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Chakra movie Review: साइबर क्राइम को एक अलग ही लेवल पर ले जाती है 'चक्र'

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 21 फरवरी, 2021 10:39 PM
  • 21 फरवरी, 2021 10:35 PM
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Chakra Movie Review: साउथ सुपरस्टार विशाल और श्रद्धा श्रीनाथ नाथ की साइबर क्राइम पर आधारित फिल्म चक्र एक दर्शक के रूप में हमें वो सभी एलिमेंट देती है जिसकी तलाश में हम सिनेमाघरों का रुख करते हैं. फिल्म ने जैसा टेम्परामेंट साइबर क्राइम को दिया है उसे देखना अपने में दिलचस्प है.

Chakra Review In Hindi: आखिरकार तमाम तरह के कयासों पर विराम लग ही गया. साउथ सुपरस्टार विशाल की मोस्ट अवेटेड फ़िल्म 'Chakra' रिलीज हो ही गयी. फ़िल्म पहले 1 मई 2020 को रिलीज थी लेकिन क्योंकि भारत कोरोना की मार झेल रहा था और लॉकडाउन के चलते सिनेमाघरों में ताला लगा था इसलिए फ़िल्म की रिलीज का प्लान प्रोड्यूसर डायरेक्टर द्वारा पोस्टपोन हुआ और अब जाकर ये फ़िल्म रिलीज की गई. फ़िल्म चक्र एक्शन एंटरटेनर फ़िल्म है जिसको विशाल के चलते वो रेस्पॉन्स मिला जिसकी उम्मीद इसे बनाते वक्त की गई थी. फ़िल्म चूंकि साउथ की ऑडियंस को ध्यान में रखकर बनी है तो दर्शकों की प्रतिक्रियाएं बता रही हैं कि फ़िल्म उन्हें ठीक लगी है. चाहे वो एक्टर विशाल और श्रद्धा श्रीनाथ की जोड़ी हो, फ़िल्म की स्टोरी लाइन हो, हाई वोल्टेज एक्शन सीन हों, रौबदार डायलॉग हों, गाने हों फ़िल्म एक दर्शक को वो सभी एलिमेंट देती है जिसकी तलाश में वो सिनेमाघरों का रुख करता है.

दर्शकों को ठीक ठाक एंटरटेनमेंट देती है विशाल की मूवी चक्र

जैसा कि हम बता चुके हैं विशाल की वजह से फ़िल्म को दक्षिण भारतीय फैंस द्वारा हाथों हाथ लिया जा रहा है माना जा रहा है कि फ़िल्म बढ़िया बिजनेस करेगी और निर्माता निर्देशकों को फायदा पहुंचाते हुए उस कहावत को चरितार्थ करेगी जिसमें कहा गया है कि इंतजार का फल मीठा होता है.

क्या है चक्र की कहानी

फ़िल्म साइबर क्राइम पर आधारित और फ़िल्म को जैसा टेम्परामेंट दिया गया है ये कहना कहीं से गलत नहीं है कि फ़िल्म साइबर क्राइम और उससे जुड़ी चुनौतियों को एक बिल्कुल नए लेवल पर ले जाती है. फ़िल्म घूमती है पुलिस ऑफिसर चंद्रू (विशाल) और गायत्री (श्रद्धा) के इर्द गिर्द. दोनों ही एक मिशन पर हैं जिन्हें हैकर्स के उस गैंग को सलाखों के पीछे पहुंचाना है जिन्होंने अपने शातिर दिमाग का परिचय...

Chakra Review In Hindi: आखिरकार तमाम तरह के कयासों पर विराम लग ही गया. साउथ सुपरस्टार विशाल की मोस्ट अवेटेड फ़िल्म 'Chakra' रिलीज हो ही गयी. फ़िल्म पहले 1 मई 2020 को रिलीज थी लेकिन क्योंकि भारत कोरोना की मार झेल रहा था और लॉकडाउन के चलते सिनेमाघरों में ताला लगा था इसलिए फ़िल्म की रिलीज का प्लान प्रोड्यूसर डायरेक्टर द्वारा पोस्टपोन हुआ और अब जाकर ये फ़िल्म रिलीज की गई. फ़िल्म चक्र एक्शन एंटरटेनर फ़िल्म है जिसको विशाल के चलते वो रेस्पॉन्स मिला जिसकी उम्मीद इसे बनाते वक्त की गई थी. फ़िल्म चूंकि साउथ की ऑडियंस को ध्यान में रखकर बनी है तो दर्शकों की प्रतिक्रियाएं बता रही हैं कि फ़िल्म उन्हें ठीक लगी है. चाहे वो एक्टर विशाल और श्रद्धा श्रीनाथ की जोड़ी हो, फ़िल्म की स्टोरी लाइन हो, हाई वोल्टेज एक्शन सीन हों, रौबदार डायलॉग हों, गाने हों फ़िल्म एक दर्शक को वो सभी एलिमेंट देती है जिसकी तलाश में वो सिनेमाघरों का रुख करता है.

