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अर्जुन बायकॉट ट्रेंड पर सबक सिखाना चाहते थे, Kuttey रिलीज़ होने को है, किसी ने बायकॉट भी नहीं कहा

    • आईचौक
    • Updated: 12 जनवरी, 2023 02:18 PM
  • 12 जनवरी, 2023 02:18 PM
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बॉलीवुड के कुछ एक्टर मजाक में कहा करते थे कोई हमारी फिल्म का भी बायकॉट कर दे. देखिए कि एक तरफ शाहरुख खान की पठान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने आसमान सिर पर उठा लिया है और अर्जुन कपूर की कुत्ते पर कोई बात तक नहीं हो रही है.

अर्जुन कपूर यूं तो बॉलीवुड के तूफानी एक्टर नहीं हैं. कम से कम उन्हें लेकर ऐसा नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने आयुष्मान खुराना, कार्तिक आर्यन और वरुण धवन की तरह सक्सेस दिया हो. और यह भी नहीं कहा जा सकता कि वे राजकुमार राव और रणबीर कपूर की तरह एक कमाल के एक्टर हैं. बावजूद वे भी कभी-कभी हिट देते रहते हैं और उनकी फिल्मों के आने का सिलसिला बना हुआ है. 13 जनवरी को उनकी एक और फिल्म आने वाली है- कुत्ते. इसका निर्देशन विशाल भारद्वाज के बेटे आयुष्मान भारद्वाज ने किया है. विशाल को बॉलीवुड के कुछ काबिल फिल्म मेकर्स में शुमार किया जाता है. कुत्ते की कहानी भी उन्होंने बेटे के साथ मिलकर लिखी है.

हालांकि फिल्म के रिलीज होने में बहुत कम समय बचा है लेकिन इसकी चर्चा लगभग ना के बराबर है. एक तरफ जनवरी में ही आ रही बॉलीवुड की फिल्म पठान को लेकर सोशल मीडिया पर मचा उधम थमने का नाम नहीं ले रहा. बावजूद कि फिल्म को लेकर निगेटिव कैम्पेन का असर ज्यादा दिख रहा है. सपोर्ट में भी कैम्पेन है. लेकिन अर्जुन कपूर की कुत्ते को लेकर कहीं बज नहीं दिख रहा. रिलीज के दो दिन पहले का हाल तो यही है. जबकि कुत्ते की समूची स्टारकास्ट और क्रू कमाल की है और फिल्म सर्किल ट्रेलर के बाद से इसका इंतज़ार करता देखा जा सकता है. ट्रेलर पर खूब बात भी हुई थी. माना जा रहा था कि बॉलीवुड से एक बेहतरीन ड्रामा दर्शकों को देखने मिल सकती है.

कुत्ते में तबू और अर्जुन कपूर.

कुत्ते पर कोई बायकॉट भी नहीं कह रहा, क्या यह वजह है?

कुत्ते की चर्चा क्यों नहीं हो रही उसकी साफ़-साफ़ वजह भी सामने नहीं आ रही. क्योंकि बायकॉट ट्रेंड में तो यह फिल्म नहीं दिखी है. हो सकता है कि कुछ लोग भले इसका विरोध कर रहे हों, मगर कोई तगड़ा हैशटैग नहीं दिखा कि उसे निगेटिव या पॉजिटिव कैम्पेन मान लिया...

अर्जुन कपूर यूं तो बॉलीवुड के तूफानी एक्टर नहीं हैं. कम से कम उन्हें लेकर ऐसा नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने आयुष्मान खुराना, कार्तिक आर्यन और वरुण धवन की तरह सक्सेस दिया हो. और यह भी नहीं कहा जा सकता कि वे राजकुमार राव और रणबीर कपूर की तरह एक कमाल के एक्टर हैं. बावजूद वे भी कभी-कभी हिट देते रहते हैं और उनकी फिल्मों के आने का सिलसिला बना हुआ है. 13 जनवरी को उनकी एक और फिल्म आने वाली है- कुत्ते. इसका निर्देशन विशाल भारद्वाज के बेटे आयुष्मान भारद्वाज ने किया है. विशाल को बॉलीवुड के कुछ काबिल फिल्म मेकर्स में शुमार किया जाता है. कुत्ते की कहानी भी उन्होंने बेटे के साथ मिलकर लिखी है.

हालांकि फिल्म के रिलीज होने में बहुत कम समय बचा है लेकिन इसकी चर्चा लगभग ना के बराबर है. एक तरफ जनवरी में ही आ रही बॉलीवुड की फिल्म पठान को लेकर सोशल मीडिया पर मचा उधम थमने का नाम नहीं ले रहा. बावजूद कि फिल्म को लेकर निगेटिव कैम्पेन का असर ज्यादा दिख रहा है. सपोर्ट में भी कैम्पेन है. लेकिन अर्जुन कपूर की कुत्ते को लेकर कहीं बज नहीं दिख रहा. रिलीज के दो दिन पहले का हाल तो यही है. जबकि कुत्ते की समूची स्टारकास्ट और क्रू कमाल की है और फिल्म सर्किल ट्रेलर के बाद से इसका इंतज़ार करता देखा जा सकता है. ट्रेलर पर खूब बात भी हुई थी. माना जा रहा था कि बॉलीवुड से एक बेहतरीन ड्रामा दर्शकों को देखने मिल सकती है.

