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कश्मीर में हामिद जैसे बहुतों का अब बस अल्लाह ही मालिक है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 07 मार्च, 2019 05:06 PM
  • 07 मार्च, 2019 04:51 PM
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जल्द ही आने वाली फिल्म हामिद का ट्रेलर देखकर साफ हो जाता है कि आम नागरिकों की सुरक्षा के तहत घाटी में रहने वाले सेना और सुरक्षाबल किन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं साथ ही वो घाटी की शांति के लिए कितने जरूरी हैं.

पुलवामा हमले के बाद से कश्मीर लगातार सुर्ख़ियों में है. अलगाववाद की भेंट चढ़ चुके कश्मीर के हालात कैसे हैं यदि इसे समझना हो तो हम जल्द ही आने वाली फिल्म 'हामिद का ट्रेलर देख सकते हैं. फिल्म का मुख्य किरदार हामिद एक 8 साल का बच्चा है जो अपने आस पास से जुड़ी हर चीज को लेकर सवाल करता है. एक दिन बच्चे के पिता गायब हो जाते हैं. उसकी मां उनकी तलाश में पहले तो इधर उधर भटकती है और जब उसे कहीं से कोई उम्मीद नहीं दिखाई देती तब वो गहरे अवसाद में चली जाती है. अपनी मां को परेशान देखकर हामिद सोचता है कि क्यों न इस परेशानी के बारे में अल्लाह को बताया जाए. हामिद इसके लिए अल्लाह को फोन मिलाता है.

कश्मीर की वास्तविकता को पर्दे पर उतारता नजर आ रहा है फिल्म हामिद का ट्रेलर

फिल्म के ट्रेलर में दिखया गया है कि हामिद जिससे अल्लाह समझकर बात कर रहा है वो एक सीआरपीएफ का जवान है. एक ऐसा जवान जो अपने घर परिवार से दूर है और आतंकवाद की भेंट चढ़ती घाटी को शांत कराने के लिए अपनी जान हथेली पर लेकर अलगाववादियों से मोर्चा ले रहा है. फिल्म के ट्रेलर में भी घाटी के अलगाववाद को बखूबी दिखाया गया है. ट्रेलर में एक सीन है जिसमें मासूम हामिद अल्लाह के पास जाने की बात कह रहा है. तभी कोई उसे पाकिस्तान की तरफ का कश्मीर दिखाते हुए कहता है कि अल्लाह उस तरफ है.

ट्रेलर से साफ है कि फिल्म जहां एक तरफ एक 8 साल के बच्चे और एक सीआरपीएफ जवान के बीच अनोखे रिश्ते पर आधारित है. तो वहीं इसमें इंसानी रिश्तों और उन रिश्तों के दौरान जन्में तनाव को भी बखूबी दर्शाया गया है. ट्रेल बता रहा है कि इस फिल्म में ऐसे कई सीन हैं जो जहां एक तरफ दर्शक की आंखों में आंसू लाएंगे तो वहीं उसे गुदगुदाएंगे भी.

बात अगर फिल्म की हो तो इस फिल्म का निर्देशन एजाज खान ने किया है और इसमें...

पुलवामा हमले के बाद से कश्मीर लगातार सुर्ख़ियों में है. अलगाववाद की भेंट चढ़ चुके कश्मीर के हालात कैसे हैं यदि इसे समझना हो तो हम जल्द ही आने वाली फिल्म 'हामिद का ट्रेलर देख सकते हैं. फिल्म का मुख्य किरदार हामिद एक 8 साल का बच्चा है जो अपने आस पास से जुड़ी हर चीज को लेकर सवाल करता है. एक दिन बच्चे के पिता गायब हो जाते हैं. उसकी मां उनकी तलाश में पहले तो इधर उधर भटकती है और जब उसे कहीं से कोई उम्मीद नहीं दिखाई देती तब वो गहरे अवसाद में चली जाती है. अपनी मां को परेशान देखकर हामिद सोचता है कि क्यों न इस परेशानी के बारे में अल्लाह को बताया जाए. हामिद इसके लिए अल्लाह को फोन मिलाता है.

कश्मीर की वास्तविकता को पर्दे पर उतारता नजर आ रहा है फिल्म हामिद का ट्रेलर

फिल्म के ट्रेलर में दिखया गया है कि हामिद जिससे अल्लाह समझकर बात कर रहा है वो एक सीआरपीएफ का जवान है. एक ऐसा जवान जो अपने घर परिवार से दूर है और आतंकवाद की भेंट चढ़ती घाटी को शांत कराने के लिए अपनी जान हथेली पर लेकर अलगाववादियों से मोर्चा ले रहा है. फिल्म के ट्रेलर में भी घाटी के अलगाववाद को बखूबी दिखाया गया है. ट्रेलर में एक सीन है जिसमें मासूम हामिद अल्लाह के पास जाने की बात कह रहा है. तभी कोई उसे पाकिस्तान की तरफ का कश्मीर दिखाते हुए कहता है कि अल्लाह उस तरफ है.

ट्रेलर से साफ है कि फिल्म जहां एक तरफ एक 8 साल के बच्चे और एक सीआरपीएफ जवान के बीच अनोखे रिश्ते पर आधारित है. तो वहीं इसमें इंसानी रिश्तों और उन रिश्तों के दौरान जन्में तनाव को भी बखूबी दर्शाया गया है. ट्रेल बता रहा है कि इस फिल्म में ऐसे कई सीन हैं जो जहां एक तरफ दर्शक की आंखों में आंसू लाएंगे तो वहीं उसे गुदगुदाएंगे भी.

बात अगर फिल्म की हो तो इस फिल्म का निर्देशन एजाज खान ने किया है और इसमें रसिका दुगल, विकास कुमार और ताल्हा अरशद रेशी मुख्य भूमिका में है.  15 मार्च को रिलीज हो रही इस फिल्म के बारे में बात करते हुए निर्देशक एजाज खान ने कहा कि ‘हामिद’ शांति, प्रेम और सबसे महत्वपूर्ण बात कि एक-दूसरे की तकलीफ को समझने के बारे में है. हमें उम्मीद है कि फिल्म ऐसे समय में प्यार के महत्वपूर्ण संदेश को फैलाने में मदद करती है.

गौरतलब है कि ये फिल्म एक ऐसे वक़्त में आ रही है जब पूरा कश्मीर आतंकवाद और अलगाववाद के चलते सुलग रहा है. घाटी के युवाओं ने या तो बंदूक उठा ली है या फिर अपनी बेतुकी मांगों के लिए उन्होंने पत्थरबाजी जैसी चीजों का सहारा लिया है. फिल्म हिट होती है या फ्लॉप इसका फैसला आने वाला वक़्त करेगा. मगर फिल्म का ट्रेलर साफ तौर से इस बात को बता रहा है कि ये फिल्म उन्हें जरूर पसंद आएगी जो गंभीर सिनेमा को पसंद करते हैं और जिन्हें उसकी कद्र है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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