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आलिया से नफरत गंगूबाई काठियावाड़ी के बॉक्स ऑफिस पर तो नहीं मगर IMDb पर जरूर दिख रही है!

    • आईचौक
    • Updated: 28 फरवरी, 2022 12:39 PM
  • 28 फरवरी, 2022 12:39 PM
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भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज से पहले एक तबके का तीखा विरोध दिखा था. हालांकि फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बता रहा कि लोगों को आलिया की फिल्म पसंद आ रही है. आइए जानते हैं फिल्म को लेकर आईएमडीबी पर क्या है.

संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी पीरियड ड्रामा गंगूबाई काठियावाड़ी का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बहुत शानदार है. आलिया भट्ट ने फिल्म में गंगूबाई की मुख्य भूमिका निभाई है. एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वींस और मुंबई' के एक चैप्टर पर आधारित फिल्म को रिलीज से पहले काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर बॉलीवुड के भाई भतीजावाद को लेकर हमेशा गुस्सा जताने वाले बड़े दर्शक वर्ग ने फिल्म को कूड़ा करार दिया था. फिल्म ना देखने की अपीलें की गई थीं. हालांकि गंगूबाई का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन रिपोर्ट्स से तो यही लग रहा कि सिनेमाघरों में लोगों की नफ़रत का कोई असर आलिया की फिल्म पर नहीं है.

पहले दिन फिल्म ने 10.50 करोड़ रुपये के साथ देसी बॉक्स ऑफिस पर ओपनिंग की थी. दूसरे दिन भी फिल्म की कमाई 13 करोड़ से ज्यादा हुई है. अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड से भी गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को बहुत बेहतर कारोबार की खबरे हैं. फिल्म ने करीब पांच करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया है. गल्फ कंट्रीज से भी बॉलीवुड फिल्मों का बहुत सारा रेवेन्यू निकलकर आता है. हालांकि अभी इस क्षेत्र में फिल्म और उसके कलेक्शन को लेकर अपडेट सामने नहीं आए हैं. बॉक्स ऑफिस साफ़ सबूत है कि सिनेमाघरों में फिल्म दर्शकों का प्यार हासिल कर रही है.

आलिया भट्ट गंगूबाई के मुख्य किरदार में हैं. फोटो गंगूबाई काठियावाड़ी और IMDb से साभार.डिजिटल रिलीज को आईएमडीबी पर ज्यादा फायदा मिलता है

हालांकि बॉक्स ऑफिस पर मजबूत दिख रही फिल्म आईएमडीबी रेटिंग में कमजोर साबित हो रही है. आईएमडीबी पर फिल्म की रेटिंग 10 में से मात्र 4.2 ही है. करीब 8.5 हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स ने यहां फिल्म को रेट किया है. इसे औसत माना जा सकता है. आमतौर पर जिन फिल्मों का बज...

संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी पीरियड ड्रामा गंगूबाई काठियावाड़ी का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बहुत शानदार है. आलिया भट्ट ने फिल्म में गंगूबाई की मुख्य भूमिका निभाई है. एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वींस और मुंबई' के एक चैप्टर पर आधारित फिल्म को रिलीज से पहले काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर बॉलीवुड के भाई भतीजावाद को लेकर हमेशा गुस्सा जताने वाले बड़े दर्शक वर्ग ने फिल्म को कूड़ा करार दिया था. फिल्म ना देखने की अपीलें की गई थीं. हालांकि गंगूबाई का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन रिपोर्ट्स से तो यही लग रहा कि सिनेमाघरों में लोगों की नफ़रत का कोई असर आलिया की फिल्म पर नहीं है.

पहले दिन फिल्म ने 10.50 करोड़ रुपये के साथ देसी बॉक्स ऑफिस पर ओपनिंग की थी. दूसरे दिन भी फिल्म की कमाई 13 करोड़ से ज्यादा हुई है. अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड से भी गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को बहुत बेहतर कारोबार की खबरे हैं. फिल्म ने करीब पांच करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया है. गल्फ कंट्रीज से भी बॉलीवुड फिल्मों का बहुत सारा रेवेन्यू निकलकर आता है. हालांकि अभी इस क्षेत्र में फिल्म और उसके कलेक्शन को लेकर अपडेट सामने नहीं आए हैं. बॉक्स ऑफिस साफ़ सबूत है कि सिनेमाघरों में फिल्म दर्शकों का प्यार हासिल कर रही है.

आलिया भट्ट गंगूबाई के मुख्य किरदार में हैं. फोटो गंगूबाई काठियावाड़ी और IMDb से साभार.डिजिटल रिलीज को आईएमडीबी पर ज्यादा फायदा मिलता है

हालांकि बॉक्स ऑफिस पर मजबूत दिख रही फिल्म आईएमडीबी रेटिंग में कमजोर साबित हो रही है. आईएमडीबी पर फिल्म की रेटिंग 10 में से मात्र 4.2 ही है. करीब 8.5 हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स ने यहां फिल्म को रेट किया है. इसे औसत माना जा सकता है. आमतौर पर जिन फिल्मों का बज होता है उनकी रेटिंग यहां काफी बेहतर नजर आई है. हालांकि महामारी में ज्यादातर उन्हीं फिल्मों ने यहां सर्वोच्च रेटिंग हासिल की जो सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई थीं. खासकर पिछले साल आई जयभीम, सरदार उधम, मिमी और शेरशाह सर्वोच्च रेटिंग हासिल करने वाली फ़िल्में नजर आईं. इन फिल्मों की आईएमडीबी रेटिंग रिलीज के वक्त 9 से ज्यादा थी.

