New

होम -> ह्यूमर

 |  6-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 12 मई, 2021 10:23 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

कहावत है बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है. कहावत किसने कही? क्यों कही? कब कही? कहां कही? किसके लिए कही ये तमाम प्रश्न व्यर्थ के प्रश्न हैं. मुद्दा है बंद पड़ी घड़ी का दिन में दो बार सही टाइम बताना. ख़ैर छोड़िये. इंसान अगर घड़ी है तो एक्टर राखी सावंत को बंद पड़ी घड़ी कहना कहीं से भी अतिशयोक्ति नहीं है. ऐसा इसलिए क्यों कि कम ही मौके आए हैं जब राखी सावंत ने कोई सही बात की है मगर अब जबकि कोविड की इस दूसरी वेव की मार पूरा देश झेल रहा हो. लोग इलाज, बेड और ऑक्सीजन के आभाव में मर रहें हों तो बंद घड़ी यानी राखी सावंत ने जो बातें एक्टर सलमान खान और सोनू सूद के लिए कहीं हैं उनपर पूरे देश को गौर करना चाहिए. चाहे वो कोविड 19 की पहली लहर हो या फिर ये दूसरी लहर एक्टर सलमान खान और सोनू सूद बिल्कुल निःस्वार्थ भावना से गरीबों और आम लोगों की मदद कर रहे हैं. सोनू सूद और सलमान खान के इस अवतार को देखकर राखी अपने आप को रोक नहीं पाई हैं और उन्होंने मांग की है कि देश का अगला प्रधानमंत्री सोनू सूद या सलमान खान को बना दिया जाए. ध्यान रहे ये कोई पहली बार नहीं है जब एंटरटेनमेंट लॉबी से किसी ने पहली बार इस तरह की बात की है इससे पहले एक्टर वीर दास ने भी कुछ ऐसा ही कहा था और अपना वोट सोनू सूद को दिया था.

Coronavirus, Covid 19, Epidemic, Rakhi Sawant, Sonu Sood, Salman Khan, Prime Ministerकोविड की इस दूसरी लहर के बीच जो बात एक्टर राखी सावंत ने सलमान खान और सोनू सूद के लिए कही है उसपर हमें गौर करना चाहिए

इस पूरे मामले पर कहने और सुनने को यूं तो तमाम बातें हैं मगर उन बातों से पहले इस बात को जान लिया जाए. दरअसल एक निजी चैनल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो में राखी सावंत हैं.वीडियो में राखी सावंत ने इस बात को प्रमुखता से बल दिया है कि कोरोना महामारी के इस कठिन समय में सोनू सूद देश में राहत पहुंचाने में काम कर रहे हैं.

राखी ने सोनू के अलावा एक्टर सलमान खान, अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन को भी मेंशन किया. राखी ने कहा कि, 'मैं तो कहती हूं कि सोनू सूद या सलमान खान को इस देश का प्रधानमंत्री बना दिया जाए क्योंकि असली हीरो तो वो ही हैं. ध्यान रहे सोनू और सलमान की शान में ये कसीदे राखी ने यूं ही नहीं गड़े हैं. चाहे सोनू हों या सलमान दोनों ही अभिनेताओं ने इसके लिए न केवल मेहनत की है बल्कि जमीन पर आकर काम भी किया है.

 
 
 
View this post on Instagram

A post shared by ETimes TV (@etimes_tv)

कोरोना के चलते देश में लगे पहले लॉकडाउन में जहां सोनू सूद ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर भिजवाया तो वहीं ये सलमान खान ही थे जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के दिहाड़ी मजदूरों के लिए राशन की व्यवस्था की थी. अब जबकि देश एक बार फिर कोविड की मार झेल रहा है तो दोनों एक्टर्स पुनः लोगों की मदद के लिए सामने आए हैं.कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर दोनों एक्टर जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सामने आए हैं.

चाहे हम आप हों या राखी सावंत मौत से डर सबको लगता है. तो यकीनन ये बातें राखी ने भावों में बहकर कही हैं. लेकिन अगर दो मिनट के लिए राखी द्वारा कही इस बात को पूरे देश की बात मान ली जाए और साथ ही अगर ये बात सच हो जाए तो सोचिए क्या होगा? भारत सच में विश्वगुरु बन जाएगा.

नहीं ये कहकर कि सलमान और सोनू सूद जैसे लोगों के पीएम बनने के बाद भारत विश्वगुरु बनेगा हम बिल्कुल भी व्यंग्यात्मक नहीं हो रहे. अपने सीमित संसाधनों की बदौलत जैसा इन दोनों लोगों ने किया है स्थिति आज के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर होगी.

गौरतलब है कि सत्ता पक्ष से जुड़े लोग लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं कहा जा रहा है कि वो पीएम मोदी जो पहले 18 घंटे काम करते थे आज 24 घंटे काम कर रहे हैं. खुद सोचिए यदि 24 घंटे काम करने और पीएम केयर फंड में अथाह पैसा देने के बाद यदि लोगों को अस्पताल नहीं मिल रहा.

बेड नहीं मिल रहा. ऑक्सिजन नहीं उपलब्ध हो पा रही देश के शमशानों और कब्रिस्तानों में लाशों का अंबार लगा हो तो ये कहने में गुरेज नहीं है कि काम सार्थक दिशा में नहीं हो रहा. साफ है कि यही चीजें यदि विदेश में कहीं होतीं तो अब तक नैतिकता के नाते ही सही उस देश के सर्वेसर्वा ने अपनी कुर्सी छोड़ दी होती. भारत है. भारत में ये सब तो चलता ही रहता है तो बेहतर है इस बात को यहीं छोड़ दिया जाए और सारा फ़ोकस सोनू सूद और सलमान खान पर रखा जाए.

देखिए बात एकदम सीधी और साफ है नेता का काम जनसेवा और अभिनेता का काम एंटरटेन करना है. मगर अब जबकि देश में उल्टा हो रहा है तो बेहतर है सलमान और सोनू में से कोई एक पीएम बने जबकि दूसरा विपक्ष में बैठे. चूंकि इन्हें जनता की समस्याओं का एहसास और अंदाजा दोनों है तो सत्तापक्ष और विपक्ष रैलियों और आरोप प्रत्यारोपों की अपेक्षा जनकल्याण में अपनी ऊर्जा खर्च करेगा.

सोचिए यदि ऐसा हो गया तो भले ही एक देश के रूप में हम कोरोना को जड़ से न खत्म कर पाएं लेकिन खराब स्थिति को सही तो कर ही लेंगे. इस बात को सोचिएगा कई दिन सोचिएगा. याद रखिये सोचने में टैक्स पेयर के टैक्स पेयर का पैसा नहीं खर्च होता और केवल सोचने के चलते उसे प्रधानमंत्री राहत कोष में पैसा तो बिल्कुल नहीं देना होता. एक बंद घड़ी के रूप में राखी ने टाइम बताया है वो सही है या गलत फैसला अब जनता ख़ुद करे.

ये भी पढ़ें -

कोरोना की तीसरी लहर की जद में आएंगे बच्चे, जानिए हर माता-पिता को क्या करना चाहिए

कोरोना की पसंदीदा जगह भारत क्यों है, ज्ञानी बाबाओं की जुबानी सुनिए…

लोकतंत्र में विश्वास रखता है कोरोना, तभी चुनावी रैलियों में नहीं जाता!

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय