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Updated: 02 नवम्बर, 2015 08:01 PM
विनीत कुमार
विनीत कुमार
  @vineet.dubey.98
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उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव 2017 में होने हैं. लेकिन प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव ने चुनावी बिगुल अभी से फूंक दिया है. पहले मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल और फिर गेराल्ड जे ऑस्टिन से मुलाकात. गेराल्ड ने ओबामा का चुनाव कैंपेन प्लावन किया था. उनकी गिनती अमेरिका के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार और सलाहकार में होती है. वे 1968 से डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए चुनावी कैंपेन का जिम्मा संभाल रहे हैं. ओबामा से पहले जिमी कार्टर और बिल क्लिंटन को भी राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचाने का श्रेय उन्हें ही जाता है.

मतलब, आगामी यूपी चुनाव में जात-पात, तीखे बयान के अलावा समाजवाद और अमेरिकी कनेक्शन का कॉकटेल भी देखने को मिल सकता है. अभी केवल अटकलें ही लगाई जा रही हैं. यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और गेराल्ड की मुलाकात के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है. कहा जा रहा है कि अखिलेश अगले विधान सभा चुनाव में गेराल्ड की मदद ले सकते हैं.

गेराल्ड अगर 2017 में सच में यूपी का रूख करें तो शायद उन्हें ज्यादा मुश्किलों का सामना न करना पड़े. वैसे भी अमेरिका और यूपी के चुनावी हालात एक जैसे ही हैं.

यकीन न हो तो बराक ओबामा और अखिलेश यादव के बीच समानताओं पर गौर कीजिए...

1) चुनाव से पहले ओबामा का सामना अपनी ही पार्टी की महिला नेता हिलेरी क्लिंटन से था. यहां अखिलेश यादव के सामने मायावती हैं. बीजेपी भी एक कठिन प्रतिद्वंद्वी है. पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को बड़ी सफलता हाथ लगी थी. लेकिन विधान सभा चुनाव में तो स्थानीय पार्टियों पर ही दांव होगा. इसलिए असली मुकाबला मायावाती से ही होगा.

2) ओबामा के सामने इराक युद्ध, सीरिया के हालात, अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी जैसे मुद्दे रहे. यहां अखिलेश भी मुजफ्फरनगर दंगों, दादरी कांड और बीफ पर सफाई देते फिर रहे हैं. वैसे, एक मत यह भी है कि ओबामा की लोकप्रियता 2012 में बहुत घट चुकी थी. कई जानकार यह बता चुके थे कि उनके जीत की संभावनाएं बेहद कम हैं लेकिन उस चुनाव के आसपास ऑक्टूबर में सैंडी तूफान आया. उस तूफान से प्रभावित लोगों के बीच ओबामा की सक्रियता ने पूरा समीकरण बदल दिया.

3) यह भी तो संयोग ही है कि ओबामा 2012 में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो अखिलेश ने उसी साल पहली बार बतौर मुख्यमंत्री गद्दी संभाली. अब अखि‍लेश भी चाहेंगे कि उन्हें दोबारा गद्दी नसीब हो.

4) अमेरिका और उत्तर प्रदेश की जनसंख्या की चर्चा कीजिए तो यहां भी गेराल्ड के सामने बड़ी चुनौती नहीं है. अमेरिका की जनसंख्या वर्ष-2012 में 31.41 करोड़ थी जबकि उत्तर प्रदेश की जनसंख्य भी 20 करोड़ के आसपास.

5) ओबामा अपनी बातों में अक्सर मार्टिन लूथर किंग की चर्चा करते रहे हैं. मार्टिन अपने जीवनकाल में नागरिका अधिकारों की बात करते रहे. यहां अखिलेश यादव के मार्गदर्शक और 'समाजवादी नेताजी' घर में ही उपलब्ध हैं.

6) नौकराशाहों को वश में रखने की कोशिश और कई बार उनसे टकराव के लिए भी अखिलेश यादव चर्चित रहे. चाहे वो दुर्गा शक्ति नागपाल का मामला हो या आईपीएस अमिताभ ठाकुर से विवाद. ओबामा भी इसके लिए बदनाम रहे हैं. उन पर भी ब्यूरोक्रेसी को अपने वश में रख पर काम कराने का आरोप लगता रहा है. सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन भाषणों और अपने लेखों में ओबामा कई बार ब्यूरोक्रेसी पर निशाना साध चुके हैं.

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विनीत कुमार विनीत कुमार @vineet.dubey.98

लेखक आईचौक.इन में सीनियर सब एडिटर हैं.

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