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Updated: 09 मार्च, 2016 03:56 PM
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सदियों से देखा गया है कि जब जब संकट का दौर आया है चमत्कारी बाबा लोग मसीहा बन कर मैदान में कूद पड़े हैं - और मानवमात्र को संकट से उबार लिया है.

देशद्रोह की महामारी से जूझ रहे जेएनयू को योग-उद्योगपति बाबा रामदेव ने उबारने के लिए तीन घंटे का एक क्रैश कोर्स चलाने की सलाह दी है.

केजरीवाल भी संपर्क में

बाबा के भक्तों को तो बताने की जरूरत भी नहीं होगी. बाबा ने जिस तरह सफलतापूर्वक होमो-सेक्सुअलिटी और कैंसर का इलाज किया है - उसे लेकर पूरी दुनिया सकते में है - और यही वजह है कि उन्हें इस बार का शांति और चिकित्सा दोनों क्षेत्रों में नोबल पुरस्कार देने की चौतरफा मांग उठ रही है. हरियाणा के एक कार्यक्रम में बाबा रामदेव के ओजस्वी भाषण से अरविंद केजरीवाल भी खासे प्रभावित हुए हैं.

बाबा के भाषण के लिंक के साथ 'सत्यमेव जयते' लिख कर नरेंद्र मोदी लीड ले पाते उससे पहले ही अरविंद केजरीवाल ने एक साथ कई ट्वीट किये. अपने ट्वीट में केजरीवाल ने कहा, "पहले मैं भी उनकी बातों को मजाक में लेता था... लेकिन जबसे उन्होंने हड़ताल आदि की बीमारी को ठीक करने की बात कही है मुझे भी यकीन हो चला है. पहले तो मैं सिर्फ भगवान पर ही यकीन करता था - अब तो मुझे बाबा पर भी यकीन हो चला है. एमसीडी हड़ताल से जूझने के बाद मुझे भी पता चल गया है हड़ताल क्या चीज होती है."

इस कड़ी में केजरीवाल का अगला ट्वीट था, "जल्द ही कुमार विश्वास और संजय सिंह बाबा से मिल कर उनका आशीर्वाद लेंगे और अगर हमारी सरकार को यशवंत सिन्हा की तरह टिप्स देने के लिए वो राजी हो जाते हैं तो विस्तृत जानकारी आशुतोष देंगे."

राहुल गांधी की शर्त

कांग्रेस को उबारने में लगे राहुल गांधी ने भी प्रशांत किशोर के बाद बाबा रामदेव की सेवाएं लेने की सोच रहे हैं, लेकिन इसके लिए राहुल की एक शर्त है. कार्यकर्ताओं के एक वर्कशॉप में राहुल ने कहा कि उन्हें बाबा के विचार से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन उनके वस्त्र पर कड़ी आपत्ति है. राहुल चाहते हैं कि बाबा रामदेव कांग्रेस को उबारने में उनकी मदद करें लेकिन अपना ड्रेस कोड बदल कर सलवार सूट कर लें. असल में राहुल गांधी को रामलीला मैदान से विदा होते वक्त रामदेव ने जो वस्त्र धारण किये उससे वो खासे इम्प्रेस हैं.

इस बीच, जेएनयू को भेजे प्रस्ताव में बाबा रामदेव ने एक क्रैश कोर्स चलाने की सलाह दी है.

बाबा का प्रपोजल

प्रस्ताव में लिखा है कि तिहाड़ के अनुभव के आधार पर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हमारे अनुभूत योग और क्रियाओं के अभ्यास से रोगी को न सिर्फ तात्कालिक फायदा होगा बल्कि कोर्स पूरा होते होते वो भले चंगे मनुष्य के रूप में नजर आने लगेगा.

बाबा ने कहा है कि देशद्रोह सिर्फ मानसिक बीमारी ही नहीं शारीरिक अक्षमता भी है. बाबा के मुताबिक ये नेशफेरॉमॉन के अतिस्रवण से बीमारी का रूप ले लेती है. इलाज के दौरान बीफ का सेवन वर्जित होगा. हां, अगर रोगी हैबिचुअल बीफ ईटर है तो उसके कमरे में बीफ की तस्वीर टांगने की अनुमति दी जा सकती है जिसे क्योर हो जाने के बाद रोगी खुद ही हटा देगा.

प्रपोजल के मुताबिक प्रस्तावित क्रैश कोर्स की अवधि 51.59 मिनट की होगी - और इसकी फीस मात्र 1751 रुपये होंगे.

कोर्स के दौरान देशद्रोही रोगियों को सबसे पहले शवासन और आखिर में योगनिद्रा का अभ्यास कराया जाएगा. ताकि वे बीती बातों को भूल कर नये सिरे से चीजों को समझने की कोशिश करें. चूंकि उन्हें लंबे अरसे तक गलत बातें समझाई गई हैं और उसी हिसाब से खिलाया-पिलाया गया है - इसलिए कुछ अन्य यौगिक क्रियाएं भी आवश्यक होंगी, जिनमें प्रमुख हैं - सुशुप्त कपालभाति, दीर्घ निद्रा त्राटक, मोदीश्रवण कुंभासन. कम्प्लीट क्योर के लिए हर रोगी को मनुस्मृति मंडूर, स्मृति रिसेट क्वाथ और सम्मोहन वर्धक रस भी उचित मात्रा में सेवन कराया जाएगा.

प्रस्ताव में जिन बातों का जिक्र है बाबा ने उनसे इतर भी मदद की पेशकश की है. बाबा के प्रवक्ता ने जेएनयू के रजिस्ट्रार को प्रपोजल की कॉपी देते हुए मौखिक तौर पर बताया कि अगर कोर्स के लिए मान्यता में दिक्कत आती है तो वो यूजीसी पर उचित दबाव डलवा देंगे. "कुलपति महोदय को बोलिएगा बिलकुल फिक्र न करें..." बाबा के आदमी ने भरोसा दिलाया.

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