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आफताब-श्रद्धा केस पर बना क्राइम पट्रोल का एपिसोड दर्शकों की 'भावनाएं भड़का गया'!

    • आईचौक
    • Updated: 02 जनवरी, 2023 01:23 PM
  • 02 जनवरी, 2023 01:23 PM
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टेलीविजन चैनल सोनी टीवी के मशहूर शो क्राइम पेट्रोल के एक एपिसोड की वजह से सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हंगामा हो रहा है. इसमें श्रद्धा मर्डर केस पर आधारित कहानी दिखाई गई है, जिसमें आरोपी का नाम और धर्म बदल दिया गया है. इसके बाद से लोग चैनल के खिलाफ बायकॉट मुहिम चला रहे हैं. क्या क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री के लोग कुछ भी कर सकते हैं?

दिल्ली के महरौली का श्रद्धा मर्डर केस अक्सर सुर्खियों में बना रहता है. कभी इस केस की जांच की वजह से तो कभी किसी दूसरी घटना से जुड़ाव की वजह से. ताजा मामला एक टेलीविजन चैनल के क्राइम शो से जुड़ा हुआ है. इसकी वजह से सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक बवाल मचा हुआ है. लोग इस शो की वजह से पूरे चैनल के बहिष्कार की बातें कर रहे हैं. चैनल की मानसिकता को दूषित बताते हुए उसके बिजनेस हेड के धर्म पर भी निशाना साध रहे हैं. जी हां, टेलीविजन चैनल सोनी टीवी के मशहूर शो क्राइम पेट्रोल के एक एपिसोड की वजह से बायकॉट मुहिम चलाई जा रही है, जिसमें श्रद्धा मर्डर केस पर आधारित कहानी दिखाई गई है.

'क्राइम पेट्रोल' के एक एपिसोड की वजह से सोशल मीडिया पर हंगामा हो रहा है.

दरअसल, सोनी टीवी के शो क्राइम पेट्रोल में श्रद्धा वॉकर और आफताब पूनेवाला पर आधारित एक एपिसोड का प्रसारण किया गया है. लेकिन केस के अंडर ट्रायल होने की वजह से इसमें किरदारों के असली नाम रखने की बजाए बदल दिए गए हैं. जो बदलाव किया गया है, उसमें आफताब से प्रेरित किरदार का नाम बदलकर मिहिर और श्रद्धा के किरदार का नाम अन्ना फर्नांडिस रख दिया गया. चूंकि मिहिर हिंदू और फर्नांडिस ईसाई नाम है. इसलिए लोगों के ये बात बुरी लग गई है. उनका कहना है कि चैनल ने जानबूझकर मुस्लिम किरदार को हिंदू बना दिया है, ताकि समाज में हिंदूओ के प्रति नफरत की भावना फैलाई जा सके और बुरा साबित किया जा सके.

इस वजह से लोग सोनी टीवी चैनल के खिलाफ बायकॉट मुहिम चला रहे हैं. सोशल मीडिया पर बायकॉट करने वालों का कहना है कि चैनल ने गुनहगार के धर्म को बदलकर बहुत गलत काम किया है. लोगों का यह भी कहना है कि सोनी टीवी ने तथ्यों और चरित्रों के साथ छेड़छाड़ की है, जो कि कत्तई स्वीकार नहीं की जाएगी. इसके लिए चैनल को माफी मांगनी चाहिए. कुछ लोग...

दिल्ली के महरौली का श्रद्धा मर्डर केस अक्सर सुर्खियों में बना रहता है. कभी इस केस की जांच की वजह से तो कभी किसी दूसरी घटना से जुड़ाव की वजह से. ताजा मामला एक टेलीविजन चैनल के क्राइम शो से जुड़ा हुआ है. इसकी वजह से सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक बवाल मचा हुआ है. लोग इस शो की वजह से पूरे चैनल के बहिष्कार की बातें कर रहे हैं. चैनल की मानसिकता को दूषित बताते हुए उसके बिजनेस हेड के धर्म पर भी निशाना साध रहे हैं. जी हां, टेलीविजन चैनल सोनी टीवी के मशहूर शो क्राइम पेट्रोल के एक एपिसोड की वजह से बायकॉट मुहिम चलाई जा रही है, जिसमें श्रद्धा मर्डर केस पर आधारित कहानी दिखाई गई है.

'क्राइम पेट्रोल' के एक एपिसोड की वजह से सोशल मीडिया पर हंगामा हो रहा है.

