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Bollywood Boycott का असर! पैसा लौटाने के साथ अपनी फीस भी घटाने लगे सितारे

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 30 सितम्बर, 2022 06:59 PM
  • 30 सितम्बर, 2022 06:59 PM
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बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड बायकॉट का जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है. सुपर सितारों की फिल्म फ्लॉप होने की वजह से अपनी फीस तक लौटानी पड़ रही है. अब सुनने में आ रहा है कि ये सितारे अपनी फीस भी कम करने लगे हैं. इस फेहरिस्त में पहला नाम आयुष्मान खुराना का सामने आया है, जिन्होंने अपनी फीस 25 करोड़ से घटाकर 15 करोड़ रुपए कर दी है.

हिंदी बेल्ट में बॉलीवुड बायकॉट की जबरदस्त लहर चल रही है. इस लहर में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े से बड़े सुपर सितारों की स्टारडम बह गई है. उनकी मेगा बजट फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार धाराशाई हो रही हैं. क्या कंगना रनौत क्या अक्षय कुमार, हर किसी की फिल्में डिजास्टर साबित होती जा रही हैं. ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री को बहुत ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. खासकर उन फिल्मों के मेकर्स को ज्यादा, जिनका बजट बहुत ज्यादा है. जैसे कि आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' 180 करोड़ रुपए, रणबीर कपूर की 'शमशेरा' 190 करोड़ रुपए और अक्षय कुमार की 'सम्राट पृथ्वीराज' 250 करोड़ रुपए में बनी, लेकिन अपनी लागत तक नहीं निकाल पाई. यही वजह है कि इन फिल्मों में काम करने वाले कई सितारों को अपनी फीस तक लौटानी पड़ी. अब सुनने में आ रहा है कि कुछ सितारों ने अपनी फीस ही कम कर दी है.

आयुष्मान खुराना का नाम बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में शुमार है.

फिल्म मेकर्स के घाटे को कम करने के लिए अपनी फीस में कटौती करने वाले सितारों में सबसे पहला नाम अभिनेता आयुष्मान खुराना का सामने आ रहा है. उन्होंने अपनी फीस में 10 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है. आयुष्मान खुराना साइनिंग फीस के तौर पर 25 करोड़ रुपए लेते रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने इसे घटाकर 15 करोड़ रुपए कर दिया है. बचा हुआ 10 करोड़ रुपए उन्होंने फिल्म की सफलता के ऊपर छोड़ दिया है. यदि उनकी फिल्म हिट होती है. अपनी लागत निकालते हुए मुनाफा कमाती है, तो उसमें से 10 करोड़ रुपए अभिनेता ले लेंगे. लेकिन यदि फिल्म फ्लॉप हो जाती है, तो बची हुई रकम नहीं लेंगे. इससे फिल्म के मेकर्स को बहुत ही ज्यादा फायदा होने वाला है. वजह ये है कि कलाकारों की फीस कम होने की वजह से फिल्म का बजट भी कम हो जाएगा. इसके अलावा यदि फिल्म फायदे में रहेगी तभी उस अभिनेता को बचा हुआ पैसा देना होगा.

हिंदी बेल्ट में बॉलीवुड बायकॉट की जबरदस्त लहर चल रही है. इस लहर में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े से बड़े सुपर सितारों की स्टारडम बह गई है. उनकी मेगा बजट फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार धाराशाई हो रही हैं. क्या कंगना रनौत क्या अक्षय कुमार, हर किसी की फिल्में डिजास्टर साबित होती जा रही हैं. ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री को बहुत ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. खासकर उन फिल्मों के मेकर्स को ज्यादा, जिनका बजट बहुत ज्यादा है. जैसे कि आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' 180 करोड़ रुपए, रणबीर कपूर की 'शमशेरा' 190 करोड़ रुपए और अक्षय कुमार की 'सम्राट पृथ्वीराज' 250 करोड़ रुपए में बनी, लेकिन अपनी लागत तक नहीं निकाल पाई. यही वजह है कि इन फिल्मों में काम करने वाले कई सितारों को अपनी फीस तक लौटानी पड़ी. अब सुनने में आ रहा है कि कुछ सितारों ने अपनी फीस ही कम कर दी है.

आयुष्मान खुराना का नाम बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में शुमार है.

