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Updated: 18 मार्च, 2016 05:04 PM
आशीष मिश्रा
आशीष मिश्रा
  @Ruritania
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ओबामा के भारत आगमन की तैयारियां तो कुछ यूं हो रही हैं जैसे दामाद पहली बार ससुराल आ रहा हो. ओबामा के सुरक्षा दस्ते के नखरे भी कुछ ऐसे ही हैं. राजपथ के ऊपर से विमान नही उड़ेंगे. ओबामा सिर्फ ‘द बीस्ट’ कार में चलेंगे. होटल के कमरे से नही निकलेंगे. भारत में उनके दौरे को लेकर जश्न सा माहौल है. जब कोई अमेरिकी आए और ताजमहल के सामने फोटो खींचवा ले तो हम बिछ-बिछ जाते हैं.

अमेरिका अपने राष्ट्रपति की भारत यात्रा पर 200 मिलियन डॉलर खर्च कर रहा है. वो चाहते तो इसके आधे दाम में पाकिस्तान जैसा छोटा-मोटा मुल्क खरीदकर हमेशा के लिए हमारे पड़ौस में सेटल हो सकते थे.

सबसे अहम बात तो ये है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिशेल ओबामा को सौ बनारसी साड़ियाँ उपहार में देंगे. अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि उपहार तो ठीक है लेकिन ओबामा, वाशिंगटन में पीको-फॉल की दुकान कहाँ खोजेंगे. शायद अब ओबामा को भी समझ आ जाए कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश को संभालने से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है साड़ी के रंग से मिलता हुआ फॉल और धागा खोजना. अब हमें ये तो नही पता कि अमेरिका के राष्ट्रपति को तनख्वाह कितनी मिलती है पर मिशेल ओबामा को एक बार साड़ियों का चस्का लग गया तो महीने के अंत तक ओबामा आम हिन्दुस्तानियों की तरह बटुआ खंगालते नजर आऐंगे.

चलते-चलते- ओबामा की दामाद सरीखी आवभगत की तैयारी देख ख्याल आया अगर अमेरिका की फर्स्ट लेडी सच में कोई हिन्दुस्तानी होती तो व्हाइट हाउस की छत पर भी मूँग की दाल और कुम्हड़े की बड़ियाँ सूखती नजर आतीं.

लेखक

आशीष मिश्रा आशीष मिश्रा @ruritania

लेखक एक व्यंग्यकार हैं.

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