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Jogi Movie पसंद आई तो जरूर देखिए दंगों पर आधारित ये 5 फिल्में और वेब सीरीज

    • आईचौक
    • Updated: 19 सितम्बर, 2022 02:24 PM
  • 19 सितम्बर, 2022 02:19 PM
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1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों पर फिल्म 'जोगी' में नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. इस फिल्म में सिख विरोधी दंगों को एक अलग नजरिए से पेश किया गया है. फिल्म लोगों को बहुत पसंद आ रही है. आइए दंगों पर आधारित अन्य फिल्मों के बारे में जानते हैं.

'गुंडे', 'सुल्तान', 'टाइगर जिंदा है' और 'भारत' जैसी फिल्में बनाने वाले अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनी फिल्म 'जोगी' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. 84 सिख विरोधी दंगों पर आधारित इस फिल्म में दिलजीत दोसांझ, मोहम्मद जीशान अयूब, हितेन तेजवानी, अमायरा दस्तूर और कुमुद मिश्रा जैसे कलाकार हैं. फिल्म को दर्शक बहुत पसंद कर रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि इसमें दंगों के दर्द को एक अलग नजरिए से पेश किया गया है. तीन अलग-अलग धर्मों को मानने वाले दोस्त विषम परिस्थिति में कैसे एक-दूसरे की मदद करते हैं, इसे फिल्म में बखूबी दिखाया गया है. वैसे दंगों पर आधारित एक दर्जन से अधिक फिल्में बन चुकी हैं. इनमें 'देव', '31 अक्टूबर', 'हवाएं', 'कौम दे हीरे', 'सन 84 जस्टिस' और 'ग्रहण' का नाम प्रमुख है. इन सभी फिल्मों में दंगों की दिल दहला देने वाली सच्चाई दिखाई गई है.

आइए दंगों पर आधारित प्रमुख फिल्मों के बारे में जानते हैं...

1. ग्रहण

कहां देख सकते हैं- डिज़्नी प्लस हॉटस्टार

कलाकार- अंशुमान पुष्कर, पवन मल्हो, टीकम जोशी और जोया हुसैन

निर्देशक- रंजन चंदेल

लेखक सत्य व्यास का उपन्यास 'चौरासी' पंजाब में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों पर लिखा गया है. वेब सीरीज 'ग्रहण' की कहानी 'चौरासी' पर आधारित है. रंजन चंदेल के निर्देशन में बनी इस सीरीज में सियासी दांव-पेंच और सिख विरोधी दंगों की जांच के बीच दो अलग-अलग समयावधियों की निच्छल प्रेम कहानी को इस तरह दिखाया गया है कि प्रेम रस प्रधान लगता है. इस प्रेम में जो मासूमियत, कोमलता और निच्छलता दिखाई गई है, उसे देखने के बाद रोम-रोम प्रेम रस में डूब जाता है. एक...

'गुंडे', 'सुल्तान', 'टाइगर जिंदा है' और 'भारत' जैसी फिल्में बनाने वाले अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनी फिल्म 'जोगी' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. 84 सिख विरोधी दंगों पर आधारित इस फिल्म में दिलजीत दोसांझ, मोहम्मद जीशान अयूब, हितेन तेजवानी, अमायरा दस्तूर और कुमुद मिश्रा जैसे कलाकार हैं. फिल्म को दर्शक बहुत पसंद कर रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि इसमें दंगों के दर्द को एक अलग नजरिए से पेश किया गया है. तीन अलग-अलग धर्मों को मानने वाले दोस्त विषम परिस्थिति में कैसे एक-दूसरे की मदद करते हैं, इसे फिल्म में बखूबी दिखाया गया है. वैसे दंगों पर आधारित एक दर्जन से अधिक फिल्में बन चुकी हैं. इनमें 'देव', '31 अक्टूबर', 'हवाएं', 'कौम दे हीरे', 'सन 84 जस्टिस' और 'ग्रहण' का नाम प्रमुख है. इन सभी फिल्मों में दंगों की दिल दहला देने वाली सच्चाई दिखाई गई है.

आइए दंगों पर आधारित प्रमुख फिल्मों के बारे में जानते हैं...

