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Updated: 08 दिसम्बर, 2015 08:10 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
  @rmisra
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बहुत जल्द 2जी और 3जी मोबाइल नेटवर्क बीते जमाने की बात हो जाएगी. जी हां, 4जी मोबाइल नेटवर्क देश में लांच हो चुका है. 2जी और 3जी नेटवर्क में एयरटेल देश की सबसे बड़ी कंपनी है और एयरटेल ने ही देश में सबसे पहले से 4जी सुविधा पहुंचाने का बीड़ा उठा रखा है. एयरटेल के 4जी प्लान और प्रचार को देखकर फिलहाल आम राय यही है कि 4जी कनेक्टिविटी बहुत महंगी है. लेकिन एक बार 4जी नेटवर्क की सुविधाओं पर नजर डाले तो लगता है कि इसे लेने में ही फायदा है.

4जी नेटवर्क पर जाने के फैसले से जूझ रहे मोबाइल कंज्यूमर के लिए अहम खबर है. एक महीने से भी कम समय में एयरटेल के 4जी नेटवर्क को चुनौती देने के लिए बाजार में रिलायंस जियो का 4जी टेलीफोनी आ रहा है.

वैसे तो वोडाफोन, एयरसेल जैसी कंपनियां पहले से 4जी सब्सक्राइबर बनाने की होड़ में लगी हैं. लेकिन रिलायंस जिस तैयारी के साथ इस क्षेत्र में कदम रखने जा रही है उससे जानकारों का मानना है कि नए साल पर 4जी मोबाइल नेटवर्क पर कम दाम पर ढ़ेरों सुविधाएं मिलने जा रही है. कम से कम रिलायंस की इंटरनल स्कीम को देखकर तो ऐसा ही लगता है.

कंपनी ने देश में अपने 50,000 से ज्यादा कर्मचारियों के लिए 4जी ऑफर दिया है. इस ऑफर में कंपनी के प्रत्येक कर्मचारी को चार 4जी से युक्त सिम कार्ड के साथ 75 जीबी डेटा मुफ्त में दिया गया है. इसके साथ ही कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को 4जी युक्त वोल्ट हैंडसेट भी 25 फीसदी डिस्काउन्ट के साथ ऑफर किया है. यह हैंडसेट रिलायंस ‘लीफ’ नाम से बाजार में उतार रहा है. रिलायंस के ‘लीफ’ स्मार्ट फोन की कीमत 15 हजार से 30 हजार रुपये के रेंज में ऑफर की जा रही है.

वहीं बाजार में पिछले कुछ महीनों से एयरटेल की 4जी नेटवर्क के लिए एग्रेसिव कैम्पेनिंग को धक्का लगा है. 2जी और 3जी नेटवर्क में कॉल ड्रॉप की शिकायतें कंपनी को पहले से परेशान किए हुए है. ऊपर से रिलायंस की तरफ से बेहतर 4जी मोबाइल सर्विस के लिए किए जा रहे बड़े निवेश ने कंपनी की कैम्पेन स्ट्रैटजी को बार-बार बदलाव पर मजबूर किया है.

एयरटेल ने हाल में 2जी और 3जी सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए अगले तीन साल में 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है. यह एयरटेल का अबतक का सबसे बड़ा निवेश भी है. कंपनी को ऐसा इसलिए करना पड़ा है क्योंकि कॉल ड्राप पर अगर मोबाइल कंपनियों को जुर्माना अदा करना पड़ा तो प्रति वर्ष लगभग 54 हजार करोड़ रुपये सभी कंपनियों को देने होंगे और एयरटेल पर इसका सबसे बड़ा बोझ पड़ता. वहीं खराब 2जी और 3जी नेटवर्क के चलते उपभोक्ताओं को बाजार में एक बड़े प्लेयर का इंतजार है.

लिहाजा, रिलायंस की तरफ से कर्मचारियों को दिए गए 4जी कनेक्शन को अगर कर्टेन रेजर मान लिया जाए तो इतना तय है कि इस साल के अंत में आने वाला रिलायंस का 4जी ऑफर देश के 8 करोड़ से ज्यादा 3जी नेटवर्क उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए काफी होगा. इस ऑफर पर अगर अन्य मोबाइल कंपनियों के 3जी नेटवर्क पर मौजूद उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या फ्री नंबर पोर्टेबिलिटी लेकर रिलायंस के साथ जाने का फैसला कर लें तो एक बार फिर रिलायंस दुनिया को मुठ्ठी में दे सकेगा और इसी से मोबाइल उपभोक्ताओं के आ जाएंगे अच्छे दिन.

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लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

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