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दिव्या भारती की आखिरी रात का रहस्य हमेशा के लिए सस्‍पेंस फिल्‍म की तरह रहा!

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 25 फरवरी, 2021 01:41 PM
  • 25 फरवरी, 2021 01:41 PM
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Divya Bharti birth anniversary: कम उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में आना, शोहरत पाना, शादी करना; और कम उम्र में ही इस दुनिया से रुखसत हो जाना. वैसे तो दिव्या भारती की बस इतनी सी ही पहचान है, लेकिन यदि उनकी शख्सियत पर नजर डाले तो जान पड़ता है कि बहुत कम वक्त में उन्होंने बहुत कुछ पाया और खोया था.

मौत एक सच है. लेकिन असमय मौत कई सवाल खड़े करती है. यही मौत जब रहस्य बन जाए, तो मुसीबत बन जाती है. भारत में भी कई लोगों की मौत आज भी रहस्य है. सियासी हस्तियों से लेकर फिल्मी सितारों तक, कई ऐसे नाम हैं, जिनकी मौत के रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है. इस कड़ी में बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या भारती का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है. उनका आज जन्मदिन है. लेकिन बदनसीबी देखिए उनके हर जन्मदिन पर उनकी मौत की चर्चा ज्यादा होती है. 5 अप्रैल, 1993 को उनकी रहस्यमयी मौत हुई थी, जिसकी गुत्थी आज तक अनसुलझी है.

दिव्या भारती, बॉलीवुड इंडस्ट्री का वो नाम है जिसके बारे में लोग आज भी बातें तो करते हैं, लेकिन उनकी मौत के बारे में बात नहीं करना चाहते. उनके फिल्मी करियर में सफलता का सूर्योदय हुआ ही था कि 5 अप्रैल, 1993 की वह काली रात उनके जीवन में आ गई. महज 19 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री की उस चुलबुली लड़की की मौत हो गई. दिव्या भारती की इस मौत का रहस्य आज भी बरकरार है. हालांकि मुंबई पुलिस साल 1998 में ही उनकी मौत की जांच से जुड़ा केस बंद कर चुकी है. पुलिस का मानना है कि ये महज एक हादसा था, जिसमें दिव्या की मौत हो गई.

5 अप्रैल, 1993 को दिव्या की रहस्यमयी मौत हुई थी, जिसकी गुत्थी आज तक अनसुलझी है.

कम उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में आना. कम उम्र में शोहरत पाना. कम उम्र में शादी करना. कम उम्र में ही इस दुनिया से रुखसत हो जाना. वैसे तो दिव्या भारती की बस इतनी सी ही पहचान है, लेकिन यदि उनकी शख्सियत और उनके जीवन पर नजर डालें तो जान पड़ता है कि जरा से फिल्मी करियर में सफलता पाने वाली इस अभिनेत्री ने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा था. दिव्या भारती के पिता ओम प्रकाश भारती एक बीमा कंपनी में अफसर थे. उनकी माता मीता भारती गृहणी थीं. दिव्या ने 9वीं क्लास की...

मौत एक सच है. लेकिन असमय मौत कई सवाल खड़े करती है. यही मौत जब रहस्य बन जाए, तो मुसीबत बन जाती है. भारत में भी कई लोगों की मौत आज भी रहस्य है. सियासी हस्तियों से लेकर फिल्मी सितारों तक, कई ऐसे नाम हैं, जिनकी मौत के रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है. इस कड़ी में बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या भारती का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है. उनका आज जन्मदिन है. लेकिन बदनसीबी देखिए उनके हर जन्मदिन पर उनकी मौत की चर्चा ज्यादा होती है. 5 अप्रैल, 1993 को उनकी रहस्यमयी मौत हुई थी, जिसकी गुत्थी आज तक अनसुलझी है.

दिव्या भारती, बॉलीवुड इंडस्ट्री का वो नाम है जिसके बारे में लोग आज भी बातें तो करते हैं, लेकिन उनकी मौत के बारे में बात नहीं करना चाहते. उनके फिल्मी करियर में सफलता का सूर्योदय हुआ ही था कि 5 अप्रैल, 1993 की वह काली रात उनके जीवन में आ गई. महज 19 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री की उस चुलबुली लड़की की मौत हो गई. दिव्या भारती की इस मौत का रहस्य आज भी बरकरार है. हालांकि मुंबई पुलिस साल 1998 में ही उनकी मौत की जांच से जुड़ा केस बंद कर चुकी है. पुलिस का मानना है कि ये महज एक हादसा था, जिसमें दिव्या की मौत हो गई.

5 अप्रैल, 1993 को दिव्या की रहस्यमयी मौत हुई थी, जिसकी गुत्थी आज तक अनसुलझी है.

कम उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में आना. कम उम्र में शोहरत पाना. कम उम्र में शादी करना. कम उम्र में ही इस दुनिया से रुखसत हो जाना. वैसे तो दिव्या भारती की बस इतनी सी ही पहचान है, लेकिन यदि उनकी शख्सियत और उनके जीवन पर नजर डालें तो जान पड़ता है कि जरा से फिल्मी करियर में सफलता पाने वाली इस अभिनेत्री ने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा था. दिव्या भारती के पिता ओम प्रकाश भारती एक बीमा कंपनी में अफसर थे. उनकी माता मीता भारती गृहणी थीं. दिव्या ने 9वीं क्लास की पढ़ाई के बाद 14 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया. तब तक वह कुछ मॉडलिंग कर चुकी थीं.

