आए तो कपिल का शो कैसे चलेगा. सो आ गए अजय देवगन. उन्हें भी नहीं छोड़ा तुमने तो और उनके साथ भी गेम ही खेला. उनका आना औपचारिकता ही लग रहा था.

दर्शकों को हंसा नहीं पाए कपिल

समय देखा तो अहसास हो गया कि बैठे बैठे डेढ़ घंटा खराब हो गया था हमारा. अब बस, हमारा सब्र जवाब दे गया भैया...

दो घंटे बाद एक बंदा कार जीतकर चला गया जिसने ये बताया था कि महिलाएं ब्यूटी पार्लर में क्या-क्या कराती हैं. कपिल भाई, क्या तुम्हें जरा भी न लगा कि इससे पब्लिक को मजा नहीं बल्कि कोफ्त होगी. एक कार खरीदने के लिए एक आम आदमी क्या-क्या नहीं करता, पर तुमने तो उस कार को जीतने वाले प्रश्न का स्तर ही इतना हल्का कर दिया कि आम आदमी जरूर निराश हुआ होगा.

तभी एक और बात का अहसास हुआ कि कपिल शर्मा के नाम से इस शो को भर-भर के एड भी मिल रहे हैं. पर विज्ञापन देने वालों को क्या पता कि लोग कपिल की कॉमेडी की वजह से उसे पसंद करते हैं, उसके चेहरे की वजह से नहीं.

पूरा शो देखकर हमारी फैमिली इस नतीजे पर पहुंची है कि भैया.. शो पर कॉमेडी थी ही नहीं, सिर्फ गेम और ईनाम थे, जिसमें गेम कम और ईनाम की चमक ज्यादा थी. आप न तो गेम के अच्छे होस्ट बन पाए और न कॉमेडी ही कर पाए. आपको अगर लगता है कि आप लोगों को गिफ्ट देकर बहला लोगे, तो भैया हमें लगता है कि कहीं तुम्हारे साथ ही कॉमेडी न हो जाए.

कपिल तुम एक बात समझ लो, कि तुम सलमान खान नहीं हो कि कुछ भी कर लोगे तो जनता तुम्हें सर माथे पर ही बैठाएगी. एक और बात, दर्शक तुम्हें उन चीजों के लिए भी पसंद नहीं करते जिन्हें लेकर तुम चर्चा में रहे हो जैसे तुमारे ट्वीट्स, तुम्हारी फिल्में, तुम्हारी एक्टिंग, तुम्हारे गाने जिसे शो के बीच-बीच में तुम गाते रहते हो, तुम्हारे टैंट्रम्स या तुम्हारी हरकतें. तुम्हें केवल कॉमेडी ही आती है, तुम यही बेस्ट करते हो. अजय देवगन भी तुम्हें यही बताकर गए हैं. ऊपर वाले ने जो टेलेंट तुम्हें दिया है उसको खराब मत करो.

ये भी पढ़ें-

तो क्या अब कपिल का करियर ढलान पर है

कपिल शर्मा की हालत मुलायम सिंह यादव जैसी हो गई !


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