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Sex Education पर आधारित ये फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं करती, जरूरी सीख भी देती हैं!

    • आईचौक
    • Updated: 05 दिसम्बर, 2022 09:27 PM
  • 05 दिसम्बर, 2022 08:53 PM
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बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार सेक्स एजुकेशन पर आधारित फिल्म में काम करने जा रहे हैं. इस बात का ऐलान आज उन्होंने एक इवेंट में किया है. अक्षय से पहले कई सितारों ने सेक्स एजुकेशन पर आधारित फिल्मों और वेब सीरीज में काम किया है. ऐसी फिल्में न सिर्फ मनोरंजन करती हैं, बल्कि लोगों को जरूरी सीख भी देती हैं.

साल 2022 में लगातार कई फ्लॉप फिल्में देने वाले अभिनेता अक्षय कुमार एक बार फिर सामाजिक मुद्दे पर बनी फिल्मों की तरफ रुख करते हुए दिख रहे हैं. 'पैडमैन' और 'टॉयलेट: एक प्रेमकथा' जैसी फिल्मों में काम करने वाले अक्षय कुमार अब सेक्स एजुकेशन पर आधारित एक फिल्म लेकर आने वाले हैं. इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम हो चुका है और वो बहुत जल्द इसकी शूटिंग शुरू करने वाले हैं. अपनी नई फिल्म के बारे में उन्होंने कहा, ''ये एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है. बहुत सारी जगहों पर ये है ही नहीं. हम स्कूल में हर तरह के सब्जेक्ट पढ़ते हैं और सेक्स एजुकेशन एक ऐसा टॉपिक है जो मैं चाहता हूं कि दुनिया के सभी स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए. मैं इस विषय पर एक बेहतरीन फिल्म बना रहा हूं.''

देखा जाए तो अक्षय कुमार की बातों में दम है. सेक्स एजुकेशन वाकई अहम विषय है. इस पर बात करने से लोग आनाकानी करते हैं. लंबी बहस के बाद 2005 में शिक्षा मंत्रालय ने पहली से 12वीं तक के बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने के लिए एडोलसेंस एजुकेशन प्रोग्राम लॉन्च किया था. लेकिन इसके खिलाफ कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन होने लगे. हालत ये हुई कि दो साल के अंदर 13 राज्यों में इस पर बैन लगा दिया गया. महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में इसका खूब विरोध हुआ. बच्चों को समझाने के लिए बनाए गए ग्रैफिक्स के साथ कंडोम, इंटरकोर्स और मास्टरबेशन जैसे शब्दों को आपत्तिजनक बताया गया.

सेक्स एजुकेशन नहीं दिए जाने में नुकसान बहुत ज्यादा है. यदि समय पर बच्चों को इसके बारे में जानकारी दे दी जाए, तो उनको यौन शोषण से बचाया जा सकता है. क्योंकि ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है. बच्चे तो छोड़िए बड़ी संख्या में युवा भी इससे अनजान नजर आते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 42 से 52 फीसदी युवा महसूस करते हैं कि उन्हें 'सेक्स' के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है. ऐसे में जिन बच्चों को सेक्स एजुकेशन नहीं मिलती, वे बड़े...

साल 2022 में लगातार कई फ्लॉप फिल्में देने वाले अभिनेता अक्षय कुमार एक बार फिर सामाजिक मुद्दे पर बनी फिल्मों की तरफ रुख करते हुए दिख रहे हैं. 'पैडमैन' और 'टॉयलेट: एक प्रेमकथा' जैसी फिल्मों में काम करने वाले अक्षय कुमार अब सेक्स एजुकेशन पर आधारित एक फिल्म लेकर आने वाले हैं. इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम हो चुका है और वो बहुत जल्द इसकी शूटिंग शुरू करने वाले हैं. अपनी नई फिल्म के बारे में उन्होंने कहा, ''ये एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है. बहुत सारी जगहों पर ये है ही नहीं. हम स्कूल में हर तरह के सब्जेक्ट पढ़ते हैं और सेक्स एजुकेशन एक ऐसा टॉपिक है जो मैं चाहता हूं कि दुनिया के सभी स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए. मैं इस विषय पर एक बेहतरीन फिल्म बना रहा हूं.''

