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Bachchan family तक कोरोना वायरस की पहुंच से धारावी जैसे मॉडलों पर सवाल

    • आईचौक
    • Updated: 12 जुलाई, 2020 04:33 PM
  • 12 जुलाई, 2020 04:33 PM
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अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan), अभिषेक, एश्वर्या और बेटी आराध्या के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने और धारावी मॉडल (Dharavi Model) की कामयाबी में कोई सीधा वास्ता नहीं है, लेकिन एक गंभीर मैसज जरूर है - अभी बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है.

अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन (Amitabh Bachchan Corona Positive) का परिवार ही नहीं, बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर के परिवार (Anupam Kher Family) में भी चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. साथ ही महाराष्ट्र के राजभवन (Maharashtra Raj Bhavan) में भी कोरोना वायरस की एंट्री हो चुकी है.

WHO के धारावी मॉडल की मिसाल देने के कुछ ही देर बाद अमिताभ बच्चन ने खुद के कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाये जाने की बात ट्विटर पर शेयर किया. ये भी बताया कि वो मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती हैं. आमतौर पर बड़ी शख्सियतों के भर्ती होने पर नानावती अस्पताल की तरफ से हेल्थ बुलेटिन जारी किये जाने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार अमिताभ बच्चन ने ये जिम्मा खुद ले रखा है. अमिताभ बच्चन अपनी सेहत से जुड़े हर अपडेट खुद ही देने का फैसला किया है.

धारावी मॉडल (Dharavi Model) के WHO की तरफ से जिक्र के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी वहां के लोगों को शाबाशी का हकदार बताया है. कोरोना वायरस पर काबू पाये जाने को लेकर सबसे पहले भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा चली थी और सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को ही उसका श्रेय देने की कोशिश की थी - लेकिन बाद में वो भी बाकी इलाकों की तरह गुम गया.

भीलवाड़ा से धारावी तक देश में बारी बारी ऐसे कई मॉडलों की चर्चा हुई है, लेकिन कुछ ही दिन में हालात बिगड़ते देर नहीं लगती - ये महामारी ही ऐसी है या फिर कोरोना वायरस से जंग में एक लेवल के बाद चूक होने लगती है और नतीजे एक जैसे नजर आते हैं.

"आवै देव कोरोना फिरौना ठेंगवा देखाउब तब"

अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन के नानावटी अस्पताल में भर्ती होने के बाद - बच्चन परिवार के बंगाल जलसा को बीएमसी ने कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया है और बाकायदा वहां एक बैनर भी टांग दिया है. सुरक्षा कारणों से नानावटी अस्पताल और अमिताभ बच्चन के घर की सिक्योरिटी भी बढ़ा दी गई है.

अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन (Amitabh Bachchan Corona Positive) का परिवार ही नहीं, बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर के परिवार (Anupam Kher Family) में भी चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. साथ ही महाराष्ट्र के राजभवन (Maharashtra Raj Bhavan) में भी कोरोना वायरस की एंट्री हो चुकी है.

WHO के धारावी मॉडल की मिसाल देने के कुछ ही देर बाद अमिताभ बच्चन ने खुद के कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाये जाने की बात ट्विटर पर शेयर किया. ये भी बताया कि वो मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती हैं. आमतौर पर बड़ी शख्सियतों के भर्ती होने पर नानावती अस्पताल की तरफ से हेल्थ बुलेटिन जारी किये जाने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार अमिताभ बच्चन ने ये जिम्मा खुद ले रखा है. अमिताभ बच्चन अपनी सेहत से जुड़े हर अपडेट खुद ही देने का फैसला किया है.

धारावी मॉडल (Dharavi Model) के WHO की तरफ से जिक्र के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी वहां के लोगों को शाबाशी का हकदार बताया है. कोरोना वायरस पर काबू पाये जाने को लेकर सबसे पहले भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा चली थी और सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को ही उसका श्रेय देने की कोशिश की थी - लेकिन बाद में वो भी बाकी इलाकों की तरह गुम गया.

भीलवाड़ा से धारावी तक देश में बारी बारी ऐसे कई मॉडलों की चर्चा हुई है, लेकिन कुछ ही दिन में हालात बिगड़ते देर नहीं लगती - ये महामारी ही ऐसी है या फिर कोरोना वायरस से जंग में एक लेवल के बाद चूक होने लगती है और नतीजे एक जैसे नजर आते हैं.

"आवै देव कोरोना फिरौना ठेंगवा देखाउब तब"

अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन के नानावटी अस्पताल में भर्ती होने के बाद - बच्चन परिवार के बंगाल जलसा को बीएमसी ने कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया है और बाकायदा वहां एक बैनर भी टांग दिया है. सुरक्षा कारणों से नानावटी अस्पताल और अमिताभ बच्चन के घर की सिक्योरिटी भी बढ़ा दी गई है.

