• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

83 Movie Review: कपिल देव ने वर्ल्ड कप जीता, और रणवीर सिंह ने दर्शकों का दिल

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 21 दिसम्बर, 2021 06:41 PM
  • 21 दिसम्बर, 2021 06:41 PM
offline
कबीर खान की फिल्म '83' लंबे इंतजार के बाद सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है. रणवीर सिंह (Ranveer Singh), दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) और पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) स्टारर फिल्म को 24 दिसंबर को रिलीज किया जाएगा.

हिंदुस्तान में क्रिकेट खेल नहीं धर्म है. इसके प्रति करोड़ों लोगों की आस्था है. देश में बच्चे से लेकर बूढे तक में क्रिकेट के प्रति दीवानगी देखने को मिलती है. यही वजह है कि बॉलीवुड में कई बड़ी फिल्में क्रिकेट पर आधारित हैं, जिनमें कई सुपरहिट रही हैं. इसी कड़ी में दिग्गज फिल्म मेकर कबीर खान की फिल्म '83' रिलीज होने वाली है, जिसमें रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और पंकज त्रिपाठी लीड रोल में हैं. उनके साथ बोमन ईरानी, ताहिर राज भसीन, जीवा, साकिब सलीम, जतिन सरना, चिराग पाटिल, दिनकर शर्मा, निशांत दहिया, हार्डी संधू, साहिल खट्टर, अम्मी विर्क, आदिनाथ कोठारे, धैर्य करवा और आर बद्री जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं.

फिल्म '83' की कहानी साल 1983 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली 'टीम इंडिया' पर आधारित है. इसमें टीम के कप्तान कपिल देव की भूमिका में अभिनेता रणवीर सिंह, तो उनकी पत्नी रोमी भाटिया के किरदार में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण हैं. ये रणवीर सिंह की पहली पैन इंडिया रिलीज फिल्म है, जिसे हिंदी के साथ तमिल, तेलुगू, कन्नड और मलयालम में एक साथ रिलीज किया जा रहा है. फिल्म की रिलीज से पहले ही प्रेस शो आयोजित किया गया, जिसमें शामिल फिल्म समीक्षकों ने बहुत ही सकारात्मक समीक्षा दी है. सभी का एक सुर में मानना है कि फिल्म देर से रिलीज हुई, लेकिन दुरुस्त है. फिल्म इमोशन, जोश और जज्बे से भरी हुई है.

कबीर खान की फिल्म 83 में रणवीर सिंह के अभिनय की हर कोई तारीफ कर रहा है.

इसमें अपने दमदार अभिनय के जरिए अभिनेता रणवीर सिंह ने समां बांध दिया है. वो ऑफ स्क्रीन चाहे जितने नॉन-सीरियस दिखते हों, लेकिन पर्दे पर उनकी छवि जुदा दिखती है. अपने मूल स्वभाव से विपरीत भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव के धीर, गंभीर और जिम्मेदारी से भरे किरदार में अपने बेहतरीन अभिनय से...

हिंदुस्तान में क्रिकेट खेल नहीं धर्म है. इसके प्रति करोड़ों लोगों की आस्था है. देश में बच्चे से लेकर बूढे तक में क्रिकेट के प्रति दीवानगी देखने को मिलती है. यही वजह है कि बॉलीवुड में कई बड़ी फिल्में क्रिकेट पर आधारित हैं, जिनमें कई सुपरहिट रही हैं. इसी कड़ी में दिग्गज फिल्म मेकर कबीर खान की फिल्म '83' रिलीज होने वाली है, जिसमें रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और पंकज त्रिपाठी लीड रोल में हैं. उनके साथ बोमन ईरानी, ताहिर राज भसीन, जीवा, साकिब सलीम, जतिन सरना, चिराग पाटिल, दिनकर शर्मा, निशांत दहिया, हार्डी संधू, साहिल खट्टर, अम्मी विर्क, आदिनाथ कोठारे, धैर्य करवा और आर बद्री जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं.