देखा जाए तो अक्षय कुमार की बातों में दम है. सेक्स एजुकेशन वाकई अहम विषय है. इस पर बात करने से लोग आनाकानी करते हैं. लंबी बहस के बाद 2005 में शिक्षा मंत्रालय ने पहली से 12वीं तक के बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने के लिए एडोलसेंस एजुकेशन प्रोग्राम लॉन्च किया था. लेकिन इसके खिलाफ कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन होने लगे. हालत ये हुई कि दो साल के अंदर 13 राज्यों में इस पर बैन लगा दिया गया. महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में इसका खूब विरोध हुआ. बच्चों को समझाने के लिए बनाए गए ग्रैफिक्स के साथ कंडोम, इंटरकोर्स और मास्टरबेशन जैसे शब्दों को आपत्तिजनक बताया गया.

सेक्स एजुकेशन नहीं दिए जाने में नुकसान बहुत ज्यादा है. यदि समय पर बच्चों को इसके बारे में जानकारी दे दी जाए, तो उनको यौन शोषण से बचाया जा सकता है. क्योंकि ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है. बच्चे तो छोड़िए बड़ी संख्या में युवा भी इससे अनजान नजर आते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 42 से 52 फीसदी युवा महसूस करते हैं कि उन्हें 'सेक्स' के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है. ऐसे में जिन बच्चों को सेक्स एजुकेशन नहीं मिलती, वे बड़े होने के बाद गलत धारणाओं के शिकार हो जाते हैं. मानसिक उलझनों के चलते वे स्वप्न दोष, प्री-मैच्योर इजैकुलेशन, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याओं की चपेट में आ जाते हैं. इन समस्याओं से बच्चों को बचाया जा सकता है.

सिनेमा का समाज पर व्यापक असर दिखता है. कई सामाजिक मुद्दे भी सिनेमा को प्रभावित करते हैं. ऐसे में कई प्रमुख मुद्दों पर आधारित फिल्मों और वेब सीरीज का निर्माण किया जाता है. इनमें सेक्स एजुकेशन भी एक प्रमुख विषय है. समय-समय पर सिनेमा के जरिए इस मुद्दे को उठाया गया है. कई फिल्म में कुछ दृश्यों के जरिए, तो कई बार संवादों और गानों के जरिए भी इसकी जानकारी दी गई है. इतना ही नहीं कई बार तो पूरी फिल्म भी इस पर बना दी गई है. पिछले एक दशक के दौरान ऐसी फिल्में ज्यादा बनी हैं. इसकी बड़ी वजह ये है कि जब समाज में इस मुद्दे पर खुलकर बात होने लगी, तो सिनेमा ने भी इसे पूर्णकालिक विषय बनाना शुरू कर दिया. इसके जरिए लोगों को जागरूक भी किया है.

आइए ऐसी कुछ फिल्मों के बारे में जानते हैं, जो सेक्स एजुकेशन पर आधारित हैं...

1. हेलमेट (Helmet)

पिछले साल सितंबर में ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हुई कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'हेलमेट' का निर्देशन सतराम रमानी ने किया है. फिल्म में अपारशक्ति खुराना, प्रनुतन बहल, अभिषेक बनर्जी, आशीष वर्मा और शारिब हाशमी मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म गर्भनिरोध पर बात करती है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे आज भी लोग कंडोम का नाम लेने में शर्म करते हैं. दुकान पर जाकर कंडोम मांगने में शर्माते हैं. असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं, जिसकी वजह से अनचाहा गर्भ होता है. इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

2. विकी डोनर (Vicky Donor)

