महानगरीय दर्शकों पर आयुष्मान खुराना-वाणी कपूर की 'चंडीगढ़ करे आशिकी' का बुखार दिखने लगा है. रिलीज से पहले अभिषेक कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म को लेकर बहुत तगड़ा बज नहीं था, मगर सिनेमाघरों में प्रीमियर के बाद जिस तरह समीक्षकों और दर्शकों की राय सामने आई, पहले ही दिन से एक बढ़िया वर्ड ऑफ़ माउथ बनना शुरू हो गया. बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन के कलेक्शन आंकड़े सामने आ चुके हैं. समाज के एक मुद्दे को एड्रेस करने वाली फिल्म को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. आयुष्मान-वाणी की फिल्म पहले ही दिन 3.75 करोड़ रुपये की कमाई करने में कामयाब रही.
फिल्म क्रिटिक और ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने आंकड़े साझा कर बताया कि चंडीगढ़ करे आशिकी ने मेट्रो सिटीज में बेहतर परफॉर्म किया. खासकर दिल्ली, एनसीआर और चंडीगढ़ में. हालांकि मास सर्किट में पहले दिन फिल्म कमजोर है. अन्य महानगरों में फिल्म ओपनिंग के बाद वीकएंड में मजबूती पकड़े.
वैसे चंडीगढ़ करे आशिकी ने मेट्रो मल्टीप्लेक्स को ही टारगेट किया था. इसे देश में करीब 2500 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है. स्क्रीन शेयरिंग के हिसाब से पहले दिन का कलेक्शन शानदार ही कहा जाएगा. फिलहाल तो यही लग तो यही सोशल इश्यू पर पंजाबी तड़के में ह्यूमर एंटरटेनमेंट से भरपूर एक हटके लवस्टोरी को दर्शकों का प्यार मिलना तय है.
सूर्यवंशी, तड़प और कुछ हद तक अंतिम: द फाइनल ट्रुथ को मौजूदा हाल में जिस तरह से थियेटर ऑडियंस मिल रहे हैं वह काबिल-ए-गौर है. कोरोना महामारी के बाद सिनेमाघर लंबे समय तक बंद रहे. इनके खुलने के बाद धीरे-धीरे दर्शक थियेटर्स...
महानगरीय दर्शकों पर आयुष्मान खुराना-वाणी कपूर की 'चंडीगढ़ करे आशिकी' का बुखार दिखने लगा है. रिलीज से पहले अभिषेक कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म को लेकर बहुत तगड़ा बज नहीं था, मगर सिनेमाघरों में प्रीमियर के बाद जिस तरह समीक्षकों और दर्शकों की राय सामने आई, पहले ही दिन से एक बढ़िया वर्ड ऑफ़ माउथ बनना शुरू हो गया. बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन के कलेक्शन आंकड़े सामने आ चुके हैं. समाज के एक मुद्दे को एड्रेस करने वाली फिल्म को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. आयुष्मान-वाणी की फिल्म पहले ही दिन 3.75 करोड़ रुपये की कमाई करने में कामयाब रही.
फिल्म क्रिटिक और ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने आंकड़े साझा कर बताया कि चंडीगढ़ करे आशिकी ने मेट्रो सिटीज में बेहतर परफॉर्म किया. खासकर दिल्ली, एनसीआर और चंडीगढ़ में. हालांकि मास सर्किट में पहले दिन फिल्म कमजोर है. अन्य महानगरों में फिल्म ओपनिंग के बाद वीकएंड में मजबूती पकड़े.
वैसे चंडीगढ़ करे आशिकी ने मेट्रो मल्टीप्लेक्स को ही टारगेट किया था. इसे देश में करीब 2500 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है. स्क्रीन शेयरिंग के हिसाब से पहले दिन का कलेक्शन शानदार ही कहा जाएगा. फिलहाल तो यही लग तो यही सोशल इश्यू पर पंजाबी तड़के में ह्यूमर एंटरटेनमेंट से भरपूर एक हटके लवस्टोरी को दर्शकों का प्यार मिलना तय है.