1. ग्रहण

कहां देख सकते हैं- डिज़्नी प्लस हॉटस्टार

कलाकार- अंशुमान पुष्कर, पवन मल्हो, टीकम जोशी और जोया हुसैन

निर्देशक- रंजन चंदेल

लेखक सत्य व्यास का उपन्यास 'चौरासी' पंजाब में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों पर लिखा गया है. वेब सीरीज 'ग्रहण' की कहानी 'चौरासी' पर आधारित है. रंजन चंदेल के निर्देशन में बनी इस सीरीज में सियासी दांव-पेंच और सिख विरोधी दंगों की जांच के बीच दो अलग-अलग समयावधियों की निच्छल प्रेम कहानी को इस तरह दिखाया गया है कि प्रेम रस प्रधान लगता है. इस प्रेम में जो मासूमियत, कोमलता और निच्छलता दिखाई गई है, उसे देखने के बाद रोम-रोम प्रेम रस में डूब जाता है. एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिए किस हद तक गुजर जाता है और एक अफसर बेटी अपने दंगों के दोषी बुजुर्ग पिता के लिए क्या कुछ कर जाती है, इसे बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है. दंगे दर्द देते हैं, लेकिन प्रेम सुकून देता है. इस एहसास के लिए ये सीरीज देखी जानी चाहिए.

2. देव

कहां देख सकते हैं- अमेज़न प्राइम वीडियो

कलाकार- अमिताभ बच्चन, ओम पुरी, अमरीश पुरी और करीना कपूर

निर्देशक- गोविंद निहलानी

साल 2004 में रिलीज हुई फिल्म 'देव' गुजरात दंगों पर आधारित है. इसमें अमिताभ बच्चन ने पुलिस अफसर देव, ओम पुरी ने पुलिस अफसर तेज, फरदीन खान ने फरहीन अली, करीन कपूर ने आलिया और अमरीश पुरी ने मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई है. फिल्म कहानी देव और तेज की दोस्ती पर आधारित है, जिसमें फरहीन अली का किरदार बहुत अहम है. इस फिल्म को लोगों ने बहुत पसंद किया था. इतना ही नहीं इसके लिए गोविंद निहलानी को बेस्ट डायरेक्टर और करीना कपूर के बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था.

3. 31 अक्टूबर

कहां देख सकते हैं- हॉटस्टार

कलाकार- सोहा अली खान, वीर दास, लाखा लखविंदर सिंह और प्रीतम कागने

निर्देशक- शिवाजी लोटन पाटिल

साल 2016 में रिलीज हुई फिल्म '31 अक्टूबर' साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों पर आधारित है. इस फिल्म में सोहा अली खान के ऑपोजिट वीर दास नजर आए हैं. वीर दास फिल्म में एक ऐसे सिख का किरदार निभा रहे हैं, जिसका परिवार दंगों के दौरान प्रभावित हुआ था. इस फिल्म में ये दिखाया गया है कि किस तरह एक घटना के बाद लोगों का नजरिया बदल जाता है. कल दोस्ती की बातें करने वाले लोग कितनी जल्दी दुश्मनी पर उतर जाते हैं.

4. परजानिया

कहां देख सकते हैं- डिज्नी प्लस हॉटस्टार

कलाकार- नसीरुद्दीन शाह, सारिका, कोरिन नेमेको, राज जुत्शी और परजान दस्तूर

निर्देशक- राहुल ढोलकिया

साल 2005 में रिलीज हुई फिल्म 'परजानिया' साल 2002 में हुए गोधरा दंगों पर आधारित है. इस फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना से प्रेरित है, जिसमें दंगों के दौरान एक पारसी दंपति का बेटा लापता हो जाता है. बूढ़े मां-बाप अपने बच्चे की तलाश इधर-उधर भटकते हुए सिस्टम के लाचारी का सामना करते हैं. फिल्म में ये भी दिखाया गया है कि दंगों के दौरान किस तरह से पुलिस और प्रशासन व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. इसमें नसीरुद्दीन शाह और सारिका ने मुख्य किरदार निभाए हैं.

5. ट्रेन टू पाकिस्तान

कहां देख सकते हैं- अमेज़न प्राइम वीडियो

कलाकार- निर्मल पांडे, रजित कपूर, मोहन आगाशे, स्मृति मिश्रा और दिव्या दत्ता

निर्देशक- पामेला रूक्स

साल 1956 में भारत विभाजन की त्रासदी पर खुशवंत सिंह द्वारा लिखे गए उपन्यास 'ट्रेन टू पाकिस्तान' पर साल 1998 में बनी फिल्म का निर्देशन पामेला रूक्स ने किया है. फिल्म की कहानी एक ऐसे व्यक्ति 'जग्गा' (निर्मल पांडे) के इर्द-गिर्द घूमती है जो पहले डकैत रह चुका है. वह एक मुस्लिम लड़की 'नूरां' (स्मृति मिश्रा) से प्रेम करता है. बंटवारे के वक्त पाकिस्तान जा रही ट्रेन को कुछ गुस्साए लोग पेड़ गिराकर ट्रेन रोकने की कोशिश करते हैं. लेकिन उनके इरादों को जग्गा जान की बाजी लगाकर नाकाम कर देता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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