अमिताभ बच्चन में कोरोना के हल्के लक्षण हैं, लेकिन 77 की उम्र के चलते खास सावधानी बरती जा रही है. अभिषेक बच्चन 44 के हैं और वे भी नानावटी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं. अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट तो निगेटिव आयी है, लेकिन बहू ऐश्वर्या रॉय और उनकी बेटी आराध्या कोरोना पॉजिटिव पाये गये है. अपने ट्वीट में अमिताभ बच्चन ने उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को कोरोना वायरस का टेस्ट कराने की सलाह दी थी.

ट्विटर पर ही अनुपम खेर ने भी बताया कि उनके परिवार में उनकी मां और भाई सहित 4 लोग भी कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. अनुपम खेर ने इस सिलसिले में एक वीडियो शेयर किया है.

जया को छोड़ पूरा बच्चन परिवार कोरोना पॉजिटिव - अस्पताल में.

अनुपम ने वीड‍ियो में बताया क‍ि कुछ दिनों से उनकी मां दुलारी की तबीयत खराब थी. उन्हें भूख नहीं लग रही थी और वे सोती रहती थीं. डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने अपनी मां का ब्लड टेस्ट करवाया, जिसमें सब ठीक निकला. बाद में सीटी स्कैन करवाया, जिसमें टेस्ट‍िंग के दौरान उनमें कोरोना के लक्ष्ण मिले. उनमें माइल्ड (हल्के) कोरोना पॉज‍िट‍िव की पुष्ट‍ि हुई है.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के सुरक्षाकर्मी तो बहुत पहले ही कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे, अब महाराष्ट्र के राजभवन को भी सैनिटाइज किया गया है. राजभवन में 18 लोग कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये थे. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बताया है कि उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं. राज्यपाल कोश्यारी ने कहा, 'मैं पूरी तरह से ठीक हूं और सेल्फ आइसोलेशन में नहीं हूं... मैंने रिलेवेंट टेस्ट कराए थे जिनका रिजल्ट निगेटिव आया... मुझमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं.'

कोरोना वायरस को लेकर शुरू से ही अमिताभ बच्चन सतर्क थे - और लोगों को अलर्ट करने के लिए वो लगातार एक्टिव भी रहे हैं. कोरोना के बारे में जानकारी और दूसरे अपडेट से लेकर मोटिवेट करने तक. अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर ही कोरोना को लेकर एक कविता भी शेयर की थी.

अमिताभ बच्चन ने जो कविता सुनायी वो अवधी में हैं - 'बहुतेरे इलाज बतावैं, जन जनमानस सब. केकर सुनैं केकर नाहीं कौन बाताई ई सब. केऊ कहेस कलौंजी पीसौ, केऊ आंवला रस. केऊ कहेस घर मां बैठओ हिलो न टस से मस. ईर कहिन औ बीर कहिन कि अइसा कुछ भी करौ ना. बिन साबुन के हाथ धोइ के, केऊ के भैया छुअव ना. हम कहा चलौ हमहू कर देत हैं जैसन बोलैं सब. आवै देव कोरोना फिरौना ठेंगवा देखाउब तब.'

अमिताभ बच्चन और अभिषेक का कोरोना पॉजिटिव पाया जाना और धारावी मॉडल (Dharavi Model) की कामयाबी में कोई सीधा वास्ता नहीं है, लेकिन ये एक एक गंभीर सवाल जरूर उठा रहा है. आंकड़ों के खेल से भले ही धारावी मॉडल खड़ा हो गया हो, लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का प्रकोप हद से ज्यादा गंभीर है. देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े आने शुरू हुए तो सबसे ऊपर केरल हुआ करता था, लेकिन कुछ ही दिन बाद से महाराष्ट्र पहले नंबर पर बना हुआ है. ऐसे में धारावी मॉडल की तारीफ तो बनती ही है, लेकिन ये सब इतने भी खुश होने की चीज नहीं है - क्योंकि देश में अभी तक कोई भी मॉडल टिकाऊ साबित नहीं हुआ है.

कोई भी कोरोना कंट्रोल मॉडल टिकाऊ क्यों नहीं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक का तो यही कहना रहा कि मुंबई जैसे शहर के धारावी इलाके में कोरोना को कंट्रोल करना बताता है कि बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. बेशक धारावी मॉडल कोरोना के नियंत्रण में उसके जैसे दूसरे इलाकों में कोरोना कंट्रोल के लिए प्रेरणास्रोत हो सकता है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का कहना रहा, 'दुनिया भर में कई मिसाल हैं जिनसे पता चला है कि भले ही प्रकोप कितना भी ज्यादा हो, फिर भी इस पर काबू पाया जा सकता है - और इटली, स्पेन, दक्षिण कोरिया और यहां तक कि धारावी भी ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं.'