फिल्म '83' की कहानी साल 1983 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली 'टीम इंडिया' पर आधारित है. इसमें टीम के कप्तान कपिल देव की भूमिका में अभिनेता रणवीर सिंह, तो उनकी पत्नी रोमी भाटिया के किरदार में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण हैं. ये रणवीर सिंह की पहली पैन इंडिया रिलीज फिल्म है, जिसे हिंदी के साथ तमिल, तेलुगू, कन्नड और मलयालम में एक साथ रिलीज किया जा रहा है. फिल्म की रिलीज से पहले ही प्रेस शो आयोजित किया गया, जिसमें शामिल फिल्म समीक्षकों ने बहुत ही सकारात्मक समीक्षा दी है. सभी का एक सुर में मानना है कि फिल्म देर से रिलीज हुई, लेकिन दुरुस्त है. फिल्म इमोशन, जोश और जज्बे से भरी हुई है.

कबीर खान की फिल्म 83 में रणवीर सिंह के अभिनय की हर कोई तारीफ कर रहा है.

इसमें अपने दमदार अभिनय के जरिए अभिनेता रणवीर सिंह ने समां बांध दिया है. वो ऑफ स्क्रीन चाहे जितने नॉन-सीरियस दिखते हों, लेकिन पर्दे पर उनकी छवि जुदा दिखती है. अपने मूल स्वभाव से विपरीत भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव के धीर, गंभीर और जिम्मेदारी से भरे किरदार में अपने बेहतरीन अभिनय से जान डालकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वो हर तरह का रोल सफलता पूर्वक कर सकते हैं. बहुत कम स्क्रीन स्पेस मिलने के बावजूद अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़ी है. रणवीर-दीपिका की रियल लाइफ केमेस्ट्री रील पर भी परफेक्ट दिखती है. पंकज त्रिपाठी ने हमेशा की तरह शानदार काम किया है.

इसके साथ ही टीम इंडिया के दूसरे अहम सदस्यों जैसे फारुख इंजीनियर के किरदार में बोमन ईरानी, सुनील गावस्कर के किरदार में ताहिर भसीन, यशपाल के किरदार में जतिन सरना, मदन लाल के किरदार में हार्डी संधू, बलविंदर संधू के किरदार में एमी विर्क, श्रीकांत के किरदार में तमिल एक्टर जीवा, महेंद्र अमरनाथ के किरदार में साकिब सलीम ने अपना 100 फीसदी दिया है. सबसे बड़ी बात कि ये सभी कलाकार केवल अभिनय ही नहीं बॉडी लैंग्वेज, एक्सप्रेशन और चेहरे से भी टीम इंडिया के उन खिलाड़ियों के हुबहु प्रतिरूप लग रहे हैं, जिन्होंने साल 1983 में पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतकर पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन किया था.

'फिल्म देखते हुए उस ऐतिहासिक पल को जिएंगे'

मशहूर फिल्म समीक्षक तरण आदर्श ने फिल्म 83 को 5 में से 4 स्टार देते हुए 'विनर' बताया है. उनकी माने को इस फिल्म को उन सभी को जरूर देखना चाहिए, जिन्होंने इस इतिहास को बनते हुए देखा था और उन्हें भी जिन्होंने नहीं देखा. दोनों ही तरह के लोग फिल्म देखकर रोमांचित हो उठेंगे. बॉलीवुड हंगामा के लिए तरण ने लिखा है, ''पर्दे पर भारतीय क्रिकेट के उस ऐतिहासिक जीत को दर्शाना कठिन काम है. उसमें भी तब ज्यादा कठिन हो जाता है, जब ये ऐतिहासिक जीत कई दशकों पहले हुई हो. सटीक तथ्यों और कहानी के अलावा कहानीकार को उस युग को फिर से रीक्रिएट करने की जरूरत होती है. इसके साथ ही उन किरदारों के साथ भी न्याय करना पड़ता है, जिन्होंने जीत दिलाने में अहम योगदान दिया है. इन सभी पैमानों पर निर्देशक कबीर खान खरे उतरे हैं. दर्शक फिल्म देखते हुए उस पल को जीते हैं.''

