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तालिबानी कब्जे के बाद अफगानिस्तान की हालत पर यूं छलका बॉलीवुड का दर्द

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 18 अगस्त, 2021 04:36 PM
  • 18 अगस्त, 2021 04:36 PM
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'एक देश आजादी के स्वागत में उत्सव मना रहा है, दूसरा खो रहा है', इसे संयोग कहेंगे या नियति, जिस दिन हिंदुस्तान में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा था, ठीक उसी दिन हमारे पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों के लिए कुख्यात तालिबान हथियारों के बल पर कब्जा जमा रहा था.

अफगान‍िस्तान में ताल‍िबान की वापस ने दुनियाभर में दहशत का माहौल बना दिया है. वहां से जिस तरह की तस्वीरों और वीडियो सोशल मीडिया के जरिए सामने आ रहे हैं, उसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं. कहीं प्लेन के साथ रनवे पर दौड़ते लोग, कहीं प्लेन के पहिए को पकड़कर भाग जाने की जानलेवा कोशिश करते लोग, तो कहीं एयरपोर्ट पर गोलीबारी और भगदड़ के बाद जमीन पर बेजान पड़े लोग, इंसानों की ऐसी हालत देख भरोसा ही नहीं हो रहा है कि हम सभी 21वीं सदी में जी रहे हैं, जहां इंसान सूरज और चांद की दूरियां मापने की कोशिश में लगा है. वहां हथियारों के बल पर इंसानियत को रौंदते हुए सत्ता हथियाई जा रही है और दुनिया मौन होकर बस तमाशा देखे जा रही है. ये मौन आज किसी की मौत पर भारी पड़ रहा है और आने वाले कल में होने वाले विनाश की ओर सृष्टि को ले जा रहा है.

तालिबान के राज में अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा प्रताड़ित वहां की महिलाएं ही होती हैं. शरियत कानून के बहाने तमाम तरह की आजादी के खिलाफ रहने वाले तालिबान की हुकूमत में सबसे ज्यादा परेशान महिलाएं रहती हैं. यहां महिलाओं को बेड़ियों में जकड़कर किसी वस्तु के सामान रखा जाता है. आज जहां दुनिया भर के अधिकांश मुल्कों में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं. अंतरिक्ष में शोध से लेकर आतंकवाद के खात्मे में सेना का साथ दे रही हैं. वहां तालिबान महिलाओं को गुलाम बनाकर रखने का पक्षधर है. वो महिलाओं की शिक्षा के खिलाफ है. उनकी आजादी का दुश्मन है. धार्मिक पाखंड का चोला ओढ़े इस बर्बर संगठन के राज में महिलाओं के साथ क्या होता है, ये दिल्ली के भोगल में रहने वाली अफगान मूल की अरफा बेहतर बताती हैं. वो अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ की रहने वालीं हैं. उनका कहना है कि पहले तालिबान राज में सबने देखा है कि क्या हुआ था.

अफगान‍िस्तान में ताल‍िबान की वापस ने दुनियाभर में दहशत का माहौल बना दिया है. वहां से जिस तरह की तस्वीरों और वीडियो सोशल मीडिया के जरिए सामने आ रहे हैं, उसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं. कहीं प्लेन के साथ रनवे पर दौड़ते लोग, कहीं प्लेन के पहिए को पकड़कर भाग जाने की जानलेवा कोशिश करते लोग, तो कहीं एयरपोर्ट पर गोलीबारी और भगदड़ के बाद जमीन पर बेजान पड़े लोग, इंसानों की ऐसी हालत देख भरोसा ही नहीं हो रहा है कि हम सभी 21वीं सदी में जी रहे हैं, जहां इंसान सूरज और चांद की दूरियां मापने की कोशिश में लगा है. वहां हथियारों के बल पर इंसानियत को रौंदते हुए सत्ता हथियाई जा रही है और दुनिया मौन होकर बस तमाशा देखे जा रही है. ये मौन आज किसी की मौत पर भारी पड़ रहा है और आने वाले कल में होने वाले विनाश की ओर सृष्टि को ले जा रहा है.

तालिबान के राज में अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा प्रताड़ित वहां की महिलाएं ही होती हैं. शरियत कानून के बहाने तमाम तरह की आजादी के खिलाफ रहने वाले तालिबान की हुकूमत में सबसे ज्यादा परेशान महिलाएं रहती हैं. यहां महिलाओं को बेड़ियों में जकड़कर किसी वस्तु के सामान रखा जाता है. आज जहां दुनिया भर के अधिकांश मुल्कों में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं. अंतरिक्ष में शोध से लेकर आतंकवाद के खात्मे में सेना का साथ दे रही हैं. वहां तालिबान महिलाओं को गुलाम बनाकर रखने का पक्षधर है. वो महिलाओं की शिक्षा के खिलाफ है. उनकी आजादी का दुश्मन है. धार्मिक पाखंड का चोला ओढ़े इस बर्बर संगठन के राज में महिलाओं के साथ क्या होता है, ये दिल्ली के भोगल में रहने वाली अफगान मूल की अरफा बेहतर बताती हैं. वो अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ की रहने वालीं हैं. उनका कहना है कि पहले तालिबान राज में सबने देखा है कि क्या हुआ था.

