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सुपर स्टार थालापथी विजय ने माता-पिता के खिलाफ केस दर्ज कराया है, कारण पर्याप्त हैं!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 21 सितम्बर, 2021 06:40 PM
  • 21 सितम्बर, 2021 06:40 PM
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मां बाप के खिलाफ केस दर्ज कराने वाले साउथ सुपर स्टार थालापथी विजय (Actor Thalapathy Vijay) ने जो किया उसपर चर्चा तो होनी ही थी. लेकिन ये सब यूं ही नहीं हुआ इसके पीछे पर्याप्त कारण हैं जिन्हें उनके माता पिता ने खुद दिया है.

बात बीते दिनों की है. पूरे दक्षिण भारत में राजनीतिक सरगर्मियां तेज थीं. होती भी क्यों न ? ख़बर भी तो कुछ ऐसी ही थी. बताया गया कि विजय की वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन 'विजय मक्कल इयक्कम' को पॉलिटिकल पार्टी के तौर पर रजिस्टर कराया जा रहा है. वहीं पार्टी के नाम की भी घोषणा हुई थी बताया गया था कि इस पार्टी का नाम All India Thalapathy Vijay Makkal Iyakkam होगा. चाहे कर्नाटक हो या तमिलनाडु दक्षिण के राजनीतिक पंडितों द्वारा इस खबर और विजय के राजनीति में आने को एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा था. मामले के मद्देनजर अभी ढंग से कयास लग भी नहीं पाए थे कि खुद विजय ने इस खबर का खंडन किया और बताया कि फिल्हाल तो उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है. सवाल होगा कि कुछ समय पहले साउथ सुपर स्टार विजय की पॉलिटिकल एंट्री से जुड़ी हुई बातों पर आज चर्चा क्यों? सवाल वाजिब है जिसका जवाब है वो 'सिविल केस' जो एक्टर थालापथी विजय ने अपने पिता एसए चंद्रशेखर और मां शोभा सहित 11 लोगों पर दर्ज कराया है.

मां बाप पर केस को लेकर विजय की आलोचना हो लेकिन हमें उनकी मज़बूरी को समझना चाहिए

मामले के मद्देनजर सुपरस्टार विजय की तरफ से एक याचिका दाखिल की गयी है जिसमें कहा गया है कि कोई भी भीड़ जुटाने के लिए और किसी भी तरह की मीटिंग करने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल न करे. दरअसल विजय ने जो स्टेटमेंट जारी किया है उसमें इस बात का साफ़ जिक्र है कि विजय की तरफ से किसी भी पार्टी को शुरू करने के लिए सहमति नहीं दी और 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया, ताकि उन्हें बैठकें आयोजित करने या भीड़ इकट्ठा करने के लिए अपने नाम (विजय के नाम) का इस्तेमाल करने से रोका जा सके.

मामले की सुनवाई भले ही 27 सितंबर को हो लेकिन जिस तरह विजय की तरफ से अपने माता पिता पर केस दर्ज किया गया है. अच्छी...

बात बीते दिनों की है. पूरे दक्षिण भारत में राजनीतिक सरगर्मियां तेज थीं. होती भी क्यों न ? ख़बर भी तो कुछ ऐसी ही थी. बताया गया कि विजय की वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन 'विजय मक्कल इयक्कम' को पॉलिटिकल पार्टी के तौर पर रजिस्टर कराया जा रहा है. वहीं पार्टी के नाम की भी घोषणा हुई थी बताया गया था कि इस पार्टी का नाम All India Thalapathy Vijay Makkal Iyakkam होगा. चाहे कर्नाटक हो या तमिलनाडु दक्षिण के राजनीतिक पंडितों द्वारा इस खबर और विजय के राजनीति में आने को एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा था. मामले के मद्देनजर अभी ढंग से कयास लग भी नहीं पाए थे कि खुद विजय ने इस खबर का खंडन किया और बताया कि फिल्हाल तो उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है. सवाल होगा कि कुछ समय पहले साउथ सुपर स्टार विजय की पॉलिटिकल एंट्री से जुड़ी हुई बातों पर आज चर्चा क्यों? सवाल वाजिब है जिसका जवाब है वो 'सिविल केस' जो एक्टर थालापथी विजय ने अपने पिता एसए चंद्रशेखर और मां शोभा सहित 11 लोगों पर दर्ज कराया है.

