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इरॉटिक फिल्में: जानें कौन करता है इनमें काम

    • नरेंद्र सैनी
    • Updated: 11 जनवरी, 2016 12:00 PM
  • 11 जनवरी, 2016 12:00 PM
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अगर आप बॉलीवुड का पिछला रिपोर्ट कार्ड देखेंगे तो खुद ही जान जाएंगे कि भारतीय दर्शकों में भी ऐसा तबका तैयार हो गया है जो पैसा देकर पर्दे पर सेक्स कॉमेडी या इरॉटिक थ्रिलर देखने जा रहा है. इसीलिए इरॉटिक फिल्में धमाल मचा रही है.

अमेरिकी लेखक टॉम क्लैंजी ने लिखा है, “मेरा मानना है कि सेक्स दुनिया की सबसे खूबसूरत, प्राकृतिक और मुकम्मल सुख देने वाली ऐसी चीज है जिसे पैसे से खरीदा जा सकता है.” टॉम की इन पंक्तियों से बॉलीवुड सबक ले चुका है. टॉम ने यह बात भले किसी और संदर्भ में कही हो लेकिन बॉलीवुड का पिछला रिपोर्ट कार्ड देखें तो यह सिद्ध हो जाता है कि भारतीय दर्शकों में भी ऐसा तबका तैयार हो गया है जो पैसा देकर पर्दे पर सेक्स कॉमेडी या इरॉटिक थ्रिलर देखने जा रहा है.

बॉलीवुड में ऐसी पौध भी तैयार हो रही है जो इसी जॉनर की फिल्में ही बनाना चाहती है. फिर वह चाहे प्रीतीश नंदी की बेटी रंगीता नंदी हों या फिर सीनियर फिल्ममेकर इंद्र कुमार या इरॉटिक की क्वीन कही जाने वाली प्रोड्यूसर एकता कपूर. बॉलीवुड में इरॉटिक फिल्मों के जॉनर की लोकप्रियता से ही पोर्न स्टार से हिंदी फिल्मों में नाम बन चुकीं सनी लियोन ने यह घोषणा कर दी है, “2016 एडल्ट कॉमेडीज का साल रहने वाला है.”

उन्होंने यह बात यूं ही नहीं कही है. साल के पहले महीने में ही दो एडल्ट कॉमेडी रिलीज हो रही हैं. 22 जनवरी को क्या कूल हैं हम सीरीज की तीसरी फिल्म और 29 जनवरी को सनी लियोन की मस्तीजादे. इस तरह इरॉटिक फिल्मों का एक ऐसा जॉनर तैयार हो चुका है जिसमें न सिर्फ प्रोड्यूसर अच्छा पैसा कमा रहे हैं बल्कि उन कलाकारों के लिए भी यह मलाई खाने जैसा हो गया है, जिनका करियर मेनस्ट्रीम फिल्मों में पटरी पर नहीं आ सका.

गिरता करियर उठाना है...
इसको डेजी शाह की मिसाल से समझा जा सकता है. उन्होंने अपनी इरॉटिक थ्रिलर हेट स्टोरी-3 के हिट होने के बाद कहा था, “अगर मुझे जय हो के बाद अच्छे ऑफर मिले होते तो मैंने हेट स्टोरी-3 नहीं की होती.” यह इरॉटिक फिल्मों से जुड़ी वर्जना ही थी, जिसकी वजह से उन्होंने ऐसा कहा क्योंकि उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत जय हो (2014) से सुपरस्टार सलमान खान के साथ की थी. उसके बाद उन्हें कोई अच्छा मौका नहीं मिल सका. हालांकि उन्होंने यह भी माना, “हिट स्टोरी-3 करना मेरा सही फैसला था.”

कुछ ऐसी ही कहानी जरीन खान की भी थी, जिन्होंने 2010 में वीर में सलमान खान के साथ कपड़ों में दबी-ढंकी राजकुमारी का रोल किया था, पर 2015 आते-आते उन्हें...

अमेरिकी लेखक टॉम क्लैंजी ने लिखा है, “मेरा मानना है कि सेक्स दुनिया की सबसे खूबसूरत, प्राकृतिक और मुकम्मल सुख देने वाली ऐसी चीज है जिसे पैसे से खरीदा जा सकता है.” टॉम की इन पंक्तियों से बॉलीवुड सबक ले चुका है. टॉम ने यह बात भले किसी और संदर्भ में कही हो लेकिन बॉलीवुड का पिछला रिपोर्ट कार्ड देखें तो यह सिद्ध हो जाता है कि भारतीय दर्शकों में भी ऐसा तबका तैयार हो गया है जो पैसा देकर पर्दे पर सेक्स कॉमेडी या इरॉटिक थ्रिलर देखने जा रहा है.

बॉलीवुड में ऐसी पौध भी तैयार हो रही है जो इसी जॉनर की फिल्में ही बनाना चाहती है. फिर वह चाहे प्रीतीश नंदी की बेटी रंगीता नंदी हों या फिर सीनियर फिल्ममेकर इंद्र कुमार या इरॉटिक की क्वीन कही जाने वाली प्रोड्यूसर एकता कपूर. बॉलीवुड में इरॉटिक फिल्मों के जॉनर की लोकप्रियता से ही पोर्न स्टार से हिंदी फिल्मों में नाम बन चुकीं सनी लियोन ने यह घोषणा कर दी है, “2016 एडल्ट कॉमेडीज का साल रहने वाला है.”

