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Updated: 23 अक्टूबर, 2015 07:54 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
  @rmisra
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लेड की अधिक मात्रा और मिलावट के आरोपों से मैगी बदनाम हो गई. देश के लाखों बच्चों, टूरिस्ट, ऑफिस स्टाफ और न जाने कितनों का 2 मिनट में पेट भरने का फॉर्मूला बिगड़ गया. वहीं कंपनी को देशभर के रीटेल स्टॉल से मैगी के पैकेट वापस मंगाकर सीमेंट फैक्टरी की भट्टी में जला देना पड़ा. इतनी दुर्दशा, क्योंकि अदालती चक्कर होता ही कुछ ऐसा है. बहरहाल, मैगी खुद तो बदनाम हो गई, लेकिन अपने चाहने वालों को एक नायाब तोहफा जरूर दे गई. जी हां, मैगी की घटना के बाद से देश में कुछ फूड प्रोसेसिंग कंपनियों ने सुरक्षा के प्रति अपने मानदंडों में इजाफा करते हुए अनोखी पहल की है. उदाहरण के लिए-

- एलटी फूड कंपनी जो बहुचर्चित चावल ब्रांड दावत बेचती है बहुत जल्द अपना टॉक्सिक मेटल फ्री आटा देवाय लांच करने जा रही है. प्रचार में कंपनी दावा कर रही है कि वह देश का सबसे पहला टॉक्सिक मेटल फ्री आटा बेचेगी वहीं प्रोडक्ट की पैकिंग में इस संदेश को ग्राहकों तक पहुंचाने जा रही है.

- शक्ति भोग फूड, मदर डेयरी और आईटीसी ने अपने प्रोडक्ट पर साफ-साफ लिखना शुरू कर दिया है कि उनका प्रोडक्ट सुरक्षित और केमिकल फ्री है. यह कंपनियां दावा कर रही हैं कि वे खेतों से क्वालिटी और सुरक्षित रॉ मटेरियल लेने के लिए किसानों के साथ मिलकर काम कर रही हैं.

- कारगिल इंडिया ने जुलाई में सुरक्षित खाद्य अभियान की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य देशभर में उपभोक्ताओं के बीच सुरक्षित भोजन के प्रति जागरुकता पैदा करना है. इस अभियान के तहत कंपनी दावा कर रही है कि सुरक्षित भोजन मुहैया कराना किसान, फूड इंडस्ट्री, रेग्युलेटर और उपभोक्ताओं की मिलीजुली जिम्मेदारी है.

यह कंपनियां अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग बतौर मिलावट मुक्त और टॉक्सिक मेटल मुक्त खाद्य पदार्थ कर रही हैं. यही नहीं, उपभोक्ताओं के बीच लगातार बढ़ रही जागरुकता को देखते हुए कुछ कंपनियां अब खेत-खलिहानों से सुरक्षित रॉ मटेरियल लेने के लिए किसानों के साथ मिलकर काम कर रही हैं. मैगी पर उपजे विवाद से पहले इन कंपनियों की तरफ से ऐसी पहल नहीं देखने को मिलती थी. यहां तक कि जो कंपनियों अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में उत्कृष्ट क्वॉलिटी का पदार्थ मुहैया करा रहीं थी वह भारत में आकर मानदंडों में लचर हो जाती थी.

अब देश में सुरक्षित खाद्य पदार्थ सुनिश्चित किया जा रहा है तो इसका श्रेय हमें मैगी की बदनामी को देना ही पड़ेगा. बदनाम होकर भी हमारे दिलों पर राज करने वाली मैगी ने हमारा भोजन सुरक्षित करने में अहम भूमिका अदा की. बहरहाल, मैगी पर छाया विवादों का बादल छट चुका है और कंपनी एक बार फिर अपने सुरक्षित प्रोडक्ट को दिवाली पर लांच कर हमारे दिलों में अपनी खोई हुई जगह वापस पाने की कोशिश करने जा रही है.

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लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

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