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Updated: 21 अगस्त, 2016 03:07 PM
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अगले गर्वनर के नाम का ऐलान हो गया है. आरबीआई के डेप्युटी गवर्नर उर्जित पटेल आरबीआई के अगले गवर्नर होंगे. वर्तमान गर्वनर रघुराम राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को समाप्त हो रहा है. इसके बाद उर्जित पटेल आरबीआई के 24वें गर्वनर होंगे. वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के ग्रैजुएट हैं और वह राजन की तरह ही आरबीआई से पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भी काम कर चुके हैं. आइए जानें उर्जित पटेल के बारे में 10 रोचक बातें.

1. उर्जित पटेल का जन्म 28 अक्टूबर 1963 को गुजरात में हुआ था. वह अर्थशास्त्री, सलाहकार और बैंकर हैं. वर्तमान में वह आरबीआई के डेप्युटी गर्वनर हैं.

2. उर्जित पटेल लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रैजुएट हैं. इसके अलावा उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमफिल किया है और येल यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट किया है.

3.1990 में पटेल ने इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) जॉइन किया था. उन्होंने 1995 तक अमेरिका, भारत, बहमास और म्यांमार में आईएमएफ डेस्क पर काम किया था.

4. वर्तमान में उर्जित आरबीआई के 4 डेप्युटी गर्वनर में से एक हैं और वह यहां मॉनेटरी पॉलिसी डिपार्टमेंट के प्रमुख हैं.

5.आरबीआई में उनकी नियुक्ति यूपीए सरकार ने 2013 में की थी. इस साल जनवरी में उनका कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा था लेकिन इसे मोदी सरकार ने तीन साल के लिए बढ़ा दिया था.

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उर्जित पटेल को आरबीआई को नया गवर्नर नियुक्त किया गया है

6. उर्जित 1996 से 1997 तक आरबीआई में आईएमएफ के सलाहकार के तौर पर काम किया है. इसके अलावा वह 1998 से 2001 तक वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं.

7. उर्जित पटेल को रघुराम राजन के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में गिना जाता है. काफी हद तक उर्जित को ही आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी (मौद्रिक नीति) में ऐतिहासिक बदलावों का श्रेय जाता है. साथ ही बदलती हुई कीमतों की वजह से महंगाई की गणना के लिए होलसेल प्राइस इंडेक्स की जगह कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स को अपनाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई.

8. आरबीआई गवर्नर के तौर पर उर्जित के सामने सबसे बड़ी चुनौती बढ़ती हुई महंगाई पर नियंत्रण की होगी. जुलाई में कंज्यूमर इनफ्लेशन 6.07 फीसदी रही जोकि लगातार चौथे महीने आरबीआई की महंगाई के लिए तय लक्ष्य 4-6 फीसदी से ज्यादा रही.

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9. उर्जित के सामने महंगाई के अलावा जो सबसे बड़ी चुनौती होगी वह बैंकों के एनपीए (बैड लोन)के निपटारे की होगी. राजन ने भी अपने कार्यकाल के दौरान बैंकों से अपनी एनपीए क्लियर करने को कहा था. देश के बैंकों का एनपीए या बैड लोन बढ़कर करीब 13 लाख करोड़ हो गया है.

10.आरबीआई जॉइन करने से पहले वह बोस्ट कंसल्टिंग ग्रुप में अमेरिकी थिंक टैंक के तौर पर फाइनेंशल एडवाइजर के तौर पर एक दशक तक काम कर चुके हैं. वह रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष के तौर पर भी काम कर चुके हैं.

 

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