दर्शकों को ठीक ठाक एंटरटेनमेंट देती है विशाल की मूवी चक्र

जैसा कि हम बता चुके हैं विशाल की वजह से फ़िल्म को दक्षिण भारतीय फैंस द्वारा हाथों हाथ लिया जा रहा है माना जा रहा है कि फ़िल्म बढ़िया बिजनेस करेगी और निर्माता निर्देशकों को फायदा पहुंचाते हुए उस कहावत को चरितार्थ करेगी जिसमें कहा गया है कि इंतजार का फल मीठा होता है.

क्या है चक्र की कहानी

फ़िल्म साइबर क्राइम पर आधारित और फ़िल्म को जैसा टेम्परामेंट दिया गया है ये कहना कहीं से गलत नहीं है कि फ़िल्म साइबर क्राइम और उससे जुड़ी चुनौतियों को एक बिल्कुल नए लेवल पर ले जाती है. फ़िल्म घूमती है पुलिस ऑफिसर चंद्रू (विशाल) और गायत्री (श्रद्धा) के इर्द गिर्द. दोनों ही एक मिशन पर हैं जिन्हें हैकर्स के उस गैंग को सलाखों के पीछे पहुंचाना है जिन्होंने अपने शातिर दिमाग का परिचय देते हुए चेन्नई में एक बड़ी और हाई प्रोफाइल चोरी को अंजाम दिया है. फ़िल्म की कहानी बस इतनी है और इसके बाद जो है वो फिक्शन या बहुत सीधे कहें तो साउथ की इंडस्ट्री वाली गप है.

जैसा कि हम बता चुके हैं फ़िल्म साउथ की ऑडियंस को ध्यान में रखकर बनाई गई है तो स्टोरी के बीच में हर वो एलिमेंट डाला गया है जो साउथ के दर्शकों के लिहाज से फ़िल्म को ग्रिपिंग बनाता है. यानी मारधाड़ से लेकर फैंटेसी और झूठ मूठ के साइंस फिक्शन तक फ़िल्म में हर वो चीज है जिसे जब एक दर्शक देखना शुरू करेगा तो यही चाहेगा कि फ़िल्म पूरी देखकर ही उठे.

कमी जिसपर बात होनी चाहिए

फ़िल्म में कॉमेडी का तड़का भी है और जैसा दक्षिण भारतीय फिल्मों का रिवाज रहा है ये व्यर्थ है. समीक्षक तक इस बात को लेकर एकमत हैं जिस थीम पर ये फ़िल्म बनाई गई है वहां कॉमेडी की कोई ज़रूरत नहीं थी. कॉमेडी के बाद जो दूसरी बड़ी कमी फ़िल्म में दिखाई देती है वो है साइबर क्राइम जैसे विषय को एक बिल्कुल ही दूसरे लेवल पर ले जाना.

फ़िल्म के प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, एक्टर तीनों को ही इस बात को समझना चाहिए था कि हम हिंदुस्तान में हैं और जब बात तकनीक और उसके इस्तेमाल की हो तो दुनिया से ज्यादा हम ख़ुद जानते हैं कि हम कहां हैं.

फ़िल्म कई जगह सस्पेंस लिए हुए है बाकी फ़िल्म में प्यार मुहब्बत भी भरपूर है तो यदि दर्शकों को जानना है कि प्यार मुहब्बत के बीच कैसे साइबर क्राइम जैसी जटिल चीज सेलोहा लिया जाएगा तो उन्हें इस फ़िल्म को एक बार जरूर देखना चाहिए.

कैसी है फ़िल्म की स्क्रिप्ट और निर्देशन

विशाल ही इस फ़िल्म के प्रोड्यूसर हैं जबकि फ़िल्म को लिखा और निर्देशित किया है एमएस आनंदन है. फ़िल्म देखते हुए महसूस होता है कि जो एक काम निर्देशक ने अच्छा किया वो ये कि उन्होंने शुरू से लेकर आखिर तक इस बात का ख्याल रखा कि साउथ का दर्शक देखना क्या चाहता है. फ़िल्म में दर्शकों के मुताबिक ही चीजों को दिखाया गया है इसलिए हमारा दावा है वो कहीं से भी निराश न होंगे.

फ़िल्म के मद्देनजर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं भी खूब आ रही हैं और तमाम लोग ऐसे हैं जिनका कहना है कि इस फ़िल्म को कम से कम एक बार तो देखा हो जा सकता है.

फ़िल्म हिट होती है या फ्लॉप इसका फैसला तो दर्शक करेंगे लेकिन इतना तो है कि इस फ़िल्म के जरिये विशाल ने बताया है कि नाम के जरिये सफलता कैसे हासिल की जाती है और कैसे एक साइबर क्राइम जैसे बोरिंग टॉपिक को इंटरेस्टिंग बनाया जाता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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