'फिल्म के हर कलाकार ने शानदार काम किया'

''कबीर खान का निर्देशन बेहद शानदार है. 83 एक कठिन फिल्म है और सक्षम अभिनेताओं की उपस्थिति के बावजूद, यदि स्पोर्ट्स ड्रामा का निष्पादन कमतर होता तो फिल्म उतनी प्रभावशाली नहीं होती. कबीर अपना सर्वश्रेष्ठ शॉट देते हैं, दूसरे और तीसरे एक्ट में बाजी मार ले जाते हैं. इसे दर्शक थिएटर से बाहर निकलने के साथ याद के तौर पर अपने साथ लेकर जाते हैं. वह कुशलता से पिच से लेकर ड्रेसिंग रूम तक ड्रामा, इमोशन और कॉमेडी को संतुलित करते हैं. इस फ़िल्म में म्यूजिक का ज्यादा स्कोप नहीं है, लेकिन एक गाना जो आपके होठों पर रह जाता है और वो है 'लहरा दो'. बैकग्राउंड स्कोर प्रभावी है. कैमरा फिल्म के मूड को सटीकता के साथ कैप्चर करता है. कलाकारों की भरमार है, लेकिन सभी ने अपना किरदार ईमानदारी से निभाया है. फिल्म के लीड एक्टर रणवीर सिंह सभी में सबसे शानदार हैं.''

'फिल्म आपको नॉस्टैल्जिया में ले जाती है'

बॉलीवुड लाइफ के लिए रसल डी'सिल्वा ने लिखा है, ''फिल्म खत्म होने के बाद जब आप सिनेमाघर से बाहर निकलेंगे तो आपके दिमाग इसके सीन ही चलेंगे. फिल्म में कबीर खान का डायरेक्शन मास्टरक्लास है. यकीन मानिए, इस फिल्म के शोज के दौरान सभी सिनेमाहॉल स्टेडियम बन जाएंगे. हालांकि डायरेक्शन तभी सफल होता है जब उसकी कास्ट भी कमाल की परफॉर्मेंस देती है. इस फिल्म में रणवीर सिंह ने वही कमाल किया है. उन्होंने केवल अभिनय नहीं किया है, बल्कि दिग्गज क्रिकेटर कपिल देव के किरदार को जिया है. सच कहें तो फिल्म की पूरी कास्ट ही शानदार है. फिल्म के मेकअप आर्टिस्ट से लेकर एडिटर नितिन वैद ने भी अच्छा काम कर दिखाया है. फिल्म ऐसी है कि आप तालियां बजाने, खुशी से उछलने और आंसू बहाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे. फिल्म आपको नॉस्टैल्जिया में ले जाती है.''

'बेहतरीन फिल्म, जरूर देखना चाहिए'

कोईमोई के लिए उमेश पुनवानी ने लिखा है, ''साल 1983 में मिली उस ऐतिहासिक जीत की कहानी बहुत से लोग जानते हैं, लेकिन फिल्म '83' देखने के बाद उस जीत के इमोशन को महसूस किया जा सकता है. फिल्म के निर्देशक कबीर खान ने संजय पूरन सिंह चौहान, वासन बाला के साथ एक ऐसी कहानी लिखी है, जो उस ऐतिहासिक पल के गवाह न बन पाने वाले लोगों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं है. कबीर खान के सबसे भरोसेमंद सिनेमैटोग्राफर असीम मिश्रा ने अपने कैमरे से रीक्रिएट की गई घटनाओं को कैद किया है, लेकिन कैमरे की कलाकारी कहे या असीम का कमाल, हर सीन वास्तविक लगता है. एडिटर नितिन बैद ने फिल्म को 2 घंटे 40 मिनट के टाइम फ्रेम में समेट लिया है, लेकिन इस वक्त में भी रोमांच बरकरार रहता है. कपिल देव के किरदार में रणवीर सिंह ने कमाल का काम किया है. उन्होंने अपने अभिनय की चमक से उन साथी कलाकारों को भी रौशन किया, जिनको दर्शक कम जानते हैं. कुल मिलाकार, 83 एक बेहतरीन फिल्म है, जिसे जरूर देखना चाहिए.''

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