• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

ईद पर किसने ने लील ली बॉलीवुड की खुशियां, सलमान ने जो कमाया गंवाते दिख रहा हिंदी सिनेमा!

    • आईचौक
    • Updated: 01 मई, 2022 04:47 PM
  • 01 मई, 2022 04:47 PM
offline
बॉलीवुड अपना गुलशन खुद अपने हाथ बर्बाद कर रहा. कोई दक्षिण का सिनेमा उसपर उतना भारी नहीं है जितना उसकी अपनी कमियां और तालमेल की भावना का ना होना नुकसान पहुंचा रहा. ईद पर बॉक्स ऑफिस इसके तमाम सबूत प्रमाण के रूप में रख दे रहा. आइए जानते हैं.

हिंदी बॉक्स ऑफिस पर ईद की पुरानी रौनक नहीं है जो बॉलीवुड में कारोबारी लिहाज से हमेशा ख़ास बनी रही. कोरोना महामारी और तमाम वजहों से यह लगातार तीसरा साल है जब निर्माताओं को दर्शकों की तरफ से बढ़िया ईदी मिलती नहीं दिख रही. बॉलीवुड का इतिहास खंगाला जाए तो रिपब्लिक डे वीक, होली, दशहरा, दिवाली, क्रिसमस जैसे वीक सबसे बड़े कारोंबारी इवेंट साबित होते रहे हैं. हिंदी सिनेमा में साल की लगभग सभी बड़ी फ़िल्में इन्हीं इवेंट पर अलग-अलग रिलीज होती हैं. बड़े सितारों ने इन इवेंट्स को भी आपसी समझौते में लगभग बांटा हुआ है. ईद, सलमान खान के हिस्से का इवेंट माना जाता है.

पिछले एक दशक से उनकी फिल्मों ने त्योहारी मौके पर बड़ा कारोबार किया और दर्शकों का खूब मनोरंजन भी. यहां तक कि सलमान की कई फ़िल्में जो बजट के मुकाबले सुपरफ्लॉप साबित हुईं- बावजूद उन्होंने भी ईद पर तो लाजवाब ओपनिंग पाई. उनका वीकएंड कारोबार किसी भी लिहाज में खराब नहीं कहा जा सकता. यह भी कह सकते हैं कि ईद ने ही सलमान के करियर को एक नई दिशा देने का काम किया. उदाहरण के लिए  2010 में दबंग (पहले दिन 14.50 करोड़ कमाई), 2011 में बॉडीगार्ड (पहले दिन 21.60 करोड़) , 2012 में एक था टाइगर (पहले दिन 32.93 करोड़), 2014 में किक (पहले दिन 26.40 करोड़), 2015 में बजरंगी भाईजान (पहले दिन 27.25 करोड़), 2016 में सुल्तान (पहले दिन 36.54 करोड़), 2017 में ट्यूबलाईट ( पहले दिन 21.15 करोड़), 2018 में रेस 3 (29.17 करोड़) और 2019 में भारत (पहले दिन 42.30 करोड़) को लिया जाता है. इसमें एक दो को छोड़कर सब बड़ी हिट और ब्लॉकबस्टर हैं.

महामारी और दक्षिण की चुनौती का बहाना नहीं चलेगा

2020 में कोरोना महामारी की वजह से एक्टर की कोई फिल्म नहीं आई और 2021 में भी महामारी की वजह से उन्होंने बिल्कुल आख़िरी वक्त में राधे...

हिंदी बॉक्स ऑफिस पर ईद की पुरानी रौनक नहीं है जो बॉलीवुड में कारोबारी लिहाज से हमेशा ख़ास बनी रही. कोरोना महामारी और तमाम वजहों से यह लगातार तीसरा साल है जब निर्माताओं को दर्शकों की तरफ से बढ़िया ईदी मिलती नहीं दिख रही. बॉलीवुड का इतिहास खंगाला जाए तो रिपब्लिक डे वीक, होली, दशहरा, दिवाली, क्रिसमस जैसे वीक सबसे बड़े कारोंबारी इवेंट साबित होते रहे हैं. हिंदी सिनेमा में साल की लगभग सभी बड़ी फ़िल्में इन्हीं इवेंट पर अलग-अलग रिलीज होती हैं. बड़े सितारों ने इन इवेंट्स को भी आपसी समझौते में लगभग बांटा हुआ है. ईद, सलमान खान के हिस्से का इवेंट माना जाता है.

