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Cartel Review: कलाकारों की दमदार परफॉर्मेंस के बीच गैंगवार की रोचक कहानी

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 22 अगस्त, 2021 05:36 PM
  • 22 अगस्त, 2021 05:34 PM
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कई फिल्मों और वेब सीरीज के आने से पहले इतना हाईप क्रिएट कर दिया जाता है कि लोग उसे देखने के लिए व्याकुल हो उठते हैं, लेकिन उसे देखने के बाद खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी हालत हो जाती है. वहीं कुछ सिनेमा बिना शोर मचाए रिलीज होते हैं और छा जाते हैं. लोगों का दिल जीत लेते हैं.

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई संगठित अपराध के सबसे बड़े केंद्र के रूप में जानी जाती रही है. यहां अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, अबु सलेम से लेकर हाजी मस्तान और करीम लाला तक, एक से बढ़कर एक गैंगस्टर पैदा हुए हैं. इनके बीच होने वाली गैंगवार की कहानी तो 90 के दशक में पूरे देश को झकझोर दिया करती थी. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री यानी बॉलीवुड मायानगरी मुंबई में ही स्थापित है. ऐसे में हिंदी सिनेमा पर गैंगस्टरों अपराधियों का प्रभाव पड़ना लाजिमी है. एक वक्त था जब फिल्म इंडस्ट्री में अंडरवर्ल्ड का भी पैसा लगता था. फिल्मों के जरिए उनकी काली कमाई सफेद की जाती थी. इसलिए फिल्मों में डॉन का महिमा मंडन खूब किया जाता था. दर्शकों को गैंगस्टरों की कहानी लुभाती रही हैं. यही वजह है कि गैंग्स ऑफ वासेपुर, डॉन, रईस, मकबूल, वास्तव, सत्या और अग्निपथ जैसी फिल्में सुपरहिट रही हैं.

वेब सीरीज 'कार्टेल' में सबसे दमदार रानी माई के रोल में सुप्रिया पाठक दिखी हैं.

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के विस्तार को देखते हुए बड़ी संख्या में वेब सीरीज और फिल्में बनाई जा रही हैं. इनमें क्राइम थ्रिलर एक्शन ड्रामा की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है. पंकज त्रिपाठी की वेब सीरीज 'मिर्जापुर' से लेकर मनोज बाजपेयी की 'द फैमिली मैन' तक, इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. इसी कड़ी में मुंबई में स्थित जरायम की दुनिया को बेनकाब करती गैंगस्टरों के बीच होने वाली गैंगवार की कहानी को वेब सीरीज 'कार्टेल' के रूप में लेकर आई हैं एकता कपूर. इसे अल्ट बालाजी और एमएक्स प्लेयर पर एक साथ रिलीज किया गया है. इस क्राइम एक्शन ड्रामा सीरीज में सुप्रिया पाठक, तनुज विरवानी, जितेंद्र जोशी, ऋत्विक धनजानी, दिव्या अग्रवाल, गिरिजा ओक और प्रणति राय प्रकाश जैसे कलाकार अहम भूमिका में हैं. कुल 14 एपिसोड की इस वेब सीरीज को अल्ट बालाजी के लिए प्रशांत भागिया ने निर्देशित किया है.

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई संगठित अपराध के सबसे बड़े केंद्र के रूप में जानी जाती रही है. यहां अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, अबु सलेम से लेकर हाजी मस्तान और करीम लाला तक, एक से बढ़कर एक गैंगस्टर पैदा हुए हैं. इनके बीच होने वाली गैंगवार की कहानी तो 90 के दशक में पूरे देश को झकझोर दिया करती थी. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री यानी बॉलीवुड मायानगरी मुंबई में ही स्थापित है. ऐसे में हिंदी सिनेमा पर गैंगस्टरों अपराधियों का प्रभाव पड़ना लाजिमी है. एक वक्त था जब फिल्म इंडस्ट्री में अंडरवर्ल्ड का भी पैसा लगता था. फिल्मों के जरिए उनकी काली कमाई सफेद की जाती थी. इसलिए फिल्मों में डॉन का महिमा मंडन खूब किया जाता था. दर्शकों को गैंगस्टरों की कहानी लुभाती रही हैं. यही वजह है कि गैंग्स ऑफ वासेपुर, डॉन, रईस, मकबूल, वास्तव, सत्या और अग्निपथ जैसी फिल्में सुपरहिट रही हैं.

