• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

Political Movies in Hindi: मोदी राज में रिलीज हुई 5 फिल्में, जिनके निशाने पर विपक्ष रहा है!

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 14 मार्च, 2022 07:12 PM
  • 14 मार्च, 2022 07:01 PM
offline
The Kashmir Files Movie: अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और दर्शन कुमार स्टारर फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के जरिए कश्मीरी पंडितों के पलायन के दर्द को पर्दे पर पेश किया गया है. 90 के दशक में कश्मीर में हुए नरसंहार पर आधारित इस फिल्म को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है. इससे पहले इन फिल्मों पर भी ऐसे आरोप लग चुके हैं.

कोरोना काल में सूने पड़े सिनेमाघर एक बार फिर हाऊस फुल होने लगे हैं. वहां तालियों और सीटियों की गूंज सुनाई देने लगी है. इस सबसे बड़ा श्रेय नेशनल अवॉर्ड विनर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को जाता है, जो कि 90 के दशक में कश्मीर में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है. विवेक अग्निहोत्री इससे पहले लाल बहादुर शास्त्री की रहस्मयी मौत को लेकर 'द ताशकंद फाइल्स' जैसी फिल्म बना चुके हैं. 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर लोगों के बीच गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका असर सोशल मीडिया के साथ बॉक्स ऑफिस पर देखा जा सकता है. लोग एक-दूसरे को फिल्म देखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, तो वहीं फिल्म ने रिलीज के तीसरे दिन कुल 28 करोड़ रुपए का कलेक्शन करके कमाल कर दिया है. फिल्म का बजट 14 करोड़ रुपए है, ऐसे में इसकी कमाई से लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

सोशल मीडिया पर एक तरफ लोग फिल्म की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे राजनीति से प्रेरित भी बता रहे हैं. उनका आरोप है कि फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के जरिए प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है. इसके जरिए गैर बीजेपी सरकारों को दोषी ठहराया जा रहा है. कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि जिस तरह से इस फिल्म के जरिए कश्मीरी पंडितों के दर्द को सामने लाने की बात कही जा रही है, उसी तरह गुजरात दंगों के पीड़ितों के दर्द को दिखाने के लिए 'गुजरात फाइल्स' नाम से फिल्म बनाई जानी चाहिए. इसे लेकर लोग सोशल मीडिया पर कैंपेन भी कर रहे हैं. सियासत और समाज एक सिक्के के दो पहलू हैं, ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप तो लगते रहे हैं. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि फिल्मों के जरिए राजनीतिक हितों को साधनों का काम बहुत पहले से होता आया है. कई बार सच्ची राजनीतिक घटनाओं पर आधारित फिल्में भी बनाई गई हैं.

कोरोना काल में सूने पड़े सिनेमाघर एक बार फिर हाऊस फुल होने लगे हैं. वहां तालियों और सीटियों की गूंज सुनाई देने लगी है. इस सबसे बड़ा श्रेय नेशनल अवॉर्ड विनर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को जाता है, जो कि 90 के दशक में कश्मीर में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है. विवेक अग्निहोत्री इससे पहले लाल बहादुर शास्त्री की रहस्मयी मौत को लेकर 'द ताशकंद फाइल्स' जैसी फिल्म बना चुके हैं. 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर लोगों के बीच गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका असर सोशल मीडिया के साथ बॉक्स ऑफिस पर देखा जा सकता है. लोग एक-दूसरे को फिल्म देखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, तो वहीं फिल्म ने रिलीज के तीसरे दिन कुल 28 करोड़ रुपए का कलेक्शन करके कमाल कर दिया है. फिल्म का बजट 14 करोड़ रुपए है, ऐसे में इसकी कमाई से लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

