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भोजपुरी जुबली स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ की स्टोरी किसी फ़िल्म से कम नहीं

    • ओम प्रकाश धीरज
    • Updated: 24 अगस्त, 2020 09:25 PM
  • 24 अगस्त, 2020 09:25 PM
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भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री (Bhojpuri Cinema Industry) के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) स्टेज शो में हारमोनियम बजाने से भोजपुरी फ़िल्मों के सबसे बड़े स्टार बनने का सफर तय करते हैं. लेकिन इसके पीछे कड़ी मेहनत, किस्मत और दर्शकों का प्यार है. जानते हैं निरहुआ (Nirahua Biography) की जिंदगी की अनोखी कहानी.

साल 2006 था, भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री मनोज तिवारी की फ़िल्म ससुरा बड़ा पईसावाला की सफलता के बाद पूनर्जीवित हो रही थी और नए-नए सिंगर और एक्टर-एक्ट्रेस उभर रहे थे. उसी दौरान एक बेहद सामान्य कद-काठी का सिंगर अपने एलबम के गाने में बांसबाड़ी में लुंगी पहने डांस करते दिखा और फिर धीरे-धीरे लोगों की नजरों में आने लगा. इस सिंगर-एक्टर का नाम था दिनेश लाल यादव. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित फेमस बिरहा फैमिली से ताल्लुक रखने वाले दिनेश लाल यादव सिंगिंग के साथ ही एक्टिंग में भी नाम कमाने की खातिर सबसे पहले 2003 में निरहुआ सटल रहे म्यूजिक एलबम में नजर आए. यह एलबम काफी हिट हुआ और दिनेश लाल यादव के साथ निरहुआ नाम भी जुड़ गया. इसके बाद साल 2005 में दिनेश लाल यादव ने ‘हमका अइसा वइसा न समझा’ फ़िल्म से बतौर हीरो भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया. हालांकि, उन्हें असली पहचान साल 2007 में मिली, जब वह सुनील छैला बिहारी और कल्पना की भोजपुरी फ़िल्म ‘चलत मुसाफिर मोह लियो रे’ में नजर आए. दिनेश लाल यादव ने पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में दर्शकों के दिल पर ऐसा जादू चलाया कि भोजपुरी सिनेमा के जानकारों ने उसी समय भविष्य‌वाणी कर दी की यह लड़का बहुत आगे जाना वाला है.

25 साल की उम्र में भोजपुरी फ़िल्मों में डेब्यू करने वाले दिनेश लाल यादव अपनी बहुमुखी प्रतिभा के बल पर न सिर्फ सिंगिंग और एक्टिंग में, बल्कि टीवी शो में भी प्रजेंटर के तौर पर देखे जाने लगे और छाते गए. साल 2007 तक दुनिया दिनेश लाल यादव को इसी नाम से जानती थी, लेकिन साल 2008 ने उनकी किस्मत बदल दी, जब वह पहली बार निरहुआ रिक्शावाला जैसी बड़ी फ़िल्म में बतौर हीरो नजर आए. दिनेश लाल यादव और पाखी हेगड़े की यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई और इसके बाद दिनेश लाल यादव की किस्मत ही पलट गई. दुनिया उन्हें निरहुआ के नाम से जानने लगी और इसी नाम के सहारे उन्होंने भोजपुरी सिनेमा के करोड़ों दर्शकों को निरहुआ हिंदुस्तानी, निरहुआ हिंदुस्तानी 2, निरहुआ चलल ससुराल, निरहुआ चलल...

साल 2006 था, भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री मनोज तिवारी की फ़िल्म ससुरा बड़ा पईसावाला की सफलता के बाद पूनर्जीवित हो रही थी और नए-नए सिंगर और एक्टर-एक्ट्रेस उभर रहे थे. उसी दौरान एक बेहद सामान्य कद-काठी का सिंगर अपने एलबम के गाने में बांसबाड़ी में लुंगी पहने डांस करते दिखा और फिर धीरे-धीरे लोगों की नजरों में आने लगा. इस सिंगर-एक्टर का नाम था दिनेश लाल यादव. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित फेमस बिरहा फैमिली से ताल्लुक रखने वाले दिनेश लाल यादव सिंगिंग के साथ ही एक्टिंग में भी नाम कमाने की खातिर सबसे पहले 2003 में निरहुआ सटल रहे म्यूजिक एलबम में नजर आए. यह एलबम काफी हिट हुआ और दिनेश लाल यादव के साथ निरहुआ नाम भी जुड़ गया. इसके बाद साल 2005 में दिनेश लाल यादव ने ‘हमका अइसा वइसा न समझा’ फ़िल्म से बतौर हीरो भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया. हालांकि, उन्हें असली पहचान साल 2007 में मिली, जब वह सुनील छैला बिहारी और कल्पना की भोजपुरी फ़िल्म ‘चलत मुसाफिर मोह लियो रे’ में नजर आए. दिनेश लाल यादव ने पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में दर्शकों के दिल पर ऐसा जादू चलाया कि भोजपुरी सिनेमा के जानकारों ने उसी समय भविष्य‌वाणी कर दी की यह लड़का बहुत आगे जाना वाला है.