वेब सीरीज 'कार्टेल' में सबसे दमदार रानी माई के रोल में सुप्रिया पाठक दिखी हैं.

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के विस्तार को देखते हुए बड़ी संख्या में वेब सीरीज और फिल्में बनाई जा रही हैं. इनमें क्राइम थ्रिलर एक्शन ड्रामा की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है. पंकज त्रिपाठी की वेब सीरीज 'मिर्जापुर' से लेकर मनोज बाजपेयी की 'द फैमिली मैन' तक, इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. इसी कड़ी में मुंबई में स्थित जरायम की दुनिया को बेनकाब करती गैंगस्टरों के बीच होने वाली गैंगवार की कहानी को वेब सीरीज 'कार्टेल' के रूप में लेकर आई हैं एकता कपूर. इसे अल्ट बालाजी और एमएक्स प्लेयर पर एक साथ रिलीज किया गया है. इस क्राइम एक्शन ड्रामा सीरीज में सुप्रिया पाठक, तनुज विरवानी, जितेंद्र जोशी, ऋत्विक धनजानी, दिव्या अग्रवाल, गिरिजा ओक और प्रणति राय प्रकाश जैसे कलाकार अहम भूमिका में हैं. कुल 14 एपिसोड की इस वेब सीरीज को अल्ट बालाजी के लिए प्रशांत भागिया ने निर्देशित किया है.

वेब सीरीज 'कार्टेल' मायानगरी मुंबई पर राज करने वाले पांच गैंगस्टरों की कहानी है. इसमें लॉर्ड ऑफ धारावी 'अन्ना', टैक्सी और ऑटो यूनियन कंट्रोलर और भिखारी रैकेट का किंगपिन 'गजराज', क्रिकेट सट्टेबाजी का मास्टरमाइंड और बॉलीवुड प्रोड्यूसर 'चेयरमैन', हथियारों का तस्कर और ड्रग्स डीलर 'खान' और आरे के मालिक 'आंग्रे', जैसे पांच दिलचस्प किरदार गढ़े गए हैं, जिनके बीच होने वाले गैंगवार को रोचक अंदाज में पेश किया गया है. इसमें रानी माई का किरदार कथानक के केंद्र में है, जो अपने पति की मौत के बाद उसके सारे गैर-कानूनी धंधों को अपने बेटे और दो भांजों की मदद से चलाती है. इसमें रानी माई के किरदार को देखकर रामगोपाल वर्मा की फिल्म सरकार के केंद्रीय किरदार की याद आ जाती है, जिसे अमिताभ बच्चन ने निभाया था. हालांकि, इस किरदार को स्क्रिनस्पेस बहुत कम मिला है.

वेब सीरीज की कहानी

वर्तमान मुंबई पर आधारित, 'कार्टेल' उन पांच गैंगस्टरों के इर्द-गिर्द ही घूमती है, जो अपने गैरकानूनी कारोबार से शहर पर राज कर रहे हैं. पिछले 15 वर्षों में मुंबई में किसी भी गिरोह के बीच हिंसा नहीं हुई है. उसका सबसे कारण यह है कि रानी माई (सुप्रिया पाठक) ने सभी गैंगस्टरों के साथ मिलकर एक आपसी समझ बनाई है, जिसके तहत सबके धंधे बांट दिए गए हैं. अन्ना (कन्नन अरुणाचलम), गजराज (शुभज्योति बारात), चेयरमैन (अश्वथ भट्ट) और खान (अनिल जॉर्ज) को उनके पसंद के हिसाब से उनका कार्यक्षेत्र दे दिया गया है. इन सभी के बीच यह शर्त बनाई गई है कि 'कोई भी किसी अन्य व्यक्ति के व्यवसाय में हस्तक्षेप नहीं करेगा'.