अरफा का कहना है, 'अफगानिस्तान में शांति सेना के आने से पहले तालिबान का जुल्म-ओ-सितम चरम पर था. उस समय तालिबान के लड़ाके आते थे, लड़कियों को उठाते थे, जबरन शादी करते थे, गलत काम करते थे और छोड़ देते थे. उसके बाद से किसी भी महिला को इन पर भरोसा नहीं है. इस वक्त उनके परिवार की सभी महिलाएं डरी हुई हैं. कोई भी घर से नहीं निकल रहा है. सिर्फ बुजुर्ग महिलाएं निकल रहीं हैं, वो भी किसी के साथ. तालिबान राज की दोबारा वापसी महिलाओं के लिए किसी गंदे सपने से कम नहीं है. इसके लिए पाकिस्तान बहुत हद तक जिम्मेदार है.' वैसे देखा जाए, तो अरफा का कहना बिल्कुल सही है. तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया, जिसमें कुछ तालिबानी महिलाओं को चौराहे पर खड़ा करके उनकी बोली लगा रहे थे.

तालिबान की इन हरकतों से आम से लेकर खास तक हर कोई सहमा हुआ है. अफगानिस्तान के लोगों की सलामती के लिए दुआएं मांग रहा है. इनमें बॉलीवुड की हस्तियां भी शामिल हैं. कंगना रनौट से लेकर हेमा मालिनी तक, हर सेलेब सोशल मीडिया के जरिए अपने दिल का दर्द बयां कर रहा है.

आइए जानते हैं बॉलीवुड की किस हस्ती ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा है...

'यह देखकर बहुत दुख होता है कि यह क्या हो रहा है और लोगों को देश से भागने की कोशिश करते हुए देखना भयावह है. हवाई अड्डे पर वह पागलों की तरह भीड़ बहुत डरावनी है.'

  • हेमा मालिनी, फिल्म एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद

'हमारे बहुत सारे भारतीय भाई-बहन और दूसरे देश के लोग अफगान‍िस्तान में फंसे हुए हैं. उम्मीद है उन्हें जल्द से जल्द सुरक्ष‍ित घर वापस लाया जाए. वहां के वीड‍ियोज देख मेरा दिल टूट गया है. ऊपरवाला उनका साथ दे.

  • प्रीति जिंटा, फिल्म एक्ट्रेस

'इतिहास ने हमें सिखाया है कि धर्मान्ध लोग पहले धर्म के नाम पर संस्कृति पर हमला करते हैं. याद है कि कैसे तालिबान ने छठीं शताब्दी में बामियां बुद्धाज को ध्वस्त कर दिया था. यह क्रूरता की ओर इशारा करता है.'

  • शबाना आजमी, फिल्म एक्ट्रेस

'आज हम इसे चुपचाप देख रहे हैं कल ये हमारे साथ भी हो सकता है. अच्छा हुआ मैंने सीएए के लिए लड़ाई लड़ाई, मैं पूरी दुनिया को बचाना चाहती हूं लेकिन मुझे इसकी शुरुआत अपने घर से करनी होगी.'

  • कंगना रनौत, एक्ट्रेस

'यह दिल दहला देने वाला है. किसी को भी इससे नहीं गुजरना चाहिए.'

  • अनुष्का शर्मा, एक्ट्रेस

'जहां पूरी दुनिया की औरतें समान वेतन के लिए लड़ रही हैं. वहीं अफगानिस्तान की महिलाओं को बेचा जा रहा है. या ये कह सकते हैं कि यह खुद एक वेतन बन गई हैं. वहां औरतें और माइनॉरिटी की स्थिति को देखकर दिल टूट रहा है. मैं ग्लोबल लीडर से अपील करती हूं कि सब एकजुट होकर अफगानिस्तान के खिलाफ आवाज उठाएं. औरतें भी इंसान हैं.'

  • रिया चक्रवर्ती, मॉडल और एक्ट्रेस

'अफगानिस्तान के लोगों के लिए खास प्रार्थना. विदेशी ताकतों के कोलोनियल महत्वाकांक्षाओं के लिए एक देश को तोड़ा गया और बर्बाद कर दिया गया है.'

  • शेखर कपूर, फिल्म मेकर

'जब एक देश अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा था तो दूसरा देश अपनी आजादी खो रहा है, क्या दुनिया है ये.'

  • सोनी राजदान, एक्ट्रेस

'अफगानिस्तान से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उन्हें देखकर बहुत, बहुत परेशान हूं. बस हमारे और हमारे जैसे पुरुष, महिलाएं और बच्चे जीवित रहने की कोशिश कर रहे हैं. #प्रार्थना मानवता के लिए #प्रार्थना शांति के लिए. #HealTheWorld के लोग. यह हमारी एकमात्र दुनिया है.'

  • सुनील शेट्टी, एक्टर

'काबुल बेहद खूबसूरत था, वही बड़ी हुई थी, लेकिन अब जो हो रहा है उससे मेरा दिल टूट रहा है, एक बेहद सुंदर लेकिन दुखद देश की शांति के लिए प्रार्थना कर रही हूं.'

  • टिस्का चोपड़ा, एक्ट्रेस

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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