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जानिए क्यों सुल्तान पर भारी हैं आमिर खान की बेटियां

    • बबिता पंत
    • Updated: 21 अक्टूबर, 2016 10:36 AM
  • 21 अक्टूबर, 2016 10:36 AM
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'सुल्तान' एक आदमी की जीत और हार की कहानी है और 'दंगल' में लड़कियों को अच्छी परवरिश और एक जैसे मौके देने की बात हो रही है.

आमिर खान की बहुप्रतिक्षित फिल्म 'दंगल' का ट्रेलर गुरुवार को जारी कर दिया और उम्मीद के मुताबिक उसे अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला. ट्रेलर के जारी होते ही ट्विटर और फेसबुक पर #दंगल टॉप ट्रेंड बन गया. जैसा कि पहले से अंदाजा लगाया जा रहा था कि 'दंगल' की तुलना सलमान खान की 'सुल्तान' से होगी और हुआ भी ठीक वैसा ही. कोई दंगल को सुल्तान से बेहतर बता रहा है तो कोई उसे सीक्वल कह रहा है. आमिर को भी यही डर था कि कहीं लोग दोनों फिल्मों की तुलना न करने लगें. ट्रेलर जारी करने से पहले बुधवार की रात उन्होंने ट्वीट भी किया था कि उन्हें नींद नहीं आएगी.

महावीर सिंह फोगट के किरदार में आमिर

हर बार की तरह इस बार भी आमिर पूरी तरह से किरदार में हैं. स्क्रीन पर वो आमिर नहीं बल्कि महावीर सिंह फोगट हैं जिसका इकलौता सपना कुश्ती में गोल्ड मेडल जीतना है. वैसे 'दंगल' और 'सुल्तान' में कई समानताएं हैं. दोनों फिल्मों के बैकग्राउंड में हरियाणा और केंद्र में कुश्ती व गोल्ड मेडल हैं. 'दंगल' के ट्रेलर के पहले सीन में ही आमिर किसी गबरू पहलवान की तरह कुश्ती कर रहे हैं. फिर अगले ही सीन में एक बेडौल आदमी की तरह नज़र आ रहे हैं जिसे देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि ये आदमी कभी चैंपियन पहलवान रहा होगा. यह सबकुछ 'सुल्तान' की तरह ही है. 'सुल्तान' में दर्शक पहले एक दम फिट सलमान को अखाड़े में देखते हैं और बाद में तोंद के साथ स्कूटर से दफ्तर जाते हुए.

ये भी पढ़ें- झटपट दंगल के सूरमा सलमान...

आमिर खान की बहुप्रतिक्षित फिल्म 'दंगल' का ट्रेलर गुरुवार को जारी कर दिया और उम्मीद के मुताबिक उसे अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला. ट्रेलर के जारी होते ही ट्विटर और फेसबुक पर #दंगल टॉप ट्रेंड बन गया. जैसा कि पहले से अंदाजा लगाया जा रहा था कि 'दंगल' की तुलना सलमान खान की 'सुल्तान' से होगी और हुआ भी ठीक वैसा ही. कोई दंगल को सुल्तान से बेहतर बता रहा है तो कोई उसे सीक्वल कह रहा है. आमिर को भी यही डर था कि कहीं लोग दोनों फिल्मों की तुलना न करने लगें. ट्रेलर जारी करने से पहले बुधवार की रात उन्होंने ट्वीट भी किया था कि उन्हें नींद नहीं आएगी.

महावीर सिंह फोगट के किरदार में आमिर

हर बार की तरह इस बार भी आमिर पूरी तरह से किरदार में हैं. स्क्रीन पर वो आमिर नहीं बल्कि महावीर सिंह फोगट हैं जिसका इकलौता सपना कुश्ती में गोल्ड मेडल जीतना है. वैसे 'दंगल' और 'सुल्तान' में कई समानताएं हैं. दोनों फिल्मों के बैकग्राउंड में हरियाणा और केंद्र में कुश्ती व गोल्ड मेडल हैं. 'दंगल' के ट्रेलर के पहले सीन में ही आमिर किसी गबरू पहलवान की तरह कुश्ती कर रहे हैं. फिर अगले ही सीन में एक बेडौल आदमी की तरह नज़र आ रहे हैं जिसे देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि ये आदमी कभी चैंपियन पहलवान रहा होगा. यह सबकुछ 'सुल्तान' की तरह ही है. 'सुल्तान' में दर्शक पहले एक दम फिट सलमान को अखाड़े में देखते हैं और बाद में तोंद के साथ स्कूटर से दफ्तर जाते हुए.

ये भी पढ़ें- झटपट दंगल के सूरमा सलमान खान

'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?'

दोनों ही फिल्मों में सपोर्टिंग एक्टर कमाल के हैं. 'सुल्तान' में अनुष्का शर्मा (सुल्तान की पत्नी आरफा), अनंत विधात शर्मा (सुल्तान का दोस्त गोविंद), रणदीप हुड्डा (सुल्तान का कोच फतेह सिंह) और अमित साध (प्रो टेकडाउन का फाउंडर और सुल्तान को लॉन्च करने वाला आकाश) ने अपने-अपने कैरेक्टर के साथ पूरा न्याय किया था. 'दंगल' में साक्षी तंवर आमिर की पत्नी के रोल में एकदम फिट बैठ रही हैं. वहीं उनकी बेटी गीता फोगट के बचपन का किरदार निभा रहीं ज़ायरा वसीम और बबिता कुमारी के किरदार में नज़र आ रहीं सुहानी भटनागर ने कमाल की एक्टिंग की है. दोनों बहनों की आंखें उनके कमिटमेंट को बयां कर रही हैं. उनके रेसलिंग मूव्स और उनका ये कहना कि 'पहलवानी बहुत हो गई अब दंगल हो गया' रोंगटे खड़े कर देगा.

ये भी पढ़ें- सुल्तान का ट्रेलर ज्यादा बेहतर है या गीता फोगट वाला विज्ञापन?

लेकिन मेरी नज़र में दंगल का ट्रेलर इसलिए दमदार है क्योंकि उसमें जिस अंदाज में मैसेज देने की कोशिश की गई है वो शानदार है. दंगल में महावीर सिंह फोगट को बेटे का इंजतार है ताकि वो उनका गोल्ड मेडल जीतने का सपना पूर कर सके. लेकिन चार-चार लड़कियों का पिता बनने के बाद वो अपने सपने को बक्से में बंद कर देता है. फिर एक दिन उसकी आंखें खुलती हैं और उसे एहसास हो जाता है कि उसकी बेटियां भी पहलवान बन सकती हैं. वो कहता है, "गोल्ड तो गोल्ड होता है, छोरा लावे या छोरी." ट्रेलर का बस यही वो पल है जो एक लाइन में सबकुछ कह देता है.

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हां, 'सुल्तान' और 'दंगल' के कई सीन एक जैसे लग सकते हैं लेकिन स्टोरी लाइन बिलकुल अलग है. 'सुल्तान' एक आदमी की जीत और हार की कहानी है. 'दंगल' में लड़कियों को अच्छी परवरिश और एक जैसे मौके देने की बात हो रही जहां कुश्ती एक हथियार भर है. ट्रेलर के आखिर में आमिर का एक और डायलॉग 'दंगल' को 'सुल्तान' से हर लिहाज़ से अलग कर देता है, 'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?'


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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