पिछले एक दशक से उनकी फिल्मों ने त्योहारी मौके पर बड़ा कारोबार किया और दर्शकों का खूब मनोरंजन भी. यहां तक कि सलमान की कई फ़िल्में जो बजट के मुकाबले सुपरफ्लॉप साबित हुईं- बावजूद उन्होंने भी ईद पर तो लाजवाब ओपनिंग पाई. उनका वीकएंड कारोबार किसी भी लिहाज में खराब नहीं कहा जा सकता. यह भी कह सकते हैं कि ईद ने ही सलमान के करियर को एक नई दिशा देने का काम किया. उदाहरण के लिए  2010 में दबंग (पहले दिन 14.50 करोड़ कमाई), 2011 में बॉडीगार्ड (पहले दिन 21.60 करोड़) , 2012 में एक था टाइगर (पहले दिन 32.93 करोड़), 2014 में किक (पहले दिन 26.40 करोड़), 2015 में बजरंगी भाईजान (पहले दिन 27.25 करोड़), 2016 में सुल्तान (पहले दिन 36.54 करोड़), 2017 में ट्यूबलाईट ( पहले दिन 21.15 करोड़), 2018 में रेस 3 (29.17 करोड़) और 2019 में भारत (पहले दिन 42.30 करोड़) को लिया जाता है. इसमें एक दो को छोड़कर सब बड़ी हिट और ब्लॉकबस्टर हैं.

महामारी और दक्षिण की चुनौती का बहाना नहीं चलेगा

2020 में कोरोना महामारी की वजह से एक्टर की कोई फिल्म नहीं आई और 2021 में भी महामारी की वजह से उन्होंने बिल्कुल आख़िरी वक्त में राधे को सीधे ओटीटी पर रिलीज किया. राधे भले दर्शकों को प्रभावित करने में नाकाम रही मगर इसने शुरुआती दो दिनों में ही व्यूअरशिप के कीर्तिमान बनाए. इस बार ईद पर बॉक्स ऑफिस पर बहुत सारे उठापटक नजर आ रहे हैं. हालांकि इसके लिए सिर्फ कोरोना महामारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. क्योंकि महामारी में ही दिवाली के नतीजे भी हमारे सामने बड़ा उदाहरण है. ईद के वीकएंड पर रनवे 34 और हीरोपंती 2 रिलीज हुई है. केजीएफ 2 पहले से बॉक्स ऑफिस पर है. हिंदी दर्शकों को दोनों फिल्मों से अपेक्षाओं के मुताबिक़ बेहतर मनोरंजन की उम्मीद थी.

यह दर्शकों की अपेक्षाओं का असर ही था कि पहले दिन दोनों फिल्मों का अलग-अलग कलेक्शन केजीएफ 2 के मुकाबले ज्यादा रहा. यहां तक कि हीरोपंती 2 एक बड़े अंतर के साथ कारोबारी बढ़त लेते नजर आ रही थी. केजीएफ 2 की कमाई दूसरे वीकएंड के बाद शुक्रवार तक लगातार नीचे गिरती दिख रही थी. मगर दूसरे दिन शनिवार का बॉक्स ऑफिस अचानक करवट लेता और बॉलीवुड फिल्मों को निराश करता नजर आ रहा है. पांच दिन तक केजीएफ 2 का जो बिजनेस नीचे गिर रहा था वह शनिवार को एक बार फिर ऊपर भागता देखा जा सकता है. तरण आदर्श के मुताबिक़ शुक्रवार के 4.25 करोड़ की तुलना में शनिवार का बिजनेस 7.25 है.

रमेश बाला के मुताबिक़ शनिवार को रनवे 34 के बिजनेस मामूली ग्रोथ के साथ 5.25 करोड़ रहा. पहले दिन कमाई पांच करोड़ से नीचे थी. हीरोपंती 2 के बिजनसे में तो बड़ी गिरावट है. दूसरे दिन फिल्म का बिजनेस अलग-अलग ट्रेड रिपोर्ट्स में 5 से 6.5 करोड़ के बीच बताया जा रहा है. जबकि पहले दिन यह 8 करोड़ के आसपास रहा. तीनों फिल्मों का ट्रेंड इतना बताने के लिए काफी है कि ईद को लेकर हिंदी दर्शकों की उम्मीद बॉलीवुड ने तोड़ दी है. इस तरह केजीएफ 2 ईद पर बॉलीवुड से वॉक ओवर मिल गया. इसमें कोई शक नहीं करना चाहिए यश की फिल्म बड़ा फायदा लेने जा रही है.

हीरोपंती 2.