दरअसल, सोनी टीवी के शो क्राइम पेट्रोल में श्रद्धा वॉकर और आफताब पूनेवाला पर आधारित एक एपिसोड का प्रसारण किया गया है. लेकिन केस के अंडर ट्रायल होने की वजह से इसमें किरदारों के असली नाम रखने की बजाए बदल दिए गए हैं. जो बदलाव किया गया है, उसमें आफताब से प्रेरित किरदार का नाम बदलकर मिहिर और श्रद्धा के किरदार का नाम अन्ना फर्नांडिस रख दिया गया. चूंकि मिहिर हिंदू और फर्नांडिस ईसाई नाम है. इसलिए लोगों के ये बात बुरी लग गई है. उनका कहना है कि चैनल ने जानबूझकर मुस्लिम किरदार को हिंदू बना दिया है, ताकि समाज में हिंदूओ के प्रति नफरत की भावना फैलाई जा सके और बुरा साबित किया जा सके.

इस वजह से लोग सोनी टीवी चैनल के खिलाफ बायकॉट मुहिम चला रहे हैं. सोशल मीडिया पर बायकॉट करने वालों का कहना है कि चैनल ने गुनहगार के धर्म को बदलकर बहुत गलत काम किया है. लोगों का यह भी कहना है कि सोनी टीवी ने तथ्यों और चरित्रों के साथ छेड़छाड़ की है, जो कि कत्तई स्वीकार नहीं की जाएगी. इसके लिए चैनल को माफी मांगनी चाहिए. कुछ लोग तो चैनल के ईवीपी और बिजनेस हेड दानिश खान को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. उनका कहना है कि दानिश चूंकि मुस्लिम धर्म के अनुयायी हैं, इसलिए उनके कहने पर मुस्लिम धर्म की छवि को धूमिल होने से बचाने के लिए मुख्य किरदार के नाम और धर्म दोनों बदल दिए गए.

सोनी टीवी के बिजनेस हेड दानिश खान की ट्विटर प्रोफाइल...

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा है, ''सोनी टीवी ने क्राइम पेट्रोल में दिखाया कि श्रद्धा की हत्या एक हिंदू लड़के ने की है. श्रद्धा का नाम बदलकर एना फ़र्नांडीज़ रख दिया और हत्यारें का नाम आफ़ताब की जगह मिहिर कर दिया. यहां तक कि मंदिर में शादी भी दिखा दी. इस बेशर्मी से हिंदू बेटियों की हत्याओं पर पर्दा डालने का काम किया जा रहा है.'' एक यूजर विक्रम यादव लिखते हैं, ''इस चैनल का बायकॉट तो करना ही है, लेकिन इस एपिसोड को दोबारा सही नाम से टेलीकास्ट करना होगा. ये कोई हमारी मांग नहीं है, बल्कि हमारी सोनी टीवी को चुनौती है. आप लोगों को बहुत आसान लगता है ना कि आप लोग कुछ परोस दोगे और हम उसे अपना लेंगे.''

सोशल मीडिया पर लोग इस तरह के पोस्ट शेयर कर रहे हैं...

वैसे इस केस को धार्मिक रंग देने वालों का गुस्सा अपनी जगह जायज है, लेकिन चैनल की भी कुछ मजबूरियां हैं. चूंकि अभी तक फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री के लोगों ने क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर हमारी सभ्यता और संस्कृति के साथ लगातार खिलवाड़ किया है. जिसे जो मन में आया है, उसने अपने हिसाब उसको दिखाया है. फिल्म मेकर्स को लगता था कि उन्होंने जो दिखा दिया, वही सच है. इतना ही नहीं हिंदू धर्म के प्रति इनका रवैया भी गलत रहा है. यही वजह है कि आज छोटी-छोटी बात पर लोग ध्यान दे रहे हैं. जरूरत पड़ने पर उसका विरोध कर रहे हैं. लेकिन इस केस में चैनल को दोषी इसलिए नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि ये बदलाव उनकी मजबूरी है. चूंकि केस कोर्ट में है, ऐसे में कानूनी रूप से इसे टीवी पर नहीं दिखाया जा सकता. इसलिए चैनल ने मिलती-जुलती कहानी बनाकर दिखाई है. ये जरूर है कि इसे टाला जा सकता था.

बताते चलें कि मुंबई के मलाड की रहने वाली श्रद्धा वॉकर की उसके ब्वॉयफ्रेंड आफताब पूनेवाला ने हत्या कर दी थी. उसके बाद उसने शव छुपाने के लिए शरीर के 30 से 40 टुकड़े कर दिए थे. हर पार्ट को अलग-अलग पॉलीथीन में पैक करके फ्रीज में डाल दिया था. शव से निकलने वाली बदबू को छुपाने के लिए अगरबत्तियां जलाकर रखता था. एक-एक कर पैकेट ठिकाने लगा दिया था. लेकिन श्रद्धा के पिता की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो खौफनाक वारदात का खुलासा हुआ था. आफताब इस वक्त जेल में बंद है. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है. आफताब का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ है, जिसमें उसने हत्या की बात स्वीकारी है.

क्राइम पेट्रोल का वो एपिसोड जिस पर आरोप लग रहे हैं...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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