सूर्यवंशी, तड़प और कुछ हद तक अंतिम: द फाइनल ट्रुथ को मौजूदा हाल में जिस तरह से थियेटर ऑडियंस मिल रहे हैं वह काबिल-ए-गौर है. कोरोना महामारी के बाद सिनेमाघर लंबे समय तक बंद रहे. इनके खुलने के बाद धीरे-धीरे दर्शक थियेटर्स में लौटता दिख रहा है. तीन फिल्मों ने लागत के हिसाब से ठीक-ठाक कारोबार किया. हालांकि इसी अवधि में कई फ़िल्में औंधे मुंह भी गिरती नजर आ रही हैं. कुछ कमजोर थीं और कुछ हालात का शिकार बन गईं. ओमीक्रोन वेरिएंट के शोर के बीच चंडीगढ़ करे आशिकी के लिए पहले दिन की बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट पॉजिटिव है. यह क्रिसमस और फिर बाद में न्यूईयर वीक में रिलीज होने जा रही बड़ी फिल्मों के लिए शुभ संकेत है.
चंडीगढ़ करे आशिकी पर ब्रेक कहां लगता दिख रहा?
चंडीगढ़ करे आशिकी ने हिंदी के बड़े महानगरों में तो अच्छा कलेक्शन निकाला लेकिन मास सर्किट में कमजोर दिखी. ट्रेड एनालिस्ट मानकर चल रहे कि फिल्म ने दिल्ली, एनसीआर और चंडीगढ़ में जितना बेहतर किया कम से कम पहले दिन उतना बेहतर महाराष्ट्र-गोवा सर्किट में नहीं किया. यह बॉलीवुड फिल्मों के कारोबार का आधार क्षेत्र है. लेकिन वर्ड ऑफ़ माउथ बेहतर होने के साथ ही अन्य सर्किट में भी फिल्म के मजबूत होने के आसार हैं. विषय और मनोरंजक ट्रीटमेंट की वजह से वीकएंड में चंडीगढ़ करे आशिकी के कलेक्शन में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है.
क्या अन्य सर्किट में फिल्म की भाषा से पड़ रहा प्रभाव
निश्चित ही भाषाओं का एक प्रभाव तो होता है. महाराष्ट्र-गोवा, बंगाल के इलाकों में पंजाबी को लेकर दर्शक उतना सहज नहीं हैं जितना दिल्ली/एनसीआर के हिंदी दर्शक हैं. हो सकता है कि जिन बड़े महानगरों में फिल्म का कलेक्शन कमजोर दिखा वहां भाषा भी एक वजह बनी हो. चंडीगढ़ करे आशिकी में जिस तरह की खिचडी पंजाबी इस्तेमाल की जाती है- दर्शक उसे बॉलीवुड फिल्मों में पसंद करते रहे हैं. पंजाबी हिंदी खिचडी में बनी कई फ़िल्में ब्लॉकबस्टर हुई हैं. खुद आयुष्मान की ही विक्की डोनर में को देख ,लीजिए. लगभग खिचडी भाषा का इस्तेमाल हुआ बावजूद देशभर के दर्शकों ने फिल्म की फ्रेश कहानी को खूब प्यार दिया.
भाषा से ज्यादा विषय ने डाला होगा असर
फिल्म का विषय एक ऐसे मुद्दे पर है जिसमें समाज या घर परिवार में अलग-अलग उम्र के लोग खुलकर बात नहीं करते. चंडीगढ़ करे आशिकी की कहानी है तो रोमांटिक ड्रामा, मगर कहानी में सेक्स चेंज का ट्विस्ट है. सेक्स चेंज को लेकर समाज की धारणा क्या है- उसकी व्याख्या की जरूरत नहीं. स्वाभाविक रूप से माना जा सकता है कि ऐसे विषयों पर बनी फ़िल्में फैमिली ऑडियंस को पसंद तो आती हैं मगर वह परिवार के साथ देखने में संकोच करता है. दर्शकों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. उससे यह साफ है कि भले ही एक टैबू को कहानी का विषय बनाया गया है पर उसे बहुत ही ह्यूमर के साथ परोसा गया है. कहानी कहने में खूब सारी कॉमिक टाइमिंग का सहारा लिया गया है.
यही वो चीज है जो वक्त के साथ फैमिली ऑडियंस की झिझक को तोड़ सकती है और सभी महानगरों, कुछ हद तक मास सर्किट में भी फिल्म का कलेक्शन आने वाले दिनों में बेहतर नजर आ सकता है. फिल्म देखने वाले दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं इसे मजबूत बना रही हैं. प्रमोट भी करती दिख रही हैं. पहले दिन बॉक्स ऑफिस के जनादेश से एक बात साफ़ है. आयुष्मान-वाणी कपूर की फिल्म अक्षय कुमार की सूर्यवंशी के बाद बड़ी हिट बनने की ओर बढ़ सकती है.
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