फिल्म मेकर्स के घाटे को कम करने के लिए अपनी फीस में कटौती करने वाले सितारों में सबसे पहला नाम अभिनेता आयुष्मान खुराना का सामने आ रहा है. उन्होंने अपनी फीस में 10 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है. आयुष्मान खुराना साइनिंग फीस के तौर पर 25 करोड़ रुपए लेते रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने इसे घटाकर 15 करोड़ रुपए कर दिया है. बचा हुआ 10 करोड़ रुपए उन्होंने फिल्म की सफलता के ऊपर छोड़ दिया है. यदि उनकी फिल्म हिट होती है. अपनी लागत निकालते हुए मुनाफा कमाती है, तो उसमें से 10 करोड़ रुपए अभिनेता ले लेंगे. लेकिन यदि फिल्म फ्लॉप हो जाती है, तो बची हुई रकम नहीं लेंगे. इससे फिल्म के मेकर्स को बहुत ही ज्यादा फायदा होने वाला है. वजह ये है कि कलाकारों की फीस कम होने की वजह से फिल्म का बजट भी कम हो जाएगा. इसके अलावा यदि फिल्म फायदे में रहेगी तभी उस अभिनेता को बचा हुआ पैसा देना होगा.

आयुष्मान खुराना ने ये फैसला अपनी दो फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने के बाद लिया है. उनकी इस साल रिलीज हुई फिल्म 'अनेक' और पिछले साल रिलीज हुई 'चंडीगढ़ करे आशिकी' का बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है. 30 करोड़ रुपए की लागत में बनी फिल्म 'अनेक' ने महज सात करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था. इस तरह फिल्म डिजास्टर साबित हुई थी. अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी इस फिल्म से आयुष्मान को बहुत उम्मीदे थीं. लेकिन उस पानी फिर गया. इसी वजह से मेकर्स को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए उन्होंने अपनी फीस का रिस्ट्रक्चर किया है. आयुष्मान की तरह अभिनेता अक्षय कुमार, जॉन अब्राहम, शाहिद कपूर और राजकुमार रॉव ने भी अपनी फीस में लगभग आधी कटौती कर दी है. एक फिल्म के लिए 100 करोड़ रुपए तक फीस लेने वाले अक्षय ने अब 50 से 60 करोड़ रुपए लेने का फैसला किया है.

इससे पहले फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के फ्लॉप होने के बाद आमिर खान ने अपनी पूरी फीस 100 करोड़ रुपए वापस लौटा दी थी. 180 करोड़ रुपए की लागत में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 62 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था. इस तरह फिल्म की लागत निकालने के लिए 120 करोड़ रुपए की जरूरत थी. ऐसे में आमिर की फीस कम होने के बाद फिल्म का घाटा कम होकर 20 करोड़ रुपए हो गया. इससे फिल्म के मेकर्स ने राहत की सांस ली थी. आमिर के नक्शे कदम पर ही चलते हुए साउथ के सुपरस्टार चिरंजीवी और उनके बेटे राम चरण ने अपनी फिल्म 'आचार्या' के फ्लॉप होने के बाद अपनी फीस का 50 फीसदी पैसा वापस लौटा दिया था. इसी तरह साउथ सुपरस्टार विजय देवरकोंडा ने भी अपनी स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म 'लाइगर' के फ्लॉप होने के बाद आधी फीस लौटा दी थी. वैसे देखा जाए फिल्म इंडस्ट्री को बचाने के लिहाज से ये बहुज जरूरी कदम है.

बताते चलें कि आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन और रितिक रोशन जैसे बॉलीवुड के बड़े सुपर स्टार फिल्मों में काम करने के लिए भारी भरकम फीस लेते हैं. इनकी फीस 80 से 120 करोड़ रुपए तक होती है. जैसे कि खान तिकड़ी 100 करोड़ रुपए तक चार्ज करती है, रितिक ने कुछ फिल्मों के लिए 120 करोड़ रुपए भी लिए हैं. इतना ही नहीं ये सुपर सितारे अब फिल्मों के प्रॉफिट में भी अपना हिस्सा लेने लगे हैं. इसके अलावा फिल्मों में बतौर को-प्रोड्यूसर पैसा भी लगाते हैं और उसका मुनाफा अलग से लेते हैं. इस तरह से इनकी फिल्मों की कमाई तीन तरह से होती है. एक्टिंग फीस, प्रॉफिट शेयर और बतौर प्रोड्यूसर. लेकिन जब फिल्म फ्लॉप होती है, तो ये किनारा कर लेते हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान प्रोड्यूसर, डिस्ट्रीब्यूटर और एग्जिबिटर को होता है. इन तीनों से फिल्म इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर प्रभावित होती है. इसलिए इन्हें बचाना जरूरी है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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