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ब्रह्मास्त्र फेल, दक्षिण में 20 CR की कमाई, क्या कार्तिकेय 2 हिंदी का रिकॉर्ड तोड़ पाएगी फिल्म?

    • आईचौक
    • Updated: 17 सितम्बर, 2022 03:54 PM
  • 17 सितम्बर, 2022 03:54 PM
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ब्रह्मास्त्र ने करण जौहर एंड कंपनी के तमाम प्रयासों के बावजूद दक्षिण में महज 20 करोड़ की कमाई की है. जो बताने के लिए पर्याप्त है कि दर्शकों ने फिल्म को बुरी तरह से खारिज किया है. इससे ज्यादा पैसे तो मात्र 20 करोड़ के बजट में बनी कार्तिकेय 2 ने बिना प्रचार के सिर्फ हिंदी बेल्ट में कमा लिए थे.

करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी पैनइंडिया 'ब्रह्मास्त्र' के बिजनेस को लेकर रिपोर्ट्स हैं कि फिल्म ने भारतीय बाजार में 170 करोड़ की कमाई कर चुकी है और दूसरे हफ्ते में बहुत आसानी से 200 करोड़ कमाई का बेंचमार्क हासिल कर लेगी. यह सभी भाषाओं का कलेक्शन है. हालांकि बात दूसरी है जो बैनर फिल्म की रिकॉर्डतोड़ कमाई का जश्न मनाते नह्यीं दिख रहा. बॉलीवुड में सन्नाटा पसरा है. बॉलीवुड हंगामा के मुताबिक़ ब्रह्मास्त्र के घरेलू कलेक्शन में हिंदी का सबसे बड़ा कंट्रीब्यूशन है. दक्षिण की सभी भाषाओं से कुल मिलाकर महज 20 करोड़ रुपये की कमाई हुई है.

20 करोड़ की कमाई में भी सबसे बड़ा चंक तेलुगु बॉक्स ऑफिस का ही बताया जा रहा है. अन्य भाषाओं में तो नाम मात्र का कलेक्शन निकलकर सामने आया है. अगर तेलुगु की कार्तिकेय 2 के हिंदी वर्जन से तुलना करें तो ब्रह्मास्त्र अपने स्केल में दक्षिण में उतना भी मजबूत नहीं दिखी है जितना कि कार्तिकेय 2 का बिजनेस उत्तर में नजर आया. जबकि ब्रह्मास्त्र में नागार्जुन के रूप में तेलुगु स्टार भी है. उसे एसएस राजमौली, जूनियर एनटीआर जैसे दिग्गजों ने प्रमोट भी किया था. फिल्म चर्चाओं में थी. पिछले महीने जन्माष्टमी पर रिलीज हुई कार्तिकेय 2 को हिंदी के महज कुछ स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया था.

ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर.

कार्तिकेय की हिंदी में कमाई ब्रह्मास्त्र की समूचे दक्षिण की कमाई बेहद मामूली

25 करोड़ से कम बजट में बनी कार्तिकेय 2 ने हिंदी में बिना किसी तैयारी और प्रमोशन के 29 करोड़ से ज्यादा रुपये कमा लिए. जबकि 400 करोड़ बजट में बनी फिल्म ने दक्षिण में महज 20 करोड़ कमाए. साफ़ है कि करण जौहर के...

करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी पैनइंडिया 'ब्रह्मास्त्र' के बिजनेस को लेकर रिपोर्ट्स हैं कि फिल्म ने भारतीय बाजार में 170 करोड़ की कमाई कर चुकी है और दूसरे हफ्ते में बहुत आसानी से 200 करोड़ कमाई का बेंचमार्क हासिल कर लेगी. यह सभी भाषाओं का कलेक्शन है. हालांकि बात दूसरी है जो बैनर फिल्म की रिकॉर्डतोड़ कमाई का जश्न मनाते नह्यीं दिख रहा. बॉलीवुड में सन्नाटा पसरा है. बॉलीवुड हंगामा के मुताबिक़ ब्रह्मास्त्र के घरेलू कलेक्शन में हिंदी का सबसे बड़ा कंट्रीब्यूशन है. दक्षिण की सभी भाषाओं से कुल मिलाकर महज 20 करोड़ रुपये की कमाई हुई है.

20 करोड़ की कमाई में भी सबसे बड़ा चंक तेलुगु बॉक्स ऑफिस का ही बताया जा रहा है. अन्य भाषाओं में तो नाम मात्र का कलेक्शन निकलकर सामने आया है. अगर तेलुगु की कार्तिकेय 2 के हिंदी वर्जन से तुलना करें तो ब्रह्मास्त्र अपने स्केल में दक्षिण में उतना भी मजबूत नहीं दिखी है जितना कि कार्तिकेय 2 का बिजनेस उत्तर में नजर आया. जबकि ब्रह्मास्त्र में नागार्जुन के रूप में तेलुगु स्टार भी है. उसे एसएस राजमौली, जूनियर एनटीआर जैसे दिग्गजों ने प्रमोट भी किया था. फिल्म चर्चाओं में थी. पिछले महीने जन्माष्टमी पर रिलीज हुई कार्तिकेय 2 को हिंदी के महज कुछ स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया था.

ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर.