मशहूर एक्टर गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार ने दिव्या भारती को अपनी फिल्म ‘राधा का संगम’ के लिए साइन किया था. कीर्ति कुमार का मकसद नए टैलेंट को मौका देना था, लेकिन जमाने ने उनकी इस मेहरबानी को अफेयर का नाम दे दिया. परेशान होकर कीर्ति ने दिव्या को फिल्म से बाहर कर जूही चावला को फिल्म की हिरोइन घोषित कर दिया. इसके बाद साल 1990 में दिव्या भारती ने तेलुगू फिल्म ‘बोब्बिली राजा’ से फिल्मी करियर की शुरूआत की थी. फिल्म सुपरहिट रही और साउथ फिल्म इंडस्ट्री में दिव्या भारती रातोंरात सुपरस्टार बन गईं. इसके बाद बॉलीवुड से जबदस्त ऑफर आने लगे.

फिल्ममेकर राजीव राय ने अपनी फिल्म ‘विश्वात्मा’ में दिव्या भारती को सनी देओल के अपोजिट कास्ट किया था. फिल्म सुपरहिट रही और इसकी सफलता के बाद दिव्या के पास बड़ी-बड़ी फिल्मों के लिए ऑफर आने लगे. साल 1992 में उनकी तीन फिल्मों ने उन्हें शोहरत के सर्वोच्च मुकाम पर पहुंचा दिया था. बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान ने दिव्या भारती के साथ ही साल 1992 में 'दीवाना' फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उस साल दिव्या भारती की उम्र 18 साल थी. यह फिल्म जबरदस्त हिट हुई. इसी साल फिल्म मेकर साजिद नाडियाडवाला से शादी कर दिव्या ने सभी को चौंका दिया था.

कहा जाता है कि साजिद नाडियाडवाला से शादी के बाद दिव्या भारती अक्सर तनाव में रहती थीं. कुछ लोग उनके तनाव की वजह को इतनी कम उम्र में माता-पिता से दूर हो जाने से जोड़कर भी देखते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि पिता से उनके संबंध ठीक नहीं थे. महज 16 साल की उम्र में दिव्या ने स्टारडम के उस मुकाम को हासिल कर लिया था, जो तमाम स्टारकिड्स आज भी हासिल करने में एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं और फिर भी नाकाम रहते हैं. तनावग्रस्त जीवन और हेक्टिक शेड्यूल की वजह से दिव्या शराब पीने लगी थीं. जिस रात उनकी मौत हुई उस रात भी वह शराब के नशे में थीं.

5 अप्रैल, 1993 को दिव्या भारती चेन्नई से फिल्म की शूटिंग पूरी कर मुंबई के वर्सोवा स्थित अपने घर लौटी थीं. इसी दिन उन्हें दूसरे शूट के लिए हैदराबाद जाना था. लेकिन उनके पैर में चोट लगने की वजह से उन्होंने हैदराबाद की शूटिंग पोस्टपोन कर दी थी. उसी दिन उन्हें एक नए फ्लैट की डील भी करनी थी. 'आंदोलन' फिल्म के चलते फैशन डिजाइनर नीता लुल्ला रात करीब 10 बजे दिव्या से मिलने उनके घर आईं. नीता के साथ उनके पति डॉ. श्याम लुल्ला भी थे. तीनों साथ में मिलकर शराब पीने लगे. उस वक्त दिव्या की मेड अमृता उनके लिए स्नैक्स तैयार कर रही थी.

दिव्‍या भारती की हाउस मेड अमृता ने उनकी बचपन से देखभाल की थी. इसलिए दिव्या उनसे अपने दिल की बातें किया करती थीं. श्याम और नीता लिविंग रूम में बैठकर टीवी देख रहे थे, जबकि अमृता किचन में सभी के लिए खाना पका रही थी. इसी बीच दिव्या अमृता से बात करते हुए लिविंग रूम की खिड़की की तरफ बढ़ गईं. यह खिड़की पार्किंग की तरफ थी और इसमें ग्रिल नहीं थी. दिव्या खिड़की पर बाहर की तरफ पैर करके बैठ गईं. खिड़की के बाहर लगभग एक फुट की पट्टी थी. दिव्‍या के दोस्‍तों का कहना है कि वह अक्‍सर ऐसे बैठकर बातें करना पसंद करती थीं.

दिव्‍या उसी खिड़की पर बैठकर अपनी मेड अमृता से लगातार बात भी कर रही थीं. इस बीच खिड़की पर बैठे हुए ही उन्होंने लिविंग रूम की तरफ मुड़कर देखा और अपना एक हाथ खिड़की की चौखट को मजबूती से पकड़ने के लिए बढ़ाया. शायद वह वहां से उठना चाहती थीं. लेकिन तभी उनका हाथ फिसल गया. वह 5वीं मंजिल से सीधे नीचे गिर गईं. नीता, श्याम और अमृता के भागकर आए, लेकिन दिव्या नीचे खून से लथपथ तड़प रही थीं. तुरंत एंबुलेंस बुलाया गया. उनको पासे के कूपर अस्पताल ले जाया गया. लेकिन काफी खून बह जाने की वजह से इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

इस हादसे को कुछ लोगों ने साजिश का नाम दिया तो कुछ इसे आत्महत्या मानते हैं. दिव्या के पिता ने बेटी की मौत के पीछे किसी षडयंत्र से इंकार किया था. उनकी मां का कहना था कि बेटी तो चली गई, यदि अब और कोई सच सामने आया, तो वो लोग बुरी तरह से टूट जाएंगे. दिव्या भारती की मौत के बाद उनकी तीन फिल्में 'रंग', 'शतरंज' और 'थोलि मुद्धू' रिलीज हुई थी, जिसमें रंग सुपरहिट रही थी. आज दिव्या भारत की मौत के बाद 28 साल गुजर चुके हैं. पुलिस इस केस को 26 साल पहले ही क्लोज कर चुकी है, लेकिन दिव्या के दीवाने आज भी उनकी मौत की सच्चाई जानना चाहते हैं.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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