25 साल की उम्र में भोजपुरी फ़िल्मों में डेब्यू करने वाले दिनेश लाल यादव अपनी बहुमुखी प्रतिभा के बल पर न सिर्फ सिंगिंग और एक्टिंग में, बल्कि टीवी शो में भी प्रजेंटर के तौर पर देखे जाने लगे और छाते गए. साल 2007 तक दुनिया दिनेश लाल यादव को इसी नाम से जानती थी, लेकिन साल 2008 ने उनकी किस्मत बदल दी, जब वह पहली बार निरहुआ रिक्शावाला जैसी बड़ी फ़िल्म में बतौर हीरो नजर आए. दिनेश लाल यादव और पाखी हेगड़े की यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई और इसके बाद दिनेश लाल यादव की किस्मत ही पलट गई. दुनिया उन्हें निरहुआ के नाम से जानने लगी और इसी नाम के सहारे उन्होंने भोजपुरी सिनेमा के करोड़ों दर्शकों को निरहुआ हिंदुस्तानी, निरहुआ हिंदुस्तानी 2, निरहुआ चलल ससुराल, निरहुआ चलल ससुराल 2,निरहुआ मेल, निरहुआ नंबर 1, निरहुआ बनल डॉन, निरहुआ रिक्शावाला 2, निरहुआ चलल लंदन समेत ढेरों सुपरहिट फ़िल्में दीं. आज दिनेश लाल यादव निरहुआ भोजपुरी सिनेमा के जुबली स्टार माने जाते हैं, जिनकी लगभग सभी फ़िल्में सुपरहिट होती हैं. निरहुआ पवन सिंह, खेसारी लाल यादव, रितेश पांडे, प्रदीप पांडे, रवि किशन समेत अपने समकालीन भोजपुरी स्टार्स से कोसों आगे हैं और उनके जैसा फिलहाल भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में कोई हीरो नहीं है.

शुरुआत कहां से हुई?

यूपी के गाजीपुर स्थित टंडवा गांव की बिरहा फैमिली में पैदा हुए दिनेश लाल यादव को संगीत जैसे विरासत में मिली. पूर्वांचल में बिरहा सम्राट के नाम से फेमस विजय लाल यादव उनके कजिन हैं. वहीं गीतकार प्यारे लाल यादव भी उनके रिश्ते के भाई हैं. गाजीपुर की पैदाइश दिनेश लाल यादव पले-बढ़े कोलकाता में, जहां उनके पिता एक फैक्टरी में काम करते थे. घर में संगीत का माहौल था तो दिनेश लाल यादव की रुचि हारमोनियम और तबले की तरफ बढ़ी और वह भी गायकी में हाथ आजमाने लगे. उम्र बढ़ती गई तो वह अपने भाई विजय लाल यादव के साथ टी-सीरीज रिकॉर्डिंग स्टूडियो और संगीत कार्यक्रमों में जाने लगे. यह वो दौर था, जब भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री फिर से जिंदा होने की कोशिश में थी. दिनेश लाल यादव के दिमाग में आया कि क्यों न सिंगिंग के साथ ही एक्टिंग में भी हाथ आजमाया जाए. इसी कोशिश में वह म्यूजिक प्रोग्राम में बतौर एंकर भी नजर आने लगे और फिर टीवी शो का भी हिस्सा बनने लगे. इस दौरान वह गायक के तौर पर बिरहा गाते थे और साल 2003 में उन्होंने निरहुआ सटल रहे नाम से एक म्यूजिक एलबम बनाया, जो कि काफी हिट रहा. इसके बाद दिनेश लाल यादव लोगों की नजर में आने लगे. दिनेश लाल यादव की पहली कमाई 500 रुपये थी, जब उन्होंने किसी कार्यक्रम में गाना गाया था.

गायकी और चेहरे से अदायगी का हुनर

साल 2004 में मनोज तिवारी और रानी चटर्जी की फ़िल्म ससुरा बड़ा पईसावाला की अपार सफलता के बाद जब भोजपुरी फ़िल्मों की डिमांड बढ़ी तो इस इंडस्ट्री से कई नए चेहरे जुड़े, जिनमें दिनेश लाल यादव भी थे. साल 2005 में दिनेश लाल यादव की पहली भोजपुरी फ़िल्म आई, जिसका नाम था ‘हमका अइसा वइसा न समझा’. यह फ़िल्म एक ऐसे लड़के की कहानी थी, जो गांव का था और शहर में लोग उसकी काफी तौहीन करते हैं. बाद में वह किस तरह शहर में अपनी पहचान बनाता है और लोगों को करारा जवाब देता है. दिनेश लाल यादव की यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर पाई, लेकिन भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री को एक ऐसा हीरो मिल गया था, जो गायकी के साथ ही अदायगी की दुनिया में भी बड़ा नाम कमाने के हुनर और हौसला के साथ ही सब्र भी रखता है. दिनेश लाल यादव अपनी मेहनत के बल पर साल 2007 में पहली बार मेनस्ट्रीम भोजपुरी फ़िल्म ‘चलत मुसाफिर मोह लियो रे’ में सुनील छैला बिहारी और कल्पना के साथ नजर आए. सुनील छैला बिहारी और कल्पना उस समय भोजपुरी सिनेमा जगत की बड़ी हस्तियां थीं. अपने छोटे से रोल में दिनेश लाल यादव ने ऐसा जलवा बिखेरा कि वह दर्शकों के दिल में समा गए और किसी कलाकार के लिए इससे बड़ी बात और क्या होगी कि दर्शक उसे और देखने की डिमांड करे.