मां बाप पर केस को लेकर विजय की आलोचना हो लेकिन हमें उनकी मज़बूरी को समझना चाहिए

मामले के मद्देनजर सुपरस्टार विजय की तरफ से एक याचिका दाखिल की गयी है जिसमें कहा गया है कि कोई भी भीड़ जुटाने के लिए और किसी भी तरह की मीटिंग करने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल न करे. दरअसल विजय ने जो स्टेटमेंट जारी किया है उसमें इस बात का साफ़ जिक्र है कि विजय की तरफ से किसी भी पार्टी को शुरू करने के लिए सहमति नहीं दी और 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया, ताकि उन्हें बैठकें आयोजित करने या भीड़ इकट्ठा करने के लिए अपने नाम (विजय के नाम) का इस्तेमाल करने से रोका जा सके.

मामले की सुनवाई भले ही 27 सितंबर को हो लेकिन जिस तरह विजय की तरफ से अपने माता पिता पर केस दर्ज किया गया है. अच्छी से लेकर बुरी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है और तमाम बातें हो रही हैं. मामले के तहत जो लोगों के तर्क हैं वो अपने आप में दिलचस्प हैं लेकिन जब हम इन पूरी बातों को विजय के सन्दर्भ में रखकर देखें तो उनका फैसला सही है.

विजय के माता पिता को खुद इस बात को सोचना चाहिए था कि विजय कोई छोटा मोटा नाम नहीं है और इस तरह की अफवाहों की भारी कीमत उन्हें चुकानी पड़ सकती है. वहीं जब इस पूरे मामले पर विजय के पिता एस ए चंद्रशेखर से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि,'1993 में मैंने विजय के लिए एक फैन क्लब चलाया और 5 साल बाद ये वेलफेयर एसोसिएशन बन गया. ग्रुप में कई युवा थे और हम उन्हें जिम्मेदार व्यक्ति बनाना चाहते थे. कुछ साल बाद मैंने इसे वेलफेयर फोरम बना दिया.

विजय के पिता ने ये भी कहा कि लोगों की मदद के लिए ऐसा किया गया है. पिछले 25 सालों से ये लोग बिना किसी उम्मीद के कर रहे हैं. अब, मैंने लोगों को और अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए इसे चुनाव आयोग के साथ रजिस्टर करा लिया है.' विजय के पिता अनाउंस किया था कि उनके रिलेटिव पद्मनाभन पार्टी के प्रेसिडेंट और शोभा Treasurer हैं. वहीं विजय के पिता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी हैं.

पार्टी से 'विजय' ने अपना पलड़ा झाड़ लिया है.

चूंकि ये पॉलिटिकल पार्टी वाली बात कहीं न कहीं विजय के फ़िल्मी सफर को भी प्रभावित कर ही रही है तो विजय की पीआर टीम की तरफ से एक बयान जारी हुआ है. बयान में लिखा था कि एक्टर विजय का पार्टी से कोई संबंध नहीं है. पार्टी उनके पिता एसए चंद्रशेखर द्वारा रजिस्टर कराई गई थी.

फैंस को ये समझना चाहिए कि उन्हें पार्टी से जुड़ने या काम करने की ज़रूरत नहीं है. साथ ही बयान में कहा गया कि कोई भी कॉन्ट्रोवर्सी क्रिएट करने के लिए उनके नाम, तस्वीर या फिर All India Thalapathy Vijay Makkal Iyakkam का उपयोग नहीं करना चाहिए. जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें कानूनी परिणाम भुगतने होंगे."

आज भले ही राजनीति में आने की ख़बरों के कारण साउथ सुपर स्टार विजय सुर्ख़ियों और अपने मां बाप पर केस कराने के कारण आलोचना का सामना कर रहे हों लेकिन ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी बेबात की बात ने मास्टर फेम विजय को मुसीबत में डाला है. बात बीते दिनों की है विजय अपनी लग्जरी कार के टैक्स को लेकर खबरों में आए थे. विजय पर आरोप था कि लंदन से मंगवाई गई कार के लिए उन्होंने टैक्स अदा नहीं किया था.

ध्यान रहे कि विजय ने 2013 में रॉल्स रॉयस घोस्ट कार मंगवाई थी. मद्रास हाई कोर्ट ने उन पर 1 लाख का जुर्माना लगाया था. बहरहाल याचिका की सुनवाई पर अदालत का क्या रुख रहता है इसे जानने के लिए हम बस इंतजार ही कर सकते हैं. बाकी बात चूंकि मां आप पर केस दर्ज कराने के संदर्भ में हुई है. तो हमें इस बात को समझना होगा कि जब व्यक्ति का नाम हो जाता है तो फिर वो उसके साथ किसी भी सूरत में कॉम्प्रोमाइज नहीं करता.

विजय ने भी ऐसा ही किया है. इसलिए लोग आहत न हों और हो सके तो उनकी मजबूरी को समझें.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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