अभी पिछले दिनों दीपिका पादुकोण की गहराइयां (ओटीटी) और राजकुमार राव (सिनेमाघर) की बधाई दो एक साथ रिलीज हुई थीं. दोनों फिल्मों में गहराइयां आईएमडीबी पर बेहतर थी. दीपिका की फिल्म का बज भी ज्यादा और डिजिटल मूवी थी. डिजिटल पर रिलीज होने वाली फिल्मों को को लेकर आईएमडीबी प्लेटफॉर्म पर ज्यादा इंगेजमेंट नजर आती है.

आईएमडीबी रेटिंग में गंगूबाई के बारे में क्या है?

आईएमडीबी पर गंगूबाई काठियावाड़ी के लिए 380 से ज्यादा यूजर रिव्यूज भी हैं. वैसे रेटिंग से अलग देखें तो ज्यादातर समीक्षाएं आलिया की फिल्म के पक्ष में हैं. यहां कई दर्शकों ने फिल्म की तारीफ़ की है. कुछ ने लिखा कि वे आलिया भट्ट के फैन नहीं हैं मगर फिल्म और उसमें उनका अभिनय उन्हें खूब पसंद आया. कुछ ने तो यह भी कहा कि भंसाली ने फिल्म बनाने के लिए एक रिस्की सब्जेक्ट का चयन किया था. लेकिन गंगूबाई के रूप में उनके काम की तारीफ़ की जा सकती है. उन्होंने फिल्म को मनोरंजक बनाए रखने में कामयाबी पाई और उसे कलाकारों के अभिनय ने एक अलग उंचाई प्रदान की है. विजय राज, अजय देवगन और जिम सरभ का भी काम तमाम लोगों को पसंद आ रहा है.

IMDb

आलिया की जगह हुमा को क्यों देखना चाहते हैं लोग?

वैसे कई ने तो बहुत खराब रिव्यू भी लिखा और फिल्म को हादसा करार दिया. एक दर्शक ने लिखा कि फिल्म का कैमरा वर्क बहुत लाजवाब है मगर घटिया नरेशन ने फिल्म का कबाड़ा कर दिया. फिल्म में कोई प्रोपर स्टोरी ही नहीं है और यह एक औसत फिल्म साबित होती है. निर्देशक सही रूप से सेक्स वर्कर्स के जीवन की परतें खोलने में नाकाम साबित रहे. एक यूजर ने लिखा कि दर्शक फिल्म के साथ कोई भावुक जुड़ाव महसूस नहीं कर पाते. गंगूबाई के रूप में आलिया की कास्टिंग निराश करती है. अच्छा ये होता कि आलिया की जगह हुमा कुरैशी को गंगूबाई का किरदार दिया जाता. एक यूजर ने फिल्म को घटिया करार देते हुए लिखा कि आलिया ने एक औरत की भूमिका को मर्दाने अंदाज में निभाने की कोशिश की. मगर यह बहुत ही खराब तरीके से सामने आया. फिल्म की कहानी को जबरदस्ती खींचा गया. भंसाली का निर्देशन भी बहुत खराब रहा. इस फिल्म के लिए पैसे खर्च करना मूर्खता है.

आईएमडीबी पर रेटिंग और रिव्यू का कोई मतलब है?

जहां तक आईएमडीबी पर किसी फिल्म की बढ़िया या खराब रेटिंग का सवाल है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. इस इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर कई बार यह नजर आया है कि बहुत सफल रही फ़िल्में यहां औसत दिखती हैं. जबकि कई फ़िल्में जिनका कारोबार बहुत खराब रहा है वे यहां बह्जुत मजबूत नजर आती हैं. यानी आईएम्डीबी को किसी भी फिल्म की सफलता और असफलता का ;पैमाना नहीं माना जा सकता. यह बस एक ऑनलाइन डेटाबेस है, जहां फिल्म, टीवी, वीडियो और डिजिटल स्ट्रीमिंग को लेकर रजिस्टर यूजर शून्य से 10 पॉइंट के बीच रेट करते हैं और समीक्षाएं करते हैं. यह प्लेटफॉर्म दर्शकों की पसंद नापसंद को लेकर एक अनुमान लगाने भर के लिए जरूरी दिखता है. वैसे यहां मिली रेटिंग से यह भी दावा नहीं किया जा सकता कि वो बिल्कुल सटीक ही हैं. हो सकता है कि यहां रेटिंग और समीक्षाएं पक्ष या विपक्ष में भी प्रायोजित हों या किसी अन्य मकसद से प्रेरित हों.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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