सोशल मीडिया पर एक तरफ लोग फिल्म की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे राजनीति से प्रेरित भी बता रहे हैं. उनका आरोप है कि फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के जरिए प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है. इसके जरिए गैर बीजेपी सरकारों को दोषी ठहराया जा रहा है. कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि जिस तरह से इस फिल्म के जरिए कश्मीरी पंडितों के दर्द को सामने लाने की बात कही जा रही है, उसी तरह गुजरात दंगों के पीड़ितों के दर्द को दिखाने के लिए 'गुजरात फाइल्स' नाम से फिल्म बनाई जानी चाहिए. इसे लेकर लोग सोशल मीडिया पर कैंपेन भी कर रहे हैं. सियासत और समाज एक सिक्के के दो पहलू हैं, ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप तो लगते रहे हैं. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि फिल्मों के जरिए राजनीतिक हितों को साधनों का काम बहुत पहले से होता आया है. कई बार सच्ची राजनीतिक घटनाओं पर आधारित फिल्में भी बनाई गई हैं.

आइए ऐसी फिल्मों के बारे में जानते हैं, जिनके निशाने पर विपक्षी पार्टियों की सरकारें रही हैं...

1. फिल्म- द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर

रिलीज डेट- 11 जनवरी 2019

स्टारकास्ट- अनुपम खेर, अक्षय खन्ना, दिव्या सेठ शाह और सुजैन बर्नेट

डायरेक्टर- विजय गुट्टे

कहां देख सकते हैं- जी5

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रिलीज हुई फिल्म 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' (The Accidental Prime Minister) पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू की किताब पर आधारित है. फिल्म में संजय बारू का किरदार करने वाले अक्षय खन्ना मनमोहन सिंह का रोल करने वाले अनुपम खेर से खुद को महाभारत का संजय बताते हैं. इस तरह मनमोहन सिंह की जिंदगी की महाभारत को संजय की नजरों से देखने का मौका मिलता है. इस फिल्म के जरिए मनमोहन सिंह को कांग्रेस आलाकमान की कठपुतली बताया गया है, जिसमें चाहकर भी प्रधानमंत्री अपने मन के फैसले नहीं ले पाते. उनको एक मजबूर शासक की तरह पेश किया गया है. इस फिल्म को प्रमोशन भी इसी उद्देश्य के साथ किया गया था. इसमें मनमोहन सिंह के किरदार में अनुपम खेर ने हूबहू उनकी बॉडी लैंग्वेज कॉपी करने की कोशिश की है.

2. फिल्म- बाटला हाउस (Batla House)

रिलीज डेट- 15 अगस्त 2019

स्टारकास्ट- जॉन अब्राहम, मृणाल ठाकुर, रवि किशन और नोरा फतेही

डायरेक्टर- निखिल आडवाणी

कहां देख सकते हैं- अमेजन प्राइम वीडियो

निखिल आडवाणी द्वारा निर्देशित एक्शन थ्रिलर फिल्म 'बाटला हाउस' दिल्ली में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर से प्रेरित है. 13 सितंबर 2008 दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 39 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद 19 सितंबर को पुलिस को सूचना मिली आतंकी बाटला हाउस में छिपे हैं. पुलिस की एक टीम छापा मारने पहुंच गई. इस दौरान आतंकियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए, लेकिन दो आतंकी फरार हो गए. इस दौरान पुलिस के एक इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए. इस एनकाउंटर को लेकर बहुत ज्यादा राजनीति हुई थी. कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इसे फेक एनकाउंटर कहा था. लेकिन पिछले साल दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान उर्फ जुनैद को फांसी की सजा सुनाकर इस केस पर मुहर लगा दिया था. इस फिल्म के जरिए एनकाउंटर का सच दिखाने का दावा किया गया है.