रानी माई एक मजबूत महिला है. वह अपने दो भांजो मधुकर म्हात्रे उर्फ ​​मधु भाऊ (जितेंद्र जोशी) और अर्जुन म्हात्रे उर्फ ​​मेजर भाऊ (तनुज विरवानी) के ऊपर बहुत अधिक निर्भर करती है. रानी अपने भांजों को अपने बेटे अभय आंग्रे (ऋत्विक धनजानी) की तरह मानती है. इसी बीच एक डील के सिलसिले में रानी एक बिजनेसमैन से मिलने अपने ही इलाके के एक गोदाम में जाती है, जहां दो अपराधी उसे गोली मार देते हैं. रानी को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया जाता है, लेकिन वो कोमा में चली जाती है. अब उसके दो भांजों और एक बेटे के ऊपर उसके काम को संभालने और उसके ऊपर हुए जानलेवा हमले का बदला लेने की जिम्मेदारी आ जाती है.

वेब सीरीज की समीक्षा

एकता कपूर का कॉन्सेप्ट और प्रशांत भागिया का निर्देशन बहुत ही शानदार और कसा हुआ है, जो दर्शकों को अंतिम एपिसोड तक बांधे रखता है. शुरूआत के एपिसोड सभी किरदारों को पेश करने और उनको स्थापित करने में काफी समय लेते हैं. हालांकि, बाद के एपिसोड ने स्पीड और रोमांच को बढ़ा दिया है, जिसमें यह दिखाया जाता है कि अपराधी कैसे अपने अवैध व्यापार का संचालन करते हैं. कैसे पॉलिटिकल, ज्यूडिशियल और कॉर्पोरेट कंपनियों के तार अंडरवर्ल्ड से जुड़े हुए होते हैं? सभी किरदारों को इस तरह करीने से गढ़ा गया है कि दर्शक हर किसी से कनेक्ट हो सकें. संबित मिश्रा और मनीष के तलपड़े द्वारा लिखित इस काल्पनिक सीरीज के हर एपिसोड की शुरुआत एक मर्डर से होती है और इसके पीछे की कहानी बाद में सामने आती है, जो काफी सम्मोहक है. एक क्राइम थ्रिलर के लिहाज से संवाद बहुत बेहतरीन हैं. भरत-सौरभ का दिया बैकग्राउंड म्यूजिक आकर्षक और दृश्यों के अनुकूल है. अप्रत्याशित ट्वीस्ट एंड टर्न और हैरतअंगेज क्लाइमेक्स सीरीज को रोमांचक बनाते हैं.

यह सच है कि वेब सीरीज 'कार्टेल' अन्य गैंगवार ड्रामा जैसे 'मम भाई', 'सत्या' और 'मुंबई सागा' की तरह है, लेकिन इसके कलाकारों ने अपनी दमदार अदाकारी से इस सीरीज को विशिष्ट बना दिया है. मेजर भाऊ के किरदार में तनुज विरवानी ने तो सबको पीछे ही छोड़ दिया है. जितेंद्र जोशी ने मधु भाऊ के किरदार में जान डाल दी है, जो एक्शन पहले लेता है और सोचता बाद में है. गिरिजा ओक मधु भाऊ की देखभाल करने वाली और प्यार करने वाली पत्नी, रमा के रूप में प्रभावशाली हैं. इसके साथ ही नेवेल दोराबजी के किरदार में समीर सोनी, उनकी भतीजी और अभय की प्रेमिका माया के किरदार में मोनिका डोगरा, आंग्रे की बेटियों के किरदार में प्रणति राय प्रकाश और अदिति वासुदेव, श्वेता के लिव-इन पार्टनर धवल के रूप में अमे वाघ ने अपने-अपने हिस्से का काम बखूबी किया है. सबसे दमदार रानी माई के रोल में दिखी हैं सुप्रिया पाठक, जो स्क्रीन पर कम समय दिखती हैं, लेकिन जितना दिखती है, उतने में धमाका कर जाती हैं. कुल मिलाकार, वेब सीरीज 'कार्टेल' अपने कलाकारों की दमदार परफॉर्मेंस की वजह से गैंगवार ड्रामा की फेहरिस्त में सबसे खास दिखती है. इसे एक बार जरूर देखा जाना चाहिए.

iChowk.in रेटिंग: 5 में से 3 स्टार


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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