ईद पर खुद को साबित करने का ऐतिहासिक मौका चूक गया बॉलीवुड

बॉलीवुड जरूर इस बात पर खुश हो सकता है कि उसका कुल कलेक्शन (दोनों फिल्मों का मिलाकर) केजीएफ 2 से बहुत ज्यादा है. मगर यह कोई ऐसा सकारात्मक नतीजा नहीं है कि ठोस मतलब निकाला जाए. बॉलीवुड की कारोबारी तबाही जरूर दिख रही है. सवाल है कि आखिर क्या हुआ जो बॉलीवुड बेहतर माहौल के बावजूद ईद को भुनाने से चूक गया और उसके ही बॉक्स ऑफिस पर कमजोर पड़ चुकी केजीएफ़ 2 मजबूती पा रही. कोरोना का बहाना तो नहीं दिया जा सकता. क्योंकि हालात सामान्य नजर आ रहे हैं और गंगूबाई काठियावाड़ी, द कश्मीर फाइल्स, आरआरआर और केजीएफ 2 की लगातार सफलता इसका बड़ा प्रमाण है.

तबाह दिख रहे बॉलीवुड को सबसे ज्यादा नुकसान क्लैश ने पहुंचाया. रनवे 34 और हीरोपंती 2 का क्लैश बता रहा कि ईद पर सोलो रिलीज की स्थिति में केजीएफ 2 का बेहतर मुकाबला किया जा सकता था. यह वक्त की मांग भी थी और आने वाले दिनों में बॉलीवुड के निर्माताओं के लिए एक सबक की तरह भी है. मई से आगे इस तरह के कई क्लैश बड़ी बड़ी फिल्मों के बीच नजर आ रहे हैं. इस बात को मानना चाहिए कि आपसी क्लैश नहीं होता तो बॉलीवुड ईद पर हावी हो जाता. बॉलीवुड का दुर्भाग्य यह है कि वह सबक से कुछ सीखता नहीं है. बॉलीवुड रिलीज की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं बना पाया है. बाहरी चुनौती की तुलना में उसे एकाधिकार की भावना और अपनी ही कमियों से ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है.

सूर्यवंशी.

सूर्यवंशी की कामयाबी से कुछ भी नहीं सीख पाया बॉलीवुड, खुद अपने दर्शकों से दूर हो रहा  

पिछले साल कोरोना बंदी के बाद दिवाली पर ज्यादा खराब हालात थे. लेकिन रोहित शेट्टी किसी तरह अक्षय कुमार की सूर्यवंशी को सोलो रिलीज करने में कामयाब रहे. सूर्यवंशी मास एंटरटेनर थी. इस वजह से दर्शकों कलो प्रभावित करने में कामयाब रही. रनवे 34 और हीरोपंती 2 को देखें तो दोनों में फिल्मों में मसाला एंटरटेनिंग की क्षमता निश्चित ही हीरोपंती 2 में थी. यह सोलो रिलीज हुई होती तो नतीजे बहुत अच्छे रहते लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. हीरोपंती 2 ने आक्रामक प्रमोशन के लिए कुछ अलग किया भी नहीं. दूसरा दक्षिण बनाम बॉलीवुड की बहस में अश्लीलता के जो आरोप बॉलीवुड पर लग रहे- हीरोपंती 2 में एक्सपोजर के नाम पर उनकी भरमार है. तमाम द्विअर्थी संवाद और दृश्य फैमिली ऑडियंस का रास्ता रोकते नजर आ रहे हैं.

यह भी ध्यान रखिए की फैमिली ऑडियंस ऊपर बताए इवेंट के दौरान ही प्राय: सिनेमाघरों का रुख करती है. वह हर शुक्रवार को फिल्म देखने नहीं निकल पाता. फैमिली किसी फिल्म को चुनने से पहले उसके ट्रेलर देखता है, समीक्षाएं पढ़ता है, फिल्म के आसपास हो रहे राजनीतिक चर्चाओं से भी प्रभावित होता है. हीरोपंती 2 के पक्ष में तीनों चीजें नहीं दिख रही हैं. दूसरी तरफ रनवे 34 ईद पर फैमिली ऑडियंस को खींच सकती थी, मगर फिल्म का दूसरा हाफ बेहद कमजोर होना भारी पड़ गया. हकीकत में दोनों फ़िल्में ईद रिलीज तो नहीं थीं. बॉलीवुड की तरफ से कोई सूर्यवंशी जैसी फिल्म आती तो नतीजे निश्चित ही शानदार निकलते. जबकि दिखाने के लिए ना जाने कितनी मास एंटरटेनर हैं उसके पास.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