धारावी में कोरोना से मुकाबला वाकई बहुत चुनौतीपूर्ण रहा. ऐसे में जब कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह दी जा रही हो और एक छोटे से घर में 10-15 लोग रहते हों क्या उम्मीद की जा सकती है. साथ ही, धारावी में सार्वजनिक शौचालय ही बड़ा खतरा बने हुए थे. धारावी में 80 फीसदी लोग ऐसे शौचालयों का इस्तेमाल करते हैं. धारावी में न सोशल डिस्टेंसिंग संभव थी न होम आइसोलेशन जैसे उपाय. धारावी करीब 500 शौचालय बताये जाते हैं जहां 8-10 लाख की आबादी है. हर इस्तेमाल के बाद शौचालयों का सैनिटाइजेशन तो संभव न था, लिहाजा दिन में दो से तीन बार सैनिटाइज करने की कोशिश होती रही. बाद में इसके बढ़ा कर 5-6 बार कर दिया गया - बड़े पैमाने पर वहां हैंडवॉश रखे गये, लोगों को साबुन बांटे गये और दर्जन भर डॉक्टरों के साथ 1250 लोगों की टीम दिन रात काम पर लगी रही. टास्क मुश्किल था लेकिन मेहनत का फल भी मिला.

धारावी मॉडल को आंकड़ों के पैमाने में तौलने की जरूरत नहीं है. जरूरी नहीं है कि धारावी में कुछ खास तरीकों से कोरोना वायरस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया तो देश या दुनिया के किसी कोने में भी ऐसा हो सकता है. धारावी मॉडल के मैसेज को व्यापक तौर पर लेने की जरूरत है. मतलब, अगर धारावी जैसे इलाके में कोरोना वायरस पर विशेष प्रयासों से काबू पाया जा सकता है तो ये उम्मीद जरूर बनती है कि बाकी जगह भी कोरोना को कंट्रोल किया जा सकता है.

धारावी मॉडल से पहले ऐसे कई मॉडल चर्चा में रहे हैं, लेकिन बाद में हालत ये भी हुई है कि ठीक वहीं पर कोरोना पर काबू पाना कठिन हो गया है. खुद उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में गोवा मॉडल के मुताबिक महाराष्ट्र में काम करने के अफसरों को आदेश दिये थे, तभी पता चला गोवा में फिर से कोरोना वायरस के मामले आने लगे.

देश में सबसे पहले जिस मॉडल की जोर शोर से चर्चा और विवाद भी हुआ वो था - भीलवाड़ा मॉडल. चर्चा तो उस दौर में कोरोना पर काबू करने को लेकर रही लेकिन विवाद तब खड़ा हुआ जब सोनिया गांधी भीलवाड़ा मॉडल का क्रेडिट राहुल गांधी को देने की कोशिश की. चूंकि भीलवाड़ा मॉडल का क्रेडिट कांग्रेस के खाते में जा रहा था, इसलिए बीजेपी की तरफ से आगरा मॉडल लाया गया - लेकिन वो भी फेल रहा.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संकट के बीच भारत में ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ती जा रही है. अस्पतालों और केयर सेंटर्स में रोजाना करीब 1,300 टन तक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है जो महामारी के आने से पहले महज 900 टन ही थी. भारत में आठ लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं - और ये बढ़ते ही जा रहे हैं. यूपी जैसे राज्यों में नये सिरे से लॉकडाउन लगाये जा रहे हैं और फिर वीकेंड लॉकडाउन की भी तैयारी चल रही है.

महाराष्ट्र के बाद देश में कोरोना संक्रमण को लेकर चिंताजनक स्थिति दिल्ली में भी पैदा हो गयी थी. फिर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने मिल कर एक टीम बनायी और हालात थोड़े बेहतर हुए, कम्युनिटी ट्रांसमिशन से स्वास्थ्य मंत्रालय अब भी इंकार कर रहा है. जब भी इसे लेकर सवाल उठता है सरकारी तौर पर खारिज कर दिया जाता है - राजधानी को लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जतायी गयी. देश भर में कई जगह विशेषज्ञों की तरफ से ऐसी आशंका जतायी जाती रही है - लेकिन सरकार ऐसे सारे दावों को खारिज करती रही है.

अब तो WHO भी मान चुका है कि कोरोना वायरस के कण हवा में भी हो सकते हैं और कोरोना फैलाने में उनका हाथ हो सकता है. विशेषज्ञों की सलाह के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी गाइडलाइन में भी बदलाव किया है - अमिताभ बच्चन के जलसा तक कोरोना वायरस का पहुंचना बता रहा है कि स्थिति कितनी गंभीर हो चली है और खतरा कितना बड़ा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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