कुत्ते में तबू और अर्जुन कपूर.

कुत्ते पर कोई बायकॉट भी नहीं कह रहा, क्या यह वजह है?

कुत्ते की चर्चा क्यों नहीं हो रही उसकी साफ़-साफ़ वजह भी सामने नहीं आ रही. क्योंकि बायकॉट ट्रेंड में तो यह फिल्म नहीं दिखी है. हो सकता है कि कुछ लोग भले इसका विरोध कर रहे हों, मगर कोई तगड़ा हैशटैग नहीं दिखा कि उसे निगेटिव या पॉजिटिव कैम्पेन मान लिया जाए. यह बॉलीवुड के उन एक्टर्स के गाल पर तमाचे की तरह भी है जो तंज में कहते थे कि कोई हमारी फिल्म के खिलाफ भी बायकॉट ट्रेंड चला दे. अभी कुछ महीने पहले अर्जुन ने भी लगभग इसी अंदाज में दर्शकों को धमाकाया था.

उन्होंने कहा था- अपने हाथ गंदे करना ठीक नहीं, लेकिन हमने अब तक बहुत बर्दाश्त किया. लोगों की अब आदत हो गई है. हमें (बॉलीवुड) एकजुट होकर कुछ करना पड़ेगा. क्योंकि जो लोग लिखते हैं, या डो हैशटैग ट्रेंड करते हैं वो सच्चाई (बॉलीवुड के बारे में) नहीं है. हम जो फ़िल्में करते हैं और वो बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं, वो हमारे सरनेम (नेपोटिज्म) की वजह से नहीं करतीं. बल्कि फ़िल्म (कॉन्टेंट) की वजह से करती हैं.' कहीं ऐसा तो नहीं कि लोग बताना चाहते हों कि अर्जुन कपूर एंड टीम की फिल्म बायकॉट के लायक भी नहीं है. अर्जुन ने कहा था, 'अपने हाथ गंदे करना ठीक नहीं लेकिन हमने अब तक बहुत बर्दाशत किया और लोगों की अब आदत हो गई है.'

कुत्ते की क्रू लाजवाब, बॉलीवुड के सभी धाकड़ एक फ्रेम में

कुत्ते में अर्जुन के अलावा तबू, नसीरुद्दीन शाह, कोंकना सेन शर्मा, राधिका मदान, कुमुद मिश्रा शार्दुल भारद्वाज और अनुराग कश्यप जैसे दिग्गज एक्टर्स की भरमार है. कुत्ते में म्यूजिक भी विशाल ने दिया है. विशाल किस श्रेणी के म्यूजिशियन हैं- बताने की जरूरत नहीं. इसके गाने भी गुलजार ने लिखा है. विशाल असल में गुलजार के स्कूल से निकले फिल्म मेकर हैं. फैज अहमद फैज के गीतों का भी इस्तेमाल किया गया है.

फैज उन पाकिस्तानी शायरों में शुमार किए जाते हैं साहित्य में जिनका नाम बड़े अदब से लिया जाता है. बावजूद कुत्ते पर जरूरी चर्चा का ना होना हैरान करने वाला है. फिल्म की कहानी भी जबरदस्त बताई जा रही है. एक्शन थ्रिलर फिल्म की कहानी असल में पुलिस और राजनेताओं के भ्रष्टाचार को केंद्र में रखकर बनाई गई है. रिलीज से पहले कुत्ते को लेकर कोई बात ना होना सच में दिल्चस्स्प है. कम से कम फिल्म और उसकी स्टारकास्ट को लेकर चर्चाएं नहीं दिखी. शायद पठान के शोर में कुत्ते की तरफ लोगों ने ध्यान ना दिया हो.

वैसे कुत्ते के बारे में दो चीजें खराब आ रही हैं. पहली तो यही कि फिल्म कॉन्टेंट की वजह से कानूनी पचड़े में फंस गई है. असल में फिल्म के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में एक पिटीशन दायर हुई है. इसमें फिल्म पर पुलिस विभाग और उसके अफसरों की छवि खराब करने के आरोप लगाए गए हैं. अब इसी याचिका पर 12 जनवरी यानी आज सुनवाई है. विश्लेषण लिखे जाने तक सुनवाई को लेकर अपडेट नहीं मिला है. सुनवाई के बाद तय होगा कि फिल्म रिलीज होगी या नहीं. सेंसर ने इसे ए सर्टिफिकेट दिया था. रिलीज को लेकर एक सस्पेंस तो बन ही गया है. फिल्म की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है. अब फिल्म के कॉन्टेंट पर कोर्ट का क्या रुख होगा- इसी से फ़िल्म के भविष्य का फैसला होना है. बाद बाकी हाल फिलहाल कभी ऐसा दिखा नहीं कि किसी फिल्म की रिलीज के बिल्कुल आख़िरी वक्त में कोर्ट ने उसे रोका हो. बावजूद कि कई फ़िल्में इस तरह कानूनी पचड़े में फंसती दिखी हैं. हम मान के चलते हैं कि कुत्ते रिलीज होगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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