2012 में रिलीज हुई रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'विक्की डोनर' का निर्देशन शूजित सरकार ने किया है. इसमें आयुष्मान खुराना, यामी गौतम और अन्नू कपूर लीड रोल में हैं. फिल्म विक्की अरोड़ा (आयुष्मान खुराना) नामक एक लड़की की कहानी है. फिल्म में डॉ बलदेव चड्ढा (अनु कपूर) एक फर्टिलिटी एक्सपर्ट हैं. उनका एक फर्टिलिटी क्लीनिक हैं. विक्की में चड्ढ़ा को स्वस्थ और हाइ पर्फार्मिंग स्पर्म डोनर दिखता है. उनकी तमाम कोशिशों के बाद विक्की अपना स्पर्म डोनेट करने के लिए तैयार होते हैं. इसके बदले उसे पैसा भी मिलता है, जिससे उसकी जिंदगी बेहतर होने लगती है. आगे चलकर वो अपनी लेडी लव अशिमा रॉय (यामी गौतम) से शादी कर लेता है. लेकिन उसकी आगे की जिंदगी में अनेक समस्याएं खड़ी होती हैं, जिसका कनेक्शन कहीं ना कहीं उसके स्पर्म डोनेशन से आकर जुड़ जाता है. हालांकि, अंत में फिल्म यही संदेश देती है कि स्पर्म डोनेशन में कोई बुराई नहीं है.

3. खानदानी शफाखाना (Khandaani Shafakahana)

साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म 'खानदानी शफाखाना' का निर्देशन शिल्पी दासगुप्ता ने किया है. फिल्म मे सोनाक्षी सिन्हा, वरुण शर्मा और अन्नू कपूर मुख्य भूमिका में हैं. इस फिल्म से सिंगर बादशाह ने अभिनय की दुनिया मे कदम रखा था. यह फिल्‍म एक महिला नायिका की कहानी को सामने लाती है, जो सेक्स से संबंधित समस्याओं और सेक्‍स के विषय पर चर्चा करने से संबंधित लोगों की मनो और सामाजिक भावनाओं को जागरूक करती है. फिल्म में बताया गया है कि सेक्स कोई टैबू नहीं है. इस पर खुलकर बात होनी चाहिए.

4. जनहित में जारी (Janhit Mein Jaari)

इसी साल जून में ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हुई कॉमेडी ड्रामा 'जनहित में जारी' का निर्देशन ओमंग कुमार ने किया है. फिल्म के प्रोडूसर राज शांडिल्य हैं. इसमें अभिनेत्री नुसरत भरूच लीड रोल में हैं. उनके साथ अनुद सिंह ढ़ाका, विजय राज, पारितोष त्रिपाठी और बृजेंद्र काला भी अहम भूमिकाओं में हैं. इस फिल्म में कंडोम के प्रति लोगों को जागरूक किया गया है. आज भी हमारे परिवार में कंडोम को एक अछूत वस्तु माना जाता है. फिल्म में इसी धारणा पर करारा प्रहार किया गया है. कॉमेडी के साथ गंभीर संदेश दिया गया है.

5. शुभ मंगल सावधान (Shubh Mangal Saavdhan)

2017 में रिलीज हुई रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'शुभ मंगल सावधान का निर्देशन आर एस प्रसन्ना ने किया है. इसमें आयुष्मान खुराना, भूमी पेडनेकर और सीमा पाहवा लीड रोल में हैं. फिल्म में मर्दाना समस्या को कॉमेडी के जरिए दिखाया गया है, लेकिन इसके साथ ही गंभीर संदेश भी दिया गया है. शुभ मंगल सावधान एक तमिल फिल्म कल्याना सामायाल साधाम की हिंदी रीमेक है. फिल्म में मुदित (आयुष्मान खुराना) और सुगंधा (भूमि पेडनेकर) को एक-दूसरे को पसंद करते हैं. बाद में शादी भी कर लेते हैं. लेकिन सुहागरात को उन दोनों के बीच शारीरिक संबंध नहीं बन पाता है. सुगंधा को पता चलता है कि मुदित के साथ मर्दाना समस्याएं है. इसके बाद दोनों का रिश्ता धीरे-धीरे प्रभावित होने लगता है. कई डॉक्टरों से दिखाने के बाद भी मुदित की समस्या दूर नहीं होती. आखिरकार एक डॉक्टर ऐसा मिलता है, जो उसकी समस्या को दूर करने में पूरी मदद करता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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