कार्तिकेय की हिंदी में कमाई ब्रह्मास्त्र की समूचे दक्षिण की कमाई बेहद मामूली

25 करोड़ से कम बजट में बनी कार्तिकेय 2 ने हिंदी में बिना किसी तैयारी और प्रमोशन के 29 करोड़ से ज्यादा रुपये कमा लिए. जबकि 400 करोड़ बजट में बनी फिल्म ने दक्षिण में महज 20 करोड़ कमाए. साफ़ है कि करण जौहर के समर्थन में दक्षिणी दिग्गजों के तमाम प्रयासों के बावजूद वहां के दर्शकों ने ब्रह्मास्त्र को बुरी तरह से खारिज कर दिया है. यह भी साफ़ दिख रहा कि दक्षिण में पॉजिटिव वर्ड ऑफ़ माउथ बिल्कुल नहीं है. और दूसरे हफ्ते के शुक्रवार से दक्षिण में फिल्म का सर्वाइव करना बेहद मुश्किल है. वैसे भी शुक्रवार को तमिल और तेलुगु बॉक्स ऑफिस पर नई फ़िल्में टंग जाएंगी. ऐसे में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म का कारोबारी रूप से टिके रहना लगभग असंभव है.

जहां तक बात कार्तिकेय 2 हिंदी के कलेक्शन से तुलना की है- तेलुगु फिल्म ने अपने बजट से भी ज्यादा कमाई सिर्फ हिंदी बेल्ट से की है. ब्रह्मास्त्र की 20 करोड़ कमाई को देखते हुए साफ़ लग रहा कि यह फिल्म दक्षिण में 400 करोड़ क्या 50 करोड़ भी कमाते नहीं दिख रही है. घरेलू बाजार में ब्रह्मास्त्र के कलेक्शन में प्रॉफिट शेयरिंग देखें तो निर्माताओं के हाथ कुल कलेक्शन का थोड़ा हिस्सा ही हाथ आएगा. द मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ कोविड के बाद टॉप स्टूडियो इनिशियल वीक में एग्जीबिटर्स से 60:40 के अनुपात में हिस्सा मांग रहे हैं.

निर्माताओं का कमाई में ये हिस्सा हो सकता है

यानी कमाई का का 60 प्रतिशत हिस्सा निर्माताओं का और बाकी एग्जीबिटर का. इस आधार पर देखें तो घरेलू बाजार में 400 करोड़ में बनी फिल्म के निर्माता पहले हफ्ते 102 करोड़ रुपये पा रहे हैं. वैसे कोविड से पहले बड़े स्टूडियोज और एग्जीबिटर्स के बीच 50:50 की शेयरिंग थी. पहले हफ्ते के बाद से एग्जीबिटर का हिस्सा बढ़ता जाता है. यही वजह है कि निर्माताओं की कोशिश रहती है कि उनकी फिल्म पहले वीकएंड और वीकडेज में ही ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा ले. पिछले साल जब रोहित शेट्टी की सूर्यवंशी रिलीज हुई थी, निर्माताओं और एग्जीबिटर्स के बीच प्रॉफिट शेयरिंग को लेकर इसी तरह की डील हुई सामने  थी. हालांकि तब एग्जीबिटर्स ने कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर 50 प्रतिशत दर्शक क्षमता की शर्त की वजह से प्रॉफिट शेयरिंग बढ़ाने की मांग की थी. अभी के सूरत-ए-हाल क्या हैं- इस बारे में बहुत कुछ दावे से नहीं कहा जा सकता. यह भी हो सकता है कि करण जौहर ने ब्रह्मास्त्र के लिए कोई अलग और सीक्रेट बिजनेस डील किया हो.

जहां तक बात ब्रह्मास्त्र के बेहतरीन बताए जा रहे कलेक्शन और उसके असर की है- बॉलीवुड में ब्लॉकबस्टर देने के बाद भी कोई जश्न का का सिलसिला नजर नहीं आया जो बॉलीवुड में एक ट्रेंड रहा है. सक्सेस पार्टियों का अंतहीन ट्रेंड थमा दिख रहा है. फिल्म ने कई बेंचमार्क हासिल कर लिए बावजूद बैनर ने इसे अब तक प्रचारित करने से संकोच बरत रखा है. यह समझ से परे है कि ऐसा क्यों दिख रहा है? ब्रह्मास्त्र की कथित कमाई एक तरह से बॉलीवुड के लिए ऑक्सीजन की तरह है फिर क्यों उसे प्रचारित करने से संकोच किया जा रहा है.

वैसे दूसरे हफ्ते में पहले शुक्रवार को फिल्म का बिजनेस 10 करोड़ के नीचे पहुंच चुका है. ट्रेड रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि शुक्रवार को फिल्म की कमाई करीब 7 करोड़ रुपये हो सकती है. साफ़ है कि टिकट खिड़की पर फिल्म कमजोर पड़ गई है और दूसरे हफ्ते में घरेलू बाजार से 50 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन निकालना टेढ़ी खीर है. इस हफ्ते छोटी ही सही मगर बॉलीवुड से भी नई फ़िल्में आ रही हैं. बाद बाकी ओवरसीज से धुआंधार कलेक्शन आ ही रहा है तो निर्माताओं को परेशान नहीं होना चाहिए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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