उन्होंने यह बात यूं ही नहीं कही है. साल के पहले महीने में ही दो एडल्ट कॉमेडी रिलीज हो रही हैं. 22 जनवरी को क्या कूल हैं हम सीरीज की तीसरी फिल्म और 29 जनवरी को सनी लियोन की मस्तीजादे. इस तरह इरॉटिक फिल्मों का एक ऐसा जॉनर तैयार हो चुका है जिसमें न सिर्फ प्रोड्यूसर अच्छा पैसा कमा रहे हैं बल्कि उन कलाकारों के लिए भी यह मलाई खाने जैसा हो गया है, जिनका करियर मेनस्ट्रीम फिल्मों में पटरी पर नहीं आ सका.

गिरता करियर उठाना है...
इसको डेजी शाह की मिसाल से समझा जा सकता है. उन्होंने अपनी इरॉटिक थ्रिलर हेट स्टोरी-3 के हिट होने के बाद कहा था, “अगर मुझे जय हो के बाद अच्छे ऑफर मिले होते तो मैंने हेट स्टोरी-3 नहीं की होती.” यह इरॉटिक फिल्मों से जुड़ी वर्जना ही थी, जिसकी वजह से उन्होंने ऐसा कहा क्योंकि उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत जय हो (2014) से सुपरस्टार सलमान खान के साथ की थी. उसके बाद उन्हें कोई अच्छा मौका नहीं मिल सका. हालांकि उन्होंने यह भी माना, “हिट स्टोरी-3 करना मेरा सही फैसला था.”

कुछ ऐसी ही कहानी जरीन खान की भी थी, जिन्होंने 2010 में वीर में सलमान खान के साथ कपड़ों में दबी-ढंकी राजकुमारी का रोल किया था, पर 2015 आते-आते उन्हें हेट स्टोरी-3 में बोल्ड अंदाज को चुनना पड़ा. उन्होंने अपनी मदमस्त अदाओं से दर्शकों के दिलों पर छुरियां चलाईं और हेट स्टोरी फ्रेंचाइजी का कामयाबी का सफर जारी रखा. उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं कि अगर मुझे बिना लवमेकिंग या किसिंग वाली फिल्म करनी पड़े तो यह धार्मिक फिल्म ही होगी.” शिल्पा शुक्ला का भी ऐसा ही मामला है. बी.ए. पास अच्छी फिल्म थी, जिसके साथ जुडऩा किसी भी हीरोइन के लिए चुनौती भरा था. पर चक दे! (2007) से बॉलीवुड में पहचान बनाने वाली शिल्पा को फिर से पहचान बनाने का मौका बी.ए. पास की सेक्सी आंटी से ही मिला.

तुषार कपूर, वीरदास और आफताब शिवदासानी ऐसे ही नाम हैं जो एडल्ट कॉमेडीज के दम पर ही बॉलीवुड में अपना सफर जारी रखे हुए हैं. तुषार कपूर क्या कूल हैं हम सीरीज की दो सफल फिल्में कर चुके हैं. आफताब की किस्मत भी एडल्ट कॉमेडी ग्रैंड मस्ती (2013) से दोबारा क्लिक हुई और इस साल उनकी दो एडल्ट कॉमेडी क्या कूल हैं हम-3 और ग्रेट ग्रैंड मस्ती रिलीज होंगी. इस तरह यह जॉनर करियर की नई राहें खोल रहा है. हेट स्टोरी-3 के डायरेक्टर विशाल पांड्या कहते हैं, “हेट स्टोरी की हर फिल्म में ऐसी हीरोइनों को चुना गया जिन्होंने इससे पहले इस जॉनर में हाथ नहीं आजमाया था. कंटेंट की वजह से फिल्में चली भीं.”

फ्लॉप हीरोइनें ही क्यों:
अक्सर देखा गया है कि मेनस्ट्रीम हीरोइनें टाइपकास्ट होने की वजह से इरॉटिक फिल्में करने से बचती हैं. विशाल पांड्या मानते हैं कि इमेज के चक्कर में बड़े सितारे इन फिल्मों में हाथ आजमाने से बचते हैं. ऐसी हीरोइनें जो बड़ी नहीं है या बॉलीवुड में जिनका करियर अच्छा नहीं चल रहा है, वे इन फिल्मों को आसानी से कर लेती हैं. इस बारे में एक प्रोड्यूसर यह तर्क देते हैं, “बड़ी हीरोइनें बोल्ड सीन देने के बाद हल्ला करती हैं. उन्हें कई बार आपत्ति हो जाती है और मामला फंस जाता है. इसलिए ऐसी हीरोइनें ही चलती हैं जिनपर काम पाने का दबाव हो.”

इसकी मिसाल मनीषा कोइराला के तौर पर लिया जा सकता है. जिन्होंने अपने करियर के खराब दौर में एक छोटी सी लव स्टोरी (2002) में हाथ तो आजमाया लेकिन जब उनके हॉट सीन्स चर्चा में आए तो डायरेक्टर के साथ उनकी अनबन हो गई. इसमें कोई राय नहीं कि “जो दिखता है वह बिकता है”,लेकिन यह राह इतनी भी आसान नहीं है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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