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35 साल पहले ही हो जाता ट्रिपल तलाक!

    • मुनीष देवगन
    • Updated: 22 अगस्त, 2017 07:00 PM
  • 22 अगस्त, 2017 07:00 PM
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अगर बी.आर चोपड़ा आज जिंदा होते तो शायद उनका वो अधूरा ख्वाब अब पूरा हो जाता.

क्या आप जानते हैं कि 'तलाक तलाक तलाक' के नाम से बॉलीवुड में बहुत पहले एक फिल्म बन चुकी होती, लेकिन एक खास वजह से नहीं बन पाई. सुप्रीम कोर्ट ने जब से ट्रिपल तलाक पर महिलाओं के हक में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, बस तभी से मेरे दिमाग में एक सवाल घूम रहा है कि अगर आज बी.आर चोपड़ा जिंदा होते तो शायद अपनी एक फिल्म 'तलाक तलाक तलाक' का उनका वो अधूरा ख्वाब अब पूरा हो जाता.

असल में ये वो नाम था जिसपर उन्होंने फिल्म बनाने का ख्वाब आज से बहुत पहले यानी करीब 3 दशक पहले देखा था. बल्कि सच तो ये है कि उन्होंने 1982 में अपनी एक फिल्म का का नाम 'तलाक तलाक तलाक' रख भी दिया, लेकिन एक डर की वजह से उन्हें ये नाम बदलना पड़ गया.

बीआर चोपड़ा को फिल्म 'निकाह' का नाम बदलना पड़ा

फिल्म 'निकाह' का नाम पहले 'तलाक तलाक तलाक' था

बीआर चोपड़ा के लिए ये फिल्म बेहद खास थी. जिसके लिए उन्होंने एक पाकिस्तानी एक्ट्रेस को चुना था. फिल्म में सेट, संगीत समेत तमाम चीजों पर बहुत बारीकी से ध्यान दिया गया था. और इसी 'निकाह' का नाम पहले 'तलाक तलाक तलाक' था. फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी थी लेकिन इसी दौरान एक रोज़ बीआर चोपड़ा के एक बहुत करीबी मुस्लिम दोस्त ने उनसे एक ऐसा सवाल पूछा कि वो अपनी फ़िल्म के नाम को लेकर पीछे हट गए.

उस दोस्त ने चोपड़ा से कहा था कि अगर कोई मुस्लिम शौहर उनकी ये फिल्म देखकर घर जाए और उसकी पत्नी उससे ये सवाल पूछे कि आप कौन सी फिल्म देखकर आए, तो वो क्या जवाब देगा? क्योंकि तब भी बहुत से लोग ये मानते थे कि अपनी बीवी से तीन बार 'तलाक तलाक तलाक' बोलना अपने-आप में अलगाव की एक ऐसी वजह है, जिसे टाला नहीं जा सकता. इस पर धार्मिक मुहर लग जाती है. फिर चाहे वो 'तलाक तलाक तलाक' किसी भी संदर्भ में क्यों ना बोला गया हो.

क्या आप जानते हैं कि 'तलाक तलाक तलाक' के नाम से बॉलीवुड में बहुत पहले एक फिल्म बन चुकी होती, लेकिन एक खास वजह से नहीं बन पाई. सुप्रीम कोर्ट ने जब से ट्रिपल तलाक पर महिलाओं के हक में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, बस तभी से मेरे दिमाग में एक सवाल घूम रहा है कि अगर आज बी.आर चोपड़ा जिंदा होते तो शायद अपनी एक फिल्म 'तलाक तलाक तलाक' का उनका वो अधूरा ख्वाब अब पूरा हो जाता.

असल में ये वो नाम था जिसपर उन्होंने फिल्म बनाने का ख्वाब आज से बहुत पहले यानी करीब 3 दशक पहले देखा था. बल्कि सच तो ये है कि उन्होंने 1982 में अपनी एक फिल्म का का नाम 'तलाक तलाक तलाक' रख भी दिया, लेकिन एक डर की वजह से उन्हें ये नाम बदलना पड़ गया.

बीआर चोपड़ा को फिल्म 'निकाह' का नाम बदलना पड़ा

फिल्म 'निकाह' का नाम पहले 'तलाक तलाक तलाक' था

बीआर चोपड़ा के लिए ये फिल्म बेहद खास थी. जिसके लिए उन्होंने एक पाकिस्तानी एक्ट्रेस को चुना था. फिल्म में सेट, संगीत समेत तमाम चीजों पर बहुत बारीकी से ध्यान दिया गया था. और इसी 'निकाह' का नाम पहले 'तलाक तलाक तलाक' था. फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी थी लेकिन इसी दौरान एक रोज़ बीआर चोपड़ा के एक बहुत करीबी मुस्लिम दोस्त ने उनसे एक ऐसा सवाल पूछा कि वो अपनी फ़िल्म के नाम को लेकर पीछे हट गए.

उस दोस्त ने चोपड़ा से कहा था कि अगर कोई मुस्लिम शौहर उनकी ये फिल्म देखकर घर जाए और उसकी पत्नी उससे ये सवाल पूछे कि आप कौन सी फिल्म देखकर आए, तो वो क्या जवाब देगा? क्योंकि तब भी बहुत से लोग ये मानते थे कि अपनी बीवी से तीन बार 'तलाक तलाक तलाक' बोलना अपने-आप में अलगाव की एक ऐसी वजह है, जिसे टाला नहीं जा सकता. इस पर धार्मिक मुहर लग जाती है. फिर चाहे वो 'तलाक तलाक तलाक' किसी भी संदर्भ में क्यों ना बोला गया हो.

अपने दोस्त का ये सवाल सुनकर बीआर चोपड़ा चौंक पड़े. वो समझ नहीं पा रहे थे कि ये कैसा सवाल है. दोस्त की ये बात सुनकर बी. आर. चोपड़ा के पसीने छूट गए, क्योंकि इस वजह से पूरे मुल्क में बड़ा विवाद खड़ा हो सकता था. बी.आर चोपड़ा को लगा कि 'तलाक तलाक तलाक' के नाम से फिल्म की रिलीज भी रूक सकती है. इसके बाद उन्होंने इस फिल्म का नाम बदलने का फैसला किया और काफी विचार विमर्श के बाद फिल्म का नाम 'निकाह' रखा गया.

भले ही यह फिल्म ऑडिएंस को खूब पसंद आई और फिल्म के गाने आज भी पसंद किए जाते हैं, लेकिन स्वर्गीय बी.आर चोपड़ा का 'तलाक तलाक तलाक' नाम से फिल्म बनाने का ख्वाब तब अधूरा ही रह गया और अब इतने सालों बाद जब तलाक को लेकर एक देशव्यापी बहस चल रही है, तो मुझे लगता है कि अब चोपड़ा का वो ख्वाब पूरा हो सकता था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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