‘निरहुआ रिक्शावाला’ ने अर्श पर पहुंचा दिया

साल 2008 में दिनेश लाल यादव की फ़िल्म निरहुआ रिक्शावाला ने मनोज तिवारी की फ़िल्म ससुरा बड़ा पईसावाला की सफलता दोहरा दी और इसी के साथ भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री को एस ऐसा स्टार मिल गया, जिसकी फिल्म विदेशों में भी रिलीज होने लगी. निरहुआ रिक्शावाला की अपार सफलता के बाद तो जैसे दिनेश लाल यादव के करियर ने रफ्तार पकड़ ली और फिर एक के बाद एक फ़िल्में आती रहीं और दर्शकों के प्यार से वह सुपरहिट होती रही. दिनेश लाल यादल की फ़िल्में इतने लंबे समय तक सिनेमाघरों में छाई रहती थीं कि तब तक उनकी दूसरी फ़िल्म रिलीज हो जाती थी. इसी वजह से उन्हें सिल्वर जुबली स्टार माना जाने लगा. जब भोजपुरी सिनेमा में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए अवॉर्ड दिए जाने की घोषणा हुई तो बनारस में आजोजित पहले भोजपुरी अवॉर्ड समारोह में दिनेश लाल यादव को बेस्ट एक्टर का पुरस्कार दिया गया. एक साधारण परिवार के लड़के की यह उपलब्धि प्रेरणादायी है और इसी फेहरिस्त में आगे चलकर खेसारी लाल यादव समेत कई और नाम जुड़े. दिनेश लाल यादव को साल 2018 में आई फ़िल्म निरहुआ हिंदुस्तानी 2 के लिए प्रतिष्ठित आईबीएफए (इंटरनैशनल भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड) समारोह में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया गया. बीते 12 वर्षों के दौरान ऐसा कोई साल नहीं रहा, जब दिनेश लाल यादव की फ़िल्में सुपरहिट न हुई हों या उन्हें अवॉर्ड न मिले हों.

पाखी हेगड़े और आम्रपाली दुबे संग जोड़ी सुपरहिट

दिनेश लाल यादव निरहुआ ने बीते 14 वर्षों में 50 से ज्यादा फ़िल्में की हैं, जिनमें उनकी निरहुआ सीरीज की 13 फ़िल्में हैं. ये सारी फ़िल्में सुपरहिट रही हैं. उल्लेखनीय है कि निरहुआ की 50 से ज्यादा फ़िल्मों में से 10 फ़िल्मों में पाखी हेगड़े हीरोइन थीं, वहीं 23 फ़िल्मों में आम्रपाली दुबे हीरोइन थीं. दिनेश लाल यादव रानी चटर्जी, पूनम दुबे, अंजना सिंह और मोनालिसा समेत अन्य एक्ट्रेस के साथ भी फ़िल्में कर चुके हैं. पाखी हेगड़े और आम्रपाली दुबे के साथ दिनेश लाल यादव की जोड़ी इतनी पॉप्युलर है कि कई बार दोनों के रिश्ते की खबर उड़ने लगती है. हालांकि दिनेश लाल यादव ने हमेशा कहा है कि पाखी हेगड़े और आम्रपाली दुबे से उनका रिश्ता फ़िल्मी ही है. यहां बता दूं कि निरहुआ की शादी काफी कम उम्र में हो गई थी और उनकी पत्नी का नाम मंशा देवी है. दिनेश लाल यादव अपनी मां, पत्नी मंशा और बेटे आदित्य और अमित के साथ मुंबई में रहते हैं.

निरहुआ की लोकप्रियता को बीजेपी ने भी भुनाया

एक सफल फ़िल्म अभिनेता होने के साथ ही दिनेश लाल यादव राजनीति में भी काफी सक्रिय रहते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें आजमगढ़ की चुनौतीपूर्ण सीट पर टिकट दिया. समाजवादी पार्टी की इस परंपरागत सीट पर उनका मुकाबला अखिलेश यादव से था. उनके चुनाव प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी भी आजमगढ़ पहुंचे, लेकिन मंच की जान निरहुआ ही रहे. उन्होंने अपने अंदाज में लच्छेदार भाषण दिया. निरहुआ चुनाव तो हार गए, लेकिन उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई. फिलहाल निरहुआ फ़िल्मों में एक्टिंग के साथ ही प्रोडक्शन में भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. निरहुआ सलमान खान के पॉप्युलर शो बिग बॉस के छठे सीजन का हिस्सा रह चुके हैं.







इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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