3. फिल्म- द ताशकंद फाइल्स (The Tashkent Files)

रिलीज डेट- 12 अप्रैल 2019

स्टारकास्ट- श्वेता बसु प्रसाद, मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, पल्लवी जोशी, राजेश शर्मा, पंकज त्रिपाठी और मंदिरा बेदी

डायरेक्टर- विवेक रंजन अग्निहोत्री

कहां देख सकते हैं- जी5

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत पर ने सिरे से बहस छेड़ने वाली फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' का निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है. इन्होंने ही हालिया रिलीज 'द कश्मीर फाइल्स' का भी निर्देशन किया है, जो कि 90 के दशक में कश्मीर में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है. 'द ताशकंद फाइल्स' में श्वेता बसु प्रसाद, मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, पल्लवी जोशी, राजेश शर्मा, पंकज त्रिपाठी और मंदिरा बेदी जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. इस फिल्म के जरिए जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस सरकार पर कई सारे सवाल खड़े किए गए हैं. इसमें एक डायलॉग है, ''दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी का दूसरा प्रधानमंत्री ताशकंद जाता है. वॉर ट्रीटी पर साइन करता है; और मर जाता है. सैकड़ों सस्पीशियस होते हैं, लेकिन एक भी एन्क्वायरी कमीशन नहीं बैठाई जाती.'' इसके जरिए तत्कालीन सरकार पर निशान साधा गया है.

4. फिल्म- अर्टिकल 15 (Article 15)

रिलीज डेट- 28 जून 2019

स्टारकास्ट- आयुष्मान खुराना, नासिर, मनोज पहवा, कुमुद मिश्रा, ईशा तलवार, सयानी गुप्ता और मो. जीशान अय्यूब

डायरेक्टर- अनुभव सिन्हा

कहां देख सकते हैं- नेटफ्लिक्स

'आर्टिकल 15' संविधान की वह धारा है जिसमें धर्म, जाति, भाषा, रंग या लिंग के आधार पर भेदभाव की सख्त मनाही है. हालांकि, इसी संविधान ने आरक्षण देकर देश को जातियों में बांटने का भी काम किया है. एक ही चूल्हे के दो अलग अलग तवों पर सुलगती गेहूं और बाजरे की रोटी की गंध महसूस करना ही 'आर्टिकल 15' की कहानी का सार है. फिल्म 'आर्टिकल 15' का निर्देशन अनुभव सिन्‍हा ने किया है. इसमें आयुष्‍मान खुराना एक पुलिस अफसर की भूमिका में हैं. उनके अलावा नासिर, मनोज पहवा, कुमुद मिश्रा, ईशा तलवार, सयानी गुप्ता और मो. जीशान अय्यूब जैसे कलाकार भी अहम किरदारों में है. फिल्म के जरिए जाति और राजनीति के खेल को दिखाया गया है. कैसे जाति का इस्तेमाल करके राजनीति की जाती है, इसे देखने और समझने के लिए ये फिल्म जरूर देखी जानी चाहिए. फिल्म में सरकार और सिस्टम को भी बहुत सलीके से बेनकाब किया है.

5. फिल्म- पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)

रिलीज डेट- 24 मई, 2019

स्टारकास्ट- विवेक ओबेरॉय, सुरेश ओबेरॉय, बोमन ईरानी, दर्शन कुमार, मनोज जोशी और अंजान श्रीवास्तव

डायरेक्टर- उमंग कुमार

कहां देख सकते हैं- एमएक्स प्लेयर

साल 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' रिलीज की जानी थी. इसका प्रमोशन जोर-शोर से किया जा रहा था. लेकिन चुनाव को देखते हुए इस पर रोक लगा दी गई. चुनाव के बाद जब नतीजों को ऐलान हुआ, उसके बाद फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया. इस फिल्म को लेकर मोदी और बीजेपी समर्थकों के बीच गजब का उत्साह देखने को मिला था. फिल्म में मोदी का किरदार अभिनेत विवेक ओबेरॉय ने निभाया था. इसमें प्रोड्यूसर संदीप सिंह ने पैसा लगाया, तो उमंग कुमार ने अपने निर्देशन में फिल्म को वास्तविकता के करीब रखने में बहुत कोशिश की. इस फिल्म को लेकर विपक्ष खासकर कांग्रेस को बहुत ज्यादा आपत्ति थी, क्योंकि उनको लगता था कि मोदी की बायोपिक के बहाने चुनाव में बीजेपी फायदा उठाने की कोशिश कर सकती है. इस लिए कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया था.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