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Updated: 21 जुलाई, 2015 08:52 PM
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एन.आर. नारायणमूर्ति. नाम ही काफी है. हो भी क्यों नहीं. अगर आप भारतीय बिजनेसमैन की सफलता की शीर्ष पांच कहानियां पढ़ेंगे तो निश्चित ही उनमें से एक कहानी इनकी भी होगी. 1981 में महज 10 हजार रुपये में खड़ी की गई कंपनी को 2.63 लाख करोड़ रुपये (15 फरवरी 2015) की कंपनी बना डालना सही मायने में सफलता ही कही जाएगी. हालांकि अब अचानक से नारायणमूर्ति अपनी विफलता की कहानी सुनाने लगते हैं. उनका कहना है कि सरकारी ठेकों के काम में इंफोसिस और अन्य आईटी कंपनियों को घाटा होता है.

देशभक्ति के लिए उठाया व्यापार में घाटा
नारायणमूर्ति कहते हैं कि एक भी ऐसा सरकारी ठेका नहीं, जहां कंपनी को घाटा नहीं हुआ. एक भी, मतलब... मतलब आपकी कंपनी इंफोसिस ने सरकार से एक से अधिक ठेके हासिल किए. एक भी, मतलब... मतलब पहले ठेके में भी नुकसान, दूसरे में भी नुकसान, तीसरे में भी, और... अगर ऐसा है तो आपके साथ-साथ आपकी कंपनी की देशभक्ति को सलाम. भारत को ऐसे ही देशभक्त बिजनेसमैनों की दरकार है, जो घाटे की परवाह न करें, देश के काम में अपनी सर्वस्व लुटा दें.

hp है सबसे ज्यादा देशभक्त विदेशी कंपनी
नारायणमूर्ति जब कोई बात कह रहे हैं, तो कह रहे हैं. आप मान कर चलें कि बात में दम है. सरकारी ठेके में आईटी कंपनियों को घाटा होता है, तो होता है. उत्तर प्रदेश का ही उदाहरण ले लें. वहां लैपटॉप बांटा गया. ठेका मिला hp को. कंपनी विदेशी है. फिर भी घाटा सहा. मैं कौन होता हूं किसी को सम्मान या अवॉर्ड देने वाला, लेकिन नारायणमूर्ति के शब्दों को खारिज करने का साहस भी मुझमें नहीं. इसलिए सबसे ज्यादा देशभक्त विदेशी आईटी कंपनी की जब बात होगी तो मैं hp को यह सम्मान बिना झिझक दे सकता हूं. आखिर कितने बच्चे-बच्चियों का भला हो गया, मुफ्त में लैपटॉप मिल गया. इस पर वाहवाही सरकार ने लूटी, घाटा hp ने सहा. So this award goes to hp.

TCS है सबसे ज्यादा विदेशीभक्त देशी कंपनी
विदेशीभक्त शब्द पर चौंकिए मत. इसका कनेक्शन देश से ही जुड़ा है. कभी पासपोर्ट बनवाने का चक्कर पड़ा हो तो अब तक समझ गए होंगे. दरअसल पासपोर्ट संबंधी कामकाज का ठेका TCS को ही मिला है - साल 2008 से ही. साल-दर-साल घाटा, लेकिन विदेश जाने वाले लोगों की सेवा में यह कंपनी ऐसी जुटी है कि घाटे जैसी छोटी-मोटी चीजों को नजरअंदाज कर देती है. अपने लोगों से ऐसा प्रेम आईटी को छोड़कर किसी और बिजनेस क्षेत्र में देखने को नहीं मिलेगा. So from side, this award goes to TCS.            

सरकार का मिले साथ तो बना डालेंगे डिजिटल इंडिया
नारायणमूर्ति का विजन बड़ा है. इसलिए सरकार की कमियां गिनाने के साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया की सफलता के गुरु मंत्र भी दे डाले. उन्होंने कहा कि लालफीताशाही, भ्रष्टाचार, काम में अड़चन, कम पैसे का प्रोजेक्ट आदि मूल चीजों को अगर सरकार ठीक कर दे तो सारी आईटी कंपनियां एक लाइन से डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने में जुट जाएंगी. वैसे घाटा सहने के उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए मुझे या आपको भी पूरा यकीन होना चाहिए कि सरकार इन सब मांगों पर ध्यान न भी दे तो भी डिजिटल इंडिया का सपना साकार होगा और बड़े धूमधाम के साथ होगा. एक दिन भारत जरूर डिजिटल वर्ल्ड का 'अमेरिका' बनेगा.

मैं तो बस एक ही प्रार्थना कर रहा हूं : नारायणमूर्ति जैसे बिजनेसमैन भारत में हर गली-नुक्कड़ में पैदा हों. फिर आईटी क्या, बिजनेस के हर एक क्षेत्र में भारत सुपरपावर बन जाएगा. आमीन!

#नारायणमूर्ति, #इंफोसिस, #सरकारी प्रोजेक्ट, नारायणमूर्ति, इंफोसिस, सरकारी प्रोजेक्ट

लेखक

चंदन कुमार चंदन कुमार @chandank.journalist

लेखक iChowk.in में पत्रकार हैं.

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