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Updated: 16 नवम्बर, 2015 04:33 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
  @rmisra
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किसी रेस्टोरेंट में अपनी फैमली या दोस्तों के साथ खाना खाने जाइए तो ऑर्डर देने के लिए सबसे पहला काम आप रेस्टोरेंट का मेनू देखने का करते हैं. इससे अपना ऑर्डर प्लेस करते वक्त ही आप अंदाजा लगा लेते हैं कि खाना खाने के बाद आपका बिल किस रेंज में रहेगा. लेकिन अब अगर रेस्टोरेंट का बिल आपकी उम्मीद से ज्यादा आया तो चौंकिएगा नहीं. आपको जरूरत है कि उस बिल को ध्यान से पढ़ें- क्योंकि आप केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबसे उत्साही अभियान का हिस्सा बन चुके हैं और आपकी जेब से जा रहा अतिरिक्त पैसा इस देश को साफ करने में काम आएगा.

प्रधानमंत्री मोदी का अजीज स्वच्छ भारत अभियान अब एक नए टैक्स के साथ आपकी रोजमर्रा जिंदगी से जुड़ गया है. वित्त मंत्रालय ने 0.5 फीसदी का स्वच्छ भारत सेस देश में सर्विस टैक्स के दायरे में आ रही सभी सर्विसेज पर 15 नवंबर से लागू कर दिया है. इस नए टैक्स का सीधा असर आपकी जेब पर कैसे पड़ेगा- रेसटोरेंट में खाने का बिल बढ़ जाएगा, फूड की होम डेलिवरी में ज्यादा पैसे देने होंगे और होटल में रुकने के लिए आपकी जेब से ज्यादा पैसा निकल जाएगा इत्यादि इत्यादि. मतलब साफ है कि सर्विस टैक्स के दायरे में आने वाली सभी सेवाओं पर ज्यादा टैक्स लगेगा. इसमें रेस्टोरेंट की बिल अहम इसलिए है क्योंकि इस नए टैक्स के पहले भी आपके फूड बिल में कई तरह के टैक्स और चार्जेस लगे रहते थे जो अक्सर आपके खाने का स्वाद बिगाड़ देते हैं.

आइए जानते हैं क्या है रेस्टोरेंट बिल में टैक्स का गणित-

सर्विस चार्ज
यह आपके फूड बिल का अहम हिस्सा है. यह की टैक्स नहीं है जिसे सरकार आपसे वसूल रही है. बल्कि यह रेस्टोरेंट आपसे अपनी अच्छी सुविधा के ऐवज में वसूलती है. इस टैक्स की कोई सीमा भी नहीं है क्योंकि सरकार की तरफ से इसके लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है. आमतौर पर कुल फूड बिल का लगभग 4-10 फीसदी बतौर सर्विस चार्ज आपके बिल में जोड़ दिया जाता है. अब आप चाहें तो इसे वेटर का टिप मान लीजिए क्योंकि इस चार्ज के बाद वेटर आपसे टिप की अपेक्षा नहीं रखता.

सर्विस टैक्स
सर्विस टैक्स ऊपर दिए गए सर्विस चार्ज से बिलकुल अलग है. इसे सरकार आपसे किसी एयरकंडीशन्ड रेस्टोरेंट में खाना खाने पर वसूलती है. यह आपके कुल फूड बिल के 40 फीसदी हिस्से पर 12.36 फीसदी के दर से लगाया जाता है. यानी आपके प्रति 100 रुपये के बिल में 40 रुपये पर इस दर से यह टैक्स वसूला जाता है. इस टैक्स में रेस्टोरेंट का खाना, ड्रिंक्स और सर्विस शामिल रहता है.

वैल्यू एडेड टैक्स(वैट)
यह टैक्स रेस्टोरेंट के किचेन में बने खाने पर लगाया जाता है क्योंकि इस प्रक्रिया में रेस्टोरेंट में खाने परोसने के पहले उसमें वैल्यू एडीशन करता है. लिहाजा, पैकेज फूड और पानी की बोतल पर यह टैक्स नहीं लगाया जाता. इस टैक्स की खास बात यह है कि खाने की चीज और एलकोहॉलिक ड्रिंक्स पर अलग-अलग दर से यह बिल वसूला जाता है. इस टैक्स का रेंज आपके कुल बिल पर 5 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक है. ऐसा इसलिए क्योंकि वैट राज्य सरकारें वसूलती हैं और उन्हें इस दायरे में टैक्स वसूलने का अधिकार है.

लिहाजा, अब आपके बिल में स्वच्छ भारत सेस, जो कि कुल बिल का 0.5 फीसदी है, भी जुड़ जाएगा. अब आप ही बताएं, इतने तरह के टैक्स, सेस और चार्ज के बाद क्या मेनू पड़ने से आपको सही अंदाजा लग पाएगा? जाहिर है बिल आने पर इन चार्जेस की बारीकियों पर ध्यान देते हुए आपको देखना पड़ेगा कि रेस्टोरेंट का खाना आपकी जेब के हाजमें के लिए टीक है या नहीं.

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लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

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